मेरी पत्नी यही तो चाहती थी

जब वापस आया तो देखा कि उसका पूरा गाल लाल पड़ा था.. चेहरे पर सिर्फ मेरी उंगलियों के निशान थे.. आँखें लाल हो रही थीं।
बाल तो उसने पहले ही ठीक कर लिए थे.. मम्मों पर काटने के निशान थे.. और चूतड़ पर तो कहना ही क्या.. उसकी गाण्ड सूज गई थी।

मैंने दीप को सीधा किया और पूछा- ज्यादा तकलीफ तो नहीं हो रही है?
यह सुनते ही उसने एक ही सांस में हल्के हाथों से मेरे गालों पर लगातार 15-20 थप्पड़ लगाए और बोली- इतने महीनों के बाद तुम्हें ये समझ आया।

यह सुनते ही मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, मैंने जोश में उसके चूतड़ की दरार के बीच से उसकी गाण्ड को बहुत तेजी से मसला.. तो दर्द की वजह से सहन नहीं कर पाई।
वो जितना छूटने की कोशिश करती.. मैं उतनी ही तेज उसके गाण्ड को मसलता।

जब उसका दर्द बहुत ज्यादा हो गया तो छूटने के लिए उसने मेरी भुजा को पूरी ताकत से काट लिया.. जिसका निशान अभी भी है।

चोदने के बाद देखा तो उसका चेहरा दर्द के मारे पूरा लाल हो गया था और आंसू भी निकल आए थे।

फिर मैंने उसके आँसू पोंछे.. उसके दोनों चूतड़ों पर गिन कर 15-15 किस किए.. फिर उसके बाद दोनों गालों को चूमा और नंगे ही चिपक कर सो गए।

उसके बाद मैंने लगातार 4 दिन दीप की गाण्ड मारी और फाड़ कर रख दी।
अब मुझे पता चल गया था कि मेरी पत्नी भी मुझसे कुछ ऐसा ही चाह रही थी।

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