मम्मी रंडी बनी पापा के कर्जे की वजह से

रशीद: जब उसने सब कुछ लुटाने के वक्त कुछ नहीं सोचा फिर तुम इतना इमोशनल क्यूँ होती हो. उसने रईस बनने के लिए तुम्हे इस दलदल में फेंक दिया. और आज भी वो तुम लोगो की हिफाजत करने के बदले कही भाग गया. क्या एक पति की जिमेदारी नहीं हे की अपने परिवार की देखभाल करे? शराब पी के किसी कौने में उसे तो नींद आती हे लेकिन तुम्हारा क्या मेरी जान? तुम्हे सब सहना पड़ता हे.

मम्मी कुछ नहीं बोली. रशीद ने दरवाजे के पास जा के स्कक्ल लगा दी. वो वापस मम्मी के पास आया तो मम्मी बदल गई थी. अब वो अपनी इज्जत रशीद को देने के लिए रेडी थी. रशीद ने मम्मी को बाहों में ले लिया और वो उसके बूब्स दबाने लगा. फिर उसने मम्मी की साडी को जल्दी से उतार दिया. मम्मी का पेटीकोट और ब्लाउज उसके सामने था. मम्मी को बहुत शर्म आ रही थी और वो अपना मुहं घुमा के रशीद की आँखों से बाख रही थी. रशीद ने मम्मी के होंठो के ऊपर अपने पानवाले लाल होंठो को लगा दिया. मम्मी उस से लिपट गई. रशीद ने माँ को किस करते हुए उसका नाडा खोल दिया. माँ का पेटीकोट जमीन पर गिरा और रशीद ने अपने दोनों हाथ को मम्मी की बड़ी गांड के ऊपर रख दिया.

मम्मी ने रशीद की कमर के दोनों तरफ अपने हाथ को रखा. रशीद ने मम्मी के ब्लाउज के बटन खोले. कुछ पलों में वो भी जमीन पर था. अंदर कोई ब्रा पेंटी नहीं थी. एक मिनिट के भीतर ही मम्मी को पूरी नंगी कर दिया था इस खान ने.

मम्मी की चूत को देख के रशीद की आँखों में अलग ही चमक आ गई. वो बोला, वाह निम्मी क्या मस्त बुर हे तेरा तो! कसम से मैं सब कर्ज माफ़ कर दूंगा अगर ये मुझे मिलता रहेगा.

मम्मी ने उसे पकड़ के अपनी तरफ खिंच लिया. अब मम्मी के अन्दर की अन्तर्वासना भी जाग गई थी शायद. बहुत टाइम से पापा के साथ सोयी नहीं थी वो.

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रशीद ने अपने लहंगे के नाड़े को खोला और उसे निकाला. फिर उसकी चड्डी को माँ ने ही निचे की. रशीद का कटा हुआ लंड बाहर आ गया. वो पूरा 8 इंच का लोडा था जिसके अन्दर एक चमक सी थी. माँ ने उसे हाथ में ले के हिलाया. रशीद ने मम्मी के सामने अपने कुर्ता भी उतार दिया और बनियान निकाली. मम्मी के सामने वो पूरा नंगा हुआ और उसका लंड एकदम कडक खड़ा हुआ था. मम्मी कुछ कहती उसके पहले तो उसने उसे कंधे से पकड़ के निचे बिठा दिया और अपने लंड को उसके मुहं में दे दिया.

मम्मी को लंड चुसना नहीं आता था. उसने आधे से ज्यादा लंड को हाथ में लिया था और सिर्फ सुपाडे को किस कर रही थी.

रशीद ने कहा, निम्मी अन्दर लो ना इसे मुहं के.

मम्मी को फिर भी चुसना नहीं आया तो रशीद ने अपने हाथ से लंड को पकड़ के माँ के मुहं में डाला. लंड घुसते ही माँ की हालत खराब हो गई. उसने लंड को मुहं से निकाला और उसका जी मचलने लगा था. वो वोमिट कर गई.

रशीद: पहले चूसा नहीं हे किसी का?

मम्मी: नहीं.

रशीद मन ही मन खुश हुआ की माल फ्रेश हे!

उसने मम्मी को कहा, कोई बता नहीं सिख जाओगी मेरे साथ रह रह के. फिर तो किसी ने बुर भी नहीं चाटा होगा तुम्हारा?

मम्मी ने ना में अपना मुंडा हिलाया. रशीद ने माँ की दोनों टांगो को पूरा खोला, ऐसे की माँ की चूत का छेद उसे दिखे. और फिर उसने सेंटर के ऊपर ही अपनी जबान को लगा दी. मम्मी के बदन में जैसे की करंट लगा. वो ह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह कर के उठने को हुई. रशीद ने माँ की दोनों जांघो के ऊपर हाथ रखा और वो चूत को चाटने लगा. मम्मी को अलग ही फिलिंग हो रही थी. कुछ देर पहले अबला नारी थी और अभी वो सेक्स की देवी के जैसे, अह्ह्ह्ह रशीद अह्ह्ह्हह जोर से अह्ह्ह्ह मजा आ गया करने लगी थी!

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रशीद ने भी अपनी पूरी जबान को माँ के छेद में फिट कर दिया था और वो और भी जोर जोर से चूसने लगा. माँ के अन्दर अलग ही आग आ गई थी. उसने रशीद के माथे को अपनी चूत के ऊपर दबा के खूब चटवाया! रशीद के पास वो आर्ट थी जिस से एक औरत के अन्दर की अन्तर्वासना को पूरा भड़काया जा सके!

फिर रशीद ने अपने लंड के ऊपर थूंक लगाया और मम्मी की चूत के ऊपर रख दिया. माँ ने अपनी मुठ्ठी में लंड को पकड़ के थूंक को पूरा घिस दिया डंडे के ऊपर. फिर माँ ने अपने दोनो लेग्स को हवा में किया और लंड को चूत में डलवा  लिया. रशीद का पूरा 8 इंच का लंड मम्मी की चूत में आराम से घुस गया. शायद चूत चाटने की वजह से वो एकदम गीली हो गई थी. और लंड बिना किसी परेशानी के चूत के अन्दर घुस गया था. मम्मी को लिपट के रशीद अब झटके देने लगा था. मम्मी भी जोर जोर से उछल रही थी अपनी मरवाने के लिए.

रशीद ने अब मम्मी के बूब्स को अपने मुहं में भर लिए. वो निपल्स को चूस चूस के मम्मी की चूत को चोद रहा था. मम्मी को 10 मिनट चोद के फिर रशीद ने अपना सब माल उसकी चूत में निकाला.

वो खड़े हो के कपडे पहन रहा था. मम्मी ने भी अपना पेटीकोट लेटे हुए ही पहन लिया. रशीद ने अपने कुरते की जेब से 2000 का नोट निकाला और मम्मी को दिया और बोला, अगले मंगल को आऊंगा, अपनी चूत के ऊपर के बाल निकाल के रखना बहुत चाटूंगा. आज दिलावर के वहां जाना हे वरना जाता नहीं ऐसे छोड़ के!

मम्मी खड़ी हो के रशीद से लिपट गई. शायद उसे अपनी पैसे की और बदन की जरूरत पूरी करनेवाला मर्द मिल गया था!

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