मैड के सामने चुदी

हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम नव्या ठाकुर है. ये स्टोरी का 3र्ड पार्ट है. सो वेलकम तो ऑल. मुझे बोहट मेल्स मिले. जिसमे सेक्स ऑफर ग्रूप सेक्स ऑफर मिली. मैं उन लोगो को तो बता देना चाहती हू. ई नोट इंट्रेस्टेड. मैं अपने हज़्बेंड के साथ खुश हू. मुझे ना नया लंड नही चाहिए. मैं अपने हज़्बेंड के लंड से बोहट खुश हू.

सो स्टोरी फिर से स्टार्ट करते है. लास्ट स्टोरी मे आप ने पढ़ा मेरा मिसकॅरियेज हो गया था. इसलिए मैं बोहट डिप्रेशन मे चली गयी. कबीर ने मुझे बोहट समझाया नेक्स्ट टाइम बाकचा हो जाएगा पर मेरा दिल नही लग रहा था. ये सब चलते हुए 2 वीक्स हो गये थे.

मुझे घर के काम करने मे भी बोहट प्राब्लम हो रही थी. कबीर ने सोचा क्यू एक मैड रखे जो घर का सब काम करे. मैने माना किया तो कबीर नही माने .

सोसाइटी मे कबीर ने मैड के लिए पूचया तो एक मैड मिली जो घर के सब काम करती थी. हुँने को मैं को बुलाया मीन्स सॅलरी वगेरा डिसाइड करने के लिए. नेक्स्ट मॉर्निंग वो आई. 9 बजे हे डोर नॉक हुआ. किरण ने डोर खोला और देखा.

एक अराउंड 40 एअर लेडी. जो दिखने मे बोहट कमाल थी. उसके लुक्स ऑलमोस्ट आक्ट्रेस जयवाणी जैसे थे. उसने महाराष्ट्रियाँ स्टाइल मे सारी पहेनी थी. उसकी हाइट 5.1 होगी. बूब्स 32 कमर 35 और गंद तो 40 की. मैने उससे उपर से नीचयए देखा.

मैं- आपको कौन चाहिए

लेडी- कल साहब ने फोन किया था घर के काम के लिए नई चाहिए करके.

कबीर- हा. देखिए ये मेरी वाइफ है. इससे जाड़ा काम नही करना है इसलिए हम बाई चाहिए. घर से सारे काम करने के लिए. मैं जब तक ऑफीस से नही आ जायू. तब तक सॅप को घर पर रहना है. मैं आने के बाद आप जा सकते हो.

लेडी- मेडम को क्या हुआ है?

कबीर – उसकी तबीयत ठीक नही रहती है इसलिए.

लेडी- ठीक है भैसाहब मैं घर देख लेती हू फिर आपको पैसा का बोलती हू.

कबीर-ठीक है देख लो. वो लेडी घर मे आई और घर देखने लगी. हुमारा फ्लॅट सिस्टम है. 2भक का.

लेडी- ठीक है भैसाहब मैं काम करूगी पर 10 हज़ार लुगी.

कबीर-बोहट जाड़ा होते है.

लेडी- साहब जाड़ा नही है मैं मेडम का पूरा ढयन रखुगी. आपको उनकी टेन्षन नही रहेगी.

कबीर – ठीक है.

मैं- नही कबीर बोहट जाड़ा पैसे होते है. मैं कर लुगी ये सब काम

कबीर – नही.

मैं- आपका नाम क्या है.

लेडी- मेरा नाम मीना है. मैं यही पास के बस्ती मे रहती हू

मैं- आपके घर मे कौन कौन है.

मीना- मेरा पति मार गया. मैं अपने बेटे और बेटी के साथ रहती हू. मुझे भी उन पर दया सा गयी. एक लेडी जिसका पति नही है.ब्वो अपने बाकचो को पहने के लिए घर घर जा कर काम करती है. इसलिए मैने भी उनको रख लिया. नेक्स्ट दे से वो 8 बजे हे घर आ गयी. बेल बजाई तो मैने हे डोर खोला.

मीना- गुड मॉर्निंग मेडम

मैं- गुड मॉर्निंग. क्या बात है आपको इंग्लीश आती है.

मीना- हा मेडम मैं 12त पढ़ी हू.

मैं-क्या बात है.. अक्चा है. आ जाए अंदर. साहब सो रहे है. आप तब तक ज़दू मार दो. मैं छाई ब्ना दो.

मैं फ्रेश होने के लिए वॉशरूम गयी. और मीना बे ज़दू लेकर हॉल मे सफाई सुरू कर की. मैं 5 मीं बाद वॉशरूम से निकली और देखा.

मीना हुमारे बेडरूम के डोर के पास खड़ी है. और अंदर चोरी से देख रही है. मैं चुप छाप गयी और देखा वो क्या देख रही है. अंदर देखा और कबीर सो रहे है चादर के अंदर और उनका लंड चादर मे टेंट ब्ना का खड़ा है. मीना सडन्ली मूडी और मुझे देख कर हड़बड़ा गयी.

मैं- क्या हुआ?

मीना- घबराते हुए कुछ नही मेडम साहब सो रहे है इसलिए अंदर नही गयी.

मैं- अक्चा चलो आंद्र ज़दू मार दो.

मीना- नही रहने दीजिए साहब उठ जाएगे तब मार दुगी.

मैं- नही पहेले ज़दू मार दो. और मैं मीना कोबंद्र लेकर गयी. कबीर का लंड मॉर्निंग एरेक्षन मे था. मैने कबीर को उठाया. कबीर उठे और मेरी तरफ़ देखा और स्माइल दी.

फिर मीना के तरफ़ देख कर हड़बड़ा कर उठ कर बैठ गये और पिल्लो लेकर कर लंड छुपाने लगे. मैने कबीर को नॉटी स्माइल दी. कबीर ने अपना फेस नीचयए कर लिया. मीना ज़दू मार रही थी. उसने हुंसे आइ कॉंटॅक्ट भी नही किया और जल्दी हे ज़दू मार कर छाई ब्नाने चली गयी.

मैं- फुसफुसते हुए. क्या बात है आज फुल टाइट है.

कबीर- क्या यार मुझे पहेले उठा देती. कितना एंबॅरसिंग लग रहा था.

मैं – ओके पर तुम्हारा इतना टाइट क्यू है आज

कबीर- कितने दिन हो गये हुँने कुछ किया हे नही. इसलिए शायद. मैने चादर के अंदर हाथ डाला और कबीर का लंड ज़ोर से पकड़ लिया. और एक दो बार उपर नीचयए किया. तोड़ा खुद को कंट्रोल करो. कुछ दीनो बाद हे सब करना हे है. कबीर ने बूब्स पकड़ लिए.

कबीर- कंट्रोल हे नही होता है ना.

और टॉप के अंदर हाथ दल कर मेरे निपल्स पिंच कर लिए. ये सब हम मीना रहते हुए कर रहे थे. पता नही मुझे अलग हे एग्ज़ाइट्मेंट हो रही थी.

मैने कबीर को खुद से अलग किया और कबीर को फ्रेश होने भेज दिया. कबीर शॉर्ट्स पहें कर फ्रेश होने चले गये. हुँने ब्र्सुह किया और छाई पी. छाई के बाद हुँने नहा कर तैयार हुए. और कबीर ऑफीस चले गये. कबीर जाने के बाद.

मीना- साहब तिफ्फ़िं नही लेकर जाते है क्या.

मैं- नही वो ऑफीस के कॅंटीन मे खा लेते है.

मीना- ऐसा क्यू. अब तो मैं काम पर आ गयी हू. कल से साहब को तिफ्फ़िं देगे. आप सब्जी ब्ना लेना बाकी सब मैं कर लुगी.

मैं- ठीक है कल से स्टार्ट करते है.

मैं- क्या मैं आपको काकु बोल स्क्ति हू. और आप मुझे मेडम नही मेरे नाम से बुलाते है. मैं आप से बोहट छोटी हू. मेडम बोलते हो तो अक्चा नही लगता है.

काकु- ठीक है अब से आपको नाम से बुलाती जायुगी.

मैं- तो काकु आपके बारे मे ब्ताओ. आपके घर मे कौन कौन है वगेरा वगेरा.

काकु- मैने आपको ब्टाया ना मेरा पति मार गया है. मेरे 2 बाकछे है.

मैं-हा वो ब्टाया पर आपके बाकछे क्या करते है.

काकु- मेरे पति मजदूर थे. 4 साल पहेले दारू पी पी मार गये. और मेरा लड़का है शुभम जो 12 साल का है और लड़की का नाम पालक है जो 8 साल की है. दोनो पढ़ाई करते है. मैं जब काम पर जाती हू तो मेरे सास ससुर उन्हे देखते है.

मैं- अक्चा मेरे बारे आपको पता है या नही.

काकु- मुझे आपके बारे मे सब पता है. सोसाइटी मे आपके बारे मे बोहट सुनना है. जैसे आपके सास ससुर है जो दूसरे शहेर मे रहते है. आपकी षड्दी 3 साल पहेले हुई है, आपकी एक बड़ी बहें है, आपकी छोटी बहें को एक छोटा बेटा है. सोसाइटी मे साहब के बारे मे बोहट अक्चा अक्चा सुनना है.

मैं- जैसे?

काकु- साहब आपका बोहट ढयन रखते है. बोहट आचे इंसान है. वगेरा वगेरा.

मैं- काकु आयेज आगे जाड़ा तो है नही. फिर आपने दूसरी षड्दी क्यू नही कर ली.

काकु- मेरे घर वालो ने तो बोहट कहा पर मेरा दिल नही माना दूसरा आदमी भी मेरे पति जैसे निकाला तो. सब आदमी आपके पति जैसे नही होते है.

मैं- वो तो है. पर षड्दी कर लेते तो आपको सपोर्ट मिल जाता.

काकु- अब ये उमर मे मुजसे कौन षड्दी करेगा.

मैं- आपकी आगे जाड़ा नही है. उपर से आप आक्ची भी दिखती हो.

काकु- नही मुझे नही करनी है बस बाकछे पढ़ लिख कर पैसे कमाने लगे वोभे बोहट है.

हुँने ऐसी हे बोहट बाते की. ईव्निंग मे कबीर ऑफीस से आए. और काकु घर चली गयी. ऐसे हे 1-2 वीक्स निकल गये. हुँने सेक्स नही किया. कबीर हे माना कर देता था. बारिश का मूसम सुरू हो गया. एक दिन सूभ काकु भीग कर घर आई. कबीर बातरूम मे न्हा रहे थे. मैने डोर खोला तो काकु सिर से पाओ त्क बोहट गीली हो गयी थी.

मैं- अरे आप बारिश मे क्यू आए.

काकु- काम कौन करता था.

मैं- एक दिन मैने कर लिए होते.

काकु- नही नही आप आराम करो. आप मुझे पैसे दे रहे हो तो मैं छुट्टी क्यू मारू.

मैं- अब आप गीले कडपो मे काम कैसे करोगे. एक काम करते है. मेरे रूम मे चलो आपको कपड़े देती हू.

हम रूम मे गये काकु को एक टवल दिया और उन्हे मेरा एक गाउन दिया. उसने अपनी सारी निकली और पेटिकोट भी. मैने कहा आप ये भी निकल दो. तो उन्होने माना कर दिया कहा साहब जाने के बाद निकल दुगी.

मैने माना किया क्यूकी बोहट गीला था. वो शरमाते हुए पेटिकोट निकालने लगी. पेटिकोट निकलते हे मैने देखा उन्होने अंदर कुछ नही पहना है.

वो बिल्कुल मेरे सामने नंगी खड़ी थी. उनको देख कर तो मेरा दिल गड़बड़ा गया. उन्होने मेरा गाउन लिया और पहें लिया. गाउन उनके लिए छोटा था. गाउन मे उनके बूब्स बड़ी मुश्किल मे बैठे थे जैसे अभी बाहर हे आस जाएगे. और उनकी क्लीवेज दिखने लगी. वो बोहट शर्मा रही थी.

काकु- ये बोहट छोटा है साहब मुझे ऐसा देखेगे तो क्या सोचयएगे.

मैं- कुछ नही होता. देखेगे तो देखेगे. अभी वो न्हा रहे है तब तक सॅप ज़दू मार लो.

काकु- ठीक है. वो ज़दू लेकर निकल गयी मुझे कबीर ने टवल के लिए आवाज़ दी. मैं टवल लेकर डोर मे पास खड़ी हो गयी. कबीर ने हाथ बाहर निकाला और मुझे खिच कर बातरूम के अंदर ले लिया. अब कबीर नंगे खड़े थे और मुझे किस करने लगे.

कबीर- कोई आए है क्या. तुम्हारी और किसीकि आवाज़ आ रही थी. मैं तोड़ा गरम हो गयी थी. अगर मैने कबीर को बीटीये दिया काकु आई है तो वो कुछ नही करते इसलिए मैने ज़ुत बोला.

मैं- कोई नही है टीवी सुरू किया था और तुमने आवाज़ दे दी.

कबीर खुशी हुए और मुझे लीप किस करते रहे. मैं भी पागलो के जैसे उन्हे सपोर्ट कर रही थी. कबीर ने शवर सुरू कर दिया गेयिज़र के वाजसे पानी पहेले गरम हो चुका था.

कबीर मेरे नेक कर काट रहे थे और मैं कबीर का लंड पकड़ कर रखा था. मैने पानी मे पानी लिया और कबीर के लंड पर मूठ मरने लगी. कबीर ने मुझे पकड़ कर पलटा दिया. और मेरी शॉट नीचयए कर दी और खड़े हो कर मेरा टॉप निकल दिया.

मैं अब सिर्फ़ ब्रा पनटी मे खड़ी थी. कबीर पनटी के उपर से हे अपना लंड मेरे गंद पर खीस रहे थे मैं गरम होते जा रही थी बोहट दिन से ये सब मिला नही था.

मैने नीचयए हाथ दल कर लंड पकड़ लिया और पिछयए मूड कर कबीर को किस करने लगी. अब कबीर की चेश और मेरी पीठ बिल्कुल चिपक गये. मैं कबीर का लंड पकड़ कर मूठ मार रही थी. मूह से तोड़ा तुख निकाला और कबीर के लंड पर लगा दिया और ज़ोर से मूठ मरने लगी.

कबीर ने मेरी ब्रा के पिछयए से हुक्स खोले और मेरे बूब्स पकड़ कर दबाने लगे. मेरे निपल्स जो ब्राउन कलर के है उससे पिंच करने लगे.

मैं स्शह करे जा रहे थी. कबीर ने मुझे पलताया सुर मुझे लीप किस करने लगे. कबीर का लंड बिल्कुल मेरे छूट के नीचयए था. मैं कबीर को वाइल्ड्ली किस किए जा रही थी.

कबीर का फेस पकड़ कर मेरे बूब्स पर प्रेस किए जा रही थी. कबीर ने मेरे पेट पर हाथ घुमा रहे थे और नीचयए जाते जा रहे थे. मेरी पनटी हाथ दल कर कबीर ने छूट मे उंगली दल दी.

मैने कबीर का हाथ पकड़ लिया पर कबीर छूट मे उंगली अंदर बाहर किया जा रहे थे. 2-3 मीं उंगली करने बाद कबीर ने मुझे पलटा दिया. और ज़ुक कर्ररी पनटी निकल दी और घुटनो पर बैठ गये.

मेरी गंद कबीर के बिल्कुल सामने थी. कबीर ने मेरी गंद पर हाथ रख कर मेरी गंद फैलाई. और ज़ुबान निकल कर मेरी छूट को टच किया. मैं सस्स्शह की इतनी ज़ोर से आवाज़ निकालो की बाहर काकु को भी सुना दी गयी होगी. कबीर छूट चाटने मे बिज़ी थे और मैं हाथ पिछयए करके कबीर का फेस अपनी गंद पर दबा रही थी.

मुझे लगा काकु बातरूम के बाहर खड़ी है और ह्यूम सुन्न रही है. ये अलग हे एग्ज़ाइट्मेंट थी.

मुझे चलने की आवाज़ आई तब मैं शुवर हो गयी काकु ह्यूम सुन्न रही है. इन सब के बीच मैने जब पलट के देखा तो जो बातरूम का वेंटिलेशन है जो हुमारे बेडरूम मे है यहा काकु की आखरी दिखाई दी पर फेस नही.

मुझे पता चल गया काकु ह्यूम देख रही है. मैने तिरछी नज़र से देखा और सोच्या क्यू ना इश्स भी मज़ा लेने डू. क्यूकी मुझे अलग हे एग्ज़ाइट्मेंट हो रही थी की कोई ह्यूम देख रहा है और हम वाइल्ड हो कर सेक्स कर रहे है.

मैने अपनी गंद और भी कबीर के फेस पर दबा दी और एक हाथ से कबीर का फेस. कबीर की ज़ुबान मेरे छूट मे घूम रही थी. और कबीर कुत्टो की . . रहे थे. 10 मीं बाद मैं कबीर को उठाया.

मैं- मुझे छोड़ो अब मुजसे कंट्रोल नही होता. कबीर ने मुझे वॉल से चिपका कर खड़ा कर दिया और मेरी थाइ पकड़ कर मेरे सामने कहदे होबकसर लंड मेरी छूट पर घिसने लगे .

मैं- प्ल्ज़ कबीर अंदर डालो.

कबीर- इतने जल्दी क्या है. और लीप किस करने लगे

मैं- प्ल्ज़ लंड अंदर डालो मुझे कुत्टो की तरफ़ छोड़ो. बोहट दीनो से तुम्हारा लंड लेने की लिए तड़प रही हू. प्ल्ज़ मुझ पर रहम करो. मैने तिरछी नज़र से देखा काकु अभी भी ह्यूम देख रही है उसकी तो हालत खराब हो गयी होगी.

कबीर ने लंड पकड़ कर मेरी छूट मे आराम से अंदर डाला और मैने कबीर को हग कर लिया. मेरे दोनो हाथ कबीर की पीठ पर थे और कबीर मुझे नीचयए से छोड़ रहे थे.

मैने अपने हाथ नीचयए लेकर गयी और कबीर की गंद को अपनी तरफ़ प्रेस करने लगी. कबीर मुझे किस करते करते छोड़ रहे थे. 10 मीं हो गये थे.

कबीर ने मुझे पलटा दिया और मेरा फेस और मेरे बूब्स वॉल को चिप गये और कबीर ने मुझे इसरा किया गंद फैलने को. मैने यही किया अपने दोनो एसए अपनी गंद फैलाई और कबीर अपना लंड मेरी छूट मे दल दिया.

कबीर ने मेरा गला पकड़ा और मुझे छोड़े जा रहे थे. 2-3 मीं मेरा होने वाला था इसलिए मैने अपनी गंद को कबीर के लंड पर ज़ोर ज़ोर से मारना चालू कर दिया और मैं शांत हो गयी. कबीर नही रूखे और मुझे छोड़ते रहे. 10 मीं बाद कबीर ने मुझे पीठ से जुखा दिया और कहदे रह कर मुझे छोड़ने लगे.

थोड़ी देर बाद कबीर ने लंड बाहर निकाला और मेरी गंद पर हे अपना पूरा पानी निकल दिया. और शांत हो गये. मैं और कबीर साथ मे नहाए.

आयेज की स्टोरी पढ़ते रहिए. नेक्स्ट पार्ट के साथ जल्दी हे आयुगी. तब तक लिए बाइ –

यह कहानी भी पड़े  ननद का बदन भाभी की चूत


error: Content is protected !!