Meri Saheli Sang Lesbian Raslila

कुछ देर बाद बिस्तर पर अब वो मेरी चूत चाट रही थी, मेरी भी ऐसी ही सिसकारियाँ निकल रही थी।
अचानक ही मुझे कुछ देर बाद 69 पोजीशन का ध्यान आया तो दोनों उस आसन में आ गए।
दस मिनट तक ऐसे ही सब चलता रहा, कुछ बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए।

तब वो बोली- तेरी चूत की फांकें तो बहुत खुली हैं, लगता है जीजा जी तेरा कुछ ज्यादा ही ध्यान रखते हैं?
मैंने भी कहा- तेरा भी तो रखते हैं!
और फिर हम दोनों सहेलियाँ हंस दी।

डिल्डो से चूत चुदाई
थोड़ी देर बाद कविता रबर का एक नकली लण्ड लेकर आई।
जब मैंने इसके बारे पूछा तो कहा कि उसके पति ने दिया है।

फिर हम बारी बारी एक दूसरे की चूत में डाल कर हाथ से ही चोदने लगे।
कुछ देर बाद कविता ने लण्ड को कमर बाँधा और मेरी दोनों टांगों को उसके कंधे पर रखकर एक जोरदार धक्का लगाया और आधा लण्ड मेरी चूत में डाल दिया, और फिर दूसरा झटका भी ऐसे ही लगाकर पूरा मेरी चूत में डाल दिया।
मेरी चीख निकल गई और दर्द भी होने लगा।

धीरे धीरे मेरा दर्द कम होता गया और मजा भी आने लगा लगभग।
दस मिनट में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, मैं ऐसे ही बिस्तर पर पड़ी रही और कविता मेरे दोनों मम्मों को चूस रही थी पर वो नकली लण्ड अभी भी मेरी चूत में फंसा हुआ था।

सहेली की गांड में उंगली
कुछ देर बाद मैंने ही लण्ड को उसकी कमर से निकाला और मेरी कमर पर बाँध लिया और उसे कुतिया बनाया।
मैंने एक उंगली उसकी गांड में डाली।

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मैं कुछ बोलती, उससे पहले ही उसने कहा- अगर चाहे तो तू मेरी गांड में डाल सकती है, पति ने तो गांड चोद कर ही सुहागरात मनाई थी।

पर मैंने चूत में ही डाला और चोदने लगी, मुझे इसका अनुभव नहीं था तो कविता ने खुद ही लण्ड उसकी चूत में डाल लिया और धक्के लगाने के लिए कहा, मैं धक्के लगाने लगी।

सच में मुझे इसमें बहुत ही आनन्द आ रहा था और मैं उसके चूतड़ पर चपत भी लगा रही थी और कविता भी ‘अह्ह्ह… ह्ह्ह्हह्ह… अह्ह… ह्ह्ह्हह्ह…’ की आवाज निकाल कर मजे ले रही थी।

ऐसे ही कुछ देर चोदने के बाद मैं बिस्तर पर लेट गई और कविता मेरे ऊपर बैठ नकली लण्ड चूत में डालकर खुद को चोद रही थी और ‘अह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह उन्ननम्नन…’ की सिसकारियाँ भर रही थी।

जब वो झड़ने पर आई तो अचानक उसने गति तेज कर दी और कुछ ही देर में उसने पानी निकाल दिया और ऐसे ही बैठी रही, उसका रस चूत से बहकर मेरे ऊपर आ रहा था।

थोड़ी देर बाद हम दोनों एक दूसरी के लबों को चुम्बन कर रही थी और एक दूसरी की पीठ भी सहला रही थी।

पर कविता ने अचानक मुझे 69 की पोज़ में मम्मे चूसने के लिए कहा तो मैंने वैसे ही किया।
मेरी एक चूची उसके मुँह में और उसकी एक मेरे मुँह में थी, पर उसके मम्मों से दूध निकल रहा था जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और बहुत मजा भी आ रहा था।

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थोड़ी देर बाद अचानक ही कविता मेरीचूची के निप्पल को उसके दाँतों से काटने लगी तो मैंने भी उसका निप्पल को काटना शुरू कर दिया।
अब हम दोनों के निप्पल एक दूसरे के दांतों से हल्के हल्के कट रहे थे, दोनों को ही आनन्द आ रहा था।

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