मामी की प्यास बुझाई ट्रेन मे

हेलो गाइस आपका टाइम वेस्ट ना करते हुए स्टोरी पर आता हू डाइरेक्ट्ली. मैं समीर यह कहानी मेरी और मेरी मामी नाज़िया की है.

मेरी मामी का बॉडी फेर है और फिगर भी बहोट अछा है. बस यह समझो के उनका फिगर तारक महता की बबिता जी जैसा है सेम.

मामा मैं मामी और मामी की एक बेटी हम 4 लोग मामी के मयके शादी मे जा रहे थे. ट्रेन का टिकेट करवाया तो टिकेट 2 कन्फर्म मिले और 2 वेटिंग मे मिला.

ट्रेन मे हम बैठने गये रात मे 10 बजे की ट्रेन थी. एक मिड्ल बर्त और एक नीचे का बर्त मिला था हमे. हमने डिसाइड किया के हम 4 बैठे बैठे ही जाएँगे रात भर.

विंडो सीट पर मामा बैठे फिर मामा की बेटी फिर नाज़िया मामी उसके बाद मे हम ऐसे बैठे रहे. मामी के बारे मे मे ज़्यादा नही जनता था क्यू के ज़्यादा उनसे बात नही करता था मे.

ट्रेन स्टार्ट हुई हमारी ट्रेन चलने लगी. मामा और उनकी बेटी हुमा दोनो सोगआय थोड़ी ही देर मे. मे और मामी जाग रहे थे मे मोविए देखने लगा, मामी ने मुझसे पूछा क्या कर रहे हो मैने कहा मोविए देख रहे है, उन्होने कहा मुझे भी देखना है.

हम दोनो फिर मोविए देखने लगे हेडफोन छोटा था तो मामी एक दम मुझसे चिपक कर बैठ गये और मोविए देखने लगे.

मेरा दिमाग़ खराब होने लगा था मेरा दिमाग़ अब मोविए मे कम था मामी की बॉडी को ज़्यादा महसूस कर रहा था.

मैं अपनी नाज़िया मामी के बारे मे बता डू वो मुझसे उमर मे 15 साल बढ़ी है उस वक़्त उनको आगे 36 थी और मेरी आगे 21 एअर की थी.

अब मे अपने बाज़ू को मामी के बाज़ू पर सहलाने लगा, मामी कुछ नही बोली तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और मे और सहलाने लगा मामी के बाज़ुव को आंड बोओ से.

मौका पाते ही मैने मोबाइल रिघ्त हॅंड मे लेलिया मेरे मामी मेरे लेफ्ट साइड थियौर मेरे हाथो को उनकी थाइस पर रख दिया.

मैने देखा मामी मोविए देखने मे मगन थी और मे धीरे धीरे अब मामी की थाइस पर अपना हाथ सहलाने लगा. मामी अब भी कुछ नही बोली.

मामी बुर्क़ा पहने हुए थी. मैने अब बुर्क़े को उपर करना चाहा तो मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और हाथ हटा दिया और उनकी नज़र मोविए पर ही थी.

मैने फिर से हाथ थाइस पर रखा और बुर्क़ा उपर करने लगा बुत मामी ने फिर से हाथ हटा दिया अभी भी नज़रे मोबाइल मे थी.

फिर 3र्ड टाइम मैने बुर्क़ा हटाना चाहा तो मामी हाथ हटाने लगी मैने उनके हाथो को पकड़ा और बुर्क़ा उपर करके उनकी थाइस पर हाथ फेरने लगा.

अब मैं उनकी थाइस को मसालने लगा उपर से नीचे हाथ फेरने लगा हाथ फेरते फेरते मैने हाथ उपर बधाया और थाइस के एंड तक सहलाने लगा मामी अभी भी मोबाइल मे देख रही थी और उनकी साँसे तेज़ थी बहोट.

मैने अब उनकी छूट की तरफ हाथ बढ़ाया. तो मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोला क्या कर रहे हो तुम! यह सब ठीक बात नही है मामू तुम्हारे बाज़ू मे ही सो रहे हैं. तुम मेरे भनजे हो चुप छाप मोविए देखो.

मैने अब मोबाइल मामी ने अपने हाथ मे लेलिया हम मोविए देखने लगे. मैने अब अपना लेफ्ट हॅंड मामी के पीछे बॅक से उनके कंधे पर रख दिया और मोविए देखने लगा.

मई अपना हाथ मामी के शहोल्दर से नीचे लेजने का ट्राइ किया. तभी मामी आयेज होगआय और मेरा हाथ उनको बॅक से होता हुआ उनको आर्म्स के अंदर चला गया.

और मैने मामी के लेफ्ट बूब्स को बुर्क़े के उपर से ही दबाना शुरू कर दिया. मामी की साँसे तेज़ होने लगी अब वो भी गरम हो गये थे बहोट. उन्होने मेरा लेफ्ट हॅंड वाहा से हटाया और मेरे रिघ्त हॅंड को लेके. अपने रिघ्त बूब्स पर रख दिया.

और कुछ बोले नही मे समझ गया उधर वाला दबाने मे मामी की बेटी उठ सकती है. तो मे रिघ्त हॅंड से रिघ्त बूब डेने लगा मामी की साँसे तेज़ हो रही थी बहोट.

मैने भी अब बुर्क़े का बटन खोल के हाथ अंदर डाल दिया. मामी का बूब्स को ड्रेस के उपर से दबा रहा था. अब मामी ने भी अपना रिघ्त हॅंड मेरे लंड पर रख दिया और उपर से ही सहलाने लगी.

ट्रेन मे पूरा अंधेरा था. मैने अब बूब्स दबाते दबाते उनको तोड़ा सा लेफ्ट मे मुड़ने को कहा. अब उनका बॅक मेरी तरफ था और वो ऐसे बैठे थे के मेरा हाथ जो बूब्स पर थे वो दुपट्टे से ढांप लिए थे.

मैने अपने रिघ्त हॅंड से बूब्स दबा रहा था और उनकी नेक पर किस करने लगा.

मूव्ववववाआअ…मूव्ववववाााअ…मूव्व्ववाआअ…मूव्ववववाााअ फिर बॅक पर किस करने लगा मूव्व्वाआअ…मूव्ववववववााा.. मूव्व्ववााा…

अब अंधेरे का फायेदा उठाते हुए मामी मेरी तरफ पलटी और हम दोनो किस करने लगे उम्म्माअहह.. उम्म्म्माअहह.. उम्म्माआहह.. उम्माआहहह…

मामी मेरी ज़ुबान को अपनी मूह मे लेके चूसने लगी. और ऐसे किस कर रही थी के मैं आज तक वो भूल नही पाया हू. मे भी उनका साथ दे रहा था और उन्हे क़िस्स्स कर रहा था.

मामी के हाथ मेरी थाइस को सहला रहे थे और मैं उनके बूब्स को दबा रहा था और किस कर रहे थे हम दोनो.

उन्होने मेरे लंड को छुआ नही बस आस पास ऐसे सहला रहे थे मानो जन्नत का फील आ रहा था मुझे. और मे उन्हे किस किए जा रहा था.

मैने बहोट ज़ोर ज़ोर से क़िस्स्स करने लगा. तो उन्होने मेरे कानो मे बोला मे जैसे कर रही हू वैसे करो स्लोली. बहोट एंजाय करोगे. मैने भी उनकी सुनी और वो जैसे जैसे कर रहे थे करने लगा.

वो कभी मेरे ज़ुबान को चूस्टे कभी मेरे नीचे के होन्ट को अपने मूह मे लेते और क़िस्स्स करते. ऐसी फीलिंग कभी मुझे नही मिली थी जैसे वो दे रहे थे और आज तक कोई दे नही पाया वो फील.

उनकी साँसे बहोट तेज़ चल रही थी और वो पूरा मज़ा ले रही थी तभी अचानक से वो मेरे कानो मे बोली बातरूम मे चलो.

पहले वो उठे और बातरूम मे चले गये और उनके पीछे मे भी चला गया बातरूम मे.

जैसे ही मे अंदर गया और अंदर से बंद किया मामी ने मुझे पकड़ा और हम दोनो क़िस्स्स करने लगे.

हम दोनो एक दूसरे को किस कर रहे थे मामी बहोट गरम थी और वो मुझे बहोट ज़ोर से क़िस्स्स कर रही थी और मे भी उनके होंटो को चूस रहा था.

आयेज की स्टोरी अब मे तुम्हे दूसरे पार्ट मे बतौँगा कैसे मैने मामी को टाय्लेट मे चोदा.

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