मेरा पहला सेक्स कल्लू के साथ

मेरी चूत गीली होने लगी थी। पर वो इससे अन्जान था। थोड़ी देर के बाद उसने अपने दूसरे हाथ से मेरे टॉप को थोड़ा ऊपर उठाया और फिर दोनो हाथो से एक झटके साथ टॉप को उतर कर फैंक दिया। फिर उसने मेरी ब्रा के स्ट्रेप्स नीचे कर दिये और मेरे मम्मे ब्रा से बाहर उछल कर आ गये। उसने दोनो मम्मो को पकड़ लिया और धीरे धीरे दबाने लगा।

कितना मधुर अहसास होने लगा था। अब मैं कोई विरोध नहीं कर रही थी, और करना भी नहीं चाहती थी। मुझे अब होने वाली मस्त चुदाई मस्ती छाने लगी थी। उसने मुझे खड़ा किया और मेरी स्कर्ट का हुक खोल दिया और एक झटके के साथ मेरी स्कर्ट और पेण्टी को उतार दिया। इस तरह उसने मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया। फिर उसने अपनी शर्ट और लुन्ग़ी खोल दी। वो भी पूरी तरह नंगा था।

उसका शरीर बहुत ताकतवर था और उसका लण्ड करीब 9 इन्च लम्बा था और करीब 2 इन्च मोटा था। पहले तो मै उसे देखती ही रह गई। उसका शरीर गठा हुआ था। लण्ड उफ़नता हुआ, बहुत ही तन्ना रहा था। फिर मैं उसे देख कर बहुत डर गई।

उसने मुझे पकड़ कर बेड पर लेटा दिया और मेरे उपर सवार हो गया। पहले उसने मेरे सारे शरीर को चूमा फिर उसने मेरे मम्मो को दबाया फिर उन्हे अपने मूह मैं लेकर बारी बारी चूसने लगा।
एक मस्ती का एहसास मेरे दिलो दिमाग पर हावी होने लगा। उसके शरीर का लुभावना दबाव मुझ पर परने लगा। मेरी चूत मैं एक मस्ती भरी खुजली होने लगी। खुजली बढती ही गई। मेरे निप्पल तन कर खड़े हो गये थे। उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर टिका दिया और एक झटका लगा दिया। लण्ड थोड़ा सा अन्दर चला गया।

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मैं चीख पड़ी- आआयईईए आआहहह ऊऊओह्हह हैईई माआआअर्रर्र गाआआययईई नाआअहह्हीइन

फिर उसने एक जोरदार झटका मार दिया और लण्ड करीब आधा अन्दर चला गया। मेरी सील भी टूट गई। मेरी चूत से खून बहने लगा। मैं चीखना चाहती थी पर उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मैं लेकर दबा रखा था, वो बोला- मेम साहब तुम बहुत मस्त हो। आज तुम्हारी सील तोड़ने मैं मज़ा आ गया।

उसने एक और जोरदार झटका लगाया और उसका लण्ड पूरी तरह मेरी चूत मैं घुस चुका था। मैं चीखना चाहती थी पर चीख नहीं सकती थी। मैरी आंखो से आंसु टपक रहे थे।

वो बोला- थोड़ी देर रुक जाता हूँ। फिर उसने मेरे मम्मो को चूसना शुरु कर दिया। इससे मुझे बहुत आराम मिला और मेरा दर्द भी कम हो गया। फिर उसने धीरे धीरे लण्ड को अन्दर बाहर करना शुरु कर दिया। फिर दर्द की एक धीमी लहर उठी, पर अब साथ मैं मज़ा भी आ रहा था। कुछ देर बाद दर्द पूरी तरह से खतम हो गया। अब तो बस मज़ा ही मज़ा था। उसने पूरी मस्ति के साथ

मेरी चुदाई की। उसका मोटा मस्त लण्ड मेरी चूत की खुजली मिटाने में लगा था। मैंने भी अपनी गाण्ड को उठा कर उसका साथ दिया। खूब उछल उछल कर उससे चुदवाया। थोड़ी देर के बाद मैं झड़ गई।

पर वो अभी तक पूरी जोर से चुदाई कर रहा था।

उसने मेरी टांगे ऊपर उठा दी। फिर उनको लेफ़्ट घुमा दिया और मेरी गाण्ड से पकड़ कर मुझे घोड़ी बना दिया। इस पोजीशन मैं मुझे बहुत मज़ा आया और मैं एक बार फिर से चरमसीमा तक पहुंच गई। पूरे एक घण्टे की चुदाई के बाद वो ठण्डा हुअ। 15 मिनट के बाद उसने फिर से मुझे पकड़ लिया और मेरी चूत को चाटने लगा। उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अन्दर घुसा दी। मैं फिर से

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