मालकिन की चूत को किरायेदार ने पेला

भाभी सेक्स स्टोरी का अगला भाग शुरू करते है-

अब नवीन ने मेरे रसीले होंठो को भींच लिया और मेरे होंठो की लिपस्टिक चूसने लगा। मैं होंठो की लिपस्टिक नहीं चूसने देने का नाटक कर रही थी। वो मेरे होंठों को रगड़ कर चूस रहा था। अब नवीन और मेरे बीच मे भयंकर घमसान हो रहा था। इसी उठा-पटक में मेरे कंगन, हार, और पायल छ्न-छन बज रही थी।

तभी नवीन ने मेरे होंठों को बुरी तरह से रगड़ डाला। अब उसने मेरी साड़ी को हटाया, और मेरे बोबों को मसलने लगा।

“ओह्ह्ह नवीन जी यार ऐसा मत करो। किसी को पता चल जाएगा।”

“किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। आप तो बस करने दो।”

तभी नवीन ने मेरे बोबों को जोर से मसल दिया। अब मैं बोबों की रगड़ाई से झल्लाने लगी।

“आईई सिसस ओह्ह्ह उन्ह सिसस ओह्ह्ह नवीन जी। मत करो ना यार।”

“ओह्ह्ह भाभी जी। अहहा बहुत मस्त बोबे है आपके। आहाहा दबाने दो। बहुत अच्छा लग रहा है।”

“ओह्ह्ह नवीन जी आप मरवाओगे मुझे। आईई सिसस।”

“अरे कुछ नहीं होगा भाभी जी। आप मस्त रहो।”

तभी नवीन ने मेरे ब्लाउज के हुक खोल दिए और फिर ब्रा को सरका कर मेरे चिकने टाइट बोबों को बाहर निकाल लिया। बोबे नंगे होते ही मैं शर्म से लाल हो गई। अब नवीन मेरे बोबों पर टूट पड़ा और बुरी तरह से हाथों में भर कर कसने लगा। अब मैं सारी शर्म भूल कर दर्द से तड़पने लगी।

“आईई आईई सिसस उन्ह ओह्ह्ह नवीन जी आराम से दबाओ ना। आहाह बहुत दर्द हो रहा है, आहाह आईई।”

“ओह्ह्ह भाभी जी दबाने दो आहाह बहुत अच्छा लग रहा है आपके टाइट बोबों को दबाने में। बहुत मेहनत करने के बाद आज मौका मिला है।”

नवीन मेरे बोबों को कस कर दबा रहा था। मैं अब दर्द से तड़प रही थी।

“ओह्ह्ह्ह आहा आईईईई सिस्सस्स उन्ह्ह्ह्ह आहा आईईईई आईईईई आराम से। उन्ह्ह्ह्ह धीरे-धीरे आहा सिस्सस्सस।”

अब नवीन ने मेरे बोबों को मसल कर लाल कर दिया। मेरी चूत लंड के लिए मचलने लगी थी। इधर नवीन को भी सब्र नहीं हो रहा था।

तभी नवीन फटाफट से नीचे आया और मेरी चूत लंड डालने की तैयारी करने लगा। अब नवीन ने लंड बाहर निकाल लिया, और मेरी चड्डी खोल फेंकी। अब नवीन ने मेरी टांगों को का कंधो पर रखा और झट से मेरी चूत में लंड लगा दिया। मैं शर्म से लाल-पीली होने लगी। आज पहली बार मेरी चूत को कोई दूसरा मर्द चोदने की कोशिश कर रहा था।

‌ तभी जोर का झटका मार कर नवीन ने मेरी चूत मे लंड गाड़ दिया। मैं दर्द से मचल उठी।

“आईईई मम्मी मर गई। आई, आई ओह्ह्ह नवीन जी मैं मर जाऊंगी यार। आईई बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज़ लंड बाहर निकालो यार।”

“बस थोड़ी देर ही दर्द होगा भाभी जी।”

तभी नवीन ने लंड बाहर खींचा और फिर से मेरी चूत मे लंड पेल दिया। तभी मैं फिर से बुरी तरह से चिल्ला पड़ी।

“आईईईई मम्मी। आईईईई।”

अब नवीन पूरा जोर लगा कर मुझे चोदने लगा। तभी बेडरूम की दीवारें मेरी आंखों के सामने घूमने लगी थी।

“आह्ह ओह्ह्ह नवीन जी आराम से डालो।”

“आराम से ही डाल रहा हूं भाभी जी।”

नवीन मुझे जोर-जोर से चोद रहा था। मैं दर्द से तिलमिला रही थी। नवीन को मुझे चोदने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

“आहा आह अआईईई अआईईई ओह उन्ह ओह मर गई। आहा आह ओह नवीन जी आह आहा आईएईई आईईईई।”

“ओह्ह्ह भाभी जी, बहुत मजा आ रहा है। आह बहुत ही मस्त माल हो आप।”

“आई आईई अह्ह्ह ओह्ह्ह सिसस ओह्ह्ह मम्मी।”

“आज तो खूब चोदूंगा आपको। आहा। बहुत प्यासा है मेरा लंड।”

नवीन झमाझम मेरी चूत में लंड ठोक रहा था। उसका लंड मेरी चूत के सभी अस्थि पंजर को तोड़ चूका था। नवीन गांड हिला हिला कर मेरी चूत में फूल स्पीड में लंड ठोक रहा था। थोड़ी ही देर मे मेरी हालत खराब होने लगी थी।

“आह आह आह आईईईई अआईईई ओह आईईईई मम्मी मर गई। अआईईई अआईईई बहुत दर्द हो रहा है। आईएईई अआईईई धीरे-धीरे डालो।”

“होने दो दर्द भाभी जी, दर्द में ही तो मज़ा आता है भाभी जी। आहा बहुत मज़ा आ रहा है आपको चोदने में। आह आह।”

मेरी दर्द भरी चीखें बैडरूम में गूंज रही थी। नवीन मेरी चूत में दे दना दन शॉट लगा रहा था। आज मेरी चूत का सामना बहुत मोटे तगड़े लंड से हो रहा था। मैं पसीने में पूरी लथ-पथ हो चुकी थी। नवीन के लंड के झटकों से मेरे बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। ”आह आहा आह आईईईई आह आह आईईईई अआईईई। उन्ह आह आईईईई आईईईई।”

तभी मेरी चीखें रुक गई और नवीन ने मेरा पानी निकाल दिया। अब बेडरूम मे फच-फच की आवाजें गूंजने लगी।

“उन्ह आह आहा आईईईई अआईईई आह ओह उन्ह आह्हा आहह।”

फिर नवीन ने मुझे बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब नवीन ने मेरे मस्त रसीले बूब्स मुंह में दबा लिए और उन्हे चूसने लगा।

“ओह्ह्ह्ह निकिता बहुत मस्त बूब्स है तेरे। उन्ह्ह्ह।”

अब भला मैं क्या कहती! मैं नवीन जी के बालों को सहलाने लगी। नवीन जी मेरे बूब्स पर एक-दम टूट पड़े थे।

“आहा! बहुत ही टेस्टी बोबे है भाभी जी!”

नवीन जी को मेरा मीठा दूध पीने में बहुत मजा आ रहा था। मैं अच्छी तरह से नवीन जी को दूध पिला रही थी। नवीन बार-बार मेरे बोबे को बाईट भी कर रहा था।

“उन्ह आहा ओह उन्ह बहुत ही मज़ेदार है भाभी।”

“ओह्ह्ह आह्ह्ह सिसस आराम से चूसो नवीन जी आह्हा सिसस।”

नवीन झटके दे देकर मेरे बोबों को चूस रहा था। नवीन को मेरे टाइट बोबों को चूसने मे बहुत मज़ा आ रहा था। मैं भी अब मस्ती से बोबों का रस पिला रही थी।

“ओह्ह्ह नवीन जी, आह्हा बहुत अच्छा लग रहा है। आह्हा। जम कर चूस लो। मेरे बोबों को आह्ह्ह। बहुत ही रस भरा है इनमे।”

“हां भाभी चूस रहा हूं।”

नवीन जल्दी-जल्दी मेरे बोबों को चूस रहा था। थोड़ी देर में ही मेरे दोनों बोबे लाल हो चुके थे। नवीन उन्हें रगड़-रगड़ कर चूस रहा था। फिर नवीन ने बहुत देर तक मेरे बोबे चूसे।

अब नवीन ने मेरे पेटीकोट और साड़ी को खोल फेंका। अब मैं पूरी नंगी हो चुकी थी। आज मुझे किसी दूसरे मर्द ने नंगी किया था। अब नवीन बेड से नीचे उतर गया और फिर मुझे भी बेड से नीचे उतार लिया। अब नवीन ने मुझे घोड़ी बनने के लिए कहा लेकिन मैं घोड़ी नहीं बनना चाहती थी।

“अरे भाभी जी। अब इतने नखरे मत करो यार। घोड़ी बनो जल्दी।”

“अरे यार आप तो ऐसे ही कर लो ना।”

“नहीं भाभी जी। अब तो मैं आपको घोड़ी बना कर ही बजाऊंगा।”

अब नवीन बार बार मुझे घोड़ी बनाने के लिए पीछे पड़ रहा था। मैं भी कहां तक मना करती! फिर मैं बेड को पकड़ कर घोड़ी बन ही गई।

अब नवीन जी ने मेरी चूत में लंड सेट किया और फिर जोर का झटका देकर मेरी चूत में लंड घुसा दिया। तभी मेरी चीखें निकल गई।

“आईईईई मम्मी सिस्सस्स।”

अब नवीन मेरी कमर पकड़ कर मुझे बुरी तरह से चोदने लगा। मैं नवीन जी के लंड के तूफान में उड़ने लगी।

“आह्ह आह ओह सिससस्स आहा सिससस्स ओह आहा सिसस्स। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह सिसाससस आआह।”

“ओह्ह्ह भाभी जी बहुत मस्त लगती हो आप घोड़ी बनकर।”

“आह्हा सिसस आह्हा आह्हा बजा लो आप तो आपकी घोड़ी को। आहा आईईईई उन्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मम्मी। आहा आईईईई।”

“हां मेरी घोड़ी खूब बजाऊंगा तुझे तो।”

नवीन जी को आज मजा ही आ गया था। आज वो उनकी प्यास को ब१झा रहे रहे। इधर नवीन जी के मोटे तगड़े लंड से चुदने में मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। मैं दर्द से कराह रही थी लेकिन मैं चुदवाना चाह रही थी।

“ओह उन्ह ओह सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह ओह सिससस्स आहाः आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है ओह्ह्ह नवीन जी।”

“हां मेरी निकिता।”

“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह सिस्सस्स आहा आईईईई ओह्ह्ह्ह। बहुत अच्छा लग रहा है मेरे सैया। बहुत ही मस्त लंड है तेरा आहा उन्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह मम्मी।”

“ओह्ह्ह्ह मेरी रानी।”

नवीन मुझे घोड़ी बना कर मेरी जम कर बजा रहा था। मुझे भी उनके मोटे तगड़े लंड से चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। अब मैं शर्म को उतार कर खुद की आग बुझाने लग रही थी।

“आह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह सिसस अह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह मेरे राजा।”

“ओह्ह्ह मेरी रानी बहुत मज़ा आ रहा है। आह्हा।”

“आह्ह्ह आह्ह्ह ओह्ह मेरे सैंया बहुत अच्छा लग रहा है। आह्ह्ह पेले जाओ। आह्हा।”

“हां मेरी रानी।”

तभी जोरदार ठुकाई से मैं पिघल गई और मेरी चूत से रस बहने लगा। नवीन अभी भी मेरी चूत जम कर ले रहा था।

“आहा आईईईई उन्ह्ह्ह आहा आईईईई आहा उह्ह्ह्ह्ह मम्मी। आहा आईईईई।”

अब धीरे-धीरे नवीन का पानी निकलने वाला था। तभी नवीन ने कहा, “बोल निकिता, कहां भरूं मेरा पानी?”

“मेरी चूत में ही भर दे नवीन।”

तभी नवीन ने जोर-जोर झटके मारे, और मेरी चूत में पानी निकाल दिया। अब वो मुझे घोड़ी बना कर ऐसे ही खड़ा रहा।

“ओह्ह्ह भाभी जी। बहुत मजा आया। आज मेरे लंड की आग शांत हो गई।”

“हां नवीन जी। आपने ने मेरी चूत को मजा से दिया।”

“मैं बहुत दिनो से आपकी चूत पेलना चाहता था लेकिन आज जाकर मौका मिला है।”

“हां नवीन जी। मैं जानती हूं।”

कहानी जारी रहेगी……

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