हेलो रीडर्स! हाउ’रे योउ ऑल? अब तक आपने देखा की किस तरह मेरे और सीमा के बीच एक अजीब सा रिश्ता कायम होने लगा, और उसका नतीजा ये निकला, की हमारे बीच सेक्स हो गया. अब हमारे बीच कोई फांसला नही रहा. वो मेरी छूट को मारना चाहती थी, पर मैने उसे रोक दिया. लेकिन उसको और तरीके से पूरा मज़ा दिया, और खुद भी लिया.
फिर आयेज क्या हुआ, पढ़िए इस एपिसोड में. (यार आप लोग कंजूस बहुत हो. स्टोरी रेड तो हज़ारो करते है. पर कॉमेंट्स के नो. 8 या 10 होते है. तो आप को स्टोरी में सबसे अछा क्या लगा. स्टोरी का कों सा पार्ट अछा लगा. इसे पढ़ कर आपको किसी की याद आई हुई हो. आपकी छूट में से पानी निकला हो. या आपका लंड खड़ा हो गया हो. ये सब चीज़े आप नीचे कॉमेंट्स में शेर ज़रूर करना. आपका सिर्फ़ कुछ वक़्त जाएगा, पर इससे हम राइटर्स को आयेज स्टोरी कंटिन्यू करने का मोटिवेशन मिलता है.)
सो, लेट’स कंटिन्यू. तो फिर एक-दूसरे की छूट चुसाई के बाद हम रेस्टोरेंट में गये. वाहा पे सीमा का एक फ्रेंड भी आया था, वैभव. वो देखने में आवरेज था. जिस तरह से सीमा और वो दोनो एक-दूसरे को टच कर रहे थे, बात कर रहे थे, मुझे लगा की सीमा का बाय्फ्रेंड होगा. सीमा ने हमे एक-दूसरे से इंट्रोड्यूस करवाया. और हमने वाहा खाना ऑर्डर किया.
हम बातें कर रहे थे. उतने में पापा के नो. से कॉल आई. मैं वाहा से उठ खड़े हो कर वॉशरूम में दौड़ती हुई गयी. ताकि मों को रेस्टोरेंट का बॅकग्राउंड नाय्स ना सुनाई दे इसलिए. (मुझे पता था की भले ही कॉल पापा के नो. से आई थी, पर सामने होगी तो मम्मी ही).
रिंग लंबी बाजी, पर कॉल कट होने से पहले मैने रिसीव कर ली. मेरी ये वाली कॉल तकरीबन 20 मिनिट्स चली. इतने में मुझे सीमा की 3 से 4 मिस्ड कॉल्स आ गयी. 20 मिनिट के बाद मैं वापस टेबल पे आई, तो सीमा मुझ पर टूट पड़ी.
सीमा: कहा रह गयी थी तू?
मे: यार, वो कॉल थोड़ी लंबी खिच गयी, इसलिए लाते हो गया.
वैभव: कोई बात नही, होता है ऐसा. जब लड़की घर से बाहर किसी फ्रेंड के यहा नाइट स्टे आउट कर रही हो, तो घर वालो को चिंता होती ही है. ( मैने सीमा की और घूरते हुए देखा, तो उसने सॉरी कहता सा मूह बनाया)
सीमा: ये सब छ्चोढो, लो सूप भी ठंडा होने को है. (उतने में वाहा टेबल पे स्टारटर आ गया हुआ था.)
मे: तो वेटर को बोल कर दूसरा मंगवा लेते है.
वैभव: अर्रे, इतना भी ठंडा नही हुआ है. और दूसरा मंगवाने मैं वो और 15 मिनिट्स लगा देगा.
सीमा: रिघ्त यार. चलो इसी को ही फिनिश करते है.
और हमने हमारे आयेज रखे हुए सूप्स को फिनिश किया.
मे: सूप तोड़ा सा कड़वा लग रहा है?
वैभव: एस, मुझे भी तोड़ा लगा.
सीमा: तूने कभी मशरूम खाया है क्या?
मे: नही?
सीमा: इसलिए. मशरूम का टेस्ट तोड़ा सा कड़वा रहता है, इसलिए. पर मशरूम बॉडी के लिए अछा होता है. इससे स्टॅमिना भी बढ़ता है. (और सीमा ने मेरी थाइ को हल्के से दबाया. सीमा की बात सुन कर उसके ब्फ ने भी स्माइल दी. )
हमने वाहा सूप के बाद, खाना खाया. फिर लास्ट में आइस क्रीम खा कर हम घर पे आए. मुझे हल्की सी नींद आ रही थी, तो मैं सीमा के बेडरूम में गयी. सीमा कपड़े चेंज करके बाहर जाने लगी.
मे: कहा जेया रही है? सोना नही है?
सीमा: डार्लिंग, गर्लफ्रेंड को मज़ा दिया. अब ब्फ को भी तो देना है ना.
मे: पर हम अभी तो उससे मिलके आए है.
सीमा: स्वीटहार्ट, ये दूसरा वाला है. ये आउट ऑफ सिटी है, और आज उसके साथ वीडियो सेक्स करने का है व्हातसपप पे.
मे: क्या यार तू भी!
सीमा: डार्लिंग, एक बार आचे से लंड का मज़ा लेके देख. फिर तू भी सब को देती फ़िरेगी. चल बाइ, उसकी कॉल आ रही है. तू रिलॅक्स कर, मैं बगल वाले कमरे में हू.
सीमा के जाने के बाद मैने सोने का ट्राइ किया. पर मुझे नींद नही आ रही थी. और उसका एक रीज़न था, पापा की कॉल जो रेस्टोरेंट में आई थी. आक्च्युयली मैने जब वॉशरूम में जेया कर कॉल को रिसीव किया, तो सामने से मों और दाद की आवाज़ आ रही थी.
मों: वो कॉल नही उठा रही, शायद सो गयी होगी.
पापा: तो अछा है, वो यहा नही है इसलिए तो मैं आज तुझे आचे से छोड़ पौँगा ना.
मों: ये भी सही है. मुझे भी आपका लंड अपनी छूट में आचे से लेना है. मैं काई दीनो से प्यासी हू.
शायद मों से कॉल कट हुई नही, और मैने कॉल उठा ली. जिससे मुझे उन दोनो की बात-चीत सुनाई दे रही थी. और मों दाद की बातें सुन कर मुझे कॉल कट करने की इक्चा नही हुई. मैने उनकी सेक्स को ऑडियो के फॉर्म में सुना.
मेरे फोन में ऑडियो कॉल का ऑटो रेकॉर्डर ओं था, तो पूरी कॉल रेकॉर्ड हो चुकी थी. उसी कॉल की ऑडियो को मैने सोते टाइम पे सुनने लगी. सीमा के बेडरूम के ड्रॉयर से इयरफोन निकाल के मैं फिरसे उसे सुनने लगी.
मों: मैं काई दीनो से प्यासी हू.
पापा: तो आओ डार्लिंग, आज तुम्हारी प्यास बुझता हू. और दोनो की किस्सिंग की आवाज़ आने लगी. (मैं दोनो की ऑडियो सुन कर उनकी वीडियो को इमॅजिन कर रही थी, और अपनी बॉडी को सहलाने लगी.)
पापा: डार्लिंग, क्या बड़े बूब्स है तेरे.
मों: तुमने ही तो बड़ा बनाया है इनको, चूसो इन्हे. (और पापा ब्रा उतार के उन्हे चूसने लगे)
पापा: आ, कितने बड़े है, एक हाथ में भी नही आ रहे. पहले तो अनु की तरहा तुम्हारे भी छ्होटे थे (पापा के मूह से मेरा नामे सुन कर मैं चौंक गयी).
मों: आज क्यूँ अनु की याद आ गयी?
पापा: जब उसे देखता हू, तो उसमे तुम दिखती हो. वो बिल्कुल तुम्हारी कॉपी लगती है दिखने में. तुम्हारा फिगर भी कॉलेज में वैसा ही था ( और वो मों के बूब को फिरसे काटने और चूसने लगे).
मों: ह्म, आ, धीरे से चूसो.
पापा: असली मज़ा तो ज़ोर से चूसने में ही है, डार्लिंग. (और पापा मों के बूब्स को ज़ोर से चूसने काटने लगे, जिससे मों ज़ोर-ज़ोर से मोन करने लगी.)
आवाज़ से पता चला की पापा ने धीरे-धीरे करके मों के कपड़े निकाल दिए. अब वो पनटी में थी (औरत को देखने का असली मज़ा तब है, जब वो पनटी में हो. सिर्फ़ पनटी में).
मों: ह्म, अब सिर्फ़ देखोगे ही या?
पापा: एस डार्लिंग. अभी उतारता हू. (और पापा ने मों की पनटी को निकालते हुए, अपने मूह को उनकी छूट के उपर रख दिया)
पापा: वाह, क्या मस्त छूट है तेरी. इतने सालों के बाद भी आज वैसी ही चिकनी है, जैसी कॉलेज में हुआ करती थी.
मों: एस डार्लिंग. चूसो इसे आ (और दाद मों की छूट को सक करने लगे, और मों मोन करने लगी).
पापा: डार्लिंग, तुम्हारी छूट भी बिल्कुल.
मों: “अनु की तरह है”, यही कहना चाहते हो. तुमने कब देखी उसकी?
पापा: अर्रे मैं तो कह रहा था की तुम्हारी छूट भी बिल्कुल रीमा जैसी है ( और वो हासणे लगे)
मम्मी: अछा जी. आपको अपनी कॉलेज की गफ़ अभी तक याद है?
पापा: क्यूँ ना हो, जिसकी फर्स्ट छूट मारी हो, वो तो याद ही रहेगी ना.
मों: ह्म, इस हिसाब से तुम्हे रीमा याद है, तो मुझे उसका बड़ा भाई . याद है. . लंड मैने पहली बार अपनी छूट में लिया था. . तो पता ही होगा.
पापा: एस, पता है (पापा की आवाज़ थोड़ी लो लग रही थी)
फिर मम्मी ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा: तुमने अभी कहा, तो क्या तुमने अनु की छूट देखी है?
पापा: अर्रे नही. मैं तो बस ऐसे ही. बुत इस आगे में तो छूट मुलायम ही होती है, जब तक उसमे लंड नही घुसता.
मम्मी: अब लाओ, मैं तुम्हारा लंड चूस्टी हू.
पापा: एस डार्लिंग. चूसो इसे (और मों के मूह से घुप घुप की आवाज़ आने लगी. मों चूसने लगी थी लंड को).
पापा: छूट का पता नही, पर तुम्हारे लिप्स बिल्कुल अनु जैसे है. तुम दोनो का पाउट भी सेम है. और इन होंठो के बीच अपना लंड घुसने का मज़ा ही कुछ और है.
पापा की ये बात सुन कर मैं ये सोचने लगी की पापा मों को छोड़ रहे थे, या मुझे. मैं अपने होंठो के बीच पापा का लंड इमॅजिन करने लगी. और अपने होंठो पे अपने आप मेरी उंगली चलने लगी. और अंगूठे को अपने मूह के अंदर-बाहर करने लगी.
बाकी की कहानी नेक्स्ट पार्ट में. आप फ्रेंड्स स्टोरी को ज़्यादा से ज़्यादा लीके करना. और अपने विचार, अपनी इकचाए कॉमेंट्स में ज़रूर बताना. आप चाहे तो हमारी एमाइल ईद लज़्यलीहास@गमाल.कॉम पे मैल या छत से बात कर सकते है. जल्द ही मिलते है नेक्स्ट पार्ट में.