मेरा नाम अमित है. ये स्टोरी मेरी मों की है, जो बहुत ही सुंदर है. मैं मों को पकड़ना चाहता था. दूसरी रात मों की अलार्म बाजी, पर मों वापस ही सो गयी. तीसरे दिन मैं पहले ही पीछे च्चत से नीचे आ गया. रात को 11:30 बजे मों आँगन से बाहर आई. मों के हाथ में मोबाइल की थोड़ी सी लाइट थी. वो चुप-छाप बाहर की तरफ चली गयी.
उस साइड तो दादा जी बाहर कूलर लगा कर सोते है. मों दादा जी की तरफ जेया रही थी. थोड़ी ही देर बाद दादा जी खड़े हुए, और मों के साथ अपने बाहर वाले रूम में चले गये. दादा जी का वाइट कुर्ता रात में दिख रहा था.
मुझे कुछ सॉफ तो नही दिख रहा था. हमारा घर काफ़ी बड़ा है. बुत मों की लाइट और वाइट कुर्ता देख कर पता चल गया की मों दादा जी के रूम पर गयी थी.
इतनी रात मों दादा जी के पास क्या लेने गयी थी? मैं आयेज बढ़ा तो रूम के अंदर से हल्की 0 वॉल्ट की लाइट आ रही थी. फिर वो दरवाज़ा भी बंद हो गया. मैं समझ गया की अब मुझे आयेज जाना चाहिए.
मेरा दिल ज़ोर से धक-धक कर रहा था. मैं रूम की साइड में बनी खिड़की से देखने लगा. वो खिड़की एक साइड से खुली हुई थी. अंदर देखते ही मेरे होश उडद गये. दादा जी ने मों को पकड़ रखा था और मों के होंठ और गाल चूस रहे थे. दोनो खड़े हुए थे. मेरा दादा जी तो बहुत धार्मिक और शरीफ टाइप है. उनका ये बिहेवियर देख कर कोई भी यकीन नही कर सकता था.
दादा जी: ऑश बहू, तुझे याद करते-करते नींद आ गयी. मैने सोचा तू आज नही आएगी.
मों: अब आ गयी ना. आपका लोड्ा लिए बिना बहू को नींद नही आती. इस घर में शादी करके आई थी तो चुदाई के लिए ही. आपके बेटा बेटी को सुला कर आई हू. वो जवान हो गये है. कही देख लिया तो.
दादा जी ने मों का सलवार सूट खोल दिए. फिर ब्रा भी खोल दी. मों दादा जी के सामने नंगी खड़ी थी. मों ने भी दादा जी को नंगा कर दिया. ये सब देख कर मेरा दिल धड़कने लगा.
दादा जी: दोनो कहा सोते है?
मों: आपकी बेटी सास के पास और बेटा उपर च्चत पर.
दादा जी ने मों को एक झटके से अपनी और खींच लिया. उनकी च्चती से मों के बूब लगे हुए थे. दादा जी मों की पीठ पर हाथ फेरते हुए बोले-
दादा जी: तू मुझे ऐसे नंगी बहुत अची लगती है बहू.
मों दादा जी के गले में अपनी बाहें डाल कर खड़ी हो गयी. दादा जी काफ़ी लंबे थे. मों उनके कंधे के बराबर भी नही थी.
मों: ऑश ससुर जी, आपकी बहू सेवा करने के लिए तैयार है.
दादा जी: तभी तो तेरे जैसी बहू लाया हू. लाया तो अपने बेटे के लिए था पर काम मेरे आ रही है. तेरे मुममे मेरे सीने से लगते है तो बहुत मज़ा आता है मेरी जान.
मों: आहह आपके सीने से लग लग कर मेरे बूब बड़े हुए है. मुझे भी बस आप जैसा मर्द चाहिए जो इनका दूध निकाल कर पी सके.
दादा जी: ऑश बहू, तेरी चुचि लग-लग कर मेरा लंड खड़ा कर देती है. बहू तेरे मुममे देख कर तो लंड भी सल्यूट मारता है.
मों: आपने ही चूस-चूस कर बड़े कर दिए मुममे. ऑश यार तुम गांद पर हाथ फेरते हो तो मज़ा आता है.
मों खुल कर गंदी-गंदी बात कर रही थी. मैं ये सब देख कर हैरान था. मेरा दिल धक-धक कर रहा था.
दादा जी: अर्रे तुझे मैने ही पसंद किया था बेटे के लिए. मुझे क्या पता था की जो माल बेटे के लिए लौंगा वो मेरे ही काम आएगा.
मों: आपका बेटा तो इस माल के मज़े लूट नही पाया.
दादा जी: चल अब बूब चूसने दे. चल इधर आजा.
दादा जी ने बेड पर सिरहाना लगाया और उपर बैठ गये. वो थोड़े उपर हो गये, और मों को अपनी और खींचा, बूब पकड़े, और चूसने लगे.
मों: श राजा बेटा को मों के मुममे चूसने है. ऊहह पापा ऊहह चूस लो बहू के मुममे.
दादा जी: उउउमाहह आअहह बहू उउउम्माहह आअहह.
मों: ये मुममे देख कर ही मैं तुमको पसंद आ गयी थी. अगर महीने के अंदर तुम मुझे ना छोड़ते, तो मैं तलाक़ ले लेती. बुत तुमने बातरूम में मेरे मुममे दबाए तो मैने इरादा बदल दिया था.
दादा जी: ह्म बहू, तू कितने दिन बाद चुड गयी थी?
मों: ऑश जब मैं यहा ससुराल तीसरी बार आई थी, तो एक दिन आप सासू मा को छोड़ रहे थे. सास की चीख सुन कर मैं इधर आ गयी. आपका लोड्ा देख कर मैने सोच लिया था की अब यही लोड्ा लूँगी.
दादा जी: ह्म जब तू मेरे रूम में किसी बहाने से आती थी, तो तेरे बूब देख कर मेरा मॅन भी डोलने लगा. फिर बूब दबा दिए.
मों: ऑश याद है मुझे जब सास बाहर थी, तब आप पीछे पशु वाले पोर्षन में आ गये थे. मैं समझ गयी थी की आज कुछ होगा.
दादा जी: तुमको गोद में उठा कर ले गया था उपर चौबारे में.
मों: ऑश वो सुहग्रात तो मुझे याद है. आपका लोड्ा ले ले कर मेरी छूट सूज गयी थी. मेरी सुहग्रात तो एक महीने बाद मनाई थी.
मों की बात सुन-सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मों को नंगी देख-देख कर मेरा मॅन भी करने लगा की मैं भी मों की छूट मार लू.
दादा जी मों के बूब और होंठ चूस रहे थे. थोड़ी देर बाद मों को अपनी गोद में सामने से बिता लिया.
मों: ऑश रूको पिता जी, लंड नीचे रह गया.
दादा जी ने लंड को पकड़ा, और मों उपर बैठ गयी. मों की छूट में दादा जी का लंड था. दादा जी ने मों के लिप्स चूसने शुरू कर दिए. मों कुछ भी नही बोल रही थी.
मों के बूब्स दादा जी की च्चती से लगे हुए थे. दादा जी मों की पीठ पर हाथ फेरते हुए मों के गाल चूस रहे थे.
मों: उन्न्नह आअहह पापा ऑश.
दादा जी: बहू मज़ा आ रहा है क्या?
मों: बहुत मज़े आ रहे है ससुर जी. लोग मा बेहन एक करते है. आपने तो छोड़-छोड़ कर बहू और बेटी को एक कर रखा है.
दादा जी: अर्रे निम्मी कब तक आएगी? उसकी छूट लिए बहुत टाइम हो गया.
निर्मला उर्फ निम्मी मेरे पापा की छ्होटी बेहन है. वो पापा से 2-3 साल छ्होटी है शायद.
मों: निम्मी मुझे बोलती थी की तुम भाई से झगड़ा क्यूँ करती हो? मैने उसको बोला की तेरे भाई से होता नही है. वो फिर नही समझी तो मैने बोला की आज रात को मेरे साथ चलना. उसने काई बार ज़िद की तो आपकी चुदाई दिखा दी.
दादा जी: ह्म्म्म्म निम्मी की छूट भी तुमने ही दिलवाई थी. निम्मी भी बहुत मस्त माल है. लगता है की जवानी के टाइम तेरी सास को ही छोड़ रहा हू.
मों और दादा जी की बात सुन कर मुझे फिर शॉक लगा. दादा जी ने अपनी बेटी को ही पेल दिया.
मों: आपके लंड का कमाल है की पहले बहू की कुँवारी छूट मिली, और फिर आपकी बेटी की कुँवारी छूट मिली.
दादा जी: मैं तो उसकी शादी 1 साल बाद करने ही वाला था. बुत तूने रोक लिया.
मों: यार मुझे पता था की जब मैं अपनी डेलिवरी के लिए पीहर जौंगी, तो तुमको छूट चाहिए होगी. तभी मैने बोला की मेरे दोनो बच्चे ना हो तब तक निम्मी की शादी मत करना.
दादा जी: तुम बहुत समझदार बहू हो. निम्मी सर्दी के मौसम में रात भर गरम रखती थी. तेरी सास के सोते ही निम्मी मेरा लंड लेने आ जाती थी.
मों: पापा ऑश सास को पता चल गया की आप अपनी बहू को छोड़ते हो.
दादा जी: यार तूने जो ड्रामा किया तो सास मान गयी. बेटा कभी बाप नही बन सकता, इसलिए ससुर जी से छुड़वाना ज़रूरी है. नही तो तलाक़ हो जाएगा. ये सब बोल कर सास को पत्ता लिया था.
मों: निम्मी का तो शादी के बाद ही पता चला था ना?
दादा जी: अर्रे उसको तो मैने ही प्रेग्नेंट किया था. मैं उसको छोड़ रहा था तब तेरी सास आ गयी. बहुत गुस्सा भी हुई. बुत निम्मी ने बोल दिया की मेरा हब्बी बेटा नही कर सकता. मेरे हब्बी ने ही बोला है की कुछ भी कर मुझे बेटा चाहिए.
मों: निम्मी प्रेग्नेंट थी तब भी आप उसको छोड़ते थे. सास से च्छूप-च्छूप कर.
दादा जी: ह्म यार निम्मी की डेलिवरी के 4-5 दिन बाद ही छोड़नी शुरू कर दी थी. उसका सारा दूध पीटा था.
मों: आपने वो सब तो मेरे साथ ही किया था. तुम तो मेरे पीहर मिलने गये, तब भी मुझे छोड़ कर ही आए थे.
दादा जी: यार तब निम्मी ने बोला था की ट्राइ कर आओ.
ये सब बात सुन-सुन कर पता लगा की घर में दादा जी सब को पेल रहे है. दादा जी ने घर की किसी भी बेहन बेटी बहू को नही छ्चोढा.
दादा जी: यार तेरी सास भी कम नही है. मैने उसको समझा दिया की ये सब चलता है. हमारा पहले वाला नौकर गणपत तेरी सास को छोड़ना चाहता था. मैने तेरी सास को माना लिया था.
मों: मैने भी बोल दिया था की सासू मा आपको पीछे बुला रही है. तब उसने पीछे पकड़ कर छोड़ी थी. सास पहले माना करती रही, बुत गणपत ने सास का घाघरा उठा कर पेल दिया.
दादा जी: अर्रे तभी तो वो टाँग नही अड़ती अब. मैने उसको बोला की मैं बहू और बेटी दोनो को पेलता हू. तू भी कोई ढूँढ ले. पहले तो उसको शरम आई, बुत गणपत का नाम सुन कर तैयार हो गयी.
मों: ओह गणपत ने सासू मा को काई साल तक छोड़ा था.
दादा जी: अर्रे अब उसका बेटा राम कुमार छोड़ रहा है.
मों: अर्रे राम कुमार तो सासू मा को पीछे किसी बहाने बुला लेता है, और फिर रूम के अंदर जाते ही घग्रा उठा कर पेलने लगता है. कल परसो ही मैने सास को बोला की पीछे राम कुमार बुला रहा है. सासू मा गयी तो राम कुमार ने छोड़ डाली.
दादा जी: अर्रे राम कुमार उसके बेटे की आगे का है, तो मज़े भी खूब देता है तेरी सास को.
मों: सास काई बार मुझे भी बोलती है की राम कुमार को बोल की घर आए. घर का कुछ काम है.
दादा जी ने मों को अब बेड पर लिटा लिया. मों की दोनो टांगे कंधे पर थी. लंड छूट पर रख कर चुदाई शुरू हो गयी.
मों: ऐसे तो निम्मी छुड़ाया करती है.
दादा जी: ह्म आज तूने याद दिलाया तो तू ही निम्मी बन जेया.
मों: मुझे याद है शुरू-शुरू में सास को नींद की गोली देकर हम भाभी-ननद को आप सारी रात नंगी रख कर छोड़ा करते थे. निम्मी की छूट बहुत छाता करते थे.
दादा जी: हा यार वो दिन तो कभी नही भूल सकता. तुम दोनो जवान छूट सारी रात मेरे साथ मस्ती करती थी.
मों: निम्मी को तो आपने पुर 5 साल छोड़ा था. फिर शादी के बाद भी छोड़ना नही छ्चोढा. आज भी छुड़वा रही है वो.
दादा जी: यार आयेज सर्दी आएगी तू मोनिका को भी तैयार कर मेरे लिए. वो भी मेरी बेटी है. तेरी सास की बेटी निम्मी को छोड़ लिया. अब तुझसे मोनिका बेटी की छूट भी चाहिए. वो भी तेरी ही कॉपी है.
मों: हो जाएगा पापा जी. आपने पहले सास छोड़ी. फिर बहू छोड़ी, फिर सास की बेटी निम्मी छोड़ी, अब बहू की बेटी मोनिका को छोड़ोगे. मुझे तो लगता है की आप निम्मी की बेटी को भी छोड़ोगे. वो भी तो आपकी ही बेटी है.
ऑश मी गोद, ये सब सुन कर लगा की दादा जी ने किसी को भी नही छ्चोढा है. मतलब निम्मी के 2 बेटे और मेरी मों के दोनो बेटे मेरे दादा जी के ही है.
दादा जी: निम्मी की बेटी जवान होगी तब तो कुछ बुद्धा हो जौंगा. अमित भी काफ़ी जवान हो गया है. उसको तेरे लिए तैयार कर ले. हो सके तो मोनिका को भी पत्ता ले. तुम दोनो को आचे से छोड़ लेगा.
ये बात सुनते ही मेरी आँख चमक गयी.
मों: सोचूँगी. अमित और मोनिका आपस में सेट हो जाए तो हम दोनो को डिस्टर्ब नही करेंगे. कभी मौका मिले तो मैं भी मरवा लिया करूँगी.
दादा जी: ऑश बहू क्या बात बोली है. भाई को बेहन की छूट घर में मिल जाए तो और क्या चाहिए. मोनिका कही बाहर मरवाएगी उससे अछा है वो मेरे और अपने भाई अमित से मरवा ले.
मों: सही बोल रहे हो. तुम मोनिका को और वो मुझे छोड़ लिया करेगा.
दादा जी की बात सुन कर मेरा बुरा हाल हो गया. मेरा लंड पानी छ्चोड़ने लगा.
दादा जी: यार निम्मी को भी बुला लो. अमित अपनी बुआ, बेहन, मम्मी सब के लिए तैयार है. तू सब सेट कर देगी. मुझे भी अब ग्रूप में सेक्स करना है. तेरी सास को भी अमित से छुड़वा सकती हो.
मों: उूव आपने सही कहा. बुत ये सब संभाल कर करना होगा.
मैं तो सॉक हो गया. निम्मी बुआ भी बहुत मस्त है. एक-दूं गोरी है. निम्मी बुआ की शादी को 11-12 साल हुए होंगे. आगे करीब 32-33 होगी शायद. निम्मी बुआ बिल्कुल दादी पर गयी है.
मों अब घोड़ी बन गयी थी. उनकी मोटी गांद पर दादा जी लंड फेर रहे थे. मों के बूब्स झुके हुए लटक रहे थे. दादा जी ने मों को फिर छोड़ना शुरू कर दिया.
मों: लगता है आप अमित की बहू को भी छोड़ना चाहते हो.
दादा जी: कोई बात नही यार, तब तो गोली खा कर ही छोड़नी होगी. तुम, निम्मी और मोनिका बहुत पसंद हो मुझे.
मों: मोनिका की चुचियाँ बड़ी हो रही है. ऑश पापा जल्दी करो, अब रहा नही जेया रहा ऑश मज़ा आ रहा है.
दादा जी: ह्म छूट चिकनी हो रही है.
दादा जी ने ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने शुरू किए. मों की चीख निकालने लगी. वो सिसकियाँ ले रही थी.
मों: ऑश यार चुड रही हू मैं. बहू की छूट छोड़ लो पापा.
दादा जी: ऊओह मेरी जान आअहह बहू अया ऐसे ही झुकी रहो बेटी आअहह.
मों: उई माआ ओह चुड रही है बहुत बहू मज़ा आ रहा है पापा.
दादा जी: छोड़ने के लिए ही लाया हू मेरी बहू ऑश
मों: ऑश आआहह चुड रही हू. ऑश छूट चिकनी हो गयी.
दादा जी मों के मज़े ले रहे थे. मों की छूट फ़चक-फ़चक फट-फट की आवाज़ करने लगी. दादा जी कुछ देर तक मों को छोड़ते रहे. फिर मों खड़ी हो गयी. मों दादा जी के लिए पानी ले आई. मुझे लगा की अब दोनो जल्दी बाहर आने वाले थे. तो मैं झट से अपने रूम में आ गया.
मों की लिव चुदाई देख कर मेरे लंड ने काई बार पानी छ्चोढ़ दिया. रात को मों के बारे में ही सोचता रहा. मेरी मों की स्टोरी कैसी लगी बताना.