ही दोस्तों, मैं रश्मि आ गयी हू मेरी ज़िंदगी की सेक्स कहानी लेकर. लास्ट पार्ट में मैने बताया की कैसे मेरी एक ग़लती की वजह से सूरज भैया मुझ पर गुस्सा हो गये. फिर कैसे मैने उनको मनाया और कैसे मैं उनकी बीवी बनना चाहती थी, पर रखैल बनी गयी. तो चलते है आयेज की कहानी पर-
तो जैसे ही सूरज भैया गुस्सा हो कर बेडरूम की तरफ जाने लगे, मैं भी उनके पीछे गयी. मैं उनके बेडरूम में घुस गयी, और फिर से उनके पैरों में गिर गयी. उनसे मैं माफी माँगने लगी, और रोने लगी. फिर मैं बोली-
मैं: प्लीज़ भैया, मान जाओ ना. माफ़ कर दो मुझे. मैं आप जो बोलॉगे सब करूँगी. आपकी हर बात मानूँगी. प्लीज़ भैया एक बार माफ़ कर दो मुझे. मैं वापस ये ग़लती नही करूँगी. बस नेक्स्ट मंत मैं एग्ज़ॅम्स के बाद कॉलेज जाना भी बंद कर दूँगी.
मैं: प्लीज़ भैया गुलाम बना लो अपना मुझे. पर ऐसे गुस्सा मत करो. प्यार करती हू मैं भी आपसे. पर मम्मी के दर्र की वजह से कभी नही हा कहा आपको. सॉरी भैया.
इतना कहने के बाद ही भैया ने मुझे बाल खींचते हुए खड़ा किया, और कहा-
भैया: साली रश्मि रांड़, इतना प्यार करता था मैं तुझे. तेरे लिए क्या-क्या सोचा था. तेरा कॉलेज होते ही पापा से अपनी शादी की बात करने वाला था. पर तू तो रांड़ निकली. चल!
मैं फिर से भैया को हाथ जोड़ कर माफी माँगने लगी और कहा-
मैं: एक चान्स डेडॉ भैया प्लीज़. आज के बाद आपको गुस्सा नही करने दूँगी. आप अपना सारा गुस्सा मुझ पर उतार लेना भैया प्लीज़. आप जो चाहो कर लो. मुझे रखैल बना कर रखो अपनी. पर मुझे अपने पास रखो भैया प्लीज़.
और इतना कहते ही भैया मेरी तरफ देखते हुए बोले: रखैल बनेगी मेरी बोल? खुश रखेगी मुझे?
तो मैने कहा: ठीक है भैया, आप जो चाहो मेरे साथ कर लो भैया. पर प्लीज़ मुझे छ्चोढ़ कर मत जाओ भैया.
इतना कहते ही भैया ने मुझे बेड पर फेंक दिया, और मेरे उपर आ गये. फिर मेरे बाल खोल कर मेरे बालों में हाथ फेरने लगे, और पागलों की तरह मुझे किस करने लगे. वो मेरे कपड़े फाड़ने लगे.
मैं बोली: आहह अहह, आराम से ना भैया, अहह जान लोगे क्या मेरी आह. प्लीज़ आराम से भैया. पूरी रात है आपकी. आज के बाद मैं आपकी ही हू सिर्फ़ भैया.
इतना कह कर मैने भी उनको किस करना चालू किया. मैं भी उनको पसंद करती थी. उनको हर खुशी देना चाहती थी. इसलिए मैं भी पागलों की तरह उनसे चूड़ने लगी. 5 मिनिट बाद भैया ने मुझे नंगी कर दिया. उन्होने मेरा टॉप और मेरी लेगैंग्स दोनो फाड़ दिए थे, और मैं बस ब्रा और पनटी में थी उनके सामने.
तभी भैया बोले: साली रश्मि, क्या आइटम है तू. 3 साल तडपया है तूने मुझे. आज तो तेरी जान निकाल कर रहूँगा मैं साली.
मैने कहा: ठीक है भैया. आप जो चाहो कर लो. मैने कहा माना किया. बस आराम से. जैसे भूका कुत्ता होता है, उसकी तरह मत टूट पदो प्लीज़. मैं कहाँ भागी जेया रही हू? यहीं हू, जब चाहो छोड़ लेना.
तभी वो मेरे बूब्स पर टूट पड़े, और ब्रा के हुक्स तोड़ कर मेरे बूब्स पर काटने लगे और चूसने लगे. मेरे मूह से बस अहह उफफफफफफ्फ़ छ्चोड़ो भैया अहह, प्लीज़ छोड़ो मुझे, प्लीज़ जाने दो ऐसा निकल रहा था.
अब मैं जान-बूझ कर रोने लगी, और भैया मुझे रोते हुए देख कर और जोश में आ गये. मेरे बूब्स चूस्टे-चूस्टे वो नीचे जाने लगे. वो मेरे पेट पर और कमर पर किस करने लगे, काटने लगे ज़ोर-ज़ोर से.
मेरे मूह से सिसकारियाँ निकालने लगी, और मैं उनको मज़े देने लगी. तभी अचानक भैया ने अपना हाथ मेरी छूट पर रख दिया, और छूट को रगड़ने लगे. उससे मैं पागल हो गयी, और आह उफफफफफ्फ़ करते हुए रोने लगी. तभी वो अचानक बिना पनटी निकाले ही मेरी छूट में अपना लंड पेलने लगे.
जैसे ही उनके लंड का टोपा मेरी छूट में गया, मैं ज़ोर से चिल्लाई: आहह ह, प्लीज़ भैया छ्चोढ़ दो. भैया दर्द हो रहा है अहह. छ्चोढ़ दो भैया प्लीज़.
बुत भैया नही माने. उन्होने मुझे एक थप्पड़ दिया, और कहा-
भैया: साली रांड़ है तू मेरी. भैया मत बोल, मालिक बोल मुझे. रांड़ है तू, मेरी बेहन या पत्नी नही.
और मेरे बूब्स को मसल-मसल कर मुझे फिर से छोड़ने लगे. मैं ज़ोर-ज़ोर से रोते हुए उनके सीने पर हाथ पीटने लगी. 10 मिनिट बाद मुझे तोड़ा आराम मिला, और मज़ा आने लगा. तो मैने भैया को रोकना बंद किया, और बस मज़े से उनसे चुड्ती रह गयी.
फिर जैसे ही भैया को ये पता चला, उन्होने मुझे घोड़ी बनाया बेड के कॉर्नर पर, और नीचे खड़े हो कर पीछे से मेरी छूट में अपना लंड एक झटके में पेल दिया. भैया ने मेरी कमर ज़ोर से पकड़ रखी थी, और मुझे ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगे, जिससे मुझे दर्द होने लगा.
मैं अब फिर से करहने लगी: अहह अहह आराम से मलिक, आराम से. प्लीज़ मैं भागी नही जेया रही हू. आहह आराम से करो ना.
लेकिन वो सुन ही कहाँ रहे थे? वो बस मुझे छोड़ने में लगे हुए थे, और पीछे से मेरी बॅक पर और नेक पर काटने लगे, और गांद पर थप्पड़ मार-मार कर मुझे छोड़ने लगे. 30 मिनिट हो गये थे अब. फिर अचानक मेरी छूट में कुछ होने लगा. मेरी बॉडी सिकुड़ने लगी, और मैं ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी-
मैं: आह ह छोड़ो मुझे मालिक, अहह ज़ोर से मलिक.
और तभी मेरी छूट से पानी निकलना शुरू हुआ, और मैं निढाल होने लगी. लेकिन भैया तो रुकने का नाम नही ले रहे थे. वो बस मुझे छोड़े जेया रहे थे. तभी उन्होने मुझे वहाँ से उठाया, और फिर मुझे बेडरूम से किचन में ले गये.
उन्होने कहा: छाई बनाओ.
फिर मैने छाई बनाने के लिए पतीला रखा, दूध में छाई पाउडर सब डाली, और वहीं खड़ी थी. तभी भैया ने पीछे से वापस अपना लंड पेल दिया. मैं बेख़बर थी इसलिए मैं दर्र गयी और फिर से सिसकारियाँ लेने लगी.
अभी मुझमे बिल्कुल ताक़त नही थी. मैं माना करने लगी: प्लीज़ मालिक छ्चोढ़ दो ना. मालिक मुझे कितना छोड़ोगे आप? प्लीज़ छ्चोढो ना मलिक.
लेकिन वो नही माने. मुझे भी किचन पर और 20 मिनिट छोड़ा, और तब तक बस छाई ठंडी गरम होती रही. 20 मिनिट के बाद अचानक भैया ने मुझे उठाया और किचन के स्लॅब पर बैठा दिया, और मेरी टाँगें कंधे पर लेकर मुझे फिर से छोड़ने लगे.
वो मेरे बूब्स चूसने काटने लगे. वो बिल्कुल मान नही रहे थे. इस बार उनकी स्पीड भी ज़्यादा थी, और तभी 10 मिनिट बाद वो मेरी छूट में ही पानी निकाल दिए. जब उन्होने लंड मेरी छूट से बाहर निकाला, तब मैने देखा तो उनका लंड पूरी तरह खून से सनना हुआ था, और किचन की स्लॅब पर भी खून गिरा हुआ था.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था. फिर जैसे-तैसे भैया को छाई देकर मैं अपने रूम में बिना कपड़ों के ही लेट गयी. उसके बाद भैया फिर मेरे कमरे में आए, और मुझे छोड़ने लगे. उसके बाद क्या हुआ, वो अगले पार्ट में बतौँगी. अभी के लिए बाइ. सेक्स स्टोरी अची लगी हो, तो रिप्लाइ करना.