मौसी के लिए जवान लड़के की हवस की कहानी

ही रीडर्स, मैं मूडछंगेरबोय आपके लिए एक औरत की सॅकी कहानी लेकर आया हू. ये कहानी भी भरपूर सेक्स और रोमॅन्स से भारी पड़ी है. आपको मेरी बाकी की कहानियों के जैसे इसमे भी एग्ज़ाइट्मेंट होने वाली है. अब आपको ज़्यादा बोर ना करते हुए सीधा कहानी पर ले चलता हू.

मेरा नाम संगीता है. मेरी अभी आगे 57 एअर है. लेकिन आज भी मेरा फिगर ऐसा है की किसी भी जवान लड़के में वासना जगा दे. मेरे बारे में कुछ बता डू. हम 7 भाई-बेहन है. मैं सबसे छ्होटी बेहन हू, और मेरे से छ्होटा एक भाई है.

हम सब बहनो के 2 बेटे और 1 बेटी है. और मेरे 3 भाई को मिला कर 2 बेटे और 4 बेटियाँ है. जैसे की मैने आपको बताया की मैं सबसे छ्होटी बेहन हू, तो मेरे भंजो में और मेरे में इतना आगे डिफरेन्स नही है. हम सभी भाई बेहन के बाकचो की शादी हो गयी है.

ये कहानी तब की है जब मैं 35 एअर की थी. जब मैं 35 एअर की थी, तब मेरे 3 बाकछे हो गये थे. मेरा सबसे छ्होटा बेटा तब 3 साल का था. मेरी दूसरी बड़ी बेहन के बेटे की शादी थी. शादी के लिए बहुत सी तैयारी बाकी थी. तो मुझे शादी के पहले उसके घर बुलाया था.

मेरी बेहन का गाओं मेरे गाओं से तोड़ा डोर था. मेरा छ्होटा बेटा और मैं बस से उनके गाओं पहुँच गये. मेरी दूसरी बड़ी बेहन के दो बेटे और एक बेटी है. बड़ा बेटा कमाल हमेशा से फॅमिली में अंडररेटेड रहा है. वो पढ़ाई में कमज़ोर था, और उसकी कुंडली में दोष था, तो उसकी शादी नही हो रही है. वो आज भी कुवरा है.

उस टाइम की बात करे तो तब कमाल 26 एअर का था. वो बहुत ही आलसी लड़का था. घर में कोई काम भी नही करता था. मुझे बस स्टॅंड पिकप करने कमाल आया था. कमाल तोड़ा परेशन लग रहा था. और वो दुखी हो क्यू ना, उसके छ्होटे भाई की शादी थी, और उसको कोई लड़की नही मिल रही थी.

घर जेया कर मैं सब को मिली. फिर हम सब ने शादी का जो काम बाकी था वो लिस्ट बनाई, और सब को अपना-अपना काम बता दिया. मेरी बड़ी बेहन ने कमाल को मेरे साथ रहने को कहा क्यूंकी वो घर में किसी की बात नही मानता था. एक दिन मैं और कमाल मार्केट गये. कुछ समान लेना था.

मैने नोटीस किया की कमाल मुझे कोई अलग ही इंटेनसीओं से घूर रहा है. मेरा फिगर 34-28-36 है, और हिगत 5’4” है. मैं हमेशा सारी ही पहनती हू. गाओं में हम सब हार्ड वर्क करते थे, तो मेरा फिगर बहुत ही फिट था. 35 की आगे थी मेरी, 3 बच्चे थे मेरे, लेकिन मुझे देख कर कोई बोल नही सकता था की मेरी इतनी आगे होगी.

मैं उस टाइम रौंद इयररिंग पहनती थी, तो आप सोच लो 35 एअर की औरत क्या दिखती होगी. मुझे देख कर कितने मेरी चुदाई की सपने देखते थे. मैं और कमाल जब मार्केट में थे, तो कितने आदमी और दुकानदार मुझे घूर रहे थे. कमाल भी मौका मिलते मुझे छ्छूने की कोशिश कर रहा था.

मैने तब तक मेरे पति के अलावा किसी गैर मर्द से संबंध नही बनाए थे. मुझे इन साब चीज़ों से नफ़रत थी. कमाल मुझे बहुत ही हवस भारी नज़रों से देखता रहता था. मैं उसको मेरे बेटे जैसा मानती थी, और मैने ये सब चीज़ों पर ध्यान नही दिया, और अपने कम में लगी रहती. आपको पता होगा गाओं में घर पहले ऐसे होते थे की सब कमरे एक के पीछे एक जाय्न होते थे, और लास्ट में किचन होता था.

मेरी सिस्टर का घर बहुत लंबा था. उसमे ऐसे 4 कमरे थे. मेरे साथ मेरा बेटा और मेरी सिस्टर की बेटी शीतल जो 20 साल की थी वो सोती थी. मैने रात को सारी पहन कर सोना होता था. एक रात मुझे नींद में फील हुआ की कोई मेरे बूब्स को टच कर रहा था. फिर मेरी सारी उपर करके मेरी जांघों को सहला रहा था. मैं इतना तक गयी थी, की मैने फिर उस पर ध्यान नही दिया. ऐसे ही 2-3 दिन निकल गये.

मैने नोटीस किया की कमाल मेरी तरफ लगातार देखे जेया रहा था. उसकी नज़र मेरे बूब्स और गांद पर रहती थी. वो मुझे बड़ी हवस से देख रहा था. मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था. क्यूंकी मैं रिस्ते में उसकी मौसी हू. रात को मैने सोचा आज कुछ भी हो जाए मुझे अलर्ट रहना है. कों था जो मुझे रात को चू रहा था.

आधी रात को मैं गहरी नींद में थी. मुझे फील हुआ की कोई था जो मेरे बूब्स को हल्का दबा रहा है. मेरी नींद खुल गयी, पर आँखें नही खोली. मुझे उसको रंगे हाथ पकड़ना था. मैने फिर उसका हाथ पकड़ लिया, और बिना आँखें खोले उसके हाथो पे मेरे नाख़ून से खरोंच लिया.

दूसरे दिन मैं अपने काम में लग गयी. दोपहर को मुझे कमाल के साथ खेत में जाना था. खेत में गये, तब मैने कमाल के हाथ पर कुछ लग जाने से चील गया हो ऐसा निशान देखा. मुझे याद आया की ये कमाल ही था जो रात को मुझे छ्छूता था.

संगीता: कमाल ये तेरे हाथ में चोट कैसे लगी? ( मैं उसकी और आँख दिखा कर पूच रही थी. कमाल कुछ बोल नही रहा था) कमाल मैं तेरे से पूच रही हू ये चोट कैसे लगी? ( इस बार मैने तोड़ा ज़ोर से और गुस्से से पूचछा)

कमाल ( डरते हुए): अर्रे वो मुझे कुछ लग गया. मुझे याद नही है.

कमाल ने जब मेरी और देखा तो मैने उसको एक ज़ोर से थप्पड़ मारा.

संगीता: अब याद आया की मैं याद दिलौ?

कमाल ( रोने जैसा हो गया और बहुत दर्रा हुआ था): मुझे माफ़ कर दीजिए मौसी. मुझसे ग़लती हो गयी. आज के बाद ऐसा नही होगा.

संगीता: ये लास्ट टाइम तुझे माफ़ कर रही हू. अब से ऐसा मत करना, वरना दीदी को बता दूँगी.

कमाल अब मेरे से तोड़ा डोर ही रहने लगा. मुझसे कुछ बात भी नही करता था, और मेरे सामने दिखता भी नही था. बिना कम के वो मेरे पास भी नही आता था. ऐसे ही कुछ दिन निकल गये, और शादी भी हो गयी. एक दिन दीदी की तबीयत बहुत खराब हो गयी, तो मुझे फिरसे उसके घर जाना पड़ा. इस बार मैं अकेली गयी थी.

एक दिन रात को मैने देखा की कमाल अपने भाई के कमरे में झाँक रहा था. अब रात को सब डिस्टर्ब हो जाते तो मैने उसको कुछ नही कहा और चुप-छाप सो गयी. थोड़ी देर बाद मुझे फील हुआ कोई मुझे छ्छू रहा था. मैं शुवर थी की वो कमाल ही था. मैने उसको पकड़ लिया, और धीरे से उसको कहा तू सुधरेगा नही. शायद कमाल दर्र गया और भाग गया.

सुभह मैने कमाल को ढूँढा, पर वो कही नही मिला. मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था. दोपहर जब वो घर आया तो जीजा जी ने उसको किसी काम की वजह से बहुत कुछ सुनाया. उसकी घर में कोई वॅल्यू नही रही थी, और शायद वो बहुत डिप्रेशन में चला गया था. उसने खाना भी नही खाया और पूरा दिन घर से बाहर रहा.

मुझे भी वो टाइम सही नही लगा की उसको कुछ बोलू. ऐसे ही 2-3 दी बाद पूरा परिवार खेत में गये थे. फसल काट रही थी. मैने देखा कमाल एक पेड़ के नीचे बैठा और वो अपसेट था. सब लोग मजदूर लोगों के पास थे, तो मैने सोचा कमाल को तोड़ा समझोउ की वो जो कर रहा था मेरे साथ, वो ग़लत था.

संगीता: कमाल बेटा, क्या हुआ है? क्यूँ ऐसा कर रहे हो? मैं तेरी मा जैसी हू. ये सब ग़लत है. ( कमाल कुछ बोल नही रहा था, मेरी बात सुन कर उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे) क्या हुआ बेटा? क्यू रो रहा है?

मेरे बहुत बार पूछने पर वो बोला-

कमाल: मुझे माफ़ करो और प्लीज़ मुझे अकेला छ्चोढ़ दो. मुझे नही रहना यहा. मैं कुछ भी करू. मेरी कोई वॅल्यू नही करेगा. सब को बस बहाना चाहिए मुझे कुछ ना कुछ सुनने को.

मैं वाहा से चली गयी, और मैने रीयलाइज़ किया की कमाल को सब बहुत ही ग़लत बिहेवियर से ट्रीट कर रहे थे. घर की नयी बहू भी उसको ताना मार्टी रहती थी. अब दीदी की तबीयत खराब थी तो मुझे और 5-6 दिन रुकने का बोला. एक दिन ऐसा हुआ की घर के सारे लोग बाहर गये थे, तो मुझे कमाल को खेत में खाना देने को जाना था.

मैं आपको बता डू की उनके खेत में एक कमरा बना हुआ था, और तोड़ा बड़ा था मिनी स्टोर रूम जैसा. जिसमे एक खाट रखी हुई थी. और फन भी था उसमे, तो कभी आराम भी कर सकते थे. मैने सब जगह देखा कमाल कही नही दिखा. तो मुझे लगा वो उस कमरे में होगा. मैं जब कमरे के पास गयी, तो मुझे उसकी आवाज़ सुनाई दे रही थी. वो मोन कर रहा था.

मैने धीरे से हल्का डोर खोला, तो कमाल मूठ मार रहा था. कमाल का लंड उसके हाथो में था, फिर भी तोड़ा उपर की और दिख रहा था. उसका लंड मेरे हज़्बेंड से बड़ा था. मैं दर्र गयी और पीछे मूड गयी, और दीवार के पीछे च्छूप गयी. आयेज की स्टोरी नेक्स्ट में बतौँगी.

यह कहानी भी पड़े  दो सहेलियाँ जोरदार चुदाई


error: Content is protected !!