गे सेक्स स्टोरी अब आयेज-
हम घर आ गये लंच टाइम पर.
पापा: होटेल की ओपनिंग होली पर कर लेते है. और फिर होली पार्टी भी वहीं कर लेते है. क्यूँ विहान और जिगर?
दोनो ने हा बोल दिया. कुछ दिन बाद होली थी. होली वाले दिन सब ने कुर्ता पाजामा पहना हुआ था. पापा के बहुत से इंटरनॅशनल गेस्ट भी आए हुए थे. सब ने होली बहुत एंजाय करी. पापा ड्रिंक नही करते, इसलिए वो जल्दी उपर वाले हॉल में चले गये जहाँ हमारी फॅमिली और रिलेटिव्स होली पार्टी कर रहे थे.
जिगर और विहान ने मुझे मिलते ही पूरा रंग से भर दिया. हमने बहुत एंजाय करा. सब बहुत गीले हो गये थे. पापा के गेस्ट भी जेया चुके थे. पापा फॅमिली को होटेल दिखा रहे थे. जिगर भी पापा की हेल्प करने लगा. होली खेलते-खेलते 2 बाज गये थे.
मैं (विहान से): मामू कार की के दो, मुझे घर जाना है.
विहान: मुझे भी जाना है. मेरे साथ ही चल ले. नीचे वेट कर, मैं अभी आया.
घर आते ही मैने कुछ गिफ्ट थे, उनको पापा के रूम में रखा, और मेरे रूम में चला गया. अपनी न्यू ड्रेस को बेड पर रख कर मैने अपने कपड़े खोले, और अंडरवेर में बातरूम में घुसा. मैने देखा वहाँ विहान अपना अंडरवेर निकाल रहे थे.
मैं: श सॉरी मामू, सॉरी सॉरी!
विहान: इट’स ओके बेटा. वैसे भी तुम पहले भी देख चुके हो. फिर क्यूँ शर्मा रहे हो? आ जाओ नहा लो तुम भी.
मैं: एक साथ?
विहान: लड़की हो क्या तुम? एक साइड हो कर नहा लो.
मैने शवर स्टार्ट किया. मामू अपने जिस्म पर बॉडी वॉश लगाने लगे. मेरा ध्यान उनके लोड पर ही था. मैने भी अपनी बॉडी से सारा रंग शवर चला कर निकाला. मेरा ग्रे कलर अंडरवेर पूरा गीला हो गया था.
विहान: हमेशा अंडरवेर में ही नहा लेते हो क्या? निकाल दो तुम भी, मैं भी तो नंगा ही हू.
मैं बहुत सोचने के बाद दूसरी साइड फेस करके नंगा हो गया. मेरे लोड के पास भी बहुत कम ही बाल है, और पूरा जिस्म तो चिकना है ही.
विहान: बड़ा चिकना बदन है तुम्हारा भनजे.
मैं: आप क्यूँ रखते हो बाल? कट कर लिया करो. वैसे भी आपके सिर्फ़ नीचे ही ज़्यादा बाल है.
विहान: तू कर दे, मेरे हाथ से कट लग जाता है.
मैं: अMऐन आपका भांजा हू?
विहान: जिगर की बात सुनी थी ना “कों सा सागा भांजा है,” और अब कैसा शरमाना? कर रहा है तो कर दे, वरना कोई आ जाएगा.
मैं बातरूम से बाहर आया और रेज़र देखने लगा.
विहान: रूम लॉक कर देना, कोई आ ना जाए.
मैं रेज़र लेकर मामू के पास गया. मामू ने मेरे कंधो पर हाथ रख कर मुझे घुटने के बाल नीचे बैठा दिए. उनका बालो से भरा हुआ लोड्ा मेरे सामने था. मामू ने बालो पर क्रीम लगा दी. मुझे बहुत शरम आ रही थी.
मामू: क्या देख रहा है? जल्दी कर दे.
मैने धीरे से उनके लंड को पकड़ा, और बाल सॉफ करे. मामू का लोड्ा मेरे छूने से तोड़ा हार्ड हो रहा था. लेकिन अभी भी खड़ा नही था. मामू का बहुत स्ट्रॉंग कंट्रोल था खुद पर. सारे बाल निकालने के बाद जो लोड्ा मुझे छ्होटा लग रहा था, वो छोटा नही था, 3 इंच लंबा था बिना खड़ा हुए भी.
मामू: रुक क्यूँ गया? नीचे बॉल्स भी कर दे, और तोड़ा पीछे भी हल्के बाल है, वो भी कर दे. शर्मा मत.
मैं सर्प्राइज़्ड था जो मामा कुछ दिन पहले मेरे सामने नंगा होने पर इतना सॉरी बोल रहे थे, आज उसे क्या हो गया था? मामू के सभी बाल कट करते-करते मेरा लोड्ा खड़ा हो चुका था, जो मामू बहुत देर से नोटीस कर रहे थे. लेकिन मामू का अभी भी सोया हुआ था. क्या मस्त कंट्रोल था यार.
मैं: हो गया मामू, और कुछ सेवा?
विहान मामू: यार तोड़ा बॉडी वॉश से सॉफ कर दे. कितने बाल लग गये है पूरी बॉडी पर.
मैने बॉडी वॉश लगा कर आचे से पानी डाल कर सॉफ करा, उनकी जाँघ, बॉल और गांद, और लोड को मसल कर. अब मामू का लोड्ा हार्ड होने लगा. मामू ने अपनी आँखें बंद कर ली, और “ह्म” की साउंड करने लगे. मैं तोड़ा मज़े लेने के लिए उसी टाइम खड़ा हो गया.
विहान: क्या हुआ, रुक क्यूँ गया?
मैं: ग़लत बात है, कटिंग के बाल तो मेरे बदन पर भी है.
मामू: ले आ मेरे भनजे.
ये बोल कर मामू ने मुझे कस्स कर पकड़ लिया. मेरा खड़ा लंड (जो मामू के सामने तो लुली थी) अब उनके लोड से टकरा रहा था.
मेरी जिस्म को ज़ोर-ज़ोर से मसालने के बाद मामू ने दोनो हाथो से मेरी गांद पर बॉडी वॉश लगाया. अब वो मेरी गांद को बहुत हार्ड मसल रहे थे. थोड़ी देर बाद मेरी गांद के च्छेद पर उंगलियाँ मारने लगे. इससे बातरूम में “पूछ पूछ” की साउंड होने लगी. मैं मदहोश हो चुका था. मैने मामू को बहुत टाइट पकड़ लिया.
मामू (मेरे कान में): और मज़े लेगा?
मामू टाय्लेट सीट पर बैठ कर अपना लोड्ा उपर-नीचे करते हुए मुझे चूसने का इशारा करने लगे. उनका लोड्ा 6.5 इंच लंबा, मैने जल्दी से डॉगी बन कर मूह में ले लिया, और चूसने लगा.
मामू अपने हाथ से मेरी गांद के च्छेद को सहला रहे थे. थोड़ी देर बाद एक उंगली बड़े प्यार से अंदर डाल दी. मुझे दर्द हुआ, लेकिन बॉडी वॉश से ज़्यादा फील नही हुआ. 2-3 मिनिट चूसने के बाद मामू मुझे गोद में उठा कर, ऐसे ही गीला और बॉडी वॉश के झाग के साथ बातरूम से बाहर ले गये, और सीधा बेड पर फेंक दिया, और खुद भी बेड पर आ गये.
फिर से मेरे मूह में लोड्ा डाल कर झटके देने लगे. उनका लोड्ा मेरे मूह से पूरा गीला हो गया था. अब मुझे बेड के किनारे ले जेया कर, मेरी गांद को बेड से तोड़ा नीचे झुका कर, खुद बेड से उतार गये. मेरी गांद अब पूरी फैल चुकी थी उनके सामने.
मामू: गांद मरवाई है पहले?
मैं: नही, ये क्या बोल रहे हो?
मामू (मेरी गांद को फैलते हुए): फिर इतनी मोटी क्यूँ कर रखी है?
मैं: नही, नही.
मामू: कोई नही भनजे, अब और मोटी तेरा मामा कर देगा.
फिर मामू ने मेरे गांद पर से झाग मेरे च्छेद पर मसला, और थूक डाल कर च्छेद को ढीला कर दिया. वो अपने लोड को तेज़-तेज़ च्छेद पर मारने लगे. तभी अपना टोपा मेरी गांद में डाल दिया, और तेज़ झटके के साथ आधा लोड्ा अंदर कर दिए.
मैं: आआहह, बाहर करो इसे, बहुत दर्द हो रहा है.
मामू: बस-बस, अब नही होगा दर्द.
थोड़ी देर वो बिल्कुल नही हीले. मुझे अब नॉर्मल लगा ही था, की मामू ने एक और झटका दिया, और पूरा लोड्ा अंदर कर दिया. मैं बहुत ज़ोर से चिल्ला दिया और रोने लगा. मामू अब धीरे-धीरे आयेज-पीछे होने लगे.
2 मिनिट बाद गाते पर हमारे नौकर की आवाज़ आई: क्या हुआ हितें साब? सब ठीक है ना?
मैं: कुछ नही, बस सपने में साँप देख लिया था. आप जाओ, सब ठीक है.
मामू मुझे आँख मार कर बोले: बड़ा हरंखोर है बे तू तो. गांद तो मस्त चल ही रही है, दिमाग़ भी बहुत तेज़ है.
मैं खड़ा हुआ, और मामू को किस करने लगा. मामू अब मुझे दीवार पर लगा कर फिर से लोड्ा अंदर डाल दिए. दर्द अभी भी बहुत था. 5 मिनिट की चुदाई के बाद मामू मेरी गांद में ही लावा निकाल कर बेड पर गिर गये.
मैं बातरूम गया, लेकिन मामू का तोड़ा माल फ्लोर पर मेरी गांद से निकल कर गिर गया.
मामू (बेड पर लेट-ते हुए): इतने सालों से कहाँ च्छूपा था हितें?
मैं शर्मा कर नहाने चला गया. मामू भी नहा कर रेडी हो गये.
मैं: जेया रहे हो क्या?
मामू: यार मॅन तो नही है. लेकिन 3-4 दिन का काम है मुंबई, इसलिए जाना है. चल द्यान राखियो अपना.
ऐसे ही कुछ मंत्स निकल गये. ऑगस्ट का मंत था. मामू काम में बहुत बिज़ी थे, इसलिए कभी-कभी कॉल पर ही बात होती थी. होली के बाद कभी मैने सेक्स नही किया था. मॅन तो बहुत होता था, लेकिन मामू को डाइरेक्ट भी नही बोल सकता था, क्यूंकी वो भी मुझे कभी सेक्स के लिए कॉल पर बात नही करते थे.
एक दिन आफ्टरनून में मामू को याद करके मैं गे पॉर्न देखते-देखते हिला रहा था. तभी रूम के गाते पर पापा आ गये. मैने जल्दी से सब ठीक किया, और डोर ओपन किया. पापा टवल में एक पंत को हाथ में लिए मेरे रूम में आए (पापा का रूम मेरे रूम के जस्ट पास है.).
पापा: हितें, ये पंत का बोट्तों ठीक करके आइरन कर दे.
मैं: पापा आप भी ना! किसी और को बोल देते, राज, दिलीप, अशोक (हमारे नौकर) सब कहाँ गये?
पापा: तेरी मा ने सब को काम पर लगा रखा है. घर पर गेस्ट आ रहे है. अब तू बता तुझे करना है या नही ये बोल?
मैने एक स्माइल देकर पापा को गले लगाया, और उनके गाल पर किस करी. फिर पंत ठीक करके आइरन करने लगा. पापा मिरर के सामने टवल निकाल कर, खड़े हो कर अपने कपड़े ठीक करने लगे. पापा ने लाइट ब्लू शर्ट के नीचे ग्रे अंडरवेर पहना था. उनको बहुत बार मैने अंडरवेर में देखा था, बुत पता नही क्यूँ आज उनको देख कर मेरी नज़र हॅट ही नही रही थी.
पापा मेरे पास आए, मेरा ध्यान उनके लंड के उभार पर ही था, जो ग्रे अंडरवेर भी च्छूपा नही पा रहा था. सोया हुआ भी बहुत मोटा लग रहा था.
पापा: हो गयी क्या? मुझे लाते हो रहा है.
मैने खुद को समझाया “हितें ये पापा है तेरे. तुझे कभी किसी चीज़ की कमी नही होने दी. अपने बेटे से भी ज़्यादा विश्वास करते है, और तू ये क्या सोच रहा है?”
मैं (पापा को): हो गयी, लो पापा, आंड सॉरी.
पापा जल्दी से पहन कर चले गये. उन्होने पूछा भी नही सॉरी क्यूँ. मैं भी रेडी हो कर नीचे गया, तो सब घर को आचे से सजाने में लगे हुए थे (आज मेरे पापा के स्कूल टीचर आ रहे थे, जिनको पापा दादा जी के बराबर मानते है). पापा अपने सिर को पर्सनली खुद स्टेशन लेने गये थे.
शाम को पापा एक लंबे, पापा जैसी उमर के किसी आदमी को साथ लेकर आए. हम सब उनका वेलकम करके उनको हॉल में लेकर आए. पापा ने सब को उनसे मिलवाया. लेकिन जब पापा ने बोला ये उनके टीचर थे, तब मेरे भाई, बेहन, और मुझे विश्वास ही नही हुआ. इतने यंग लग रहे है ये तो सच में कितने स्मार्ट है.
मैं: अपने दोस्त को भी टीचर बोलते हो क्या पापा आप? क्यूँ मज़ाक कर रहे हो पापा?
टीचर: इसकी नटखट बातों से ही पता चल रहा है ये हितें ही होगा.
पापा: सिर गाओं की डेली रुटीन को फॉलो करते है, इसलिए तब से अब तक चेंज नही आया सिर में.
सिर का नामे विराम नाथ था, और उमर 58 थी. लेकिन दिखते 46 के थे. हाइट 5’8″, रंग सावला, मसकुलर बॉडी, एक-दूं फिट बदन बना रखा था. फेस पर एक मूच, फ़ौजी कटिंग, बाल मस्त लग रहे थे.
सिर: बहुत बार आनद ने बुलावा भेजा, लेकिन आना ही नही होता था. वडोदरा आना था कुछ काम से, इसलिए सोचा चलता हू.
विराम सिर को हमारे घर आए 2 दिन हो गये थे. वो जिस काम से यहाँ आए थे, आज वो काम भी पापा ने करवा दिया था. इसलिए हम सब शॉपिंग पर गये. शाम को सब घर आ कर मेरे रूम में ही डिन्नर के बाद सब बात करने बैठ गये. ऐसे ही बात करते-करते रात के 11 बाज गये.
पापा: सिर को सोने दो अब. वो बहुत तक गये है. चलो सब उठो.
मैं: कोई नही पापा. सिर मेरे रूम में ही सो जाएँगे. कहाँ गेस्ट रूम तक जाएँगे, तक जाएँगे.
सिर: आनद मैं यहीं ठीक हू. हम सब बात करके सो जाएँगे, और अगर तुम्हे नींद आ रही है तो सो जाओ.
थोड़ी देर बाद मेरे भाई, बेहन, मम्मी, टाई जी, और पापा सब चले गये. मैने रूम लॉक कर दिया, और ब्लू कलर नाइट लाइट ओं कर दी.
स्टोरी के अगले पार्ट में पढ़े कैसे सिर और मेरे बीच सेक्स हुआ, और हमने क्या-क्या किया