मौसी की ज़बरदस्त चुदाई की कहानी

ही रीडर्स, मौसी की चुदाई कहानी का अगला पार्ट शुरू करने जेया रहा हू.

कमरे के अंदर बहुत ही घमासान तरीके से चुदाई की आवाज़ गूँज रही थी. पसीना, और छूट और लंड से निकले हुए पानी की खुश्बू नशा चढ़ा रही थी.

जांघों के एक-दूसरे से टकराव होने के कारण बहुत ज़ोर-ज़ोर से ठप-ठप की आवाज़ आ रही थी. मौसी के मूह में मेरा मूह होने के कारण एम्म एम्म्म की आवाज़ माहौल को और रंगीन बना रही थी. मेरे दोनो हाथ मौसी के दोनो हाथो को जकड़े हुए थे.

मौसी की दोनो टाँगें मेरी कमर को लिपट कर रखी थी, और मैं पूरी ताक़त से मौसी की छूट में अपना लोड्‍ा धकेल रहा था. मौसी भी कहाँ कम थी. वो भी नीचे से कमर उठा-उठा कर मेरे लोड को अपनी छूट में ले रही थी.

मेरा नाम दिलीप है. अगर मुझसे किसी को बात करनी हो, तो वो ग-चार्ट पर कर सकता है. मुझे इंटेरेस्ट है 40+ औरतों में. चाहे उनका शरीर, रंग-रूप कैसा भी हो. चाहे उनकी चुचि और छूट कितनी भी ढीली हो. मुझे तो चाट-चाट कर उसका पानी पीना है. मुझे तो बस उन्हे खुश करना है, और मुझे नयी छूट का मज़ा लेना है. तो हम चलते है कहानी की तरफ.

मौसी अपनी कमर को उठा-उठा कर मेरे लोड को अपनी छूट में समा रही थी, और मैं अपने लोड से मौसी की छूट पेल कर बहुत खुश था. उन्होने अपना मूह मेरे मूह से अलग किया, और मुझसे कहा-

मौसी: आआ उफ़फ्फ़ उईए मा मॅर गयी मैं. रे बाबू, तू क्या मस्त छोड़ता है. नेहा की भी ऐसे ही लेता होगा? बहुत नसीब वाली है तेरी बीवी. और मेरा बस चले तो मैं हर रोज़ तेरा ये लोड्‍ा अपनी छूट में लेती राहु आहह ऑश. मज़ा आ गया. कभी सोचा नही था की इस उमर में भी मेरी छूट लोड्‍ा ले सकती है. तूने तो मुझे पागल बना दिया बाबू.

मैं: अया मौसी क्या छूट है तेरी. मेरे लोड को मज़ा दिला दिया तूने. इतना मज़ा तो नेहा की छूट में भी नही आया होगा कभी.

ये कह कर मैने मौसी को अपने उपर आने को कहा. मौसी मेरे सामने खड़ी हो गयी, और अपनी झांतो भारी छूट को मेरे मूह पर ले आई.

फिर मुझसे कहा: बाबू एक बार और चाट लो ना.

मैने कहा: मौसी एक काम करो. तू मेरा लंड चूस, मैं तेरी छूट चाट्ता हू.

और मैने उसे 69 पोज़िशन बता दी. मौसी 69 पोज़िशन में आ कर मेरे लोड को कुलफी समझ कर, मूह में लेकर चूसने लगी. और मैं उसकी छूट को झांतो के बीच में से चाटने लगा. उसकी छूट में से आता हुआ पानी और छूट की खुश्बू मुझे पागल बना रही थी. अचानक से मौसी ने अपने मूह से मेरा लंड निकाला, और दोनो हाथ को बिस्तर पर रख कर अपनी छूट को मेरे मूह में दबा कर उछालने लगी.

मैं समझ गया मौसी का पानी आने वाला था. मैं भी उनकी कमर को पकड़ कर, उनकी छूट की दरार में अपनी ज़ुबान डाल कर ज़ोर से चाटने-चूसने लगा. जितना हो सके, मैं उनकी छूट के अंदर अपनी ज़ुबान डालने लगा. मौसी पूरी ताक़त से अपनी छूट को मेरे मूह में मार रही थी, और कभी-कभार मेरे लोड पर ज़ुबान घुमा रही थी.

मौसी: मदारचोड़ आ, उफ़फ्फ़ अया. मेरा पानी आ रहा है, चाट भद्वे.

ये बोल कर उसने पूरा पानी मेरे मूह पर छ्चोढ़ दिया, और दो चार झटके मारने के बाद अपनी छूट को मेरे पुर मूह पर रगड़ने लग गयी. मेरा पूरा चेहरा मौसी की छूट के पानी से भर गया था, और मेरे मूह में मौसी के एक-दो झांट के बाल भी आ गये थे. मैने उसे थूक दिया और बाजू में पड़ी मौसी की पनटी से अपना मूह सॉफ किया.

मौसी तो आप ढीली हो चुकी थी, लेकिन मेरा लोड्‍ा अभी तक तन्ना हुआ था. उनकी छूट मेरी छ्चाटी पर थी, और उनका सर मेरी दोनो टाँगों के बीच. एक हाथ से मौसी मेरा लॉडा मसल रही थी.

मैने मौसी को उसी पोज़िशन में रख कर, उनकी दोनो टाँगों के बीच से आ कर उनकी कमर को तोड़ा सा उठा लिया, और अपने लोड को पकड़ कर पीछे से उनकी छूट पर रगड़ते हुए अंदर धकेल दिया. मौसी के मूह से चीख निकल गयी, और मुझे गालियाँ देते हुए कहने लगी-

मौसी: उउउ मा एम्म, बहनचोड़ बता तो दिया होता, इसके लिए तैयार तो हो जाती. इस तरीके से कभी किसी ने मेरी छूट नही मारी. मेरी छूट ढीली होने के बावजूद भी ये तेरी हरकत की वजह से दर्द दे रही है. मैं कहीं भाग कर जाने वाली थी क्या? अर्रे कम से कम मेरी उमर का तो ख़याल किया होता.

मैं अपने लोड को मौसी की छूट में अंदर-बाहर करते हुए बोला-

मैं: वाह रे मेरी रांड़, मज़े तो तूने पुर ले लिए. अब जब मेरे मज़े लेने के टाइम आया तो मैं बहनचोड़! अब ले मेरा लोड्‍ा तेरे भोंसडे में.

और ये कह कर मैने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. मौसी के काली गांद पर लगती हुई मेरी जांघों की वजह से जो आवाज़ आ रही थी, वो मुझे और पागल बना रही थी. उनके दोनो लटके हुए चुचे ज़ोर-ज़ोर से आयेज-पीछे हो रहे थे.

मौसी सिसकते-सिसकते आयेज-पीछे हो रही थी, और मुझे पीछे मूड-मूड के देख रही थी. क्या रूप था उसका. उस वक़्त मौसी के लटकते हुए चुचे, खुले बाल, माथे पर बड़ी सी लाल बिंदी, जो खिसक गयी थी, पूरा चेहरा और बदन पसीने से भीगा हुआ था. मौसी समझ गयी थी की मेरा पानी निकालने वाला था. तब मौसी खुद से ही मेरे लॉड को अपनी छूट में अंदर तक लेने के लिए तेज़ी से आयेज-पीछे होने लगी.

मेरा पानी छ्छूटने वाला था. मैने दोनो हाथो से मौसी के कंधे पकड़ लिए, और पूरा लॉडा मौसी की छूट में दनादन मारे जेया रहा था. एक हाथ से उनके चुचे मसालते हुए, मैने बड़ी ताक़त लगा कर एक ही बार में मेरा पूरा लंड उनके छूट में दे मारा.

मैं: मौसी मेरा पानी निकल गया. क्या छूट है तेरी, पुर लोड को जला दिया मेरे. आहह मज़ा आ गया.

और मैने मेरा पूरा पानी उनकी छूट में छ्चोढ़ दिया. मैं 5 मिनिट तक उसी तरह मौसी के उपर लेता रहा. मेरे लोड और उनके छूट के निकले हुए पानी से पूरा बेडशीट भीग गया था.

तो कैसी लगी सेक्स स्टोरी ज़रूर बताए मेरी ग-छत पर भी आप मुझसे बात कर सकते है. बोरीवली और दहानु के बीच में किसी भी 40+ महिलाओं के लिए मैं उपलब्ध हू.

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