मेरी कल्पना – सीज़न 2

मेरी उमर 33 साल है और मेरा रंग गोरा है. मेरा सेक्सी फिगर साइज़ 38-30-38 है. मेरे बूब्स द साइज़ है और मेरी हाइट 5″4 है. और मेरा वेट 62क्ग है.

मैं आप सबको अपने और अपनी फॅमिली के बारे में बतंदू. ( हुमारी जॉइंट फॅमिली है और मई अपने 1 सीज़न मई बता चुकी हूँ )

मेरे ससुर जी के 3 भाई एक बहें है. लेकिन अभी तोड़ा टाइम हुआ है के सब अलग अलग हो गये है.

मेरे ससुर जी राजीव और उनकी उमर 60 साल है. मेरी सासू मा उमा और वो 61 साल की है. मेरे जेठ जी राज और उनकी उमर 32 साल है. मेरी जेठानी जी संगीता वो 30 साल की है. उनकी एक लड़की भी है. फिर मेरे पति राकेश और वो 29 साल है. मेरा देवेर रवि जो 26 साल का है.

मैं काफ़ी हॉट आंड सेक्सी टाइप की लड़की हूँ मुझे सेक्स बहुत पसंद है. और मैं रोज रात को अपनी छूट की चुदाई करती हूँ अपने पति से क्यूँ के बिना लंड लिए मेरी छूट में मुझे नींद नहीं आती है. और सेक्स मैं मुझे लंड चूसना बहुत पसंद है.

अब इस कहानी का फर्स्ट पार्ट शिरू करती हूँ जब मेरी शादी को जस्ट 1 मंत हुए थे. और मैने अब तक मेरे पति के साथ 6 से 7 बार सेक्स किया होगा.

क्यूंकी हमारी जॉइंट फॅमिली थी इसलिए हम एक दूसरे को ज़्यादा टाइम नहीं दे पाते थे. और उपर से बड़े ससुर जी के बेटे कुमार की शादी का इन्विटेशन आ गया जो मुझे और मेरे पति को उनकी शादी में जाना पड़ा.

और वहाँ वहाँ बड़ी सासू मा ने मुझे मजबूर कर दिया कुमार के साथ चुदाई करने के लिए. वह सब कैसे हुआ अब मैं आप सबको डीटेल में बताने वाली हूँ. उससे पहले बड़े ससुर जी की फॅमिली के बारे में बता दूं.

बड़े ससुर जी की फॅमिली ( राजेश उनकी उमर 63 साल है. और उनकी वाइफ कमला 59 साल की है. उनका बेटा कुमार 31साल जिस की अभी शादी है. और एक बेटी रिया 33 साल जिस की शादी हो चुकी है और उनकी एक साल की एक छ्होटी सी बेटी है. उनके पति का नाम अरुण है.

तो मैं और मेरे घर से ठीक रत 8:00 बजे निकले स्टेशन पेर क्यूंकी हमारी गाड़ी 9:00 बजे की थी. और सफ़र बहुत लंबा था रात भर गाड़ी चली. सुबह ठीक 6:00 बजे हम पहुँच गये ससुर जी के गाओं स्टेशन पेर वहाँ हमें लेने पहले से ही बुआ का लड़का सन्नी खड़ा था.

वो हुंसे पहले आ चुके थे बड़े ससुर जी के घर शादी में. हम जैसे गाड़ी में से उतरे स्टेशन पेर तो सामने सन्नी खड़ा था. और फिर हुमारे पास आया मेरे और राकेश के पावं च्छुए और बोला.

सन्नी: भैया भाभी आपका स्वागत है बड़े मामा जी की गाओं में.

मई: नोट किया के सन्नी मेरी और गौर से देख रहा था सिर से पावं तक. वैसे मुझे वह बहुत पसंद आया. ( ई लीके इट)

फिर हम बड़े ससुर जी के घर पहुँच गये. वहाँ बड़ी सासू मान ने मेरी आरती उतारी वह मैं उनके घर पेर पहली बार गई थी ना इसलिए. और फिर मैने सब बड़ों के पावं च्छुए लास्ट में मुझे दूल्हे के भी पावं च्छुने पड़े क्यूंकी वह रिश्ते में मेरे जेठ जी थे.

मैं जब जेठ जी के पावं च्छुने के लिए झुकी तो मेरा पल्लू गिर गया. तो वह मेरी बिग बूब्स को घूर्ने लगे और उनके मुँह से लाद टपकने लगी. पेर मैने जैसे तैसे अपने आप को संभाल लिया और पल्लू उपर कर लिया. तभी सामने से रिया ननंद आई.

रिया: ओह वाउ अंजलि भाभी अच्छा किया जो आप भी आए साथ में राकेश भैया के.

मई: कैसे नहीं आती आख़िर मेरे बड़े ससुर जी के बड़े बेटे की शादी है और मुझे पता था की आप यहाँ होंगे रिया.

रिया: हाँ भाभी आप सही कह रही हो आपके बड़े ससुर जी के बेटे की शादी है आप तो आएँगे ना वैसे आप इस सारी में बहुत खूबसूरत लग रही हो.

मई: थॅंक्स रिया वैसे तुम भी बहुत आक्ची लग रही हो इस ड्रेस में. और रिया मुझे तुमसे कुच्छ पूछना था.

रिया: हाँ भाभी पूच्छो ना क्या पूछना है.

मई: वह यह है की तुम्हारे पति कैसे हैं तुम्हारे साथ तुम समझ रही हो ना मैं क्या कहना चाहती हूँ.

रिया: हाँ भाभी तो क्या आपके और भैया के बीच में कुच्छ ठीक नहीं चल रहा है क्या जो आप इस तरह मुझसे पूच्छ रही हो.

मई: हा रिया और रात को देर से आते हैं घर और खाना खाकर सो जाते हैं.

रिया: तो इसका मतलब आपके बीच में अभी तक कुच्छ हुआ नहीं क्या.

मई: हुआ तो है बस 3 से 4 बार पेर मुझे ज़रा सा भी अच्छा नहीं लगता.

रिया: क्यों अभी ऐसा क्या करते हैं भैया.

मई: बस मैं बिस्तर पेर लेती रहती हूँ और तेरे भैया उपर चढ़ते हैं और गपा गुप करके उतार जाते हैं.

रिया: ओह अछा इतनी सी बात टेन्षन मत लो सब ठीक हो जाएगा मैं आपको सीखौँगी कैसे भैया को ठीक करना है.

मई: थॅंक्स रिया.

फिर हम घर के कम काज में लग गई दोनों वैसे कम भी बहुत था शादी वाला घर था ना इसलिए.

नेक्स्ट दे को बारात थी हम सब भारत में गये हुए थे. मैने रेड कलर की सारी पहनी थी और इत्तेफ़ाक़ से दुल्हन ने भी रेड सारी पहनी थी.

तो हम दोनों एक जैसी लग रही थी और इत्तेफ़ाक़ से हम दोनों की बॉडी फिगर एक जैसी थी. और सब लोगों की नज़रें मेरी और दुल्हन की तरफ थी.

सबको ऐसा लग रहा था जैसे हम दोनों बहाने हैं और कपड़े भी सें थे हम दोनों ही दुल्हन लग रही थी. अगर एक साथ खड़ी करें तो दुल्हन को पहचानने में प्राब्लम हो जाए. फिर जेठ जी की शादी हो गई और फिर दुल्हन की बिदाई और नेक्स्ट हम दुल्हन लेकर घर वापस आ गये.

रात को जब मैं जेठ जी के बेडरूम में दुल्हन के लिए खाना लेकर तो बेडरूम के अंदर दुल्हन तो गायब थी. मैने जल्दी से बड़ी सासू मा के पास जाकर उनको यह बात बताई की दुल्हन बेडरूम में नहीं है.

तो फिर मैं और बड़ी सासू मान वापस बेडरूम में गई देखा वहाँ पेर एक चित्ति पड़ी थी उसमें यह लिखा था की मुझे माफ़ करना मैं भाग चुकी हूँ बस इससे आयेज और कुच्छ नहीं लिखा था.

मैने बड़ी सासू मा की तरफ देखा तो उनका बहुत बुरा हाल था. और पता नहीं उनको क्या हुआ के अचानक से वह मेरे पावं पेर गिर पड़ी और बोलने लगी.

बड़ी सासू मा: बहू अब इस मुसीबत में सिर्फ़ तुम ही मेरी मदद कर सकती हो.

मई: जी हाँ सासू मा मुझसे जो हो सकेगा वह मैं करूँगी.

बड़ी सासू मा: तो सुनो बहू सिर्फ़ आज रात के लिए तुम दुल्हन बन जाओ.

मई: यह आप क्या कह रही हो सासू मा यह कैसे हो सकता है.

बड़ी सासू मा: हो सकता है क्यूंकी कुमार ने ना तुम्हें देखा है कभी और ना ही कभी पिंकी को देखा इसलिए तुम मेरी मदद करो प्लीज़ बहू.

मई: अब मैं क्या करती सासू मा मेरे आयेज गिर गिरने रोने लगी मैं मजबूर होकर उनकी बात मान गई और मैं दुल्हन बन गई.

ठीक रात 1:00 बजे जेठ जी बेडरूम में आए मैं और अंदर से दरवाजा लॉक किया और सीधा मेरे पास बेड पेर आकर बैठे मेरा घूँघट उठाया और बोले.

जेठ जी: वा क्या किस्मत है मेरी जो मुझे तुम जैसी बीवी मिली पिंकी तुम बहुत खूबसूरत है.

मई: और फिर मुँह दिखाई में मुझे हर दिया गोल्ड का जो मुझे काफ़ी महँगा लग रहा था इसलिए मैं कुच्छ नहीं बोली.

जेठ जी : पिंकी इस पल के लिए में कब से इंतेज़ार कर रहा था की कब मैं बेडरूम में अओन और तुम्हारे पास. तो क्या पिंकी अब हम शुरू करें.

मई: क्या बोलती बस इतना सा बोले की आप आराम से करना.

जेठ जी: वाउ हम दोनों की सोच एक है मैं भी रोमॅंटिक वाला सेक्स चाहता हूँ और तुम भी वही चाहती हो.

मई: हा और फिर जेठ जी ने मेरी सारी उतार दी जल्दी से और मेरे ब्लाउस के उपर से मेरे बूब्स को दबाने लगे.

मेरे मुँह से हल्की सी आह ह निकालने लगी और फिर आयेज जेठ जी ने मेरे ब्लाउस की बटन खोलने लगे. और मेरा ब्लाउस उतार दिया.

मेरी रेड ब्रा के अप्पर से मेरे निपल को काटने और चूमने चाटने लगे.

मेरे मुँह से आह आहह ह की सिसकियाँ निकल रही थी. और फिर जेठ जी ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरी ब्रा का हुक पीछे से खोल दिया अब मेरे नंगे बूब्स जेठ जी के सामने थे.

और जेठ जी मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे और मेरे निपल को अपने मुँह में लेकर चूसने लगे. मुझे तो बहुत मज़ा आने लगा था क्यूंकी पहली बार कोई मर्द मेरे निपल चूस रहा था.

फिर जेठ जी उठे और अपने कपड़े उतार दिए उनका भी लंड मेरे सामने था. और फिर उन्होने मेरी पेटीकोत भी उतार दी और मेरी पैंटी भी उतार दी. अब हम दोनों एकदम नंगे थे एक दूसरे के सामने.

मेरी तो आँखें बंद हो गई थी शर्म के मारे. मुझसे बोले-

जेठ जी: पिंकी डार्लिंग अब तुम मेरा यह लंड अपने मुँह में लेकर चूसो कुलफी की तरह.

मई: हाँ और फिर मैं जेठ जी का लंड अपने मुँह में लेकर कुलफी की तरह चूसने लगी. वेसए लंड काफ़ी बड़ा था और मोटा भी. मुझे लंड चूसने में बहुत अच्छा लग रहा था. क्यूंकी यह मेरा पहली बार में किसी मर्द का लंड चूस रही थी.

और अपने मुँह से आ आह आ की आवाज़ निकल रहे थे उनको बहुत मज़ा आ रहा था लंड चूसने में.

करीब 5 से 6 मिनूट तक मैने उनका लॅंड चूसा. फिर जेठ जी उठे मुझे बेड पेर सीधी लेता दी और मेरी तंग खोल दी और खुद घुटनों के बाल आ गये.

फिर अपना मोटा लंड मेरी छूट पेर सेट किया और एक ज़ोर का झटका मारा लंड पूरा का पूरा मेरी छूट में घुस गया. मेरे मुँह से आ आह ऑश आहह अफ की सिसकियाँ निकालने शुरू हो गयी.

मुझे मज़ा भी बहुत आ रहा था. क्यूंकी इस तरह में पहली बार चुदाई रही थी. जेठ जी पूरा लंड में छूट मैं अंदर बाहर कर रहे थे.

उनका लंड मस्त था गुलाबी टोपा मुझे बहुत मज़ा दे रहा था. मैं भी कह रही थी और ज़ोर से और ज़ोर से मुझे छोड़ो मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.. ऐसे छोड़ते रहो ऐसे ही छोड़ते रहो…

जेठ जी: हाँ डार्लिंग मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारी छूट छोड़ने में. अब तुम घोड़ी बन जाओ मैं तुम्हें पीछे से छोड़ दूँगा.

मई: ठीक है पेर अब ज़रा धीरे से डालना.

फिर मैं घोड़ी बन गई और जेठ जी ने मेरे पीछे से मेरी छूट छोड़ने लगे. मेरी छूट से इन गपा गुप की आवाज़ आने लगी थी और मुँह से आह.. ह ऑश आह ऑश उफ़फ्फ़ श आह आह आह आह ऑश उफ़फ्फ़.. आह बहुत मज़ा आ रहा है मुझे बहुत छोड़ो आज.

जेठ जी: हाँ डार्लिंग मुझे भी मज़ा आ रहा है तुम्हारी छूट बहुत गीली है. मैं तुम्हें आज पूरी रात भर छोड़ दूँगा.

मई: हाँ डार्लिंग मैं तुम्हारी हूँ तुम आज रात क्या सारी उमेर मुझे ऐसे ही छोड़ते रहना.

जेठ जी: हाँ डार्लिंग सारी उमर मैं तुम्हें ऐसे ही छोड़ दूँगा. चलो अब उठो हम स्टाइल चेंज करते हैं.

डार्लिंग जेठ जी सीधे बेड पेर लेते और मैं उनके उपर उनका लंड अपनी छूट में लेकर उपर बैठी और उपर नीचे ज़ोर ज़ोर से उकचलने लगी

जेठ जी: हाँ डार्लिंग और तेज और तेज उछलो मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. ज़ोर ज़ोर से बोलो ज़ोर से डार्लिंग ज़ोर से… मुझे इतना मज़ा आ रहा है की मैं बता नहीं पा रहा हूँ तुमको.

मई: और फिर मैने महसूस किया की जेठ जी मेरी छूट के अंदर अपने लंड के पिचकारी छ्चोड़ दी है और मेरी छूट में भी अपना पानी छ्चोड़ दिया और दल होकर जेठ जी के उपर गिर गई.

करीब 5 मिनूट तक हम ऐसे एक दूसरे से लिपट कर लेते रहे. और फिर जेठ जी उठे और बातरूम मैं चले गये और मैने अपने कपड़े पहन लिए.

थोड़ी देर बाद जेठ जी बातरूम से बाहर आए और मुझसे बोले.

जेठ जी: पिंकी डार्लिंग तुमने कपड़े क्यों पहने. ग़लती से वापस उतरो कपड़े अपनी मैं अभी और तुम्हें छोड़ना चाहता हूँ.

मई: कुच्छ नहीं बोली और चुपचाप अपने कपड़े उतार दी और नंगी हो गई. वो मेरे पीछे आकर खड़े हुए और मुझे आयेज की तरफ झुका दिया और फिर जेठ जी मेरी गंद को खोल कर अपनी झीब से मेरी गंद के च्छेद को चाटने लगे.

तो मई बोली मुझे लगता है आपको मेरी गंद बहुत पसंद आ गई है.

जेठ जी: हाँ मेरी जान पिंकी डार्लिंग मुझे तुम्हारी गंद बहुत पसंद आई है अब मैं इसे अपनी झीब से आक्ची तरह से चाटूँगा.

मई: हाँ डार्लिंग जी भर कर चतो मेरी गंद को मुझे मज़ा आ रहा है आह आह ऑश उफ़फ्फ़ आह हा ऐसे ही चाहते रहो.

थोड़ी देर बाद जेठ जी ने अपना अंगूठा मेरी छूट में घुसाया और उंगली मेरी गंद में और ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगे. पेर मेरी छूट और गंद फूफा फूफा कर रही थी जेठ जी की अंगुलियों और अंगूठे से काफ़ी देर तक ऐसे ही किया जेठ जी ने मेरी छूट और गंद के साथ.

फिर जेठ जी अपना हाथ हटा लिया और अब मेरी छूट को फिर से चाटने लगे. इसलिए मैं बहुत गरम हो चुकी थी. और खुद पेर कंट्रोल कर ना पाए और मैने जेठ जी से बोल दिया के. अब मुझे और मत तड़पाओ जल्दी से मेरी छूट में अपना मोटा लॅंड डालो.

जेठ जी: एस पिंकी डार्लिंग अब मैं भी और इंतज़ार नहीं कर सकता तुम्हे छोड़े बिना चलो अब तुम बेड पेर लेट जाओ अपनी टाँगे खोल कर.

मई: और फिर मैं बेड पेर लेते गाही अपनी टाँगे खोल कर और जेठ जी घुटनो के बाल आ गये और मेरी छूट में एक ही झटका मारा और पोरा लंड मेरी छूट गुसा दिया और मुझे गपा गपा छोड़ने लगे… आह आह आ ऑश उफ़फ्फ़ आह… ओह मी डार्लिंग मुझे मज़ा आ रहा है तुम्हारे मोटे लंड से छुड़वाने मैं.

जेठ जी : डार्लिंग मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारी छूट की चुदाई करने में. मेरा पूरा लंड तुम्हारी छूट में गुस्ता जेया रहा है.

मई: हा डार्लिंग ह ऑश उफ़फ्फ़ आह ऑश हा ऐसे ही करते रहो मुझे तुम्हारा लंड बहुत मज़ा दे रहा है.

और जेठ जी सेक्स पोज़िशन चेंज करदी (काउ गर्ल सेक्स) इस पोज़िशन जेठ जी मेरे बूब्स को भी चूसने रहे थे.

जेठ जी: पिंकी डार्लिंग यह तुम्हारे बूब्स बहुत नरम नरम है. मुझे चूसने मैं बहुत मज़ा आ रहा है.

मई: हा मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा अपने बूब्स चुसवाने मैं और यह लंड तुम्हारा मेरी छूट की बचे दानी तक टच कर रहा है.

आहह ह ऑश उफ़फ्फ़ ओह जेठ जी अब मुझे नीचे लंड ग़ुसा हुवे थे और उपेर मेरे बूब्स अपने मूह ग़ुसा हुए थे.

मुझे लगता है मैं पागल हो जवँगी जैसे तुम मुझे छोड़ रहे हो और ज़ोर से छोड़ो बहुत मज़ा आ रहा है. आह आह ऑश उफ़फ्फ़…

जेठ जी: पिंकी तुम्हारी छूट और बूब्स बहुत मस्त है मुझे बहुत बहुत मज़ा दे रही मुझे मालूम नहीं था के तुम मुझे इतना मज़ा दो गी चुदाई में.

मई: तो मुझे भी कहा मालूम था डार्लिंग की तुम भी मुझे इतना मज़ा दोगे चुदाई में. आहह आहह आहह मैं च्छुतने वाली हूँ.. मेरी छूट पानी छ्चोड़ने वाली है.. ह ऑश उफ़फ्फ़ ओह मैं गयी ओह उफफफ्फ़…

जेठ जी: हा डार्लिंग मैं भी च्छुतने वाला हूँ.

मई: मेरी छूट के अंदर ही अपने लंड का पानी छ्चोड़ना डार्लिंग. फिर जेठ जी ने मेरी छूट के अंदर अपने लंड का गरम गरम पानी की पिचकारी छ्चोड़ दी. मेरी छूट पूरी भर गई थी उनके माल से. बाद में मेरी छूट से बाहर तपाक रहा था.

लास्ट में हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लिपट कर सो गये.

इसके आयेज क्या हुआ वा इस कहानी के नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी. तब तक के लिए इंतेज़ार करें और प्लीज़ मेरी कहानी पेर कॉमेंट करें.

यह कहानी भी पड़े  मेरी बर्बादी की कहानी


error: Content is protected !!