एक मज़बूर पति की सेक्स दास्तान

पिंकी ने अपनी उंगली, मेरी नाक पर सूँघाई और फिर रुचिका के मुंह में डाल दी..

जिसे, रुचिका ऐसे चाट गई जैसे उंगली पर जैम लगा हुआ हो।

यह देख कर, सब हँसने लगे।

मैं समझ गया की अब मेरी रुचिका आम लड़की नहीं रही, वो पूरी रंडी बन गई है..

फिर वीरू ने, उसे अपने पास बुला लिया और रुचिका बेड पर चढ़ गई.. अब दुबारा राजू और लकी आगे पीछे से, उसे चोदने लगे..

इतने में, वीरू ने रुचिका के मुंह में अपना लण्ड ठूंस दिया.. जिसे, वो प्यार से चूसने लगी..

विनोद ने, वीरू को इशारा किया और खुद अपना लण्ड रुचिका के मुंह में घुसा कर हिलाने लगा।

तभी वीरू को कुछ और शरारत सूझी और उसने राजू को हटाया, जो रुचिका की चूत मार रहा था और फिर वीरू ने रुचिका की चूत में उंगली करना शुरू कर दिया.. जबकि, लकी रुचिका की गाण्ड मार रहा था..

फिर वीरू ने अपनी रफ़्तार बड़ा दी, वो कुछ खास तरह से उंगली कर रहा था.. जिसका, नतीज़ा भी जल्दी ही आ गया..

अब विनोद भी, अपना लण्ड निकाल कर किनारे खड़ा हो गया। जिसके लण्ड को, एक हाथ से रुचिका ने पकड़ रखा था। जबकि, राजू के लण्ड को रुचिका ने दूसरे हाथ से हिला रही थी।

बीच-बीच में, रुचिका दोनों के लण्ड चूस भी लेती..

फिर थोड़ी ही देर में, रुचिका का जिस्म अकड़ने लगा और वो ज़ोर ज़ोर से मचलने लगी.. ..

अचानक से, उसकी चूत से ढेर सारा पानी निकलने लगा, जिसे पिंकी अपने मुंह में लेने की कोशिश करने लगी..

फिर, पिंकी ने अपनी हथेलियों से चुल्लू बनाकर, थोड़ा पानी मेरे पास ले आई और बोली की यह तुम्हारी “बीवी की मस्ती का पानी” है.. !! दुनिया में, बहुत कम औरतों को ही, यह सुख मिलता है.. !! वो भी वीरू जैसे अनुभवी चोदु के कारण, वरना ज़्यादातर औरतों को तो ज़िंदगी भर यह सुख मिल ही नहीं पाता.. !!

इसके बाद, दुबारा विनोद और राजू अपने अपने काम में लग गये.. वीरू भी, थक कर किनारे ही लेट गया..

वैसे भी, सुबह के 4:30 हो गये थे..

इधर, पिंकी भी मेरे पास ही बैठ गई और मेरे लण्ड को हाथ में ले कर हिलाने लगी।

अपनी बीवी की चुदाई देखकर, मेरा लण्ड भी खड़ा होने लगा था.. वैसे भी, अब वो मेरी बीवी नहीं, बल्कि “सड़क की रंडी”, बन चुकी थी..

उसकी सिसकारियाँ सुनकर, मेरे लण्ड में भी खून दौड़ने लगा..

अचानक, पिंकी ने मेरा छोटा सा लण्ड अपने मुंह में ले लिया..

वो लोलीपोप की तरह, मेरा लण्ड चूसने लगी।

पहली बार, कोई लड़की मेरा लण्ड चूस रही थी, क्यूंकी रुचिका ने मुझे हर बार मना कर दिया था।

आज मेरी बीवी, किसी और मर्द का लण्ड चूस रही थी और एक दूसरी लड़की, मेरा लण्ड चूस रही थी।

फिर पिंकी मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे लण्ड को अपनी चूत में ले लिया।

पिंकी की चुचियाँ, मेरे मुंह के पास थीं.. लेकिन, मेरे मुंह पर टेप लगा हुआ था इसलिए, मैं उसे चूस नहीं सकता था..

फिर, मेरे लण्ड पर उछलते हुए पिंकी ने कहा की तुम्हारी बीवी “हाइपर सेक्स” के नशे में है, जो मैंने उसे शुरुआत में खिलाई थी.. !!

इस के कारण, औरत इतनी चुदासी हो जाती है की वो अच्छा बुरा सब भूल जाती है.. लेकिन, तुम परेशान ना हो वो ठीक हो जाएगी और तुम्हारे अंदर भी कोई कमी नहीं है.. !! सिर्फ़ विश्वास की कमी है.. !! जिसके कारण, जल्दी झड़ जाते थे.. !! पर, मैं तुम्हे सब सीखा दूँगी.. !!

यह कह कर, उसने मुझे चूमा और अपनी रफ़्तार बड़ा दी।

असल में, मुझे उस रंडी पिंकी पर बहुत गुस्सा आ रहा था.. क्यूंकी, उसने मेरी सीधी साधी बीवी को रंडी बना दिया था..

सच कहूँ तो मैं उसकी चूत फाड़ डालना चाहता था.. इसीलिए, ताबड़ तोड़ धक्के मारने लगा.. अब रूम में, मेरी बीवी के साथ पिंकी भी चिल्ला रही थी – आ आ आ आ आ.. !! उू उउ.. !! और, चोदो और, चोदो.. !! मार लो, मेरी… फाड़ दो, मेरी चूत हा ई या आ आ उ आ या आ उंह.. !! क्या चो द र हा है.. !!

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और, पिंकी ने चिल्लाते हुए, मेरे मुंह से टेप हटा दिया और अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसेड दी, जिसे मैं चाटने लगा।

अब मुझ पर भी सेक्स का नशा चढ़ गया था.. इस लिए, मैं भी मज़े लेने लगा..

तभी राहुल उठा, जो सबसे किनारे बैठा था।

वो हम दोनों के पास आया और पिंकी की गाण्ड पर अपनी थूक लगाने लगा।

फिर, थोड़ा थूक अपने लण्ड पर लगाया और पिंकी की गाण्ड में, अपना लण्ड पेल दिया।

अब पिंकी और मेरी बीवी, दोनों के दोनों छेदों में लण्ड थे..

तभी वीरू भी खड़ा हुआ और बोलने लगा की हाँ दोस्तो, ऐसे ही.. !! इन दोनों रंडियों को चोदो.. !!

फिर, वो मेरे सोफे के पीछे आ गया और अपना लण्ड पिंकी के मुंह में डाल दिया और बोला – जब रुचिका के तीनों छेद में लण्ड है तो अपनी पिंकी कैसे छूट जाए.. !!

फिर उसने मुझसे कहा – क्यूँ बे साले, मज़ा आ रहा है, असली चुदाई का.. !!

बात तो सच थी, मैं घर पर तो रुचिका की चूत में 2 मिनट में ही झड़ जाता था.. लेकिन, यहाँ मैं तबा तोड़ पिंकी की चूत चोद रहा था..

फिर वीरू ने, मेरे हाथ भी खोल दिए।

पहले, मैं सोच रहा था की हाथ खुलते ही वीरू की गर्दन दबा दूँगा.. लेकिन, अब मेरी बाहों में पिंकी का शरीर था.. जिसे, मैंने कस कर पकड़ लिया..

फिर वीरू का इशारा पा कर, राहुल ने मेरे पैरों को भी खोल दिया।

अब मैं आराम से, पिंकी की चूत में सही से लण्ड डाल सकता था…

दोनों के मुंह में, लण्ड ठुसने के कारण वो दोनों चिला नहीं पा रही थी.. सिर्फ़ गून गून की आवाज़ आ रही थी.. जिसे, हम लोग एंजाय कर रहे थे..

ऐसे ही, 10 मिनट के बाद, एक एक कर सबका वीर्य निकल गया.. !!

आज पहली बार, मुझे असली चुदाई का एहसास हुआ और मैं थक कर सोफे पर निढाल गिर गया, राहुल और वीरू भी सोफे पर ही पसर गये..

जबकि उधर विनोद, राजू, देव और लकी मेरी बीवी के साथ बेड पर पड़े थे और मेरी बीवी के शरीर को सहला रहे थे।

फिर पिंकी भी उठ कर, उनके बीच में चली गई और मेरी बीवी के ऊपर लेट गई।

अब दोनों, अपने में ही मज़े ले रही थी.. ना जाने, उनमें इतना सेक्स करने के बाद भी इतनी ताक़त, कहाँ से बची थी..

पिंकी, अपने गाण्ड और चूत में से लण्ड निकाल निकाल कर, कभी खुद चाटती तो कभी रुचिका को चटाती।

फिर पिंकी ने अपनी चूत में से वीर्य को निकाल कर, रुचिका के मुंह में डाला और बोली की इसे पूरा पी जा.. !! यह, तेरे असली पति की मलाई है.. !!

फिर पिंकी अपनी चूत ही रुचिका के मुंह पर ले के बैठ गई और रुचिका मस्ती से उसकी चूत चाटने लगी।

पिंकी के बैठने से मेरा वीर्य उसकी चूत से बाहर आने लगा, जो सीधा रुचिका के मुंह में जा रहा था।

दोनों, बहुत देर तक ऐसे ही खेलती रहीं.. फिर, दोनों थक के सो गईं..

मुझे भी नींद आ गई।

सुबह 11 बजे, जब मेरी नींद खुली तो देखा की पिंकी चाय बना लाई थी।

उसने प्यार से, मेरे लण्ड को मुंह से चूमा..

रूम में और कोई मर्द नहीं था, सिर्फ़ रुचिका बिस्तर पर पड़ी सो रही थी..

अब पिंकी ने मुझेसे कहा की देखो जो होना था हो गया.. !! अब इसे एंजाय करो.. !! वैसे भी, कल रात की पूरी रिकॉर्डिंग इन लोगों के पास है.. !! फिर तुम दोनों ने खुद साइन करके भी दिया है.. !! इसलिए, कोई बेवकूफी ना करना.. !! तुम्हारी बीवी की कोई ग़लती नहीं है.. !!

पिंकी ने मुझे एक गोली देते हुए बोला की यह अपनी बीवी को खिला देना, जिससे इसे बच्चा नहीं होगा और अब तुम आराम से अपनी बीवी को चोद कर, उससे अपना बच्चा कर सकते हो.. !! अब यह तुम्हारी ज़िम्मेदारी है की तुम अपनी बीवी का होसला बड़ाओ क्यूंकी वैसे भी तुम ही ज़िद करके अपनी बीवी को यहाँ लाए थे.. !! तुम मर्द से खुद तो कुछ होता नहीं, बस अपनी बीवियों को कोसते रहते हो.. !! इसलिए, उसे प्यार से समझना की इसमें उसकी कोई ग़लती नहीं.. !! वैसे भी, कल तुमने भी मेरी चूत मारी थी.. !! …याद है, ना.. !! …यह कह कर उसने मुझे आँख मार दी..

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मैं भी इस पर मुस्कुरा दिया…

असल में, मुझे बहुत संतुष्टि थी की मैं “नामर्द” नहीं हूँ.. !! आगे पिंकी ने कहा की अगर, तुम चाहो तो यह सब कंटिन्यू कर सकते हो और रोज मेरी चूत भी मार सकते हो…

उसने मुझे बताया की वो असल में राहुल की बीवी है और तो और वीरू, लकी और देव की बीबी भी यह सब करती हैं और तो और राजू की तो सग़ी बहन और उसकी गर्लफ्रेंड भी यहाँ आती है.. !! तुम चाहो तो, उन सबको भी ऐसे ही चोद सकते हो.. !!

मैंने और किसी को तो नहीं देखा था, लेकिन वीरू की बीवी रश्मि से मिला था जो बहुत मस्त माल थी.. इसलिए, मुझे लगा की जब सब कुछ हो ही चुका है तो अब एंजाय ही किया जाए..

फिर पिंकी बाहर चली गई और मैंने रुचिका को प्यार से उठाया।

वो उठते ही, मुझसे चिपक कर रोने लगी..

उसके पूरे शरीर पर वीर्य चिपका हुआ था जो पपड़ी जैसा हो गया था,।

पूरा बेड भी वीर्य और पेशाब के धब्बो से, सना हुआ था।

रुचिका के बाल बिखरे हुए थे, जो वीर्य के कारण आपस में चिपक गये थे।

मैंने उसे प्यार से सहलाया और सारी बात समझाई.. फिर, प्रेग्नेन्सी रोकने वाली दवाई भी खिला दी..

अब हम दोनों नंगे ही नीचे चले गये, जहाँ डाइनिंग टेबल पर सब नंगे ही बैठे हुए थे और लकी की गोद में पिंकी बैठी थी, जिसके ऊपर मक्खन रख कर राजू ब्रेड में लगा लगा कर सबको खाने को दे रहा था।

हम दोनों को देख कर, वीरू चिल्ला कर बोला – आ जा, मेरे भाई.. !! बोलो, क्या फ़ैसला है तुम्हारा.. !! मैंने तेरी बीवी को चोदा चाहे तो मेरी बीवी को चोद के बदला ले ले.. !! वैसे भी, मेरी बीबी तेरी बड़ी तारीफ़ करती है की भाई साब कितने सीधे हैं.. !!

यह सुनकर, मेरे दिमाग़ में रश्मि को चोदने का मन होने लगा और मैंने ज़ोर से हाँ कह दी..

तब राहुल मेरे पास आया और बोला – आलोक भाई, कल तुमने मेरी पिंकी को मस्त चोदा.. !!

अपनी तारीफ़ सुन कर, मैं खुश होने लगा। तभी विनोद ने मेरी बीवी का हाथ पकड़ कर अपने पास बिठा लिया।

वैसे, मैं तो नंगा ही नीचे आ गया था लेकिन मेरी बीवी ने एक तोलिय लपेट लिया था क्यूंकी उसे शरम आ रही थी और उसके कपड़े नीचे वाले रूम में ही पड़े थे।

फिर, हम सबने नाश्ता किया।

अब तक रुचिका भी सब से खुल चुकी थी।

वीरू ने कहा – भाइयो, रुचिका जी को रात वाला पूरा टेप दिखाओ की कैसे हमने रूचि की पहली बार गाण्ड फाड़ डाली थी और रुचि कैसे दो-दो लण्ड ले के चूस रही थी.. !!

यह सब सुनकर रूचि भी शरमाने लगी और मुझे हँसी आने लगी।

फिर, मैंने वीरू से पूछा की तुम कल रश्मि को क्यूँ नहीं लाए.. !! तो उसने जावब दिया की भाई, अगर उन सबको ले आते तो सब लण्ड लेने के लिए आपस में ही लड़ने लगती और फिर पहली बार रुचिका की पूरी चुदास भी तो मिटानी थी.. !! क्यूँ, रुचिका अभी मिटी की नहीं तेरी चुदास.. !!

यह सुन कर रुचिका भी हंस दी। तब, पिंकी बोली की कल की चुदाई के बाद तो रूचि की चुदास और बढ़ गई होगी.. !! क्यूँ, है ना रूचि.. !!

अब रूचि ने भी पिंकी को जवाब दिया – हाँ, सो तो है.. !! कल जितना मज़ा आया, वो तो अब हर रात को चाहिए.. !!

यह सुनकर हम सब हँसने लगे और वीरू ने रश्मि को फोन कर वहीं बुला लिया और मुझे आँख मार कर कहा – ले भाई, ले ले मुझसे बदला.. !!

समाप्त.. .. ..

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