मेरी मासूम गर्लफ्रेंड

हेलो एवेरिवन, मेरा नाम आयुष है, और ये मेरी पहली स्टोरी है. ये मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड वाणी के बारे में है, जो 34-30-36 फिगर की एक सीधी-सॅडी टाइप की लड़की है.

तो लड़के अपने लंड को अपने हाथ में लेले और लड़किया अपनी उंगली अपनी छूट में डाल ले. और रेडी हो जाइए एक नयी सीरीस के लिए, जो की रियल इन्सिडेंट्स पे बेस्ड है, और जिसमे है स्टोरी, लोवे, एक्सपेरिमेंट्स और बहुत सारा सेक्स.

हम दोनो को रिलेशन्षिप में 5 साल हो गये थे. और हम दोनो साथ में लिव-इन में रहते थे. काफ़ी टाइम होने के वजह से सेक्स बोरिंग हो गया था, और दोनो का ज़्यादा इंटेरेस्ट रहा नही था. काई बार तो हॉर्नी होने पे वाणी मेरी पंत नीचे करके, बगल में बैठ के बस मेरी मूठ मार देती थी.

फिर हमने डिसाइड किया, की हम कुछ नया करेंगे. बहुत टाइप के पॉर्न देखे, ऑर्जी, गंगबांग, स्वापिंग, पब्लिक सेक्स, थ्रीसम. लेकिन वाणी किसी भी चीज़ को ट्राइ करने में कंफर्टबल नही थी.

ऐसे ही कुछ टाइम बीट गया. फिर एक सॅटर्डे, हम दोनो अपना-अपना ऑफीस का काम ख़तम करके दारू पीने बैठे. 4-5 पेग लगाने के बाद, वाणी को थोड़ी-थोड़ी चढ़ गयी थी, और वो गरम हो गयी थी. हम अब किस कर रहे थे.

वाणी ने 1 पीस कॉटन त-शर्ट ड्रेस पहनी हुई थी, और उसके अंदर ब्लॅक ब्रा आंड पनटी. मैं वाणी को गोदी में बिता कर उसकी थाइस पे हाथ फेर रहा था, और वो मेरी शर्ट निकाल के बालो में अपनी उंगिया डाल कर किस कर रही थी.

तभी उसका फोन बजा, और फोन पे उसकी मम्मी थी. मैं उसकी मा से बहुत नफ़रत करता था. क्यूकी वो मुझे पसंद नही करती थी. फिर वाणी उठी, और अपना फोन लेके च्चत पे चली गयी बात करने. मुझे इस बात बहुत गुस्सा आया.

मैने थोड़ी देर इंतेज़ार किया, और फिर गुस्से में उपर चला गया. रात के 11:30 बाज रहे थे. अंधेरा था, और वो च्चत के कॉर्नर में बैठ कर अपनी मम्मी से बात कर रही थी.

आयेज की स्टोरी, वाणी की ज़ुबानी.

मुझे लगा के कोई उपर आ रहा है, और मैने देखा तो वो आयुष था. वो गुस्से में लग रहा था. मैं समझ गयी थी, की मों का फोन उठाने की वजह से वो गुस्सा हो गया था. तभी वो अचानक से मेरे पास आया, और मेरी पोनी टेल पकड़ के ज़ोर से खींच दी.

मैं: आ.

मों: क्या हुआ?

मैं: कुछ नही मों, छींटी ने काट लिया.

आयुष ने मुझे किस करना स्टार्ट कर दिया. वो इतनी पॅशनेट्ली किस कर रहा था, की मेरे मूह से आहह आहह की आवाज़े निकल गयी. तभी मों बोली-

मों: क्या हुआ, ये आवाज़ कैसी है?

मैं: कुछ नही मा, मैं आइस-क्रीम खा रही हू.

तभी अचानक से आयुष ने मेरी टांगे फैलाई, और थाइस पे किस करने लगा. मैं गरम तो थी ही, मेरी पनटी भी गीली होने लगी. फिर आयुष ने मेरी ड्रेस उपर की, और मेरी पनटी उतार दी. और फिर उसने अपनी टंग मेरी छूट में अंदर तक घुसा दी, और मेरी छूट चूसने लगा.

मुझसे रहा नही गया, और मैने कस्स के मोन किया-

मैं: म्‍मह…

मों ने फिरसे पूछा: क्या हो रहा है?

मैने बहाना बना के जल्दी से फोन रख दिया, और आँखें बंद करके अपने पैर आयुष के फेस के अराउंड कस्स के रॅप कर लिए. फिर वो बोला-

आयुष: बेबी, अपनी ड्रेस उतारो.

मैं (आँखे बंद ही रखे हुए): लोवे, म्‍मह हम च्चत पे है. म्‍मह कोई देख लेगा.

आयुष(गुस्से में): कमीनी बहनचोड़! बोला ना उतार, तो उतार.

मैं: ओक बेबी, गुस्सा मॅट करो. जैसे तुम बोलो.

फिर मैने पहले ड्रेस के अंदर से ब्रा निकली, और फिर 1 बार में अपनी ड्रेस निकाल दी. अब मैं पूरी नंगी च्चत पे खड़ी अपने आधे नंगे बाय्फ्रेंड से अपनी छूट चुस्वा रही थी.

मैने फिर धीरे से अपनी आँखें खोली, तो मेरी तो मानो दुनिया ही हिल गयी. बगल वाली बिल्डिंग की च्चत पे खड़े 2 लड़के हमे देख रहे थे. मैने आयुष को कस्स के पकड़ लिया, और उसको ये बताया. बुत उसको मानो कोई फराक ही नही पड़ा.

वो उल्टा और जोश में आके मेरे बूब्स पे टूट पड़ा, और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा. अब वो दोनो लड़को ने अपना लंड निकाल के हाथ में ले लिया था. मुझे भी इस सब से अलग एग्ज़ाइट्मेंट का एहसास होने लगा.

आयुष ने फिर अपनी पंत उतरी, और अपना 8 इंच का मोटा लंड धीरे से मेरी छूट में डाल दिया. फिर वो धीरे-धीरे मुझे छोड़ने लगा.

मैं: आहह बेबी, बहुत मज़ा आ रहा है. तोड़ा और तेज़ करो प्लीज़.

आयुष: तुम्हे वो लड़के देख रहे है, तो मज़ा आ रहा है?

मैं: हा लोवे, मैने ऐसा कभी नही सोचा था. बुत ये तो बहुत एग्ज़ाइटिंग है. दूसरे लड़के मेरे नाम की मूठ मारे, तो तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही?

आयुष: प्राब्लम? नही बेबी. मेरा बस चले तो उनको भी यहा बुला लू तुम्हे छोड़ने के लिए.

इतना कहते ही जब हमने उनकी तरफ देखा, तो वो दोनो अपने मोबाइल में हमारी रेकॉर्डिंग करने लग गये थे.
आयुष ने ये देख के मुझे डॉगी स्टाइल में घुटनो पे बिताया, और मेरा फेस उनकी साइड कर दिया.

अब मैं उनकी तरफ घोड़ी बनी हुई थी. मेरे बूब्स लटक रहे थे, और आयुष मेरा पोनी टेल पकड़ कर मेरे पीछे पोज़ करके खड़ा था. ऐसा लग रहा था, जैसे कोई फोटोशूट चल रहा हो.

मैं: बेबी क्या कर रहे हो?

आयुष: बेचारे अगर मूठ मारना ही चाहते है. तो क्यू ना उनको फुल व्यू दे दिया जाए.

इतना कहते ही उसने अपना पूरा खड़ा लंड एक बार में ही मेरी छूट में दे मारा.

मैं: उ माआ.. हरांखोर, मेरी छूट फाड़ दी. इतनी ज़ोर से क्यू किया?

आयुष: चुप कर, और मज़े से चुड्ती रह.

मैं: रंडी बना के छोड़ेगा क्या आज? वो सेयेल रेकॉर्ड कर रहे है, और मूठ मार रहे है. और तू उनको और एग्ज़ाइट कर रहा है.

आयुष: अंदर से रंडी तो तू पहले से है मेरी जान. तेरी ये उपर की इनोसेन्स को हटा कर, तेरे अंदर की रंडी को बाहर लौंगा आज.

फिर आयुष मुझे ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. आधी रात थी, सन्नाटे को चीरती हुई चुदाई की ठप ठप की आवाज़ चारो तरफ गूँज रही थी. मैं सब कुछ भूल के अब बस चुदाई में मगन हो गयी थी. मुझे ध्यान भी नही था, और मैं ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी.

मैं: आअहह म्ह एस बेबी छोड़ो मुझे. आअहह.. और ज़ोर से छोड़ो.

फिर आयुष ने अपनी स्पीड बधाई. अब ठप ठप और आहह उउहह की आवाज़े हर जगह फैल गयी थी. उसकी बॉल्स मेरी नंगी गांद पे ज़ोर-ज़ोर से टकरा रही थी, और मेरे बूब्स पेंडुलम के जैसे आयेज-पीछे हिल रहे थे.

इतने में डोर से आवाज़ आई आहह की. मैने देखा की वो दोनो झाड़ गये थे. ये देख कर मेरी खुशी का ठिकाना नही था, और मैं मॅन ही मॅन उन दोनो के लंड के सपने देखने लगी. लेकिन मैने आयुष को कुछ नही कहा, क्यूकी वो सच में मुझे उनसे छुड़वा देता.

मैने अपने आप को ज़मीन से उन दोनो का मूठ चाट-ते हुए इमॅजिन किया, ज़ोर से उम्म्माअहह की आवाज़ के साथ. और मैं तुरंत झाड़ गयी. इतना पानी मेरा आज तक कभी नही निकला था, जितना आज निकला था. मेरी साँसे बहुत ज़ोर से चल रही थी, लेकिन मैं तुरंत घूमी, और आयुष का खड़ा लंड मूह में लेके ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी.

मैने उसको एक ज़बरदस्त ब्लोवजोब दिया, और सारा मूठ अपने मूह में ले लिया. फिर मैं बिना एक ड्रॉप भी बर्बाद किए हुए सारा पानी पी गयी. हम दोनो फिर थोड़ी देर वही लेते रहे, और फिर अपने कपड़े उठाए और घर के अंदर चले गये.

थे एंड.

मुझे ज़रूर बताना, की आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी. आंड स्टे ट्यूंड फॉर मोरे अड्वेंचर.

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