मौका पा कर मा-बेटे ने की चुदाई

मम्मी सेक्स स्टोरी को आयेज बढ़ते है. पिछले पार्ट्स ज़रूर पढ़े.

मम्मी और मेरा गोआ तौर ख़तम होने के बाद मम्मी भाभी और बच्चे में बिज़ी हो गयी. मैं भी अपनी जॉब और दूसरे काम में मॅन लगा दिया था. क्यूंकी जब मैं तोड़ा सा भी फ्री होता, तो मेरे दिमाग़ में मम्मी के ख़याल आने लगते थे.

ऐसे टाइम पर मैं मम्मी के सामने बैठ जाता, नही तो कुछ काम करने लग जाता. मैं मम्मी को च्छूप-च्छूप के देखा करता. मम्मी को मेरी सारी हरकत से पता चल रहा था, की मैं ये सब क्यूँ कर रहा था. मुझे मम्मी के ख़यालात रात को सोने नही देते थे. लेकिन मुझे ऐसा लगने लगा की मम्मी को दादी बनने के बाद उसमे बहुत से बदलाव आने लगे थे.

उनको देख कर ऐसा लगता था की गोआ में जो मम्मी थी, और अभी घर में जो मम्मी थी, वो दोनो अलग थे. शायद इंसान अपने जीवन के एक चरण के बाद वो सब काम छ्चोढ़ देता है, जो उसको शोभा नही देते. और शायद मम्मी का भी ये मानना हो की अब दादी बन गयी थी, तो अब चुदाई के खेल ख़तम कर देने चाहिए.

मैने भी अपनी लाइफ में ये सब चक्कर से बाहर निकालने का सोच लिया था. क्यूंकी मम्मी के साथ जो रिश्ता बना था, वो एक ना एक दिन ख़तम करना था. लेकिन दोस्तों इन्सेस्ट रिलेशन्षिप ऐसी गंदी चीज़ है, की एक बार इसमे चले गये, तो बाहर निकलना ऑलमोस्ट नामुमकिन है.

मुझे जॉब से ऑफर आया की मुझे 6 मंत्स के लिए ऑस्ट्रेलिया वहाँ के लड़कों को ट्रैनिंग देने जाना था. मैने कंपनी को बोल दिया था की मैं इसके बारे में आपको सोच कर बतौँगा. मैने ये बात अपनी फॅमिली से शेर की. पापा और भैया खुश हो गये. उन्होने कहा की ऐसा मौका बार-बार नही मिलता.

मैने कहा की उनके कुछ टर्म्ज़ भी है, और मैने वो सारी बातें फॅमिली से शेर की. आख़िर में पापा और भाई ने कहा की तुम यहाँ की चिंता नही करना. अगर तुम्हे सही लगे तो तुम जेया सकते हो. उस टाइम पर मम्मी के चेहरे पर खुशी थी, लेकिन कहीं ना कहीं वो मायूस भी हो गयी थी.

मम्मी भाभी और बच्चे की देख-भाल में इतना बिज़ी हो गयी थी, की अब मुझे लग रहा था की उसकी चुदाई वाली लाइफ वापस बॅक फुट पर चली गयी. लेकिन भगवान भी जिसको जिसकी ज़रूरत होती है, वो ला कर देता है.

एक दिन भाभी के घर वाले उनको उनके घर लेकर गये. भाभी कुछ 15-20 दिन के लिए जाने वाली थी. जिस दिन वो लोग लेकर गये, उसी दिन भाई किसी रिश्तेदार के यहाँ फेस्टिवल मानने चले गये.

रात को हम सब ने खाना खाया और अपने-अपने रूम में जेया कर सो गये. और मैने भी अब किसी चीज़ की उम्मीद नही रखी थी.

अचानक रात को 11 बजे मेरा डोर नॉक हुआ. मैने सोचा अब इस टाइम पर क्या हुआ होगा? एक टाइम पर ये ख़याल आया की किसी रिश्तेदार की तबीयत तो खराब नही हुए होगी? मैने जैसे डोर खोला, सामने मम्मी खड़ी थी. मम्मी ने मुझे देख कर सेक्सी स्माइल पास की, और मुझे धक्का मार कर रूम में धकेल दिया. फिर उसने रूम लॉक कर दिया.

मैं तो अचानक से ये हमला देख कर हक्का-बक्का रह गया. मैने सोचा मम्मी पापा के घर में होते हुए रिस्क क्यूँ ले रही थी. मम्मी ने उस टाइम पर रेड मॅक्सी पहनी थी. उन्होने तुरत अपनी रेड मॅक्सी निकाल दी. मैं तो उनको आँखें फाड़ कर देखता रह गया.

मम्मी ने अंदर रेड ब्रा पनटी पहना था. ग़ज़ब की सेक्सी लग रही थी. मुझे तो यकीन नही हो रहा था की मम्मी मेरी लाइफ में वापस आ गयी थी.

मम्मी: ऐसे क्या देख रहा है! कभी देखा नही क्या मुझे?

मैं: मुझे यकीन नही हो रहा आप मेरे सामने ऐसे खड़ी हो.

मम्मी ने नॉटी स्माइल दी, और मेरी त-शर्ट उतार कर मुझे बेड पर धक्का मार के लिटा दिया. वो मेरे उपर च्चढ़ कर मुझे किस करने लगे. बहुत लंबे समय के बाद मम्मी का टच मुझे बहुत सुकून दे रहा था. ना जाने कितनी रातें मैं ये स्पर्श की कमी महसूस किया था.

मेरे अंदर खुशी की लेहायर उठ गयी. मैने भी रीयलाइज़ किया की ये सपना नही, हक़ीक़त थी. तो मैं भी चार्ज संभालते हुए मम्मी को किस में रेस्पॉन्स करने लगा. हम दोनो पागल हो रहे थे. दोनो इतने वाइल्ड और पॅशनेट किस कर रहे थे, की दोनो एक-दूसरे के लिप्स को छ्चोढना नही चाहते थे.

मेरी तरह मम्मी ने भी कितने दीनो से अपनी इक्चा को दबा कर रखा था. हम लोंग किस के बाद एक-दूसरे से अलग हुए. हम दोनो की साँस फूल रही थी. मैं और मम्मी एक-दूसरे की और देख कर मुस्कुरा रहे थे.

मैं: फाइनली इतने दीनो के बाद मिल गये. लेकिन मम्मी, पापा घर पर है. तो ऐसा रिस्क क्यूँ? कल वैसे भी हम दोनो घर पर अकेले ही होंगे ना.

मम्मी: बेटा मैं तेरा दुख और नही देख सकती थी. मुझे पता है तू मेरे बिना कितना बेचैन हो रहा था. और कल काइट फेस्टिवल है, तो घर पर तेरे पापा के दोस्तों की महफ़िल होगी.

मैं: हा मम्मी मैं ये भूल ही गया. लेकिन पापा को शक हुआ तो?

मम्मी: मैं उनको बोल कर आई हू, की अभी के रूम की बहुत दीनो से सफाई नही हुई. अब तो वो सो गये होंगे. आज रात तुम्हे सोने नही देने वाली.

मम्मी ने मेरी और नॉटी स्माइल दी, और मेरे लंड को शॉर्ट्स के उपर से मसालने लगी. मैने भी उनको स्माइल दिया, और उनके हाथ में फ्लॅव्र्ड कॉंडम का पॅक थमा दिया. अब आप सब को पता है मम्मी आयेज क्या करने वाली थी.

मम्मी ने सेक्सी स्माइल दी, और मेरे शॉर्ट्स उतार दिया. अब वो मेरे लंड को सहलाने लगी. काफ़ी दीनो के बाद मम्मी के हाथो में लंड जाते ही वो एक-दूं से टाइट हो गया. मम्मी ने कॉंडम को मूह में रखा, और लंड को मूह में लेकर कॉंडम फिट कर दिया. उनका टेक्नीक बहुत सही था. कॉंडम हर बार पर्फेक्ट फिट हो जाता था. अब मम्मी लॉलिपोप की तरह लंड चूस रही थी. मैं भी मदहोश हो कर ब्लोवजोब का मज़ा ले रहा था.

मम्मी अब दादी बन गयी थी, लेकिन उसका बिहेवियर बिल्कुल चेंज नही हुआ था. मैं भी मम्मी के मूह को पकड़ कर छोड़ने लगा. मम्मी के मूह से लार तपाक कर उनके बूब्स पर गिर रही थी. मम्मी खुद से गले तक लंड लेके जेया रही थी, और झटके से लंड निकाल रही थी. मैने अब मम्मी का मूह छ्चोढ़ कर उनका ब्रा पनटी निकाल दिया. अब हम दोनो पुर नंगे थे. मैं मम्मी की छूट पर मूह रख कर उनकी छूट चाटने लगा.

मम्मी: श… ह्म.. बेटा ऐसे ही चाट. कितने दीनो के बाद आज तुझे मिली हू. आज अपनी मम्मी की सारी प्यास बुझा दे बेटा. तुझे पता है तेरी मुम्मा कितनी बड़ी चुड़क्कड़ है. आज मुझे ऐसा छोड़ की मेरी सारी खुजली ख़तम हो जाए.

मैं (उसकी छूट से मूह हटा कर): हा मुम्मा मुझे सब पता है.

मम्मी मेरे मूह पर दबाव बना कर बोली: तू चुप-छाप छूट चाट.

मैं समझ गया की मम्मी जब तक झड़ेंगी नही, तब तक मुझे छ्चोढने वाली नही थी. मैं भी अपनी जीभ ऐसे चला रहा था, जैसे कुत्ता हड्डी को चाट रहा हो. मेरे सामने मम्मी टिक नही पाई, और कुछ ही मिनिट में उसकी बॉडी झटके मारने लगी. उनकी छूट से बहुत सारा रस्स निकला जो मैं आचे से चाट गया. मम्मी की बॉडी अब ढीली पद गयी, और उन्होने मेरे सर को छ्चोढ़ दिया.

मम्मी: अभी मेरे बेटे, तू क्या आदमी है यार. छूट चाटने में तेरा कोई जवाब नही है. बहुत मज़ा आया मेरे बेटे.

मैं: अभी तो पूरी रात बाकी है. आज तो इतने दीनो का सब हिसाब कंप्लीट करना है.

मैं अब बिना टाइम वेस्ट करे मेरा लंड उनकी छूट में डालने लगा. मम्मी की छूट काफ़ी हद तक टाइट लग रही थी. उनकी छूट को देख कर ऐसा लग रहा था, मानो बहुत दीनो से चूड़ी ना हो. पर मम्मी ऑलरेडी एक बार झाड़ गयी थी, तो मुझे लंड अंदर डालने में ज़्यादा परेशानी नही हो रही थी.

लेकिन मम्मी को छोड़ कर ऐसा फील हो रहा था, की मम्मी को नही पर किसी कुवारि लड़की की चुदाई हो रही हो. मम्मी की इसी ख़ासियत की वजह से पापा को आज तक उनके रणदीपने के बारे में मालूम नही चला.

मैं अब मम्मी को किस कर रहा था, और साथ में उनके दोनो निपल को चूस रहा था. मम्मी भी सेक्सी मोनिंग करते हुए मेरे से छुड़वा रही थी. मैने अब उनकी कमर के नीचे तकिया लगाया, और दोनो टाँगें कंधे पर उठा कर छोड़ने लगा. मम्मी को ज़ोर से धक्के मार रहा था. उनकी अब और सेक्सी आवाज़ निकल रही थी. वो सुन कर मेरे अंदर जोश भर गया.

मैं तक गया तो वो मेरे उपर चढ़ कर हॉर्स राइडिंग करने लगी. मम्मी मेरे उपर उछाल-उछाल कर छुड़वा रही थी. पापा के घर में होने के कारण हम दोनो चुदाई के टाइम कोई बात नही कर रहे थे. बस हो सके उतनी कम अव्वाज़ निकाल रहे थे.

मैने अब मम्मी को घोड़ी बनाया, और पीछे से छोड़ने लगा. मेरा कुछ ही मिनिट में स्पर्म निकल गया. कॉंडम पहना हुआ था, तो मैं फिर भी धक्के मारे जेया रहा था. मैने कॉंडम निकाल दिया, और फिर से उनकी चुदाई करने लगा. कुछ ही पल में मेरा लंड फिर से टाइट हो गया.

मम्मी मेरे स्पर्म से भरा हुआ कॉंडम देख कर धीरे से बोली: क्या बात है अभी, आज तो बॅक तो बॅक तेरी गाड़ी चल रही है.

मैं: हा आपका पीछे से सेक्सी व्यू देख कर मुझसे कंट्रोल नही हो रहा है.

मम्मी हल्का मुस्कुरा कर: ठीक है बेटा, जब तक तेरा मॅन करे मुझे छोड़.

मैने अब मम्मी को सीधा किया, और उनको मिशनरी पोज़िशन में छोड़ने लगा. मैने मम्मी के लिप्स पर लिप्स रख दिए. हम दोनो बहुत डीप किस करने लगे. वो मोमेंट हम दोनो के लिए बहुत एमोशनल था. इतने दीनो के बाद हम फिर से मिल रहे थे. मम्मी मेरे लिप्स चूस्टे हुए रो रही थी. मैने भी उनको प्यार से किस कर रहा था.

हमारा प्यार, हमारा एमोशन्स, और हमारी चुदाई एक पर्फेक्ट रिदम में सेट हो गयी थी. हम दोनो के जिस्म तो दो थे, पर एक जान हो गये थे. मेरी मम्मी और मेरा कॅरक्टर कैसा भी हो, लेकिन हम दोनो की चाहत सॅकी है. हम दोनो में कोई रिस्ट्रिक्षन नही था.

हम दोनो जिससे चाहे उससे चुदाई करने के लिए फ्री थे. लेकिन हम दोनो का प्यार सक्चा था. मम्मी अपने एमोशन्स को और ज़्यादा देर कंट्रोल नही कर पाई, और उन्होने मुझे टाइट पकड़ लिया, और मेरे पुर चेहरे पर किस करने लगी.

मैं भी अब उनकी छूट में झाड़ गया. हम दोनो ने एक-दूसरे को बहुत टाइट पकड़ लिया था. मेरा लंड मुरझा कर उनकी छूट से बाहर निकल गया. हम दोनो एक-दूसरे से लिपट कर सो रहे थे. मम्मी अब भी रो रही थी, और मैं उनको शांत कर रहा था.

मैं: मम्मी अब बस भी करो. मैं हू ना आपके साथ.

मम्मी: बेटा तेरे बिना मेरी एक-एक दिन-रात कैसे कटी है, मैं ही जानती हू. अभी ई लोवे योउ बेटा.

मैं: लोवे योउ टू मुम्मा.

कहीं ना कहीं अब हम दोनो जानते थे की अब आने वाले समय में हम दोनो को इतना मौका नही मिलेगा. उसके बाद हम दोनो साथ में चिपक कर सो गये. हम दोनो को एक-दूसरे की बाहों में सुकून मिल रहा था. उसके बाद हम दोनो कब सो गये हमे पता ही नही चला.

रात के कुछ 3 बजे मुझे फील हुआ की मम्मी मेरा लंड चूस रही थी. मैं नींद में था, लेकिन मज़ा आचे से ले रहा था. मैने हल्की आँख खोली, तो मम्मी ने अपनी ब्रा पनटी पहन ली थी. मैं नींद में कुछ करने की हालत में नही था. मम्मी ने ऐसे ही मेरा स्पर्म निकाल कर चाट लिया, और अपनी मॅक्सी पहन कर वो रूम से निकल गयी.

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