तो जैसा आपने पिछली स्टोरी में पढ़ा था, की हमारे फ्लोर पर एक कपल आया था. अंकल के घर 2 दिन से पैंट हो रहा था. क्यूंकी घर के पैंट खराब हो गयी थी, और बदबू भी आ रही थी.
2 दिन बाद मैं और मम्मी अंकल के घर गये. दरवाज़ा आंटी ने खोला. उन्होने अपने पेट पे हाथ रखा हुआ था, और आज मैने पहली बार उनका मूह देखा. आंटी बहुत काली थी, और सुंदर नही थी बिल्कुल भी. मगर आंटी के बूब्स एक-दूं मस्त थे.
आंटी: अरे बेहन जी, आइए.
मम्मी: जी नमस्कार. और बताइए ठीक है तबीयत?
आंटी: जी हा ठीक है.
मैने आंटी का घर देखा. पुर घर में ग्रीन कलर हुआ पड़ा था, और तोड़ा ब्लॅक भी. लेकिन मस्त दिख रहा था, और रिलिजियस फोटोस भी थी बहुत. ऐसा लग रहा था, जैसे हम किसी रिलिजियस प्लेस में था.
मैं और मम्मी सोफे पे बैठ गये. अंकल दिख नही रहे थे. तभी अंदर से आवाज़ आई-
अंकल: अर्रे फ़ातिमा, ये तुम्हारा अंडरगार्मेंट बीड पे क्यूँ है?
आंटी: अर्रे उससे रहने दीजिए मैं रख दूँगी.
तभी अंकल बाहर आए. वो सिर्फ़ अंडरवेर और बनियान में थे. अंकल का व-टाइप अंडरवेर था, और कसम से उस अंडरवेर में उनका लंडा एक-दूं दिख रहा था. बहुत मोटा और लंबा था उनका लोड्ा.
अंकल इतने पतले थे, लेकिन उनका लंड अंडरवेर में किसी नीग्रो की तरह दिख रहा था. तभी अंकल ने हमे देखा, और तुरंत अंदर जाके लूँगी लपेट के आए.
अंकल: अर्रे फ़ातिमा, बताना था ना की घर में कोई आया भी है.
आंटी: अर्रे मैं कैसे बताती, मुझे क्या पता था की आप इस हालत में आओगे बाहर.
अंकल: अछा आप सब बात करो, मैं छाई बना लता हू.
मम्मी: नही-नही रहने दे, कोई ज़रूरत नही है.
अंकल: अर्रे क्या रहने दे? रुकिये मैं बना लता हू.
फिर अंकल छाई बनाने चले गये, और आंटी और मम्मी बातें करने लगे
आंटी: और बताइए आपके शौहर कैसे और कहा है वो?
मम्मी: जो वो बाहर गये है, 2 महीने में आएँगे.
आंटी: अछा, क्या इत्तेफ़ाक़ है.
मम्मी: कैसा इत्तेफ़ाक़?
आंटी: नही-नही, कुछ नही, वो बस ऐसे ही.
मम्मी: नही-नही बोलिए?
आंटी: अर्रे मेरा मतलब की यहा आप बिना पति के रह रही है, और यहा मेरे शौहर मेरे बिना.
मैं कुछ समझ नही पाया.
मम्मी: जी मैं कुछ समझी नही?
आंटी: मेरा मतलब मेरे शौहर मेरे साथ संबंध बनाना चाहते है. लेकिन डॉक्टर ने माना किया है. और आपका भी ऐसा है. संबंध आप भी बनाना चाहती होंगी, लेकिन आपके शौहर यहा नही है. वो आपकी मजबूरी है. और मेरे होते हुए भी ये कुछ नही कर पा रहे, ये मेरी मजबूरी है.
मम्मी कुछ नही बोली और सुनती रही. फिर अंकल छाई बना कर लाए और हमने छाई पी. उसके बाद मैं और मम्मी नीचे चले गये. फिर 6:00 बजे मम्मी ने पूजा करके मुझे बोला-
मम्मी: अंकल को बोला आ, की आज खाना ना बनाए. आज उनका खाना हमारे घर पे ही है.
माओं उपर गया तो मैने सुना-
आंटी: देखिए ये मत कीजिए, ये ग़लत हा. मैं जुगाड़ कर रही हू ना.
अंकल: अर्रे ऐसे मस्त माल को देख के किसी का भी खड़ा हो जाएगा. मैं अभी किसी की नही सुनूँगा, मुझे करने दो, हट्तो.
मैं सोच में पद गया की क्या चल रहा था अंदर. मैने देखा की अंकल का डोर खुला था. फिर मैं एक-दूं से अंदर घुस गया, और मैने देखा.
मैने देखा की अंकल अपना बड़ा सा लोड्ा हाथ में लेके उपर-नीचे कर रहे थे, और मम्मी का नाम ले रहे थे आँखें बंद करके. वो आंटी के बूब्स दबा रहे थे. फिर वो दोनो मुझे देख के घबरा गये, और अंकल अंदर चले गये भाग के.
फिर आंटी ने मुझे बुलाया और पूछा: क्या हुआ बेटा?
मैने बोला: मम्मी ने बोला है की आज आपका खाना हमारे घर है, तो खाना मत बनाना.
आंटी ने धन्यवाद बोला और बोला: किसी को मत बोलना जो तुमने अभी देखा.
और ये बोल कर उन्होने मुझे एक चॉक्लेट दे दी.
अंकल का लोड्ा कुछ डिफरेंट था मेरे लोड से. मेरे लंड पे खाल थी, जो उनके लंड पे नही थी.
फिर मैं नीचे गया, और मैने मम्मी को बोला: आंटी धन्यवाद कह रही थी.
रात का खाना रेडी हो चुका था. फिर मम्मी ने मुझे बोला की अंकल को बुला लाउ. मैं उपर गया तो देखा की वो दोनो हमारे घर ही आ रहे थे. आंटी ने बुरखा और अंकल ने धोती कुर्ता और टोपी पहन रखी थी, और उनके बेटे ने भी.
फिर वो हमारे घर आए. मम्मी ने सूट पहना था. एक-दूं टाइट सूट था मम्मी का, और जो लेगैंग्स थी, वो बहुत टाइट थी एक-दूं शेप में. उनका कुर्ता भी बूब्स को टाइट कर रहा था. हम खाना खाने बैठे, तभी अंकल बोले-
अंकल: क्या आप लोग नों-वेग नही खाते?
मम्मी: जी नही, हमारे में नही चलता.
अंकल आंटी हासणे लगे.
अंकल: जी माफ़ करना, लेकिन असली मज़ा नों-वेग में है. वेग में भी मज़ा है, लेकिन उतना नही.
आंटी: देखिए माज़ खाने से शरीर में ताक़त आती है, और आपका बेटा भी मज़बूत रहेगा.
मम्मी: जी ऐसा ज़रूरी नही.
तभी आंटी ने धीरे से मम्मी को बोला-
आंटी: देखिए मुझे एक बात ज़रूर पता है, की आपके पति 5 या 10 मिनिट में ही तक जाते होंगे. लेकिन मेरे शौहर 3 घंटे में भी नही थकते. तभी मैं इनके साथ खुश हू.
मम्मी कुछ नही बोली, और सब ने खाना खाया. उसके बाद अंकल आंटी जाने लगे. फिर अंकल का बेटा बोला(उसका नाम उस्मान है)-
उस्मान: नही अम्मी, यही रुखते है आज. मेरे को सौरव के साथ खेलना है.
आंटी: नही बेटा, चलो कल आ जाना खेलने. अभी रात हो गयी है.
अंकल: अर्रे कोई बात नही, बचा है, खेलने दो. जब तक हम बैठ के बातें कर लेते है.
मम्मी ने स्माइल देके बोला: जी ज़रूर.
फिर उस्मान मेरे साथ मेरे रूम में चला गया वीडियो ग़मे खेलने.
आयेज की स्टोरी बहुत इंट्रेस्टिंग होने वाली है.
तो बे कंटिन्यूड…
अगर आपको मुझे कोई स्टोरी बतानी हो, तो मुझे रेंचोबबा5@गमाल.कॉम पे मैल करे. या किसी आंटी या लड़की को अपना पानी निकालना हो तो वो भी ज़रूर मैल करे. मैं रिप्लाइ करूँगा.