मालिश के बाद मम्मी की चुदाई

हेलो दोस्तों, मैं सोनू. जैसा की मैने पिछले पार्ट में बताया था की बड़े पापा की वजह से मैं और मम्मी चुदाई नही कर पा रहे थे. और बड़े पापा मम्मी को छोड़-छोड़ कर मज़ा ले रहे थे. मैं मॅन में सोच रहा था की आज दोपहर खाना-वाना खाने के बाद मम्मी को छोड़ूँगा. अब आयेज-

कुछ घंटे बाद हम सब लोग खाना खा लेते है. फिर मम्मी किचन में बर्तन ढोते रहती है, और बड़े पापा अपने रूम में चल दिए होते है. मैं भी अपने रूम में चला जाता हू, और मम्मी के आने का इंतेज़ार करते रहता हू.

काफ़ी देर तक इंतेज़ार करने के बाद जब मम्मी रूम में नही आती है, तब मैं रूम से बाहर मम्मी को देखने जाता रहता हू. तभी मैं देखता हू बड़े पापा मम्मी के पास किचन में घुसे हुए होते है. मैं चुप-छाप रूम के दरवाज़े के पास च्छूप के देखने लगता हू. बड़े पापा मम्मी के दूध और चूतड़ को मसालते रहते है, और बोलते है-

सुरेश: बहू तेरा बर्तन धोना तो हो गया. अब रूम में चल, और मेरे बदन की थोड़ी मालिश कर दे.

मम्मी: जेठ जी मेरे को पता है आपको कों सी मालिश चाहिए. मैं नही चलूंगी, और ऐसे भी सोनू घर पर है.

सुरेश: अर्रे ऐसे-कैसे नही चलेगी?

फिर बड़े पापा किचन से एक मालिश वाले तेल की बॉटल रख लेते है, और फिर मम्मी का हाथ पकड़ के खींचते हुए अपने रूम में ले जाते है, और दरवाज़ा बंद कर देते है. मैं मॅन में बोलता हू ‘वाह झांट, मैं सोच रहा था आज मम्मी को छोड़ लूँगा. पर आज भी ये बड़े पापा मेरा काम बिगाड़ दिए’.

फिर मैं बड़े पापा के रूम की खिड़की के पास गया, और रूम के अंदर देखने लगा. बड़े पापा मम्मी को पकड़े रहते है, और बोलते है-

सुरेश: चल बहू, अब मेरी मालिश कर दे

मम्मी: जेठ जी आप मानोगे नही.

फिर बड़े पापा नंगे हो कर बिस्तेर में उल्टा लेट जाते है. मम्मी उनके बदन पे तेल लगा कर मालिश करती है. मम्मी बड़े पापा के काले-काले छूतदों को मसल-मसल के मालिश करती है.

कुछ देर बाद बड़े पापा सीधा लेट जाते है. फिर मम्मी तेल लगा कर बड़े पापा की छ्चाटी की मालिश करती है, और धीरे-धीरे पेट को करती है. फिर वो बड़े पापा के पैरों की मालिश करती है. उसके बाद बड़े पापा बोले-

सुरेश: बहू मेरे लंड की भी मालिश कर दे.

मम्मी: हा जेठ जी, करती हू.

बड़े पापा का लंड पहले से ही खड़ा हो गया रहता है. फिर मम्मी बड़े पापा के लंड और टट्टो पर तेल लगा के, लंड को दोनो हाथ से पकड़ के, उपर-नीचे करती है. फिर टट्टो को भी हल्के हाथ से सहलाती है. मम्मी बड़े पापा के लंड की मूठ मारने लग जाती है. वो ज़ोर-ज़ोर से बड़े पापा के लंड की मूठ मार्टी रहती है.

सुरेः: वाह बहू, मज़ा आ रहा है वाह.

फिर कुछ ही देर में बड़े पापा झाड़ जाते है. मम्मी एक कपड़े से उनका सारा माल पोंछती है, और उनके लंड को पोंछती है. फिर बड़े पापा खड़े हो जाते है, और बोलते है-

सुरेश: बहू अब मैं तेरी मालिश कर देता हू.

मम्मी: मेरे को मालिश नही करवानी है जेठ जी.

सुरेश: अर्रे बाबू, तेरे को भी अछा लगेगा.

मम्मी: नही.

मम्मी मालिश के लिए नही मानती है. लेकिन फिर भी बड़े पापा मम्मी को नंगी कर देते है, और बिस्तेर में उल्टा लिटा देते है. मम्मी बोली-

मम्मी: जेठ जी क्यूँ ऐसा कर रहे है? मेरे को मालिश नही करनी है.

सुरेश: मैं बोला हू तो करना पड़ेगा.

फिर बड़े पापा मम्मी की पीठ में तेल लगते है, और पीठ को मसालते हुए मालिश करते है. वो मम्मी की कमर को मसल मसल के मालिश करते है. फिर बड़े पापा मम्मी के चूतड़ में खूब सारा तेल लगते है, और मम्मी की छूतदों को मसल-मसल के मालिश करते है.

सुरेश: कैसा लग रहा है बहू?

मम्मी: अछा लग रहा है जेठ जी.

सुरेश: मैं बोला था ना.

फिर बड़े पापा मम्मी के छूतदों की मालिश करने के बाद मम्मी की मोटी-मोटी जांघों की मालिश करते है, और फिर पुर पैरों की. बड़े पापा फिर मम्मी को सीधा लिटा देते है. फिर मम्मी के दूध में तेल लगा के मम्मी के दूध को मसल-मसल के मालिश करते है. मम्मी मालिश का पूरा मज़ा ले रही होती है.

फिर बड़े पापा मम्मी के पेट को हल्के-हल्के मालिश करते है. वो मम्मी की छूट के उपर वाले हिस्से को हल्का-हल्का सहलाते है. फिर मम्मी की छूट में उंगली घुसा देते है, और मम्मी की छूट को उंगली से छोड़ने लग जाते है.

मम्मी: अयाया जेठ जी, मज़ा आ रहा है है उम्म्म्म.

सुरेश: तेरे को तो मैं बहुत मज़ा दूँगा मेरी बहू रानी.

फिर बड़े पापा मम्मी की छूट से अपनी उंगली बाहर निकाल लेते है, और मम्मी के पैरों को फैला देते है. उसके बाद मम्मी के उपर चढ़ के अपने लंड को मम्मी की छूट में घुसा के ज़ोर-ज़ोर से मम्मी को छोड़ने लगते है.

मम्मी: अयाया अया और ज़ोर से छोड़ो जेठ जी, आ आ.

वो बड़े पापा के चूतड़ को पकड़ के और ज़ोर-ज़ोर से आयेज-पीछे करने लगती है, और नीचे से अपने छूतदों को उछाल-उछाल के धक्के मार्टी है.

मम्मी: ऑश जेठ जी अयाया अयाया, और ज़ोर से करो ना, आआआः आआआः अयाया ओह.

फिर बड़े पापा मम्मी को बोलते है-

सुरेश: चल कुटिया बन जेया.

मम्मी तुरंत कुटिया बन जाती है, और अपने चूतड़ को हिलती है. फिर बड़े पापा पीछे से मम्मी की छूट में लंड घुसा के मम्मी के बालों को एक हाथ से पकड़ लेते है, और छोड़ने लग जाते है.

मम्मी: अयाया अया आ अया अयाया.

फिर कुछ देर में ही बड़े पापा मम्मी की छूट में झाड़ जाते है. उसके बाद दोनो बिस्तेर में लेट जाते है. मैं देखता हू की बड़े पापा बहुत जल्दी ही झाड़ रहे थे. शायद ये हो सकता है की ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हो गये थे. मम्मी के चेहरे पर भी संत्ुस्ती नही दिख रही थी.

फिर बड़े पापा बीड़ी निकालते है और मम्मी और बड़े पापा दोनो लेते-लेते बीड़ी पीते हुए बात करते रहते है.

सुरेश: बहू तू मेरे से शादी कर ले. फिर हम लोग रोज़ चुदाई करेंगे.

मम्मी: मैं आपसे शादी नही कर सकती जेठ जी.

सुरेश: पर क्यूँ?

मम्मी: मैं आपसे कर लूँगी तो मेरे सोनू का क्या होगा? वो तो अकेला हो जाएगा ना.

सुरेश: अर्रे बहू, तू पहले सोनू की शादी कर दे. फिर सोनू की बीवी सोनू का पूरा ध्यान रखेगी. और देखना एक बार सोनू की शादी हो जाएगी, तो सोनू तेरे को पूछेगा भी नही.

मम्मी: सोनू मेरे बिना सो भी नही पाता है. वो ऐसा करेगा हो ही नही सकता. सोनू मेरे को कभी नही भूल सकता.

सुरेश: अर्रे पर जब सोनू की शादी हो जाएगी, तब तो वो अपनी बीवी के साथ अलग रूम में सोएगा ना. तेरे साथ थोड़ी ना सोएगा.

मम्मी: सोनू की शादी के बाद भी सोनू अपनी बीवी को लेकर मेरे साथ ही सोएगा.

सुरेश: तो वो अपनी बीवी को तेरे सामने छोड़ेगा?

मम्मी: हा, मेरे को कोई दिक्कत नही है. मैं सोनू को अपने आप से अलग नही करूँगी.

सुरेश: तो मतलब तू मेरे से शादी नही करेगी?

मम्मी: नही करूँगी.

सुरेश: ठीक है, अब जैसी तेरी मर्ज़ी.

फिर मम्मी और बड़े पापा कुछ देर और बातें करते है. उसके बाद दोनो सो जाते है. मैं भी अपने रूम में चला जाता हू, और बिज़्नेस का काम करने लग जाता हू. फिर शाम को मम्मी रूम में आती है, तो मैं देखता हू मम्मी के बाल पुर गीले रहते है, और अपने बालों को पोंछती रहती है. मैं बोला-

सोनू: मम्मी आपके बाल कैसे गीले है.

मम्मी: अर्रे वो जेठ जी के साथ नहा रही थी.

सोनू: हा ठीक है.

मम्मी और मेरी ज़्यादा बात नही हुई. फिर मम्मी किचन में चली गयी. कुछ घंटे बाद रात हो गयी, और फिर मैं, बड़े पापा, और मम्मी हम लोग खाना खाने डिन्निंग टेबल पर बैठे थे, और खाना खा रहे थे. मैं बीच में बैठा था. बड़े पापा और मम्मी एक-दूसरे के सामने बैठे थे.

बड़े पापा मम्मी को देख कर हस्स रहे थे. मम्मी भी उनको देख हस्स रही थी. फिर अचानक से मम्मी चौंक गयी. मैं बोला-

सोनू: क्या हुआ मम्मी?

मम्मी: कुछ नही बेटा.

फिर मम्मी मेरे को अपने हाथ से टेबल के नीचे इशारा की. मैं चुप-छाप टेबल के नीचे देखा तो बड़े पापा मम्मी के पैर को अपने पैर से सहला रहे थे. फिर बड़े पापा मम्मी के पैर को अपने पैर से उठाए, और अपने लंड पर रख दिए.

वो मम्मी के पैर को अपने एक हाथ से पकड़ के अपने लंड पर सहलाने लगे. मम्मी भी मुस्कुराते हुए पैर से बड़े पापा के लंड को सहलाने लगी. कुछ देर बाद हम सब का खाना पीना हो गया, और रात में फिरसे बड़े पापा मम्मी को छोड़े.

ऐसे ही पुर हफ्ते होता रहा. बड़े पापा रोज़ मम्मी को छोड़ रहे थे, कभी रूम, कभी बातरूम में, और मेरे को मम्मी को छोड़ने का मौका ही नही मिल रहा था. अब तो एक हफ़्ता निकल चुका था. अब हम लोगों को बड़े पापा के गाओं जाना था, उनकी बेटी की शादी में. हम लोग कार से जाने वाले थे, और बड़े पापा का गाओं हमारे शहर से बहुत डोर था.

आयेज क्या हुआ वो मैं अगले पार्ट में बतौँगा. कहानी पढ़ कर फीडबॅक ज़रूर दे.

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