पानी छूटते ही शीनम की गांड फट गई लेकिन मैंने उसकी और देख कर दिलासा दी- चिंता ना करो.. सब ठीक है।
उसके बाद हमने ब्रेकफास्ट किया और शीनम को घर तक छोड़ कर आया।
उसके बाद तो शीनम ने मेरे चंडीगढ़ के प्रवास को खुद और उसकी एक चाची और एक बहन ने इतना यादगार बनाया कि आज भी मेरा लंड उनकी याद में पानी छोड़ देता है।
मेरे दिल्ली एंड गुडगाँव की कुछ लड़कियों और भाभियों के साथ के और भी किस्से है।इनमें से एक किस्सा तो एक 48 साल की स्कूल प्रिंसिपल को रॉंग नंबर पर पटाया था और उसके घर मेरठ में जाकर उसे चोदा था। कैसे उसकी एयर होस्टेस बेटी ने हम दोनों रंगे हाथों पकड़ा और फिर कैसे मैंने खुद को बचाया।
बाद में उसकी बेटी ने मुझे ब्लैकमेल किया और कैसे गुडगाँव में मैंने उसे और उसकी फ्रेंड को चोदा।
ये सब में आपके साथ शेयर करूँगा, जब आप लोग मुझे अपना प्यार ईमेल द्वारा दोगे।
आप सबको बहुत-बहुत प्यार और शुक्रिया कि आपने मेरी कहानी को अपना समय दिया।
मेरी इस हिंदी में चुदाई की कहानी पर मुझे आपके इमेल्स का इंतजार है ताकि मैं आपके साथ अपने और अनुभव शेयर कर सकूँ।