मेरी पत्नी मिनी और डोली भाभी–2

गतान्क से आगे……………………………….. मेरी पत्नी मिनी और डोली भाभी
डोली भाभी बाहर बैठी थी. उन्होने मुझसे पूछा, काम हो गया. मैने कहा, हाँ. वो बोली, मैं गरम पानी से उसकी चूत की सिकाई कर देती हूँ. इससे उसका दर्द कम हो जायेगा. मैं चुप रह गया क्योंकी मैने तो प्रिया की चूत को अभी तक छुआ ही नहीं था. मैने तो उसकी गांड मारी थी. में प्रिया के पास चला गया. डोली भाभी पानी गरम करके ले आई. वो बोली, मैं पानी गरम करके लाई हूँ, अंदर आ जाऊं. मैने कहा , आ जाओ. प्रिया बोली,मैं एकदम नंगी हूँ और तुम दीदी को यहाँ बुला रहे हो. मैने कहा, तो क्या हुआ. वो कुछ नहीं बोली.
डोली भाभी अंदर आ गयी. उन्होने प्रिया से कहा, लाओ मैं तुम्हारे छेद की सिकाई कर दूँ. इससे तुम्हारा दर्द कम हो जायेगा. प्रिया ने करवट बदल ली तो डोली भाभी ने कहा, तुमने करवट क्यों बदल ली. अब मैं कैसे तुम्हारे छेद की सिकाई करूँगी. उसने अपनी गांड के छेद की तरफ इशारा करते हुये कहा, इसी में तो इन्होने अपना औज़ार घुसाया था. डोली भाभी के मुहँ से निकला, क्या. डोली भाभी की नज़र प्रिया की गांड पर पड़ी. उसकी गांड खून से लथपथ थी. मैने अभी तक अपना लंड साफ नहीं किया था. मेरा लंड भी खून से भीगा हुआ था. डोली भाभी आँखें फाडे कभी मेरे लंड को और कभी प्रिया की गांड को और कभी मेरे चेहरे को देखने लगी. डोली भाभी ने गरम पानी से प्रिया की गांड की सिकाई की. उसके बाद उन्होने मुस्कुराते हुये प्रिया से कहा,प्रिया तुमने तो एक ही बार में मैदान मार लिया है. अब दूसरा मैदान मारना और बाकी है. वो बोली, दीदी, मैं समझी नहीं.
डोली भाभी ने प्रिया की चूत पर हाथ लगाते हुये कहा, अभी तो तुम्हें इस छेद में भी इसका औज़ार अंदर लेना है. प्रिया को बहुत दर्द हो रहा था. डोली भाभी की बात सुनकर वो गुस्से में आ गयी. उसने अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुये कहा, एक छेद के अंदर इनका औज़ार लेने में ही मेरा इतना बुरा हाल हो गया और आप कह रही हो की अभी इस छेद में भी अंदर लेना है. मैं अब किसी छेद में इनका औज़ार अंदर नहीं लूँगी. मुझे बहुत दर्द होता है. आप खुद ही इनका औज़ार अपने छेद में ले लो. डोली भाभी ने मुस्कुराते हुये कहा, मेरे अंदर लेने से क्या होगा. आख़िर तुम्हें भी तो इसका औज़ार अपने इस छेद में अंदर लेना ही पड़ेगा. जैसे एक बार तुमने दर्द को सहन कर लिया है उसी तरह से एक बार और दर्द को सहन कर लेना. प्रिया ने डोली भाभी की चूत की तरफ इशारा करते हुये कहा, पहले तुम इनका औज़ार अपने इस छेद में अंदर ले कर दिखाओ. उसके बाद ही मैं इनका औज़ार अपने इस छेद में अंदर लूँगी. डोली भाभी मेरा मुझे देखने लगी और मैं उनको. प्रिया बोली, क्यों अब क्या हुआ. आप मुझे फसा रही थी लेकिन मैने आप को ही फसा दिया. दिखाओ इनका औज़ार अपने छेद के अंदर लेकर. डोली भाभी ने कहा,अच्छा बाबा, अभी दिखा देती हूँ लेकिन उसके बाद तो तुम मना नहीं करोगी. वो बोली, पहले आप दिखाओ उसके बाद मैं इनका औज़ार अंदर ले लूँगी भले ही मुझे कितनी भी तकलीफ़ क्यों ना हो. डोली भाभी ने मुझसे कहा, देवर जी, प्रिया ऐसे नहीं मानेगी. अब तुम अपना औज़ार मेरे अंदर डाल ही दो. मैने कहा, प्रिया के सामने. प्रिया बोली, तो क्या हुआ. जब ये मुझे तुम्हारा औज़ार अंदर लेते हुये देखेगी तब ही तो ये तुम्हारा औज़ार अंदर लेगी.
डोली भाभी ने अपने कपड़े ऊतार दिये और प्रिया के बगल में लेट गयी. मैं डोली भाभी के पैरों के बीच आ गया तो डोली भाभी ने प्रिया से कहा, अब तुम बैठ जाओ और देखो की कैसे मैं इसका औज़ार पूरा का पूरा अंदर लेती हूँ. प्रिया डोली भाभी के बगल में बैठ गयी. मैने डोली भाभी की चूत में अपना लंड घुसाना शुरू कर दिया. धीरे धीरे मेरा पूरा का पूरा लंड डोली भाभी की चूत में समा गया. प्रिया आँखें फाडे देखती रही. उसके बाद मैने डोली भाभी की चुदाई शुरू कर दी. प्रिया मेरे लंड को डोली भाभी की चूत में सटा सट अंदर बाहर होते हुये देखती रही. 5 मिनिट की चुदाई के बाद डोली भाभी झड़ गयी तो प्रिया ने कहा, दीदी, तुम्हारे छेद में से क्या निकल रहा है. डोली भाभी ने कहा, ये मेरी चूत का पानी है. अब ये कई बार निकलेगा. जब ये तुम्हारी चूत में भी अपना लंड घुसा कर तेज़ी से अंदर बाहर करेगा तब तुम्हारी चूत में से भी ऐसा ही पानी निकलेगा. चूत से पानी निकालने पर बहुत मज़ा आता है. तुम खुद ही देख लो की मुझे कितना मज़ा आ रहा है. मैने डोली भाभी को लगभग 25 मिनिट तक खूब जम कर चोदा. प्रिया आँखें फाडे देखती रही. लंड का सारा पानी डोली भाभी की चूत में निकाल देने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया तो प्रिया बोली, तुम्हारे लंड पर तो ज़रा सा भी खून नहीं लगा है. मैने कहा, खून तो केवल पहली पहली बार घुसने में ही निकलता है. वो कुछ नहीं बोली. डोली भाभी ने प्रिया से कहा, अब तो तैयार हो इसका लंड अपनी चूत में लेने के लिये. वो बोली, हाँ,लेकिन दीदी, बहुत दर्द होगा.
डोली भाभी ने कहा, पगली, केवल एक ही बार तो दर्द होगा. उसके बाद तो तू खुद ही इससे बार बार कहेगी की अपना लंड मेरी चूत में डाल दो. वो बोली, भला मैं ऐसा क्यों कहूँगी. डोली भाभी ने कहा, क्योंकी तुझे इसमें मज़ा जो आयेगा. मैं डोली भाभी के बगल में लेट गया. प्रिया मेरे लंड को देखती रही. थोड़ी देर बाद वो बोली, इनका लंड अब खड़ा क्यों नहीं हो रहा है. डोली भाभी ने कहा, अभी इसने मुझे चोदा है ना इसीलिये तू इसके लंड को सहलाना शुरू कर दे. थोड़ी ही देर में ये फिर से खड़ा हो जायेगा. डोली भाभी की चुदाई देख कर प्रिया को भी थोड़ा जोश आ गया था. उसने अपना हाथ धीरे से मेरे लंड पर रख दिया. थोड़ी देर तक वो मेरे लंड को देखती रही. उसके बाद उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया. 15-20 मिनिट के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. मैने देखा की उसकी आँखें कुछ गुलाबी सी होने लगी. लंड खड़ा होते देख प्रिया जोश में आ गयी और डोली भाभी से बोली, दीदी, अब तो इनका लंड खड़ा हो गया. डोली भाभी बोली, अब तू लेट जा. इतना कह कर डोली भाभी उठ कर बैठ गयी और प्रिया लेट गयी. डोली भाभी ने मुझसे कहा, तू मेरे साथ ज़रा बाहर आ. मै डोली भाभी के साथ बाहर आ गया. डोली भाभी ने कहा, इस बार प्रिया के ऊपर ज़रा सा भी रहम मत करना. पूरी ताक़त के साथ धक्का लगाते हुये पूरा का पूरा लंड अंदर घुसा देना. ज़्यादा देर भी मत करना. उसके बाद उसकी किसी दुश्मन की तरह खूब जम कर चुदाई करना. समझ गये. मैने कहा, ठीक है, मैं ऐसा ही करूँगा.
डोली भाभी ने कहा, मैने कभी तेरे भैया से गांड नहीं मरवाई थी, मेरी गांड कब मारेगा. मैने कहा, जब तुम कहो. वो बोली, ठीक है, मैं तुझे बता दूँगी. अब चल मेरे साथ कमरे में. मैं डोली भाभी के साथ कमरे में आ गया. प्रिया बेड पर लेटी हुई थी. डोली भाभी ने मुझसे कहा, अब तू अपने लंड पर तेल लगा ले और प्रिया की चुदाई शुरू कर. मैं इसके पास ही बैठ जाती हूँ. डोली भाभी प्रिया के बगल में बैठ गयी. मैने अपने लंड पर ढेर सारा तेल लगा लिया और प्रिया के पैरों के बीच में आ गया. जैसे ही मैने अपना लंड प्रिया की चूत पर रखा तो डोली भाभी ने कहा, ऐसे नहीं. मैं बताती हूँ. मैने कहा, बताओ. डोली भाभी ने कहा, तू अपना हाथ इसके पैरों के नीचे से डाल कर इसके कंधे को ज़ोर से पकड़ ले. उसके बाद अंदर घुसा.
मैने प्रिया के पैरों के नीचे हाथ डाल कर प्रिया के कंधे को ज़ोर से पकड़ लिया. डोली भाभी ने कहा, अब जैसा मैने तुझे समझाया था ठीक उसी तरह अंदर घुसा दे. मैने प्रिया की चूत के मुहँ पर अपने लंड का सुपाड़ा रख दिया. जैसे ही मैने धक्का लगाया तो डोली भाभी ने प्रिया के मुहँ को ज़ोर से दबा कर पकड़ लिया. प्रिया के मुहँ से गू गू की आवाज़ ही निकल पाई. डोली भाभी मुझसे बोली, घुसा दे जल्दी से पूरा का पूरा. मैं तो ताकतवर था ही. मैने अपनी सारी ताक़त लगाते हुये फिर से एक धक्का मारा. प्रिया की चूत से खून की धार निकलने लगी. मेरा लंड खून से नहा गया. वो अपने हाथों को ज़ोर ज़ोर से बेड पर पटकने लगी. उसकी सारी की सारी चूड़ीयां टूट गयी और उसका हाथ लहुलुहान हो गया. मुहँ दबा होने की वजह से उसके मुहँ से केवल गू गू की आवाज़ ही निकल पा रही थी. मैने फिर से एक धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही मेरा लंड प्रिया की चूत में 7″इंच तक घुस गया. प्रिया तड़प रही थी. उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे. बेड की चादर पर भी ढेर सारा खून लग गया था. भाभी बोली, जल्दी कर.
मैने एक धक्का और मारा तो मेरा लंड 8″इंच घुस गया. मैने गहरी सांस लेते हुये फिर से ज़ोर का धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही मेरा पूरा का पूरा लंड प्रिया की चूत में समा गया. डोली भाभी बोली, अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर एक ही झटके में फिर से अंदर कर दे. मैने वैसा ही किया. डोली भाभी ने कहा, शाबास, ठीक इसी तरह से 4-5 बार और कर. मैने 4-5 बार फिर से वैसा ही किया. प्रिया तड़प रही थी. उसका सारा बदन पसीने से नहा गया थी. उसकी साँसें बहुत तेज चल रही थी और सारा बदन तर तर कांप रहा था. मैने प्रिया की चुदाई शुरू कर दी. डोली भाभी अभी भी उसका मुहँ दबाऐ हुये थी. उसके मुहँ से गू गू की आवाज़ निकल रही थी. उसकी चूत ने मेरे लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था. मेरा लंड आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर नहीं हो पा रहा था. पूरी ताक़त के साथ मैं लगभग 10 मिनिट तक उसकी चुदाई करता रहा. प्रिया अब कुछ हद तक शांत हो चुकी थी. डोली भाभी ने अपना हाथ उसके मुहँ पर से हटा लिया तो प्रिया सिसक सिसक कर रोते हुये कहँने लगी,दीदी, आप दोनो ने मिलकर मुझे मार ही डाला. बहुत दर्द हो रहा है. डोली भाभी ने कहा, अब तो पहले जैसा दर्द नहीं है ना. वो बोली, नहीं, अब पहले से बहुत कम है. डोली भाभी ने कहा, थोड़ा सब्र कर, अभी बाकी का दर्द भी चला जायेगा. मैं तेज़ी के साथ उसकी चुदाई कर रहा था. अब वो चीख नहीं रही थी केवल आहें भर रही थी. मैने उसे 5 मिनिट तक और चोदा तो प्रिया झड़ गयी.
उसकी चूत और मेरा लंड एक दम गीला हो गया. अब मेरा लंड थोड़ा आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा था. मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी. प्रिया ने धीरे धीरे सिसकारियाँ भरनी शुरू कर दी. डोली भाभी ने पूछा, अब कैसा लग रहा है. वो बोली,अब कुछ कुछ मज़ा आ रहा है लेकिन दर्द अभी भी है. डोली भाभी ने कहा, अब इस दर्द को जाने में समय लगेगा. उसके बाद बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा. वो बोली, समय क्यों लगेगा. डोली भाभी ने कहा, जब ये तुम्हें 3-4 बार चोद देगा तब तुम्हारी चूत इसके लंड के साइज़ की हो जायेगी. उसके बाद ये दर्द अपने आप चला जायेगा. मैने और ज़्यादा ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिये थे और उसे तेज़ी के साथ चोद रहा था. प्रिया ने भी अब धीरे धीरे अपना चूतड़ उठना शुरू कर दिया था. वो भी अब मस्ती में आ रही थी. 5 मिनिट में ही वो फिर से झड़ गयी. उसने मेरे होठों को चूम लिया और कहा, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.
मैने उसकी चुदाई जारी रखी. 2 मिनिट भी नहीं गुज़रे थे की डोली भाभी ने कहा,प्रिया अब तुम इसका लंड अपने दूसरे छेद में ले लो. वो बोली, फिर से दर्द होगा. डोली भाभी ने कहा, अब ज़्यादा दर्द नहीं होगा क्योंकी तुम इसका लंड पहले ही अंदर ले चुकी हो. वो बोली, फिर इनसे कह दो की धीरे धीरे करेंगे. डोली भाभी ने कहा, ये धीरे धीरे ही करेगा. मैं हूँ ना यहाँ पर. अगर ये बदमाशी करेगा तो मैं इसे बहुत मारूँगी. वो बोली, ठीक है. मैने अपना लंड प्रिया की चूत से बाहर निकाला और उसकी गांड में घुसाने लगा. मेरे लंड पर प्रिया की चूत का ढेर सारा पानी लगा हुआ था. धीरे धीरे मेरा लंड 7″इंच तक उसकी गांड में घुस गया. उसके बाद जब मैने और ज़्यादा घुसाने की कोशिश की तो उसे फिर से दर्द होने लगा और वो चीखने लगी लेकिन इस बार उसने मुझे रोका नहीं. वो बोली, अब रहने दो, दर्द हो रहा है. डोली भाभी ने कहा, बस थोड़ा सा ही तो बाकी है. उसे भी अंदर ले लो. वो कुछ नहीं बोली.
डोली भाभी ने मुझे आँख मारी तो मैने ज़ोर का धक्का लगा दिया. मेरा बाकी का लंड भी उसकी गांड में समा गया. वो ज़ोर से चीखी तो डोली भाभी ने कहा, बस हो गया. उसके बाद मैने उसकी गांड मारनी शुरू कर दी. थोड़ी देर चीखने के बाद वो शांत हो गयी. अब उसे गांड मरवाने में भी मज़ा आने लगा था. लगभग 5 मिनिट तक मैने उसकी गांड मारी तो डोली भाभी ने कहा, अब रहने दो.
मैने कहा, अभी तो मेरे लंड का पानी ही नहीं निकला है. वो बोली, मैं मना थोड़े ही कर रही हूँ. अब तुम इसकी चूत में अपना लंड डाल कर इसे चोदो. मैने अपना लंड प्रिया की गांड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया. उसके बाद मैने पूरी ताक़त के साथ ज़ोर ज़ोर से उसकी चुदाई शुरू कर दी. 5 मिनिट में ही प्रिया फिर से झड़ गयी. मैं इसके पहले 2 बार प्रिया की गांड मार चुका था और डोली भाभी को चोद चुका था. इसलिये मेरे लंड का पानी निकलने का नाम ही नहीं ले रहा था. मैं ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुये प्रिया को चोद रहा था. वो भी अपना चूतड़ उठाने लगी थी. थोड़ी देर बाद वो बोली, दीदी, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. इनसे कह दो की थोड़ा और ज़ोर ज़ोर से धक्का लगाये. डोली भाभी ने मुझसे कहा, तुमने सुना ये क्या कह रही है. मैने कहा, हाँ. वो बोली, तो फिर तुम इसका कहा मानो और अपनी ताक़त दिखा दो इसे. मैने पूरी ताक़त लगाते हुये बहुत ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिये. डोली भाभी ने प्रिया से पूछा, अब ठीक है. वो बोली, हाँ, अब मुझे ज़्यादा मज़ा आ रहा है. प्रिया अब चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी.
मेरा लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा सटा सट अंदर बाहर हो रहा था. 10 मिनिट की चुदाई के बाद प्रिया फिर से झड़ गयी. मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया तो उसने मेरे लंड को तुरंत पकड़ लिया और कहने लगी, बाहर क्यों निकाल रहे हो. अभी मुझे और मज़ा लेना है. मैने कहा, मैं तुम्हें अभी और मज़ा दूँगा. अब तुम घोड़ी की तरह हो जाओ. वो डोगी स्टाइल में हो गयी तो मैं उसके पीछे आ गया. मैने अपना लंड उसकी गांड में घुसा दिया और उसकी गांड मारने लगा. वो जोश के मारे सिसकारियाँ भरने लगी. 5 मिनिट तक उसकी गांड मारने के बाद मैं अपना लंड उसकी गांड से निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई करने लगा. मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था. वो भी अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये मेरा साथ देने लगी थी. 10 मिनिट उसकी चुदाई करने के बाद मैं झड़ गया. मेरे साथ ही साथ प्रिया भी फिर से झड़ गयी.
मैने अपना लंड बाहर निकाला तो डोली भाभी ने प्रिया से कहा, अब तुम इसके लंड को चाट लो. वो बोली, मैं इनके लंड को नहीं चाटूँगी. इनका लंड गंदा है. डोली भाभी ने कहा, गंदा कहा है. इसके लंड पर तुम्हारी चूत का और इसके लंड का पानी ही तो लगा है. इसे चाटने से प्यार बढ़ता है. चाट लो इसे. वो बोली, मैं नहीं चाटूँगी. मुझे घिन आती है. डोली भाभी ने कहा, मैं ही चाट लेती हूँ. फिर आगे से तुझे ही चाटना पड़ेगा. वो बोली, ठीक है, पहले तुम चाट कर दिखाओ, बाद में मैं चाट लूँगी. डोली भाभी मेरे लंड को चाटने लगी. प्रिया देख रही थी. मेरे लंड पर लगा हुआ थोड़ा सा पानी डोली भाभी ने चाट लिया फिर प्रिया से बोली, अब बाकी का तुम चाट लो. प्रिया ने शरमाते हुये मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया. उसने मेरे लंड पर लगे हुये बाकी के पानी को चाट चाट कर साफ कर दिया. डोली भाभी ने प्रिया से कहा, अब तुम्हें जब ये फिर से चोदेगा तो चिल्लाओगी तो नहीं. वो बोली, अब क्यों चिलाऊँगी. अब तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा है. डोली भाभी ने कहा, फिर ठीक है, तुम आराम कर लो. जब तुम्हारा मन करे तो इसे बुला लेना. मैं इसके साथ अपने कमरे में जा रही हूँ. मुझे इससे कुछ बात करनी है. वो बोली, ठीक है, बुला लूँगी.
डोली भाभी बोली, मैं भी इसके साथ आऊँगी तुम्हारे पास और अपने सामने ही तुम्हारी चुदाई करा दूँगी. डोली भाभी बाहर चली गयी तो मैं भी उनके पीछे पीछे बाहर चला आया.
फिर मैने डोली भाभी से कहा, तुमने मुझसे प्रिया के सामने ही चुदवा लिया. वो क्या सोचेगी. डोली भाभी ने कहा, उसे कुछ भी नहीं मालूम है. अगर उसे कुछ पता होता तो भला वो मुझे चुदवाने को क्यों कहती. चलो अच्छा ही हुआ की अब मुझे और प्रिया को एक दूसरे के सामने तुमसे चुदवाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. हमारा रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया. मैं प्रिया से भी इस बारे में बात कर लूँगी. मैने भाभी से पूछा, गांड कब मरवाओंगी. वो मुस्कुराते हुये बोली, क्या मेरी गांड भी फाड़नी है. मैने कहा, हाँ. वो बोली, कल फाड़ देना. मैने कहा, थोड़ा सा आज अंदर ले लो बाकी का कल अंदर ले लेना. वो बोली, जो तेरा जी कहे कर. अब तो मैं तेरी बीवी बन गयी हूँ. मैं डोली भाभी के बगल में लेटा हुआ उनसे बातें करता रहा और उनकी चूत को सहलाता रहा. वो मुझे तरह तरह के स्टाइल में चोदना सीखा रही थी और मेरे लंड को सहला रही थी. लगभग 1 घंटे के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. मैने डोली भाभी से कहा,प्रिया ने अभी तक मुझे बुलाया ही नहीं. मैं अब तुम्हारी गांड में ही लंड घुसाने की कोशिश करता हूँ. डोली भाभी और हम दोनो अभी तक नंगे ही थे. मैने डोली भाभी से घोड़ी बन जाने को कहा तो वो घोड़ी बन गयी. मैने अपने लंड का सुपाड़ा उनकी गांड के छेद पर रखा तो वो बोली, तेल तो लगा ले. मैने कहा, नहीं ऐसे ही. वो बोली, फिर तो बहुत दर्द होगा. मैने कहा, होने दो. तुम कोई 18 साल की थोड़े ही हो.
वो बोली, ठीक है, जैसी तेरी मर्ज़ी. मैने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनकी चुदाई शुरू कर दी. 5 मिनिट में ही डोली भाभी झड़ गयी तो मेरा लंड गीला हो गया. अब तेल लगाने की ज़रूरत नहीं थी. मैने अपने लंड का सुपाड़ा उनकी गांड के छेद पर रखा और थोड़ा सा ज़ोर लगाया. डोली भाभी के मुहँ से ज़ोर की आ निकली और मेरे लंड का सुपाड़ा उनकी गांड में घुस गया. मैने थोड़ा ज़ोर और लगाया तो वो तड़प उठी और बोली, ज़रा धीरे से. मैने फिर से ज़ोर लगाया तो उनके मुहँ से चीख निकल गयी.
मेरा लंड डोली भाभी की गांड में अब तक 4″इंच घुस चुका था. मैने और ज़्यादा अंदर घुसाने की कोशिश नहीं की. मैने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिये. 2 मिनिट में ही डोली भाभी का दर्द जाता रहा तो वो बोली, थोड़ा और अंदर कर दे. मैने फिर से थोड़ा ज़ोर लगाया तो वो फिर से चीखी और मेरा लंड उनकी गांद में 5″इंच तक घुस गया. तभी प्रिया आ गयी. उसने कपड़े नहीं पहने थे. वो एक दम नंगी थी. उसने हम दोनो को देखा तो बोली, दीदी, तुम भी मज़ा ले रही हो. डोली भाभी ने कहा, ये तेरा बड़ी देर से इंतज़ार कर रहा था लेकिन तूने इसे बुलाया ही नहीं. इसे जोश आ गया और उसने मेरी गांड में अपना लंड घुसाना शुरू कर दिया. मैं इसे मना नहीं कर पाई. वो बोली, मुझे भी फिर से चुदवाना है. डोली भाभी ने कहा, तो आजा. प्रिया ने कहा,लेकिन ये तो आप को चोदने जा रहा है. डोली भाभी ने कहा, मेरा क्या है, मैं तो कभी भी चुदवा लूँगी. पहले तू चुदवा ले. तेरा चुदवाना ज़्यादा ज़रूरी है. मैं तो बहुत मज़ा ले चुकी हूँ. प्रिया डोली भाभी के बगल में ही घोड़ी की तरह बन गयी. मैने अपना लंड डोली भाभी की गांड से बाहर निकाल कर प्रिया की गांड में घुसाना शुरू कर दिया. वो दर्द के मारे आहें भरने लगी. धीरे धीरे मेरा पूरा का पूरा लंड प्रिया की गांड में घुस गया तो मैने उसकी गांड मारनी शुरू कर दी. वो बोली, आगे के छेद में घुसा कर चोदो. मुझे उसमें ज़्यादा मज़ा आता है. मैने कहा, थोड़ी देर पीछे के छेद की चुदाई कर लूँ फिर आगे के छेद में भी चोदुगां. वो बोली, ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.
मैं प्रिया की गांड मारता रहा. डोली भाभी प्रिया से कहने लगी, तू तो जानती है की इसके भैया का स्वर्गवास हुये बहुत दिन हो चुके हैं. मैने बहुत दिनो से चुदवाया नहीं था और मेरी इच्छा भी मर चुकी थी. लेकिन आज मैने तेरी खुशी के लिए तेरे कहने पर इस से चुदवा लिया. इससे चुदवाने के बाद मेरी चूत और गांड की आग फिर से भड़क गयी है. मैं जानती हूँ की ये बहुत ही ग़लत बात है लेकिन मैं अब इससे चुदवाये बिना नहीं रह सकती. अगर किसी को ये पता चल गया तो मेरी बड़ी बदनामी होगी. अब तू ही बता की मैं क्या करूँ. मैं तो अब मर जाना चाहती हूँ. वो बोली, दीदी, तुम ऐसा क्यों कह रही हो.
तुम इनसे जी भर कर चुदवाओ और खूब मज़ा लो. मुझे कोई एतराज़ नहीं है. अगर मैं तुम्हें कभी मना करूँ तो तुम मुझे ही मार डालना. ये बात किसी को नहीं पता चलेगी. डोली भाभी ने कहा, फिर तू मेरी कसम खा कर कह दे की तू कभी भी किसी से नहीं कहेगी. प्रिया ने अपना हाथ पीछे करके मेरा लंड पकड़ लिया और बोली, मैं तुम्हारी कसम क्यों खाऊँ. मैं अपने पति का लंड पकड़ कर कसम खाती हूँ की मैं कभी भी किसी से कुछ भी नहीं कहूँगी. अब तो आप को मेरी बात पर विश्वास हो गया. डोली भाभी ने कहा, मुझे तुझ पर पूरा विश्वास है. वो बोली, अब इनसे कह दो की मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरी चुदाई करें. मुझे गांड मरवाने में ज़्यादा मज़ा नहीं आता है. डोली भाभी ने मुझसे कहा, सुन रहा है ना तू की प्रिया क्या कह रही है. अब इसकी इच्छा पूरी कर. मैने अपना लंड प्रिया की चूत में घुसा दिया और उसकी चुदाई करने लगा. 2 मिनिट में ही वो एकदम मस्त हो गयी. उसने पूरी मस्ती के साथ मुझसे चुदवाना शुरू कर दिया. वो तेज़ी के साथ अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये मेरा साथ दे रही थी. मैं भी पूरे जोश और ताक़त के साथ उसे चोदता रहा. प्रिया की चुदाई करते हुये मुझे लगभग 30 मिनिट गुजर चुके थे. वो अब तक 3 बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. प्रिया बोली, दीदी, मैं थक गयी हूँ. डोली भाभी ने कहा, क्यों, मज़ा नहीं आ रहा है क्या. वो बोली, मज़ा तो बहुत आ रहा है लेकिन अभी मेरी चुदवाने की आदत नहीं है ना. डोली भाभी बोली, फिर मैं क्या करूँ.
जब ये झड़ जायेगा तब ही तो तुम्हारी चुदाई बंद करेगा. वो बोली, मुझे थोड़ा सा आराम कर लेने दो. मैं बाद में चुदवा लूँगी. डोली भाभी ने कहा, जब लंड खड़ा हो चुदाई नहीं बंद की जाती इससे आदमी के सेहत पर बुरा असर पड़ता है. वो बोली,इनसे कह दो की अब रहने दे. बाद में चोद लेंगे. तब तक तुम ही इनसे चुदवा लो. डोली भाभी ने कहा, अच्छा बाबा, मैं ही चुदवा लेती हूँ. मैने अपना लंड प्रिया की चूत से निकाल कर डोली भाभी की गांड में घुसाना शुरू कर दिया. मेरा लंड प्रिया की चूत के पानी से पहले से ही भीगा हुआ था. धीरे धीरे मेरा लंड डोली भाभी की गांड में 5″इंच तक घुस गया. मैने धक्के लगाने शुरू कर दिये.
थोड़ी देर बाद जब मैने देखा की डोली भाभी मस्ती में आ गयी हैं तो मैने ज़ोर का धक्का लगा दिया. इस धक्के के साथ ही मेरा लंड भाभी की गांड को चीरता हुआ 7″इंच तक अंदर घुस गया. डोली भाभी के मुहँ से ज़ोर की चीख निकली तो प्रिया ने कहा, दीदी, तुम क्यों चीख रही हो. तुम तो चुदवाने की आदि हो. डोली भाभी ने कहा,मैने आज तक इससे गांड नहीं मरवाया था. तुम तो जानती ही हो की इसका लंड बहुत लंबा और मोटा है इसीलिये मुझे भी दर्द हो रहा है और मैं चीख रही हूँ. बस अभी थोड़ी ही देर में मेरा दर्द कम हो जायेगा फिर मुझे भी तेरी तरह खूब मज़ा आने लगेगा. धीरे धीरे डोली भाभी फिर से मस्ती में आ गयी. मैने पूरी ताक़त के साथ फिर से ज़ोर का धक्का मारा. वो फिर से चीखी और मेरा लंड 8″इंच तक घुस गया. मैने फिर एक धक्का मारा तो वो बुरी तरह से चीखने लगी और मेरा पूरा का पूरा लंड डोली भाभी की गांड में समा गया. मैने तेज़ी के साथ धक्के लगाने शुरू कर दिये. थोड़ी ही देर में डोली भाभी शांत हो गयी और उन्हें मज़ा आने लगा.
तभी प्रिया बोली, दीदी, अब मैं तैयार हूँ. इनसे कह दो की अब मुझे चोद दे. डोली भाभी ने कहा, बार बार मुझसे क्यों कहती है. तू खुद ही इससे कह दे. अब मैं इससे कुछ नहीं कहूँगी. प्रिया ने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली, अब तुम मुझे चोद दो. मैं खुश हो गया. मैने अपना लंड डोली भाभी की गांड से निकाल कर प्रिया की चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी. उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया. 15 मिनिट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया. प्रिया भी मेरे साथ ही साथ झड़ गयी. जैसे ही मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो उसने मेरा लंड चाटना शुरू कर दिया. मैं बहुत खुश हो गया. डोली भाभी ने प्रिया से कहा, अब घिन नहीं आ रही है. वो बोली, बिल्कुल नहीं, अब तो मुझे भी खूब मज़ा आने लगा है. हम सब नंगे ही सो गये. रात के 7 बजे प्रिया मेरा लंड सहलाने लगी. मैं जाग गया तो वो बोली, एक बार फिर से चोद दो. मैने कहा. क्यों श्रीमती जी, अब चुदवाने में मज़ा आने लगा है. वो बोली, हाँ, अब तो मैं चाहती हूँ की तुम मुझे सारा दिन चोदते रहो. उसने कुछ कहे बिना ही मेरा लंड मुहँ में ले लिया और चूसने लगी. तभी डोली भाभी भी उठ गयी. डोली भाभी ने मुस्कुराते हुये कहा, प्रिया, तू इसका लंड क्यों चूस रही है. वो बोली,मुझे चुदवाना है. डोली भाभी ने प्रिया से मज़ाक किया, पहले तो बहुत चिल्ला रही थी अब क्या हुआ. वो बोली, पहले मुझे मालूम नहीं था की इसमें इतना मज़ा आता है. थोड़ी ही देर में मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने प्रिया की चुदाई शुरू कर दी. उसने पूरी मस्ती के साथ चुदवाया. मैने भी उसे पूरे जोश के साथ लगभग 45 मिनिट तक चोदा. वो इस बार की चुदाई के दौरान 4 बार झड़ चुकी थी. उसके बाद डोली भाभी और प्रिया खाना बनाने चले गये. मैं टीवी देखने लगा. लगभग 1-2 घंटे गुजर गये तो प्रिया किचन से बाहर आई. उसने मुझसे कुछ कहे बिना ही मेरा लंड मुहँ में ले लिया और चूसने लगी.
मैने पूछा, अब क्या हुआ. वो बोली, चुदवाना है. मैने कहा, पहले मुझे खाना खा कर थोड़ा आराम कर लेने दो. बहुत थक गया हूँ. वो बोली, बाद में खा लेना, पहले तुम मुझे एक बार और चोद दो. मुझसे सहन नहीं हो रहा है. तभी डोली भाभी आ गयी. उन्होने प्रिया से कहा, सुबह से ही ये हम दोनो को कई बार चोद चुका है. इसे खाना खा कर थोड़ा आराम कर लेने दे, फिर सारी रात खूब जम कर चुदवाना. वो बोली,लेकिन, मुझसे रहा नहीं जा रहा है. मेरा मन अज़ीब सा हो रहा है. डोली भाभी ने मज़ाक करते हुये कहा, अगर तू इतना ही तड़प रही है तो चल मेरे साथ किचन में. मैं तेरी चूत में बेलन घुसेड देती हूँ. वो बोली, फिर घुसेड दो ना. मैं आप को कुछ भी नहीं कहूँगी. शादी के पहले मैं अच्छी भली थी. शादी के बाद इन्होने मेरी चुदाई करके मेरी चूत और गांड में आग सी भर दी है. अब आप ही बताओ की मैं क्या करूँ. डोली भाभी ने कहा, तोड़ा सब्र करना सीख. आख़िर ये भी तो आदमी है. थक गया है बेचारा. वो बोली, एक बार ये मुझे और चोद दे. फिर मैं कभी भी इनसे चुदवाने की ज़िद नहीं करूँगी. जब भी मुझे जोश आयेगा मैं इनका लंड मुहँ में लेकर चूसुगी. उसके बाद ये मुझे चोदना चाहेंगे तो चोदेगे. मैने कहा, ठीक है. आ जाओ मेरे पास. मैं सोफे पर बैठा था.
प्रिया के चूसने से मेरा लंड खड़ा हो ही चुका था. मैने उससे कहा, अब तुम खड़ी ही मेरे लंड को अपनी चूत में घुसेड लो और धक्के लगाओ. वो तुरंत ही मेरी जांघों पर बैठ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर घुसेड लिया. उसके बाद उसने धक्के लगाने शुरू कर दिये. 5 मिनिट में ही वो हाफने लगी और बोली, मुझे इस तरह मज़ा नहीं आ रहा है. जब तुम खूब ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुये मुझे चोदते हो तब ही मुझे मज़ा आता है. चोद दो ना मुझे. मैने कहा, अच्छा बाबा, अब तुम मेरे सामने घोड़ी बन जाओ. वो तुरंत ही मेरे सामने घोड़ी बन गयी. उसकी चूत मेरी तरफ थी. मैं थोड़ा गुस्से में था. मैने अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और उसकी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया. उसके बाद मैने बड़ी बेरहमी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी. डोली भाभी कभी मुझे और कभी प्रिया को देख रही थी.
उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था की मैं प्रिया को इतनी बुरी तरह से भी चोद सकता हूँ. प्रिया भी बहुत सेक्सी निकली. मैं उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था लेकिन उसे तो इस चुदाई में और ज़्यादा मज़ा आ रहा था. वो अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये पूरी मस्ती के साथ चुदवा रही थी. मैने उसे लगभग 55 मिनिट तक खूब जम कर चोदा. इस बार की चुदाई के दौरान प्रिया 5 बार झड़ गयी थी. डोली भाभी और मैं उसे देख कर दंग रह गये. प्रिया ने मेरे लंड को चाट कर साफ किया और फिर बाथरूम चली गयी. डोली भाभी ने मुझसे कहा, तुमने उसे इतनी बुरी तरह से चोदा फिर भी उसे मज़ा आ रहा था. वो तो मुझसे भी ज़्यादा सेक्सी है.
मैने कहा, अभी वो नई है इसलिये और उसे ज़्यादा जोश आ रहा है. अभी तो उसने ज़्यादा बार चुदवाया ही कहा है. केवल कुछ दिन आप मुझसे मत चुदवाओं. मुझे केवल प्रिया की चुदाई करने दो. मैं उसे इतनी ज़्यादा बार और इतनी बुरी तरह से चोदूँगा की उसकी चूत और गांड की आग ठंडी हो जायेगी. वो मुझसे रो रो कर कहेगी की मुझे अब मत चोदो. डोली भाभी ने कहा, ठीक है. तभी प्रिया बाथरूम से वापस आ गयी और बोली, देवर डोली भाभी क्या बातें कर रहे हो. डोली भाभी ने प्रिया से कहा,मैं इसको समझा रही थी की ये कुछ दिनो तक मेरी चुदाई ना केरे. केवल खूब जम कर तुम्हारी चुदाई ही करे. प्रिया बोली, आप ने तो मेरे मुहँ की बात छीन ली. मैं भी यही चाहती थी.
डोली भाभी ने कहा, मैं समझ सकती हूँ क्योंकी अभी तुम नई नई हो और तुम्हारे अंदर जोश का ज्वालामुखी फूट रहा है. ये तुम्हारी चूत की ज्वालामुखी को अपने लंड के पानी से बुझा देगा उसके बाद मैं भी चुदवाना शुरू कर दूँगी. प्रिया बोली, दीदी, तुम एकदम ठीक कह रही हो. अगले 4 दिनो तक डोली भाभी तड़पति रही. उनका चेहरा एकदम उदास हो गया था. मैं केवल प्रिया की ही चुदाई करता रहा. प्रिया को चुदवाने में ही ज़्यादा मज़ा आता था. मैने प्रिया की खूब जम कर चुदाई की. उसने भी पूरी मस्ती के साथ मेरा साथ दिया और खूब जम कर चुदवाया. मैने इन 4 दिनो में उसे लगभग 20 बार बहुत ही बुरी तरह से चोदा था. उसकी चूत का मुहँ एकदम चौड़ा हो चुका था. अब उसका जोश कुछ ठण्डा पड चुका था. अब तो वो कभी कभी चुदवाने से इनकार भी करने लगी थी. प्रिया की विदाई भी होने वाली थी. उसे 1 महीने के लिए मायके जाना था. 5 दिन गुजर जाने के बाद वो मायके चली गयी. मायके जाते वक़्त वो मुझसे लिपट कर बहुत रोई. मैने पूछा, क्या हुआ. उसने कहा, 1 महीने तक मैं बिना चुदवाये कैसे रहूंगी. मैने कहा, तुम्हें इतना सब्र तो करना ही पड़ेगा. सभी औरतों को शादी के बाद मायके तो जाना ही पड़ता है. वो मायके चली गयी.
उसके जाने के बाद डोली भाभी मुझसे लिपट गयी और फूट फूट कर रोने लगी. मैने पूछा, क्या हुआ तो वो बोली, तुम्हारे भैया के स्वर्गवास हो जाने के बाद मेरा जोश एकदम ठण्डा हो गया था. मैं तुम्हारे साथ अकेली ही रहने लगी थी लेकिन मैने कभी भी तुम्हें बुरी नज़र से नहीं देखा. मैं आराम से रहने लगी थी. तुम्हारा लंड देखने के बाद मुझे जोश आ गया और मैने तुमसे चुदवा लिया. प्रिया को गांड मरवाते हुये देख कर मैने तुमसे गांड भी मरवा ली. उसमें भी मुझे बहुत मज़ा आया. तुमने मेरी चुदाई करके और मेरी गांड मार कर मेरे सारे बदन में आग लगा दी है. 5 दिनो से तुमने मुझे चोदा नहीं और ना ही मेरी गांड मारी. मैने ये 5 दिन कैसे गुजारे हैं मैं ही जानती हूँ. प्रिया तो अब 1 महीने के लिये मायके चली गयी है. अब तुम मेरी चूत और गांड की आग को पूरी तरह से बुझा दो. मैने कहा, डोली भाभी, मैने तो इनकार नहीं किया है. वो बोली, तुमने ऑफीस से शादी के लिये 7 दिनो की छुट्टी ली थी. तुम 7 दिनो की छुट्टी और ले लो. फिर मुझे 7 दिनो तक खूब जम कर चोदो.
मुझे उसी तरह से चोदना जैसे की उस दिन तुमने गुस्से में प्रिया को चोदा था. मैने कहा, तुम जैसा कहोगी मैं तुम्हें वैसे ही चोदूँगा. मैं तुम्हें पूरी तरह से संतुष्ट कर दूँगा. डोली भाभी ने सारे कपड़े उतार दिये और एक दम नंगी हो गयी. उन्होने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. 2 मिनिट में ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैने ठीक उसी तरह से डोली भाभी को चोदना शुरू किया जैसे मैने प्रिया को गुस्से में चोदा था. उस तरह की चुदाई से डोली भाभी एकदम मस्त हो गयी. 7 दिनो तक मैं ऑफीस नहीं गया. मैने इन 7 दिनो में सारा दिन और सारी रात डोली भाभी की खूब जम कर चुदाई की. उसके बाद प्रिया के आने तक मैने उन्हें खूब चोदा. डोली भाभी की चूत की आग भी कुछ हद तक बुझ चुकी थी. प्रिया के वापस आ जाने के बाद मैं उन दोनो की चुदाई करने लगा. अब वो दोनो ही मुझसे चुदवा कर पूरी तरह से खुश हैं और मैं भी.
तो दोस्तों आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे जरुर बतायें।

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समाप्त



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