बस मैंने उसे तुरंत कार रोकी और उसे हग किया और बोला- प्लीज तुम मेरी दोस्त बन जाओ.. मैं तुमको कभी रोने नहीं दूंगा।
उसकी आँखों में एक चमक सी आई और उसने पूछा- कुछ टाइम बाद मुझसे बोर तो नहीं हो जाओगे?
मैंने कहा- तुम बोर होने नहीं देना डियर!
उसने मुस्कुरा कर कहा- ओके.. मेरा नाम शीनम है।
‘मेरा नाम साहिल है..’
इतने में हम जीरकपुर पहुँच गए थे, तो मैंने सेठी ढाबे से ब्रेकफास्ट पैक कराया और फ्लैट पर पहुंच गए। पूरे रास्ते वो चैन स्मोकर की तरह सिगरेट पीती रही।
खैर.. मैं इंडिया के बाहर भी जाता रहता हूँ और खुद भी बहुत शौक़ीन हूँ, तो मेरे फ्लैट में बहुत सारी बॉटल्स और सिगरेट्स रहती हैं।
बस ये सब देख कर शीनम बहुत खुश हुई और बोली- अब जब भी दारु पीने का मन करेगा.. तो मैं आपके पास आ जाया करूँगी।
‘और अगर मेरा मन करेगा तो?’
इस पर शीनम बोली- जब दिल करे.. बुला लेना.. मैं आ जाया करूँगी।
बस मैंने इतना सुनते ही उसे बांहों में ले लिया और वो भी शायद जैसे इंतजार ही कर रही थी। वो तुरंत मुझसे चिपक गई और हमारे होंठ आपस में मिल गए। हमारी जीभ एक-दूसरे को चूस रही थीं।
शीनम एक कमाल की किसर थी.. उसका किस करने का अंदाज़ आज भी मेरा लंड खड़ा कर देता है।
थोड़ी ही देर में किस करते-करते हमारे कपड़ों ने भी हमारा साथ छोड़ दिया। हमारी किस करीब दस मिनट तक चली। उसके बाद बारी थी, उसके रसीले मम्मों की.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… और फिर जो मैंने उसके मम्मों को चूसना शुरू किया तो वो उछलने लगी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी।
मैंने अब उसके मम्मों को छोड़ कर उसके शराबी होंठों को चूसना शुरू कर दिया। उसके बदन की गर्मी ने मुझे इतना ठरकी कर दिया था कि मैंने उसके होंठों पर काट तक लिया।
वो कामुक आवाजें निकालने लगीं तो मैंने उसे समझाया कि ज्यादा जोर से न चिल्लाओ क्योंकि कोई भी उसकी आवाज न सुन लेगा तो दिक्कत हो सकती है।
वो बिंदास होते हुए बोली- सेक्स के समय मैं बहुत जंगली हो जाती हूँ यार..
खैर जंगली तो अब तक मैं भी हो गया था.. तो मैंने देर न करते हुए उसको अपनी बांहों में उठाया और पलंग पर लिटा दिया। मैंने उसकी पेंटी उतारते हुए उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया। चूत पर जीभ घूमते ही उसकी सिसकारियाँ इतनी तेज हो गई थीं कि मैंने उसे छोड़ कर सबसे पहले टीवी चलाया ताकि उसकी आवाज बाहर तक ना जाए।
अब मैं दुबारा उसकी चूत पर टूट पड़ा। चूत को चूस-चूस कर मैंने पानी-पानी कर दिया। मेरा लंड तो अब बस फटने को तैयार था।
अब मैंने देर ना करते हुए उसका मुँह ऊपर उठाया और उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया।
उसके लंड चूसने के तरीके से लग रहा था कि उसने शायद पहले कभी लंड नहीं चूसा था.. लेकिन फिर भी एक खूबसूरत लड़की के लंड चूसने के वजह से ही मेरा लंड मानो इतना मोटा हो गया था कि उसके मुँह में भी नहीं आ रहा था। तब भी वो मेरे टोपे को पूरे मन से चूस रही थी।
अब तक मेरा सब्र भी खत्म हो रहा था तो मैंने उसे पलंग पर गिराया और लंड उसकी चूत में सैट करके एक जोरदार धक्का लगा दिया।
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शीनम तो चिल्ला पड़ी.. उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड मानो छिलने सा लगा था। मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि बस पूछो ही नहीं। मेरा मन कर रहा था कि पूरी जिंदगी उसकी चूत में ही लंड डाल कर पड़ा रहूँ।
उधर शीनम तो ऐसे चुद रही थी कि जैसे पहली बार चुद रही हो। उसकी चिल्लाने की आवाज से मेरा नशा और चढ़ता जा रह था। फिर वो मजे लेकर चुदने लगी।
कुछ देर कि जबरदस्त चुदाई के बाद अचानक शीनम पूरी जान से चिल्लाई और उसका बदन बहुत जोर से थरथराया और वो बेजान सी हो गई।
मैंने धक्के रोक कर उसके प्यारे से चेहरे को अपने हाथों में लिया और उसे चूम लिया। शीनम ने भी अपनी आँखें खोल कर मुझे जोर से चूमा और ‘थैंक्स..’ कहा।
मैंने कहा- जान, तेरा तो हो गया पर मैं तो अभी बाकी हूँ।
बस इतना कहते है शीनम तुरन्त घोड़ी बन गई और उसकी गद्देदार गांड देख कर तो मेरा मन हुआ कि बस उसकी गांड ही मार लूँ। लेकिन आज पहली बार का मिलन था.. तो बस अपना लंड उसकी चूत की गहराइयों में उतार दिया। फिर तो बस उसकी चूत का ऐसा बाजा बजा कि शीनम निहाल हो गई।
मेरा लंड उसकी गांड देख कर इतना ठरकी हो गया था कि अब बस मेरा होने वाला था। अब मैंने उसकी गांड पर थपकियाँ मार-मार कर अपना पानी उसकी चूत के अन्दर तक उतार दिया।