मैं जोर-जोर से उसको झटके देने लगा वो ‘उह्ह.. उह्ह्ह..’ करके मेरी तरफ देख रही थी और मैं भी उसे देखता हुआ धकापेल चोदे जा रहा था।
तभी वो एकदम से ‘आअह्ह उह्ह्ह्ह..’ करने लगी और मुझे जोर से कस के पकड़ लिया। मैं डर गया कि ये ऐसे क्यों कर रही है।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो बोली- अजीब सा मज़ा आया एकदम से।
उस वक़्त मैं ज्यादा समझता नहीं था मैंने ज्यादा गौर नहीं किया और फिर से झटके देने में चालू हो गया।
उसकी हालत देखने लायक थी, वो झड़ चुकी थी।
शुरू में एक बार तो उसने मेरा माल चूस कर ही निकाल दिया था.. तो मेरा तो चुदाई में वक़्त थोड़ा ज्यादा लग रहा था।
कई मिनट बाद मेरा निकलने वाला था.. उसको पता चल गया था। मुझे नहीं पता वो ये सब कैसे जानती थी।
जैसे ही उसको पता चला कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैं बस ‘हूँ..ऊण.. हु.. ऊँ..’ करके झटके दे रहा था.. तो उसने मुझे एकदम से हटाया और मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, मैंने उसका सर पकड़ा और उसके मुँह को चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद मैं ‘आह.. उह्ह्ह..’ करते हुआ झड़ गया और उसके पास लेट गया।
फिर थोड़ी देर बाद मैं उठा और कपड़े पहन कर घर चला गया। इसके बाद तो हर रोज कैसे न कैसे करके उसको चोद ही लेता था।
सच में वो बहुत अच्छे दिन थे। फिर मैं पढ़ने के लिए बाहर चला गया।
अब मैं जयपुर में रहता हूँ। यहाँ आने के बाद भी मैंने जो जो चूत चोदी हैं उसके बारे में आपको अगली कहानी में बताऊँगा। ये कहानी आपको कैसी लगी.. मुझे मेरे मेल पर मुझे जरूर बताईए।
तब तक के लिए सभी लौड़े वालों को और चूत की रानियों को गुड बाय।