मा पर नज़र रखी शक्की बेटे ने

मेरा नाम अमित है. मेरी आगे 19 एअर है. मेरी फॅमिली में मेरे दादा-दादी, मेरे मों-दाद और मेरी से बड़ी सिस्टर मोनिका है. मैं और मेरा फ्रेंड विशु हॉस्टिल में साथ ही रहते थे. हम क्लास 3र्ड से साथ में ही पढ़े थे. मेरी सिस्टर भी हॉस्टिल में रहती थी. मैं जब गर्मियों की छुट्टियों में घर आता हू, तो बहुत मज़ा आता है. बुत मेरी मों मुझे और दीदी को घर पर नही रखना चाहती है.

मेरी मों और पापा की भी नही बनती है. पापा और मों का झगड़ा होता है तो पापा 2-2 साल घर ही नही आते. पापा सिटी में अपना जॉब करते है. रात को दीदी दादी के पास सोती है. दादा बाहर अपने रूम में सोते है. मैने मों के पास सोने का काई बार ट्राइ किया, बुत मों माना कर देती है.

मेरी मों दिखने में काफ़ी हॉट है. एस्पेशली मों के बूब्स काफ़ी मस्त है. मों जब नीचे झुकती है, तो काफ़ी बूब्स दिखते है. उनके बूब्स की दरार देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. मों को पीछे से देखने पर मॅन करता है की पकड़ कर छोड़ी जाए.

मुझे मों का बहुत दर्र लगता है. बुत मों की दादा जी के साथ बहुत बनती है. मों दादा जी के लिए खुद खाना लेकर रूम में जाती है, और पास बैठ कर खाना खिलती है. हमारे यहा ससुर और बहू को आपस में बात करने और रूम में जाने की पाबंदी होती है. बुत मों रात को दादा जी के रूम में जाती है.

मों बात भी करती है.

मेरे दोस्त विशु को मों दाद के झगड़े के बारे में पता है. वो मुझे कहता था की तेरी मों तेरे पापा के साथ नही सोती तो किसी के साथ अफेर होगा, तभी वो झगड़ा करती है. ये बात सुन कर मुझे बहुत बुरा लगता था. बुत वो बहुत बार ये बात बताता था.

उसने बोला: तेरी मों रात को किसी को बुलाती है. क्यूंकी मों जवान है, और बिना चुड़े नींद नही आती.

ये बात सुन कर मुझे बहुत अजीब लगता था. विशु मुझे काई सेक्स स्टोरीस पढ़ने लगा. फिर मुझे भी मज़ा आने लगा. स्टोरी पढ़ कर मुझे पता चलने लगा की मों को दाद पसंद नही थे. जब मैं छुट्टियों में घर गया तो मैने मों को देखा तो मुझे अजीब सा फील हुआ.

मों के काई बार बूब देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने मों के पास सोने के लिए ट्राइ किया, बुत मों माना कर देती थी.

मों की काई चीज़े देख कर मुझे मों पर शक होने लगा. मों पापा से झगड़ा करती थी, और उनके पास भी नही सोती थी. पापा नही होते तो मों काफ़ी खुश रहती थी.

मों खूब हस्स-हस्स के बात करती थी. पहले मैं मों की बहुत रेस्पेक्ट करता था. बुत मों के बूब देखने के बाद मुझे मज़ा आने लगा. मों जब झुक कर झाड़ू लगती तो मों के गोरे बूब दिख जाते.

शाम को विशु मेरे घर आया. वो मेरे रूम में उपर ही आता था. कभी-कभी वो बियर लाता था तो हम रात को पार्टी करते थे.

विशु आते ही बोला: आंटी तो बहुत हॉट होती जेया रही है.

अमित: ऐसे मत बोल, वो मेरी मों है.

विशु: यार आंटी है ही इतनी मस्त की क्या काहु. लाल सूट में बहुत मस्त लगती है आंटी.

अमित: धीरे बोल कोई सुन लेगा.

विशु: अर्रे यार तू आंटी पर नज़र रखा कर. कोई तो है जो तेरी मों के बूब चूस्टा है.

अमित: तुमको कैसे पता?

विशु: यार आंटी के बूब काफ़ी बड़े है. लगता है कोई मसल-मसल कर चूस्टा है.

ये बात सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया.

विशु: आंटी खूब खुश भी रहती है. वरना जिसका हब्बी बाहर रहता हो वो इतनी खुश नही रहती. आंटी का कोई ब्फ ज़रूर होगा.

अमित: यार मुझे नही पता.

विशु: कोई रात को आता होगा. कोई देवर, या कोई नौकर, या कोई और?

अमित: मों का देवर तो कोई है ही नही. नौकर है वो खेत में ही रहता है. मों बाहर भी नही जाती.

विशु: तो घर में किसी के साथ… तेरे दादा जी भी कम नही है. क्या पता बहू को वही मज़ा देते है.

अमित: अर्रे नही यार. दादा जी तो बहुत धार्मिक है. सुबह मंदिर जाते है.

विशु: क्या पता यार, तेरे दादा जी की बॉडी मस्त है. बहू को देख कर मॅन दोल सकता है. यार तेरी मों जैसी आंटी मिल जाए, तो दोनो मिल कर छोड़ेंगे.

अमित: मों के बारे में ऐसे नही बोलते भाई.

विशु: यार एक बार छोड़ लेगा तो ऐसे नही बोलेगा. आंटी है तो बहुत मस्त. यार क्या बूब है. बहुत मस्त माल है. आंटी को जो भी छोड़ता है, बहुत मज़े ले ले कर पेलता होगा.

विशु की बात सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया था. मों के बारे में ऐसी बात सुन कर अजीब सा फील हो रहा था.

अमित: यार तू मेरी मों के बारे में बोलता है. तेरी मों भी मस्त है. उनके बारे में भी बोल.

विशु: यार मेरी मों को तो डेली पापा पेलते है. मों बहुत खुश है पापा से.

अमित: तुमको कैसे पता? तूने देखी है उनकी चुदाई?

विशु: ह्म काई बार, मों दाद बाहर वाले रूम में करते है. पापा मों को लिटा कर पेलते है. मों को पूरी नंगी करते है.

अमित: सच में लिव चुदाई देखी है क्या?

विशु: एक-दूं सॉफ तो नही देखी, बुत थोड़ी बहुत लाइट में देखी है. मों जब रात को चूड़ी होती है, तो सुबह उन्होने ब्रा नही पहनी होती है. वीक में 4-5 डेज़ मों चुड़वति है.

अमित: ऑश…

विशु: तू आंटी पर नज़र रख. उनका मोबाइल भी चेक कर. सब पता चल जाएगा. आंटी बिना चुड़े तो नही रह सकती है. क्या पता हम दोनो को भी मज़ा आने लगे.

अमित: ट्राइ करूँगा यार.

विशु: यार आंटी पक्का चुड़वति है.

अमित: भाई मरवाएगा क्या? धीरे बोल.

विशु: आते टाइम मैने आंटी के बूब देखे थे यार. देखते ही मॅन किया की पकड़ कर दोनो बूब चूस लू.

अमित: हॅट यार, ऐसे मत बोल मों के लिए.

विशु: कुछ भी बोल आंटी एक-दूं मस्त माल है. तू बस एक काम कर, दिन में सोया कर और रात को आंटी पर नज़र रख. एक बार आंटी को चूड़ते हुए देख लिया, फिर अपने मज़े ही मज़े है.

अमित: मतलब?

विशु: मतलब तुमको समझा दूँगा. आंटी को अगर तूने नंगी देख लिया, तो मों को भूल जाएगा. तू बस मों पर नज़र रख.

अमित: यार ट्राइ करूँगा. बुत मों कब बाहर जाएगी ये पता नही चलता. रात बहुत लंबी है.

विशु ने मुझे प्लान समझा दिया. रात को मैं उपर ही सोता हू तो मों को आँगन में देख सकता हू. मैने 2-3 दिन ट्राइ किया, बुत मुझे नींद आने लग जाती. रात को उठ कर देखता तो मों सोई हुई मिलती. फिर अगले दिन मैने मों के फोन को ट्राइ किया.

मों ने सीधा एल-पॅटर्न लॉक लगाया हुआ था. मों की हिस्टरी चेक की बुत कुछ भी नही मिला. Yऔटुबे भी देखी. बुत मों की व्हातसपप चेक किया तो भी कुछ नही मिला.

मों का अलार्म देख कर शक हुआ. मों ने 11:30 पीयेम और 4:40 आम का अलार्म लगा रखा था. मुझे अब समझ आ गया की मों रात को 11:30 बजे क्या करती है. वैसे हमारे यहा 10 बजे सब सो जाते है. खाना भी जल्दी बन जाता है. मों भी जल्दी सोने का बोलती रहती है.

ये बात मैने विशु को बता दी. उसने बोला: तू भी सेम अलार्म लगा कर रख और मों पर नज़र रख.

दूसरे दिन मैने वैसे ही किया. मों का अलार्म बजा, और मों थोड़ी ही देर में खड़ी हो गयी. मों झट से बाहर निकली बिना आवाज़ किए. मैं मों को देखता तब तक मों आयेज निकल गयी. फिर मैं च्चत पर दूसरी तरफ गया, बुत मुझे कुछ भी दिखाई नही दे रहा था.

मैं दूसरी तरफ भी गया, बुत वाहा भी अंधेरा था. मैं नीचे जाना चाहता था, बुत सामने मों आ गयी तो फिर क्या होगा, ये सोच कर नही गया. मुझे करीब आधा घंटा हो गया. मैं वापस उपर ही सो गया. 4-5 बार मों को देखा बुत वो वाहा नही आई थी.

आज तो मौका हाथ से ही निकल गया. मों शायद 1 घंटे बाद ही आई होगी. दूसरे दिन फिर अलार्म बजा पर इस बार मों जागने के बाद फिर वही सो गयी. मैने काफ़ी देर वेट की, बुत मों सो गयी. अगले दिन क्या हुआ ये अगले पार्ट में बतौँगा.

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