मम्मी की थ्रीसम चुदाई मेले मे

हेलो दोस्तों मे राहुल आज मे मेरी कहानी मम्मी की छूट और पड़ोसी का लंड का पार्ट 17 लेके आ गया हू आप सभी के रिक्वेस्ट पर.

जिन्होने मेरी पहली पार्ट्स नही पढ़ी वो पहले पार्ट्स पढ़ के इसे पढ़े ताकि आपको ठीक से मज़ा आए.

आपको तो पता ही है मेरी मा के बारे में. पर आब वो और भी ज़्यादा गड्राई हुई हाइन. मा शीला की फिगर एब्ब 40ड्ड 36 42 की हो गयी है इतना सारा लोड्‍ा ले ले के. इन्न फिगर साइज़ से आपको अंदाज़ा लग रहा होगा ये जब निकलती होंगी तब ना जाने कितनो के लंड खड़ा कर देती होंगी.

आज मे आपको बतौँगा की केसे एक मेला में मेरी मों को दो आदमियों ने एक तंबू मे ले जा के छोड़ा.

तो मे ज़्यादा टाइम ना लेते हुए कहानी मे आता हूँ.

हमारे यहाँ एक मेला लगा था. तो मे और मा ने डिसाइड किया की हम दोनो मेला देखने जाएँगे. ईव्निंग मे जाना था सो मों को टेयर होने को बोल दिया मेने और मे तैयार होकर नीचे मों की वेट करने लगा.

कुछ देर बाद मों आई नीचे उफ़फ्फ़ मस्त माल लग रही थी. वो मों मे एक रेड कलर की ट्रॅन्स्परेंट सारी पहनी थी और ब्लॅक कलर की बॅकलेस स्लीव्ले डीप कट वाली ब्लाउस पहना था. जिसे उनकी गोरी नगी पीठ और मोटी चुचिया की क्लीवेज दिख रहे थे. और टाइट सारी बाँधने के कारण गांद की उभर भी मस्त पता चल रहा था. नेवेल भी एक दम सेक्सी दिख रहा था.

ये देख के मेरा खड़ा होगआया मे हेस्ट हुए मों को बोलने लगा.

मे:- मा हम मेला देखने जेया रहे. तुम्हे देख के एसा लग रहा है लोग बस तुम्हे देखने वेल हें. ज़रा संभाल के कोई उधर तुम्हे छोड़ ना दे.

मा:- बेटा उसी लिए तो तैयार हुई हूँ मे. ना जाने आज कोई मस्त अजनबी का लंड चखने को मिल जाए.. (और मों भी हासणे लगी.)

फिर मों को बिके मे बीता के मे मेला मे ले गया. और बिके पार्किंग मे लगा के हम मेला के अंदर जाने लगे. सारे मर्दों की नज़र मेी मा की गांद और चुचिया निहारने लगे. कुछ अपने लंड सहलाने लगे. मे और मों एक दूसरे को देख के हासणे लगे और अंदर जाने लगे.

कुछ देर अंदर जाते हुए मेने नोटीस किए की मेरे दोस्त असलम का दोस्त युसुफ वहाँ मेरी मों का पीछा कर रहा था हवस भारी नज़रो से और उसके साथ और एक आदमी भी था.

युसुफ मुझे नही जनता है पर वो मों को जनता है. क्यूंकी असलम के साथ वो हमारे घर आया था समान देने एक बार जब मे घर पे नही था. युसुफ मेला मे राइड्स आते है वहाँ काम करता है. और उसके साथ शायद कोई दोस्त होगा उसका दोनो एकदम काले तगड़े मर्द लग रहे थे.

कुछ देर बाद मा और मे जा के हॉंटेड हाउस देखने के लिए लाइन मे लग गये. तभी मे मा के को बोला मा तुम्हे असलम का दोस्त युसुफ याद है? वो कब से तुम्हे घुरे जा रहा है और पीछा कर रहा है. लगता है आज इसका लोड्‍ा लेना पड़ेगा तुम्हे. तो मे ज़रा कही दूर चले जाता हूँ ताकि वो टुमरे पास आए.

मा खुश होकर बोली अछा ठीक है तू जा मे ज़रा युसुफ को लाइन देती हूँ.

तब मे वहाँ से चला गया और चुपके से देखने लगा. तभी मेने देखा की मेरी मा के पीछे युसुफ खड़ा हो गया और उसके पीछे उसका दोस्त.

युसुफ पीछे मों की नगी पीठ को सूंघने लगा. और उसके दोस्त को इशारे मे बताने लगा क्या मस्त गांद है बोल के. कुछ बात की दोनो ने फिर मेने देखा की युसुफ के दोस्त ने युसुफ को ढाका दिया और वो जेया के मों से चिपक गया.

एसा लगा जेसे युसुफ ने अपना लोड्‍ा मों की गांद मे रग़ाद दिया हो आचे से. तभी मों पीछे मूड के देखी.

मों ने युसुफ को पहचान लिया लगता है और वो दोनो हास के बात करने लगे. फिर मों आयेज हो गयी और युसुफ फिर से लोड्‍ा रगड़ने लगा गांद मे. पर मों कुछ बोल नही रही थी.

फिर युसुफ ने मों के कान मे कुछ बोला जिसे मों पीछे मूड के उसके लंड की और देखने लगी और हासणे लगी. कुछ देर बात चिट चलती रही फिर मों उनके साथ बाहर आने लगी लाइन से.

युसुफ अपने दोस्त को मों से इंट्रोड्यूस्ड करने लगा और फिर तीनो मिलकर जाने लगे. मे उनके पीछे पीछे जाने लगा वो लोग एक अंधेरी जगह मे जाने लगे मेला के लास्ट मे था वो जगह. और वहाँ पे एक तंबू लगा था उसके और जाने लगे शायद वहाँ ये लोग रात मे सोते होंगे.

मे उनके पीछे पीछे जाने लगा और वो लोग तंबू के घुसने के बाद मे टेंट के साइड मे एक छेड़ था वहाँ जेया के बेत गया. तभी मे क्या देखा बताता हूँ.

युसुफ मों के पास आया और उनके सारी को एक ही झटके मे निकल फेंका. पीछे से उसका दोस्त आता है और मेरी मों की पेट मे हाथ डाल अपनी और खिचता है और नेक मे किस करने लगता है. उसके काले हाथ मेरी मा के गोरे जिस्म को मसालने लगे. तभी मा भी गरम होने लगी और आँखे बंद कर के मज़े लेने लगी.

युसुफ:- साली रॅंड शीला आज तू आ गयइ मेरे लंड के नीचे. उस दिन जब असलम के गया था तेरे घर तब से तुझे छोड़ने का तड़प रहा था. साली रॅंड उस टाइम मुझे पता नही था तू इतनी बड़ी रॅंड है. वो तो असलम ने बाद मे मुझे बताया तब जा के मुझे पता चल तू साली एक नो की रंडी है. इसलिए आज तुझे यहाँ ले आया छोड़ने.

मा:- मुझे पता था तुम्हे उस दिन देख के मे जान गयी थी टुमरी नज़र मेरी छूट मे है और मेरी भी नज़र टुमरे लोड मे थी.. वेसए बोलके आँख मरने लगी मेरी मा.

पीछे से उसका दोस्त तब बोला :- साली शीला मदारचोड़ क्या मस्त माल है भाईजान आज तो जन्नत का नसीब हो गया मुझे अनह…

युसुफ:- हन आसिफ़ भाई ये साली यहाँ की नो वन रंडी है क्यूँ शीला सही कहा ना.

मा :- वो तो बस तुम लोगों ने बना दिया है मुझे.

एब्ब मों उन दोनो की लंड सहलाने लगी पंत के उपर से ही और आसिफ़ एब्ब मा की पाठीकोत और ब्लाउस निकल फेका.

मों एब्ब दो काले तगड़े मर्दों के सामने आधी नंगी सिर्फ़ ब्रा और पनटी मे थी. जिसमे उसकी आधी बूब्स बाहर निकल के दिख रही थी. ये देख युसुफ और आसिफ़ पागल हो गये.

आसिफ़:- भेंचोड़ रंडी की क्या चुचे है भाई जान अनह… साली इसे तो मे आचे से निचोर के रहूँगा आज.

बोलते हुए मों को पानी तरफ खींच कर उन्हे पलटा के उनकी बॅक आपने सामने कर दिया. और ब्रा अनहुक कर के दोनो हाथों से चुचे मसालने लगा.

दोस्तों क्या मस्त नज़ारा था काले काले हाथों से मेरी मा की गोरे गोरे मोटी 42 के चुचे मसले जा रहे थे. मों भी पूरा साथ देते हुए सिसकारिया लेने लगी थी.

मा:- अनह आसिफ़ मसल डालो मेरी चुचियों को उफह…

तभी युसुफ मों की पनटी धड़ से खीचते हुए फाड़ के फेंक देता है. और छूट को मसालते हुए मों की गोरे होठों के पास अपनी होठों को ले जाके रख देता है.

तभी मेरी मा भी एक भूखी प्यासी औरत की तरह उसके सर को पकड़ के एक मस्त जोरदार किस करने लगती है. दोनो एक दूसरे के ज़ुबान के थूक चूसने लगते है. और युसुफ मा की छूट मसल रहा होता है और मा उसके लोड को.

कुछ देर बाद युसुफ नगा होने लगता है. तभी आसिफ़ सामने आता है और मों को अपने सिने से लगा के उनके आँखों मे आँखे मिला के अपनी हवस भारी नज़रो से मेरी मा के कामुक आँखों को देखता और फेस को पकड़ के किस करने लगता है.

आसिफ़:- बहुत मस्त रंडी है तू शीला मे तेरे जिस्म का दीवाना हो गया हूँ.. साली तेरे ये बूब्स हाए तेरी गड्राई हुई गांद.. आज बहुत मज़ा आने वाला है तेरी लेने मे.

मा :- मेरी चुचे तुम्हे इतने पसंद है तो लो चूसो उन्हे आचे से.

एसा बोलते हुए मा ने उसके मूह को अपनी चुचियों के बीच दबोच लिया. और उसको चुचि चूसने लगी मस्ती से और उसके लोड को सहलाने लगी.

कुछ टाइम बाद आसिफ़ भी नंगा हो गया और युसुफ और आसिफ़ दोनो नंगे होकर अपनी फौलादी तगड़े काले मोटे लंबे लोड को मेरी मा के सामने रख देते हें.

युसुफ और आसिफ़ दोनो का लोड्‍ा लगभग 10 इंच का लोड्‍ा होगा मा के आँखो मे चमक सी आ गयइ.

एक अची कुटिया की तरह घुटने मे आ गयइ. और दोनो के लंड अपने हाथों से पकड़ के मसालते हुए उन दोनो के आँखों मे देख के एक प्यासी कुटिया की तरह लिप्स बीते की. बरी बरी दोनो लोड को चाटने लगी और चूसने लगी. वो दोनो आँखे बंद कर के मज़े लेने लगे.

आसिफ़:- युसुफ भाईजान मेने बहोट औरत छोड़ा है.. पर आज तक एसए लंड लेने वाली रंडी नही मिली मस्त चूस रही है साली शीला तू.

युसुफ:- इसीलिए तो ये असलम की फेवोवरिट रॅंड है भाई जान. उसी ने मिलाया था मुझे इससे. मज़े लो बॅस मस्त माल है साली अनह चूस पूरा लंड मूह मे लेके.

मा:- अनह उघह क्या मस्त लंड है दोनो का कला तगड़ा एसा लंड मिले तो कोई भी औरत चुड जाएगी तुमसे मेरी जान अनह…

मों बरी बरी दोनो के लोड को हलाक तक चूस्ते हुए मज़े ले रही थी. जिसे उसके होठों से थूक बहने लगे थे जो लोड मे से होते हुए चुचियों मे तपाक के गीर रहे थे.

कुछ देर लोड्‍ा चूसने के बाद युसुफ मों को घोड़ी बनने की इशारा किया और मों घोड़ी बन गयी. फिर युसुफ पीछे से मों की छूट मे लोड्‍ा सेट कर के रगड़ने लगा और इधर आसिफ़ आघे आकर अपनी लंड चूसने लगा.

मा:- एब्ब दल भी दो युसुफ और कितना तड़पावगे मुझे उंह अनह…

आसिफ़ :- चुप कर साली चूस चुपचाप मेरा लंड बोलते हुए एक तमाचा मूह पे मारा.

युसुफ:- एलए रंडी संभाल मेरा औजार!

युसुफ का लोड्‍ा एक ही झटके मे आधे से ज़्यादा अंदर घुस गया. और उसके ढके से मों इधर आसिफ़ का लंड पूरा घुसेड ली अपने मूह मे. पूरे तंबू मे से बस उघह अनह की आवाज़ आर आयी थी.

ये सब देख के मे मस्त हिला रहा था और मज़ा ले रहा था.

एसए ही कुछ देर चूड़ने के बाद युसुफ आघे आ गया और आसिफ़ छूट मारने लगा और जोरदार ढके देने लगा. जिसे मों कभी लंड छूट मे लेती तो कभी मूह मे.

मा:- अनह अनह हाए मेरी छूट और मूह की तो आज खेर नही अनह हाए मार गयी…

आसिफ़:- चुप छाप चुड मदारचोड़ बोलते हुए गांद मे तमाचा मारते हुए छूट मारने लगा.

युसुफ:- चूस आचे से रंडी बोलते हुए बाल पकड़ के मूह छोड़ने लगा.

मा की आँखे बाहर आने लगी और वो उघ उघ करके चूड़ने लगी.

आसिफ़:- बोल साली तू किसकी रंडी है मदारचोड़ (एक छाँटा गांद मे).

मा:- मे आसिफ़ और युसुफ की रंडी हूँ अनह छोड़िए मुझे अनह…

कुछ देर एसए छोड़ने के बाद आसिफ़ पोज़ चेंज करने को बोलता है. और युसुफ नीचे लेट जाता है उसके उपर मेरी मा उसके लोड पे छूट सेट कर के लेट जाती. पीछे से आसिफ़ आकर गांद मे अपना औजार घुसेड देता है.

मेरी मा दो अंजन मर्दों के बीच सॅंडविच बनी हुई थी एक ओरेव बिस्किट्स की तरह लग रहे थे. वो लोग एब्ब दोनो मिलकर मा की घमासान चुदाई करने लगे. जिसे मा की चीख गूँज रही थी और ये सब सुन कर मे हिला रहा था मज़े से गरम होते हुए.

आसिफ़:- मदारचोड़ क्या मस्त गांद है तेरी साली बहुत मज़ा अराह है इसको छोड़ने मे.

मा:- अनह आसिफ़ जान आचे से पेलो मेरी गांद आज इसका भोसड़ा बना डालो.

युसुफ :- साली चिनार मेरा पूरा लोड्‍ा अपने बछेड़नी तक ले रही. लंड लेते लेते छूट का भोसड़ा तो पहले से बना हुआ है. तेरा आज मे इसे और गहरी बना दूँगा एलए साली अनह अनह..

मा:- अनह एस अनह हन युसुफ गुफा बना डालो अनह.

कुछ देर एसए चूड़ने के बाद फिर से लोड्‍ा चूसने लगी मा दोनो की बरी बरी. फिर युसुफ मा को अपनी बाहों मे उठा लेता है और हवा मे ही छूट मे लोड्‍ा घुसेड देता है पीछे से. आसिफ़ आके गांद मे लोड्‍ा घुसेड देता है और दोनो मेरी मा को उछाल उछाल के छोड़ने लगते हें.

मा:- अनह मेरे जान युसुफ और आसिफ़ हाए मे तुम दोनो की रखेल हूँ अनह… क्या छोड़ रहे हो मुझे बहुत मज़ा अरहा है एसए ही हवा मे मेरी जवानी लूटलो तुम दोनो अपनी काले लोड से अनह..

युसुफ:- हन साली कुटिया आज तेरी जवानी का रश मेरा लोड्‍ा निचोड़ लेगा.

आसिफ़:- मदारचोड़ रॅंड तेरी तो हालत खराब करने वाला हूँ मे.

एसए ही छोड़ने के बाद मेरी मा एक कुर्सी मे बेत जाती और आसिफ़ छूट फेला के छूट चूसने लगता है. पीछे से युसुफ आके चुचे मसालने लगता है.

आब मा बहोट गरम होने लगती है और कुछ देर मे छूट से पानी बहने लगता है. तब वो आसिफ़ को ढाका दे देती है और उसके उपर कूद के उसके लोड मे बेत के उछालने लगती है.

आसिफ़:- लगता है मदारचोड़ रॅंड भूखी होगआई है साली अँह मस्त है तू.

युसुफ भी पिच्चे से अपना औजार दल के पेलने लगता है.

मा:- अँह हन आसिफ़ खा जवँगी निचोड़ लूँगी आज तुम दोनो को अँह छोड़ो मुझे अँह और ज़ोर से अनह..

युसुफ:- एलए साली झेल दोनो का हतियार एक साथ.

एब्ब तीनो के बीच घमासान जिस्म की लड़ाई चल रही होती है बाहित तेज़ चीख निकलने लगे थे. और बहुत जोरदार चुदाई होने लगा था. उनके बीच. एसा ही कुछ ढाई घंटे बाद वो दोनो झरने वेल थे तो मा को इशारा दिया.

मा भी समझ गयी और आसिफ़ का लोड्‍ा मूह मे लिए हिलने लगी ज़ोर ज़ोर से. उधर युसुफ गांद मे लोड्‍ा डाले ज़ोर ज़ोर से छोड़ने लगा.

आसिफ़:- मदारचोड़ साली तेरी मूह मीठा कार्दूंगा मलाई से एक भी बूँद नही गिरना चाहिए.

युसुफ:- साली छीनाल तेरी गांद मे मलाई डालूँगा मेटो आज कुटिया!

मा:- हन मे पूरा मलाई निगल जौंगी उघह अनह..

ज़ोर ज़ोर से लोड्‍ा चूसने लगी और चूड़ने लगी इतने मे युसुफ झरने लगा और गांद मे मलाई का पिचकारी चॉर्ने लगा. इधर आसिफ़ भी जरने लगा आँखे बंद कर के सिसकारिया लेने लगा और मा सारा मलाई पीने लगी मूह मे लोड्‍ा लेके सॉफ करने लगी.

आसिफ़:- अँह साली मस्त माल है तू जान सारा मलाई पी गयी कुटिया.

मा:- कोई पागल ही होगा जो मलाई वेस्ट करेगा जान उंहा..

युसुफ आब सामने आगेया और लोड्‍ा सॉफ करवाने लगे दोनो मों मस्त छत के दोनो की लोड को सॉफ करदी और लोड को किस करने लगी.

फिर एक टवल से खुद को सॉफ करने लगी और युसुफ और आसिफ़ भी सॉफ होकर अपने लोड को मों के मूह के पास रख के एक सेल्फिे लेने लगे मों स्माइल करती हुई लोड्‍ा पकड़ के.

मा:- सुनो ये पिक्स विराल मत करना प्लीज़ अपने पास ही रखना.

आसिफ़:- अरे जान ये हमारे ही पास रहेगी चिंता ना कार तू.

फिर मों कपड़े पहने लगी तो ब्रा और पनटी दोनो ने पकड़ लिए और सिर्फ़ ब्लाउस पेटीकोत पहन के जाने को बोला..

आसिफ़:- ये ब्रा पनटी रहने दे जान हमारी चुदाई की निसनी है साली सूंघ के हिलौँगा तेरी याद मे. फिर कभी तेरे शहर मे आना हुआ तो पक्का छोड़ूँगा तुझे.

मा:- क्यूँ नही ज़रूर मेरी जान बोलके लोड्‍ा पे किस की.

युसुफ :- मे तो एब्ब जब मान केरे तेरे घर अवँगा जानू.

मा:- हन जान ज़रूर आना मेरी छूट और घर के दरवाजा हमेशा खुला है तुम दोनो के लिए.

आसिफ़:- एक बात बता रॅंड तू जिसके साथ आई थी वो कों था कहाँ गया वो सला.

मा:- वो मेरा बेटा चिंता मॅट करो एयो घर चला गया होगा. वेसए भी उसे पता है मेरे वेर मे सब उकता वो खुद मेरे लिए लंड लाता है मुझे छुड़ाने के लिए और देखता है.

युसुफ:- मस्त बेटा पाली है तू हन.

मों एब्ब रेडी होकर आने लगी. तभी दोनो ने उनको हग काइया किस किया और बाइ बोलके एब्ब मों टेंट मेसए बाहर निकल के आने लगी.

मे कुछ देर बाद मों के पीछे आके बोलता हूँ.

मे:- मों केसी लगी तुम्हे आज हाँ दो दो लोड लेके?

मा:- बहुत मज़ा आया बेटा चल आब घर चलते है नहाना भी है मुझे.

फिर हम चले आए घर और मों नहा के डिन्नर कर के हम सो गये.

तो दोस्तों केसी लगी आपको मेरी मों की थ्रीसम कहानी मुझे एमाइल कर के ज़रूर बताना. और किसिको अपने मा और मेरी मा के बारे मे कुछ बाते करनी हो तो भी एमाइल करना.

तब तक लिए बाइ नेक्स्ट पार्ट मे मिलते हाइन

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