जैसे की मैने आपको सेक्स स्टोरी के लास्ट पार्ट में बताया की वनिता आंटी की ज़िद की वजह से मम्मी ने फिर से जिम जाना स्टार्ट कर दिया था. मम्मी अब पहले से और सेक्सी और सेडक्टिव हो गयी थी. मम्मी को जब भी देखता मेरा लंड हरकत करने लगता. वो मेरे लंड को नोटीस करती और मॅन ही मॅन खुश होती.
वो मुझे डेली अपना जिस्म दिखा कर ललचाती थी. भाभी के घर पर होने से मैं कुछ कर नही सकता था. मेरे से कंट्रोल नही होता, तब मैं मम्मी को इमॅजिन करके मूठ मारता था. ऐसे ही बहुत दिन हो गये, पर मम्मी मुझे घास नही डाल रही थी.
मैं अब सोच में पद गया था की आख़िरकार मम्मी इतने टाइम से बिना चुडवाए अपने आप पर कंट्रोल कैसे कर रही थी. एक दिन मैने मौका देख कर मम्मी के मोबाइल में स्पाइ अप इनस्टॉल कर लिया. अब मैं जब चाहु तब उनके मेसेजस, कॉल और उनका सोशियल मीडीया चेक कर सकता था. और मैं उनकी बातें भी सुन सकता था. मुझे पता था मैं जो कर रहा था वो ग़लत था, पर अब मेरे पास मम्मी क्या कर रही थी वो मॉनिटर करने का दूसरा कोई रास्ता नही था.
एक दिन मैं जिम से घर आया. तब मम्मी आचे से रेडी हो कर लीविंग रूम में सोफा पर बैठी थी. मुझे लगा मों दाद कहीं फंक्षन में बाहर जाते होंगे. उस दिन मम्मी ने सॅटिन डार्क ग्रीन सारी और रेड स्लीव्ले ब्लाउस पहना था. मम्मी बहुत अट्रॅक्टिव लग रही थी. मैं तो उनको देखता रह गया. उसके बाद पापा ऑफीस के लिए निकल रहे थे, तो पापा मम्मी को देख कर बोले-
पापा: भावना तुम अभी तक निकली नही हो? कब से जाने के लिए उतावली हो रही थी.
मम्मी: हा बस वनिता आ रही है. हम दोनो साथ में जेया रहे है.
पापा: ठीक है. कब तक आने वाली हो?
मम्मी: रात होने से पहले आ जौंगी.
मैं: मम्मी आप कहाँ जेया रहे हो?
मम्मी (मुझे स्माइल करते हुए): वनिता आंटी के रिलेटिव्स में फंक्षन है, वहाँ जेया रही हू.
इतने में ही वनिता आंटी भी आ जाती है. क्या ग़ज़ब की बाला लग रही थी. मेरा तो उनको देख कर लंड खड़ा हो गया. वनिता आंटी ने ब्लॅक ब्लाउस और लाइट पिंक सारी पहनी थी. उनका ब्लाउस बहुत ही टाइट था, जिससे उसमे बहुत गहरी क्लीवेज बन रही थी. वनिता आंटी के डार्क स्किन पर वो लुक बहुत सेडक्टिव लग रहा था. उन्होने सारी ऐसे पहनी थी की उनकी क्लीवेज और बॉडी के सेक्सी कुवर्व्स बहुत मस्त दिख रहे थे.
उस दिन से मेरा उनको देखने का नज़रिया बदल गया. चाहे वो दिखने में आवरेज थी, पर उस दिन वो किसी भी मर्द को अपने तरफ अट्रॅक्ट करने पर मजबूर कर रही थी. मेरी उनके जिस्म से नज़र नही हॅट रही थी. वनिता आंटी ने भी मेरी नज़र को पहचान लिया की मैं उनको ताड़ रहा था. उन्होने मुझे एक सेडक्टिव स्माइल दी और मम्मी उनके साथ चली गयी.
मैं तुरत बातरूम में गया और वनिता आंटी के वो सेडक्टिव लुक को इमॅजिन करके मूठ मारने लगा. उसके बाद मैं शवर लेकर पापा के ऑफीस चला गया.
मैने थोड़े टाइम बाद मम्मी का लोकेशन चेक किया, तो मुझे मालूम पड़ा की मम्मी हमारे टाउन से कुछ 50 केयेम दूरी पर गाओं के इंटर्नल एरिया में थी. मैने उनका लिव लोकेशन मॉनिटर किया, तब वो किसी फार्महाउस पर थी. मम्मी ने पापा को ऐसा बोला था की वो वनिता आंटी के किसी रिलेटिव के यहाँ फंक्षन पर जेया रही थी. पर मुझे लोकेशन देख कर मम्मी पर डाउट होने लगा.
मैने उस दिन से पहले कभी मम्मी के मेसेज नही चेक किए थे. क्यूंकी मुझे ऐसा लग रहा था की मैं मम्मी से जितना डोर राहु उतना ही मेरे लिए ठीक था. पर उस दिन मेरे अंदर इतने सवाल उठ रहे थे, तो मैने उनके मोबाइल में झाँकने की कोशिश की. मैने देखा तो वनिता आंटी और मम्मी के बीच उस दिन के एक दिन पहले कुछ बातें हुई थी, जो मैं आपको बताता हू.
वनिता आंटी: भावना कल की कैसी तैयारी चल रही है?
मम्मी: क्यूँ उसमे भी तैयारी करनी पड़ती है?
वनिता आंटी: मैं अभी नहाने गयी थी, तभी सब कुछ क्लीन करके आई हू. तुम भी सब कुछ आचे से सॉफ कर लेना.
मम्मी: तू ना पागल है. मैं बस तेरे साथ चल रही हू. मेरा कोई ऐसा इरादा नही है.
वनिता आंटी: क्या भावना, तुम तो कितना दर्र रही हो.
मम्मी: वनिता तुम्हे पता नही है किसी पर इतना भरोसा करना अछा नही है. मैं तो कह रही हू हमे वहाँ जाना नही चाहिए. क्या पता हमारे साथ कुछ ग़लत हो जाए.
वनिता आंटी: भावना कुछ नही होगा. मैं उसको बाहर 2-3 बार मिल चुकी हू. वो बहुत अछा लड़का है.
मम्मी: हा फिर भी वो लड़का तुम्हे सोशियल मीडीया पर मिला है. तुम उसके बारे में कुछ जानती नही हो.
वनिता आंटी: जो मुझे चाहिए था वो जान लिया. वो बहुत है. तुम्हे कुछ दिखती हू (उसके बाद वनिता आंटी ने मम्मी को एक बड़े से लंड की फोटो भेजी).
मम्मी: अर्रे ये क्या है?
वनिता आंटी: तुम तो ऐसे पूच रही हो जैसे तुम्हे पता नही हो की ये क्या है. चल ये बता ये लंड कैसा लगा?
मम्मी: बहुत ही बड़ा और मस्त है. क्या ये बड़ा लोड्ा उसका है?
वनिता आंटी: हा ये अंकित का ही है. जब से उसने अपना लंड दिखाया है, मेरी छूट में हलचल होने लगी है.
मम्मी: हा तो तुम और अंकित वहाँ अकेले चले जाओ ना. मुझे क्यूँ अपने साथ खींच रही है? तुम दोनो अकेले एंजाय करो. मैं फालतू में तुम्हे डिस्टर्ब करूँगी.
वनिता आंटी: अंकित को मैने बोला की मेरी फ्रेंड मेरे साथ आ रही है. और मैने उसको तेरी फोटो दिखाई है. अंकित बोला रहा था की तुम बहुत हॉट हो. और उसने ये कहा की अगर तुम आ रही हो तो वो अपने एक दोस्त को तुम्हारे लिए बुला लेगा.
मम्मी: यार तुम ये कैसी बातें कर रही हो? मैं ये सब नही करने वाली.
वनिता आंटी: भावना तुम ना बहुत भोली हो. अगर मैं तेरी जितनी सेक्सी होती ना, तो अब तक तो कितने लोगों से मज़े कर लेती. और एक बात काहु? ये यंग लड़कों से सेक्स करने में बहुत मज़ा आता है.
मम्मी: क्या कुछ भी बकवास कर रही हो.
वनिता आंटी: बकवास नही कर रही, सच कह रही हू. मैं अंकित से पहले एक लड़के से चुड चुकी हू.
मम्मी: क्या? कब और किसके साथ?
वनिता आंटी: किसी को बताना नही, क्यूंकी वो अंदर का लड़का है.
मम्मी: मैने किसी को नही कहूँगी. हम दोनो अची दोस्त है. और तेरी बात मैं किसी से नही करती.
वनिता आंटी: हा मेरी जान, तब ही तो तुम पर इतना भरोसा करती हू.
मम्मी: चल बता किसके साथ किया?
वनिता आंटी: मेरे भतीजे के साथ.
मम्मी: क्या? सच में तुम अपने भतीजे से चुड गयी.
वनिता आंटी: हा यार. तुम्हे पता है ना अब मैं पहले से सेक्सी दिखने लगी हू. पिछली बार माइके गयी थी तो वो मुझे लाइन मारने लगा था. पहले तो मुझे अजीब लगा.
मम्मी: आप दोनो के बीच हुआ कैसे? और तुम उससे पट्ट गयी या तुमने सामने से ऑफर कर दिया?
वनिता आंटी: यार वो मुझे घूर-घूर कर देखने लगा. पहले तो गुस्सा आ रहा था, पर धीरे-धीरे मुझे उसका ऐसे देखना आचे लगने लगा. मैं जब भी उसके रूम में पोछा लगाने जाती तो उसको मेरे बूब्स के दर्शन करवाने लगी.
वनिता आंटी: मैं जान-बूझ कर बातरूम में मेरी ब्रा पनटी छ्चोढने लगी. एक दिन मुझे मेरी ब्रा पर स्पर्म मिला. मैं समझ गयी की ये काम पक्का उसका ही होगा. मैने भी उसके स्पर्म को तोड़ा टेस्ट किया.
मम्मी: ची वनिता, तुम कितनी गंदी हो!
वनिता आंटी: कभी तुमने ट्राइ नही किया इस वजह से तुम ऐसा कह रही हो. एक बार स्पर्म चख लॉगी, फिर तुम भी उसको चाटना शुरू कर डोगी.
मम्मी: फिर क्या हुआ?
वनिता आंटी: एक दिन मैं घर पर अकेली थी, और वो दोपहर को कॉलेज से आया तो मैं उसको खाना परोस रही थी. तब दोनो की आँखें मिलने लगी, और फिर सिचुयेशन ऐसी बन गयी की हम दोनो कंट्रोल नही कर पाए.
वनिता आंटी: भावना उस दिन मुझे पता चला की जवान खून में कितना जोश होता है. तुम भी एक बार ट्राइ करो.
मम्मी: बात तो सही है, पर मुझे ये रिस्की लग रहा है. किसी अंजान जगह पर किसी अजनबी के साथ मुझे सही नही लग रहा यार.
वनिता आंटी: मेरे उपर भरोसा कर, कुछ नही होगा.
मम्मी: वनिता तुम करना अंकित के साथ. मैं किसी के साथ ऐसा नही करने वाली (मम्मी बहुत नखरे करती है).
वनिता आंटी: ठीक है तुम्हे ठीक लगे तो करना. लेकिन तुम अंकित के दोस्त के साथ टाइम तो स्पेंड कर सकती हो ना.
मम्मी: ठीक है, लेकिन घर से क्या बोल कर निकलूंगी?
वनिता आंटी: मैने तो उनको बोल दिया है की भावना के रिलेटिव के यहाँ फंक्षन है. तुम भी यहीं बता देना.
मम्मी: ये सही रहेगा. ठीक है कल मैं रेडी रहूंगी, तुम मुझे लेने आ जाना.
मम्मी और वनिता आंटी की छत देख कर मैं समझ गया की वनिता मम्मी को उसके साथ अपने ब्फ से मिलने गयी थी. और वहाँ वनिता आंटी ने मम्मी के लिए और एक लड़का सेट करके रखा था. मैने पापा से कहा की मेरी तबीयत सही नही लग रही है घर जेया रहा हू. ऐसा बोल कर मैं सीधा घर आ गया.
मैं अपने बेडरूम में जेया कर रोने लगा. मैं ये बात को से नही पाया की मेरी मम्मी किसी यंग लड़के के साथ सेक्स करेगी. मम्मी ने उसके जवानी के किससे सुनाए थे. वो बात मैं उसका पस्त समझ कर भूल गया था. लेकिन मुझे लगा था अब मैं मम्मी की लाइफ में आ गया था, तो उनको अपनी प्यास बुझाने के लिए कहीं बाहर मूह नही मारना पड़ेगा. और मुझे ये बात मम्मी ने ही बताई थी की अब उनको किसी और की ज़रूरत नही थी.
दोस्तों मैं बहुत कन्फ्यूज़्ड था की मम्मी ने मेरा चूतिया काटा था, या वो कुछ और सोच रही थी. वो मुझे काई बार बता चुकी थी, की उसकी छूट की प्यास उसको ऐसा सब करने पर मजबूर कर रही थी. मम्मी ने गोआ में भी बहुत स्मार्ट तरीके से गैर मर्दों से सेक्स किया. वहाँ जो कुछ हुआ वो भी मैं मेरी ही ग़लती समझ रहा था. मैने वहाँ मम्मी को छ्चोढ़ कर दूसरी सब को इंपॉर्टेन्स दे रहा था.
वो मेरे से सॅटिस्फाइड हर बार होती थी. फिर भी वो बाहर के लोगों से क्यूँ छुड़वाना चाहती थी? क्या मैं अब उसको बोर करने लगा था? या फिर उसको अब नये-नये लोगों से सेक्स करना अछा लगने लगा था. कभी-कभी ये भी सोचता हू की शुरुआत मजबूरी में हुई होगी, और फिर ये मजबूरी आदत बन गयी होगी.
मेरे दिमाग़ में यही ख़याल आ रहे थे, की वो लड़का कों होगा, और मम्मी उसके साथ क्या कर रही होगी? वहाँ वनिता आंटी भी कैसे छुड़वा रही होंगी? उस दिन तो मुझे वनिता आंटी के भी ख़याल आने लगे थे.
पिंक सारी में वो बहुत सेक्सी लग रही थी. मेरा भी उनको छोड़ने का मॅन करने लगा था. मेरा तो ये सब सोचने में दिन निकल गया. शाम को मम्मी घर पर आई. तब वो ज़्यादा खुश लग रही थी. और मुझे शक था की मम्मी पक्का छुड़वा कर आई थी.
मैं अपनी मम्मी से बहुत प्यार करता हू, ये बात वो आचे से जानती है. अब मेरी हालत ऐसी हो गयी, की मैं सब कुछ जान कर भी उनको कुछ कह नही सकता था. अगर मैं उनसे वनिता आंटी के साथ फार्महाउस पर जाने वाली बात करता, तो हमारा रिश्ता और खराब हो जाता. क्यूंकी किसी को भी अछा नही लगता जब कोई उनकी पर्सनल लाइफ में इंटर्फियरेन्स करे तो. अब उसके आयेज क्या हुआ मैं आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा.