मा को देख कर दीवाना हुआ बेटे का दोस्त

ही रीडर्स, उमीद है आप सब को स्टोरी में मज़ा आ रहा होगा. मैं कारण एक न्यू स्टोरी के साथ फिर आ गया. इस बार बारी थी मेरी मा रीना के चूड़ने की. मैने बताया हुआ है, की मेरी मा बहुत स्ट्रिक्ट है, और वो किसी से बात तक नही करती.

रेहान: सेयेल अपने टाइम में सब ऐसा ही बोलते है.

रोहित: हा सेयेल, मेरी मा में तो लपक-लपक के लंड मार रहे थे तुम सब.

रेहान: और मेरी अम्मी में भी.

रोहित: चल फोटो तो दिखा दे अपनी मा की.

रेहान: हा ये कर पहले.

मैने पिक खोली, मा ने उसमे येल्लो कलर का लहंगा पहना था, जिसे देख वो चौंक गये.

रेहान: सेयेल अपनी अम्मी का पिक दिखा, हमारी छोड़ कर अपनी दिखा भी नही रहा.

रोहित: हा ये तो कोई ब-ग्रेड मोविए की आक्ट्रेस होगी (उल्लू और ये सब में काम करने वाली).

मे: यही मेरी मा है.

रोहित: सेयेल इसकी उमर क्या है? ये तो 22-25 की लग रही है.

मे: 38 है, और यही मेरी मा है.

रेहान: साला तू तो ख़ज़ाना च्छूपा कर बैठा है. तेरे बाप की तो लॉटरी लग गयी. ये तो साली कॉलेज की लड़कियों से भी मस्त माल है.

रोहित: इसे देख कर ही मेरा मॅन शादी करने का हो रहा.

मेरी मा का नाम रीना है. उसकी उमर 38 थी. कम उमर में उसकी शादी हो गयी थी. वो 5’6″ हाइट की एक-दूं मॉडेल जैसी, बिना बॉडी फट की, पर्फेक्ट गोरे बदन की माल थी. जिसे देख कोई भी उसे मेरी बेहन समझता था.

उसका रंग दूध की तरह गोरा था, उसके चूचे ज़्यादा बड़े नही लेकिन उसके फिट बदन में चार चाँद लगाने वाले 34″ के थे. और उसकी कमर 30″ की. वो लड़कियों जैसी पतली थी, लेकिन उसकी गांद कर्वी और टाइट थी, जो हमेशा मेरा लंड खड़ा कर देती थी. ऐसे तो वो बहुत संस्कारी थी. लेकिन वो हमेशा तैयार हो कर डेली लिपस्टिक लगा कर ही रहा करती थी.

वो ज़्यादातर स्लीवलेशस कुर्ता और लेगैंग्स ही पहनती थी, जिसमे उसका फिगर सब के लंड को खड़े करने का काम करता था. उसका फेस इनोसेंट और बहुत खूबसूरत और गोरा था, जिससे जब भी मैं बचपन में उसके साथ मार्केट जाता था, तो सब उसे ही घूरते रहते थे.

स्लीवलेशस में उसका गोरा बदन लोगों को बेकाबू करता था. कितनी बार मा को गली में लड़कों ने छेड़ा भी था. लेकिन मा बिना कुछ बोले घर आ जाती थी. उन्होने मेरी मा को छोड़ने के लिए बुलाने को कहा.

रेहान: बुला ले अपनी मा को. यहा छोड़ूँगा मैं. साला इतना मस्त गड्राया माल आज तक नही देखा.

मे: अब दो दिन में 2 महीने की सम्मर वाकेशन्स है. कैसे बुलाओ उनको, और वो तुझसे चूड़ेंगी भी नही.

रेहान: तो तू मुझे अपने साथ घर ले चल.

मे: नही मैं ऐसा नही कर सकता.

मैं दर्र गया था. इसलिए मैने माना कर दिया.

रेहान: सेयेल धोकेबाज़ तुझे तो देख लेंगे.

मैने कुछ नही बोला और सब अपने फोन में लग गये. मेरे मॅन में मा के लिए ग़लत बात आ रही थी. मैने मा की पिक को खोला, उसमे अब मुझे मा की पतली गोरी कमर, कुवारि लड़की से भी सेक्सी, और उनका स्लीवलेशस में आधा नंगा बदन देख उसको पूरा नंगा देखने को मॅन तड़प रहा था. मुझसे रहा नही गया, और मैने सोचा रेहान ने बहुत आंटीस छोड़ी है. अगर वो मा की भी चुदाई कर दे तो.

मे: चल ठीक है, मैं तुझे ले चलूँगा.

रेहान: ये हुई ना बात.

मे: रोहित तू क्यूँ शांत है?

रोहित: मैं नही जेया सकता. मैं 1 मंत बाद आ सकता हू. मेरे पापा ने मुझे किसी काम से बुलाया है. वैसे भी मा यहा 1 हफ्ते चुड कर गयी है. वाहा जेया कर मुझे सब सिचुयेशन देखनी पड़ेगी.

रेहान: अरे कोई नही, मैं जौंगा.

मैने अगले दिन मा को फोन करके बता दिया की रेहान मेरे साथ आएगा.

मैने कहा: उसके मम्मी-पापा फॉरिन गये है, इसलिए वो आएगा.

मा मान गयी. फिर दो दिन बाद हम घर पहुँच गये. मेरा घर जमशेदपुर में था. मेरे पापा बंगलोरे काम करते थे, और घर पर मा अकेले ही थी. हम जैसे ही घर पर आए, मा दौड़ी-दौड़ी आई. मा बहुत खुश थी.

मा: आ गये तुम लोग, आ जाओ अंदर.

मे: हा, कैसी है आप?

मा: मैं ठीक हू, ये रेहान है ना?

मे: हा.

रेहान मा को घूरे जेया रहा था. मा स्माइल कर रही थी. उन्होने ग्रीन स्लीव्ले कुर्ता और रेड लेगैंग्स पहना था, और खाना बना रही थी. इस वजह से दुपट्टा नही था, जिससे उनके चूचे उनके पतले बदन में उठे हुए नज़र आ रहे थे. मा का दूध जैसा गोरा बदन उनकी खूबसूरती को बढ़ा रहा था.

मैने नीचे देखा तो उनका बदन रेहान के लंड को बेकाबू कर रहा था. मैं दर्र गया क्यूंकी रेहान मा को घूरे जेया रहा था, और उसका लंड उसकी जीन्स में तंन गया था. वो मूह खोल के चौंका हुआ मा को देखे जेया रहा था.

मा: क्या हुआ रेहान?

आख़िर मा ने पूच ही लिया.

रेहान (धीमी आवाज़ में): कुछ नही, आप बहुत हॉट हो.

मा चुप सी हो गयी. उनकी स्माइल बंद हो गयी, और वो मूड के किचन की तरफ जाने लगी. रेहान मा के छूतदों को पागलों की तरह घूर रहा था.

मे: पागल हो गया है क्या? क्या कर रहा है?

रेहान: इतनी लड़की औरत छोड़ी, लेकिन तेरी मा देख मेरी सारी ट्रिक मैं भूल गया हू. ये साली मेरे उपर काबू कर रही है. कितनी दूध जैसे गोरी है ये.

मे: हा लेकिन तोड़ा आराम से.

मा: अंदर आ जाओ.

हम अंदर गये, मूह हाथ धो कर डाइनिंग टेबल पर बैठ गये. मेरे घर में दो रूम्स, एक बातरूम, हॉल, और एक किचन था. मा किचन से हमे खाना देने आई.

मा: आचे से खाओ, रेहान तुम भी खाओ, अपना ही घर समझना.

रेहान: हा वो तो है. लेकिन मेरा हो गया.

मा: अर्रे और लो परानते, तुम ले ही नही रहे.

मा उठ कर परानते देने गयी. उनका स्लीवलेशस में नंगा बदन रेहान के हाथो में लग रहा था, जिसे देख मेरे अंदर अजीब फीलिंग आ रही थी.

रेहान: मैं नही लूँगा.

कह कर मुड़ा, जिससे मा के चूचे उसके मूह में सात गये, और मा की आँखें उसकी आँखों में. दोनो शांत हो गये. ये देख मुझे मा को चूड़ते देखने की चाहत और बढ़ गयी. मा जल्दी से वाहा से हटती, और फिर किचन में चली गयी. उनकी स्माइल फिर बंद हो गयी, और अब वो फिर शांत होके किचन में खड़ी हो गयी. रेहान मेरी तरफ देख स्माइल दिया.

तो बे कंटिन्यूड…

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