मौसी की लड़की जमकर चुदाई

मैं उसके चेहरे को लंड से पीट रहा था। वो ललचा रही थी और जल्दी से मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूसना चाहती थी, पर मैं अभी खेलने के मूड में था। मैंने अपने लंड को पकड़ लिया और सोनिया के चेहरे पर पीटने लगा और थपकी देने लगा। कुछ देर बाद मैंने उसके मुंह में लौड़ा डाल दिया और वो चूसने लगी। एक सेक्स अडिक्ट होने के कारण मुझे लंड चुस्वाना बहुत ही जादा पसंद था। सोनिया को मैंने ही पहली बार bf दिखाकर लंड चुस्वाना सिखाया था। वो इस वक़्त मजे से मेरा लंड चूस रही थी। मेरे अंदर का शैतान जाग गया था। मेरे हाथ में एक प्लास्टिक की हल्की छपकी थी। सट से छपकी सोनिया के दाए चुतड पर सट से मार दी। “आह..”.उसके मुंह से निकल गया। वो चिल्लाई। वो फिर से मेरा ९ इंची लंड चूसने लगी। मैं कुछ कुछ देर में उसके मस्त मस्त चुतड में प्लास्टिक की छपकी से उसकी कमर, कुहले और चुतड पर मार देता था। उसे दर्द हो रहा था, फिर भी वो मुझे मजा देना चाहती थी, इसलिए मार खा रही थी।

वो २५ मिनट तक किसी सेक्स कैदी की तरह अपने हाथ पीछे करके मेरा लंड चूस्ती रही। फिर मैंने उसे एक कुर्सी से बाँध दिया। मैं उसके हाथ खोले, कुर्सी पर उसे नंगी ही बिठा दिया और उसके हाथ एक बार फिर से पीछे बाँध दिए और हथकड़ी लगा दी। सोनिया ठीक मेरे सामने थी। उसके दोनों पैरों को मैंने कुर्सी पर लगी मोती चपड़ के पट्टे से बांध दिया। अब सोनिया चाहकर भी यहाँ से भाग नही सकती थी। मैंने कुछ देर तक उसके होठ चूसे और मजा लिया फिर उसके चेहरे को दोनों हाथ से पकड़ लिया और अपना मोटा लंड फिर से उसके मुंह में डाल दिया और जल्दी जल्दी उसका मुंह चोदने लगा। कुछ देर बाद तो मैंने अपना मोटा लंड उसे गले तक अंदर डाल दिया और निकाला ही नही।

सोनिया को ठसका लग गया, वो साँस नही ले पा रही थी। वो “हूँ.हूँ..” करके लगी क्यूंकि उसको ठसका लग गया था। जब मुझे लगा की कहीं वो मर मरा ना जाए तो मैंने अपना लंड उसके मुंह से बाहर निकाल लिया। तब जाकर वो सास ले पायी। मैंने उसके बड़े बड़े शानदार दूध के निपल्स पर चिमटी लगा दी। चिमटी में बहुत मजबूर स्टील की स्प्रिंग लगी हुई थी, उसके दवाब से सोनिया की निपल्स बड़ी जा रही थी और उसका कचूमर निकला जा रहा था। जब सोनिया रोने लगी और “भैया..ये चिमटी मेरी निपल्स से निकालो!! निकालो!!” कहने लगी तब जाकर मैंने वो स्टील की चिमटीयां निकाली। सोनिया के दूध की निपल्स दबकर पचनी हो गयी थी। मुझे उसे दर्द देने में बहुत जादा मजा आ रहा था। इसी तरह मैं अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड्स को मार मारकर चोदा था, नतीजा ये हुआ की वो मुझसे बहुत डर गयी और ऐसा गायब हुई की आजतक नही दिखाई दी। फिर मैंने एक इलेक्ट्रॉनिक वाईब्रेटर ले लिया और उसे बिजली के प्लग में लगा दिया। बटन दबाते ही वाईब्रेटर आन हो गया और मैंने उसे सोनिया की चूत पर लगा दिया। वो वाईब्रेटर काफी हद तक हम मर्दों की मसाज करके वाली मशीन की तरह था। वाईब्रेटर घूं घू की तेज आवाज करता हुआ थरथरा रहा था। जैसे ही मैंने उसे सोनिया की चूत ले लगाया उसे सनसनी होने लगी। उसकी चूत में भूकंप आने लगा और सोनिया का बदन कांपने लगा। वो अपने हाथ पैर पटकने लगी और “अई.अई..अई..अई, इसस्स्स्स्स्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह.” करके वो चिल्लाने लगी। मैंने एक सेकेंड को भी वाईब्रेटर सोनिया की चूत से नही हटाया और उसे बराबर लागाए रखा।

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सोनिया चूत में मचे बवंडर से सनसनाने लगी, अपनी गांड और चुतड कुर्सी से उठाने लगी पर उसके दोनों हाथ पीछे की तरह लोहे की मजबूत हथकड़ी से बंधे हुए थे। उसके दोनों पैर भी लोहे की उस कुर्सी से अच्छे से बंधे हुए थे। सोनिया जहाँ से भाग नही सकती थी। वो केवल “उ उ उ उ ऊऊऊ ..ऊँ..ऊँ.ऊँ अहह्ह्ह्हहसी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो..” करके चिल्ला सकती थी। मैं उसकी चूत में वाईब्रेटर तब तक लगाए रहा जबतक उसकी चूत से माल नही निकलने लगा। “उंह उंह उंह हूँ.. हूँ. हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह..अई.अई..अई..भाई.!! आज तो तुमने मुझे जन्नत दिखा दी!!” सोनिया ने काबुल किया। उस १० हजार के रूपए के वाईब्रेटर ने अपना कमाल दिखाया। सोनिया को बहुत नशीली उतेज्जना होने लगी।

बार बार उसकी गांड, जांधे और घुटने खुलते और बंद हो जाते, वो बार कुर्सी से उपर उठ जाती और बार बार हा हा ..आ आ करके चिल्ला रही थी, पर वो किसी भी सुरत में भाग नही सकती थी। कुछ देर बाद वाईब्रेटर की थरथराहट और घू घू से सोनिया की चूत से पानी पिचकारी की तरह निकलने लगा और निकलता ही रहा। मुझे ये देखकर बहुत सुख मिला। कोई आधा लिटर पानी सोनिया के भोसड़े से निकला और नीचे फर्श पर जा गिरा। मैंने वाईब्रेटर को हटा दिया और सोनिया की चूत में अपना मुंह लगा दिया और उसकी बुर पीने लगा ।

“अई.अई..अई..अई, इसस्स्स्स्स्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह..आदर्श भैया आज तो आपने मुझे जन्नत दिखा दी!!” सोनिया बोली

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“…चोदोदोदो…मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो आदर्श भैया!!” सोनिया बोली

मैं हँसने लगा। मैंने उसके बंधन खोल दिए और उसे एक मेज पर खड़ा करके बाँध दिया। सोनिया मेज पर अपने मम्मे रखकर लेट गयी। हरबार की तरह उसके दोनों हाथ मैंने पीछे करके हथकड़ी से बाँध दिए और मेज के दोनों पांवो पर उसके पैर बाँध दिए। अब सोनिया का पिछवाडा और उसकी गांड और चूत ठीक मेरे सामने थी। वो अपने दोनों ३४” के मस्त मस्त दूध को लेकर मेज पर लेती हुई थी जबकि उसके दोनों पैर जमींन पर थे और लोहे की भारी मेज से चमड़े की मोटे मोटे पट्टे से बंधे थे।

मैंने हाथ में २ मोटे काले रंग के काफी मोटे डिलडो हाथ में ले लिए और और एक उसकी गांड में डाल दिया। वो रो पड़ी, पर उसे मजा बहुत आया। दूसरा डिलडो मैंने उसकी चूत में डाल दिया और हाथ से डिलडो अंदर बाहर करने लगा। बाप रे!! इस तरह से सोनिया की चुदाई आजतक किसी ने नही की थी। मैं जल्दी जल्दी उस काले मोटे डिलडो को उनकी चूत में अंदर डालने लगा और फेटने लगा। वो तडप गयी। दूसरा डिलडो उसकी गांड में पहले से मौजूद था। कुछ देर बाद मैंने चूत से डिलडो निकाल लिया और अपना ९ इंची लंड सोनिया के भोसड़े में डाल दिया और उसको ४० मिनट तक अपने असली लंड से चोदा। सोनिया की माँ चुद गयी।

“आदर्श भईया!! .छोड़ दो मैं मर जाउंगी!” सोनिया रो रोकर कहने लगी पर मैंने उसको ४० मिनट तक अपने लंड से चोदा और माल उसकी बुर में ही गिरा दिया। एक बार फिर से मैंने उस काले आर्टिफिशियल लौड़े को सोनिया के भोसड़े में डाल दिया और करीब एक घंटे तक उसको डिलडो से चोदता रहा। फिर मैंने सोनिया की गांड मारी।

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