मम्मी की गांड मारने की फेंटसी पूरी हुई

रात को मैं मुतने के लिए उठा. मैं जब बहार निकला तो देखा की हॉल के सोफे के ऊपर बैठ के मम्मी रो रही थी. मैंने जा के पूछा तो वो कुछ नहीं बोली. शायद उसे शरम आ रही हे जिस हाल में मैंने उसे देखा!

मैं: क्या हुआ मोम?

मोम: कुछ भी नहीं.

मैं: मम्मी प्लीज बोलो ना. अगर आप ऐसे रोयेंगी तो कैसे पता चलेगा. जो भी दिक्कत और प्रॉब्लम हे वो बताओ मैं सोल्व करने में हेल्प करूँगा. आप के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ.

मोम: बेटा आई एम सोरी!

मैं: किस चीज के लिए सोरी मोम?

मोम: सोरी.

मैं: इट्स ओके मोम. और ये कहते हुए मैंने हाथ उसकी जांघ पर रखा. उसने देखा लेकिन कुछ नहीं बोली.

मैं: मोम मैं कुछ पुछू आप से?

मोम: हां बोलो.

मैं: आप अपने अन्दर बैगन क्यूँ ले रही थी?

वो जोर जोर से रोने लगी. मैंने उसके कंधे को पकड़ा और कहा, मम्मी बताओ न ऐसी क्या प्रॉब्लम हे की बेगन से काम चला रही हो. मैं आप का दर्द बांटना चाहता हूँ.

मम्मी ने मुझे गले से लगा लिया और उसके बूब्स मेरी छाती पर प्रेस हुए. मेरा लंड खड़ा हो गया. मैंने हाथ उसके पेट पर रख के पूछा तो उसने कहा: मैं पिछले कुछ सालों से सेक्स के लिए भूखी हूँ. तुम्हारे पापा ने तुम्हारे 2 साल के होने के बाद सब बंद कर दिता हे. वो आते हे और जाते हे बस. उस दिन तुम सोये थे तो मैंने तुम्हारा लंड देखा और उसे देख के मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर सकी इसलिए बैगन से चूत को शांत कर रही थी और तुम आ गए.

मैंने उसके कंधे के ऊपर हाथ रख के कहा, मम्मी मुझे पता हे की उस दिन तुमने मेरा लंड चूसा था!

ये सुन के उसे झटका सा लगा.

मैंने कहा: मम्मी अगर आप को प्रॉब्लम ना हो तो मैं आप की परेशानी को अपने लोडे से दूर कर दूँ.

मोम: लेकिन ये कैसे हो सकता हे, हम दोनों माँ बेटे हे! हम भला कैसे सेक्स कर सकते हे!

मैंने उसके बालों को पकड़ा और उसके फेस को अपने करीब कर के होंठो पर किस कर लिया. वो भी मेरे होंठो को चूसने लगी थी. मैंने कहा लंड पकड़ो मेरा मम्मी. उसने शोर्ट के ऊपर से ही मेरे लंड को दबा दिया. फिर हमने होंठो को छोड़े. और मैंने मम्मी को कहा उस दिन चूसा था वैसे आज भी मुहं में ले लो. मम्मी ने निचे हो के मेरे लंड को अपने मुहं में भर लिया और चूसने लगी. मैंने उसके माथे को अपने लंड के ऊपर दबा दिया. मेरा पानी आज भी 2 मिनिट में ही माँ के मुहं में निकल गया!

फिर मैंने माँ को साडी खोलने के लिए कहा. वो साडी खोल के मेरे सामने आ गई. उसके बड़े बूब्स मेलन के जैसे लटके हुए थे. वो सिर्फ पेंटी में ही थी. मैंने पेंटी भी उतार दी और उसे बिस्तर पर लिटा दिया. मैंने मम्मी की झांटदार चूत और गांड को देखा. मैं अपनी मोम की झांटवाली सेक्सी गांड को पेलना चाहता था.

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मैंने मम्मी के सेक्सी निपल्स को अपने मुहं में ले के बच्चो के जैसे चुसना चालू कर दिया. और वो भी रिलेक्स सी हो गई. उसके बूब्स सच में बहुत बड़े बड़े थे. फिर मैंने और माँ ने 69 पोजीशन बनाई और वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसकी चूत को चाट रहा था. मैंने उसकी झांटदार चूत को खोला और अन्दर उसकी गुलाबी होल देखी. मुझे माँ की चूत बड़ी अच्छी लगी. मम्मी एकदम चुदासी हो गई थी और जोर जोर से मोअन करते हुए मेरे लंड को चूस रही थी. बहुत सालों के बाद आज उसे ऐसा मजा जो मिला था वो भी अपने बेटे की तरफ से!

फिर माँ ने कहा, बेटा अब माँ से कंट्रोल नहीं होता हे तेरी अपने बड़े लंड को डाल दे मेरी चूत में और उसे चोद डाल. और ये कह के उसकी चूत का रस मेरे मुहं में निकल गया. मैंने सब पी लिया. फिर हम दोनों मिशनरी पोज़ में लेट गए और मैंने लंड को उसकी चूत पर लगाया. एक झटके में आधा लंड चूत में घुसा. सालों के बाद चुदवा रही थी इसलिए माँ की चूत टाईट थी. वो लंड के अन्दर घुसते ही चीखने लगी, अह्ह्ह्ह फाड़ दी तूने तो बेटा, अह्ह्ह्ह डाल अन्दर और भी उसे.

मैंने एक और धक्का दे के अपने लंड को अन्दर कर दिया पूरा और फिर पागल सांड के जैसे मैं उसकी चूत को चोदने लगा.  मैंने अपना पूरा जोर लगा के करीब 20 मिनिट तक मम्मी को खूब चोदा. और फिर अपना पानी उसकी चूत में ही निकाल दिया. फिर मैं उसके ऊपर गिर गया और उसके बूब्स को चूसने लगा. हम दोनों एक दुसरे को हग कर के सो गए.

दुसरे दिन मोर्निंग में मेरी नींद खुली तो मोम वहां पर नहीं थी. मैंने खोजा तो वो किचन में थी. मैंने किचन में ही उसे पीछे से पकड़ लिया और गाल के ऊपर किस कर ली. वो मेरी तरफ घूमी और उसने मेरे होंठो को मुहं में ले के चुसना चालू कर दिया. उस वक्त मेरा लंड मम्मी की बड़ी गांड की फांक के बीचोबीच था. मेरा लंड उसकी हॉट एस के छेद को ऑलमोस्ट टच हो रहा था.

मैं माँ की साडी उठाई और पेटीकोट को भी ऊपर कर दिया. मम्मी ने अपनी पेंटी निचे की और मैंने लंड को चूत के ऊपर सेट कर दिया. फिर माँ को किचन का प्लेटफोर्म पकडवा के निचे झुका दिया. और मैं पीछे से उसकी चूत को पेलने लगा. 20-25 मिनिट तक मैं अपनी माँ को ऐसे ही डौगी स्टाइल में चोदता रहा. और फिर अपने माल को उसकी चूत में निकाल दिया. माँ ने लंड को चूस के साफ़ किया और बोली, जाओ अब तुम नाहा के आओ मैं नाश्ता लगाती हूँ.

मैं नाश्ता कर के कोलेज जा रहा था तो माँ ने फिर से मुझे लिप किस दे दी और बाय कहा. मैं कोलेज तो गया लेकिन वहां ध्यान नहीं लग रहा था. मैं आज भी कोलेज से जल्दी ही आ गया और मम्मी को हग कर लिया.

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मैं चेंज कर के आया तो हॉल से मम्मी किचन में थी वो देखा. मम्मी की बिग एस को देख के अब मेरे से रुका नहीं जा रहा था. मैं किचन में गया और मम्मी को पकड लिया पीछे से. वो बोली रुको मुझे काम तो कर लेने दो. मैं वापस चला आया हॉल में.

फिर वो किचन से आधे घंटे के बाद आई और मेरे पास सोफे के ऊपर बैठी. मैंने उसे पकड़ के अपनी गोदी में बिठा लिया. मेरा लंड  की एसहोल को टच हो रहा था साडी के ऊपर से ही. मैंने उसके बूब्स मसले और ब्लाउज को खोला और फिर बूब्स को चुसे. फिर मैंने माँ की साडी खोली और पेंटी भी निकाली. फिर माँ खुद ही कुतिया बन गई मेरे सामने. मैंने जैसे ही लंड को गांड के छेद पर लगाया वो बोली, ये क्या कर रहे हो?

मैंने कहा, मम्मी आप की गांड मारनी हे!

वो बोली, पीछे तो बहुत दर्द होगा.

मैंने कहा, मम्मी मैं तो एक जमाने से आप की गांड मारने की फेंटसी में ही जी रहा था, अब मौका मिला हे तो प्लीज मना मत करो मुझे.

वो मान गई. जैसे ही मैंने एक झटका दिया वो दर्द से बेहाल हो के छटपटा उठी. लंड गांड में घुसा नहीं लेकिन फिसल गया. वो बोली, अंदर से तेल ले आओ.

मैं किचन में गया और शीशी से कुछ तेल एक रकाबी में लिया और अपने लंड के ऊपर लगाया. फिर मैंने माँ की गांड के ऊपर भी लगा दिया. फिर उसने अपने कुल्हे खोले और मैंने लंड को डाला तो अब की सुपाड़ा अन्दर चला गया चिकनाहट की वजह से.

वो छटपटा रही थी और गांड के और मेरे लंड के बिच में उसने हाथ रखा था ताकि मैं राक्षसी चुदाई न कर दू उसकी. मैंने भी पहले धीरे धीरे किया और आधा आधा इंच कर के लंड को पूरा गांड में भर दिया. एक जमाने के बाद माँ की गांड मारने की फेंटसी पूरी हुई थी आज. उसकी गांड बड़ी सख्त थी और गरम भी.

फिर मैं अपने लंड के धक्के लगा के माँ की गांड मारने लगा था. माँ अह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह ओह करती गई और 10 मिनिट तक मैं उसे पेल के हिलाता रहा.

फिर मेरे लंड से बहुत सब वीर्य निकला माँ की गांड में ही. उसने जैसे पाद मारी हो वैसे गेस छोड़ा और वीर्य के छींटे मेरी जांघो पर भी आ गिरे!

मैंने मम्मी को हग कर लिया डौगी पोज़ में ही और उसके माथे को पीछे कर के उसके होंठो के ऊपर लिप किस दे दिया. मैं आज बहुत खुश था माँ की गांड मार के.

दोस्तों अब मेरी मम्मी मेरी रंडी होती हे जब भी हम दोनों अकेले हो घर पे. मैं आज भी अपनी माँ की बिग एस में अपना लंड डालता हूँ!

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