मा की तड़पति चूत को बेटे ने किया संतुष्ट

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की कैसे मा ने मेरा लंड चूस कर मेरा रस्स पिया, और फिर मुझसे अपनी छूट चटवाने लगी. फिर अचानक गरम हो कर मेरे लंड पे अपनी छूट रब करने लगी. अगर आप लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो उसको ज़रूर पढ़ ले. अब आगे की कहानी पढ़िए.

उनकी चीखें सुन के मेरा लंड फिरसे खड़ा हो चुका था. मा अपने दोनो हाथो से मेरे बाल नोचने लगी. अचानक मा मेरे मूह से उठ कर मेरे लंड के उपर बैठ गयी, और अपने हाथ में थूक कर मेरे लंड को गीला करने लगी. मेरे लंड को आचे से गीला करने के बाद मा मेरे लंड को अपनी छूट की एंट्रासे पे सेट करके बोली-

मा: मोतेरचोड़ बनने के लिए रेडी है ना तू?

मैं: मैं तो कब से अपना लंड खड़ा करके लेता हू मोतेरचोड़ बनने के लिए.

ये कहते ही मुझे अपनी लंड पे गर्मी और टाइटनेस फील हुई. ऐसा लगा की कोई मेरा लंड पकड़ कर ज़बरदस्ती किसी गरम भट्टी में घुसा दिया था. कसम से बहुत मज़ा आ रहा था मा की छूट में. ऐसा लग रहा था की छूट की गर्मी से मेरा लंड पिघल जाएगा.

मा: बधाई हो, आख़िर मोतेरचोड़ बन ही गया तू.

मैं: हा मेरा सालों का सपना पूरा हुआ. मैं इस दुनिया का सबसे खुश-नसीब बेटा हू, जिसे उसकी मा को छोड़ने का मौका मिला.

मा: उम्म्म, और मैं सबसे खुश-नसीब मा हू, जो मैने तुझे जानम दिया है.

मैं: मा बहुत गर्मी है आपकी छूट में.

मा: हा बेटा, सालों से ये गर्मी धीरे-धीरे जमा हुई है. अब तुझे अपनी मा की गर्मी निकालनी होगी अपने लंड से.

मैं: ज़रूर मा, अब से आपकी छूट की ज़िम्मेदारी मेरी है. ये तो फ़र्ज़ है मेरा.

मा: अछा मेरा बेटा अब इतना बड़ा हो गया है, की वो अपनी मा की छूट की गर्मी निकालने की ज़िम्मेदारी लेना चाहता है.

मैं: क्यूँ आपको मेरी क़ाबलियत पर शक है क्या मा?

मा: सोच ले, सालों से भूखी हू, और किसी रंडी से कम नही हू मैं.

मैं: आज से आप सिर्फ़ लोगों के सामने मेरी मा हो, और बिस्तर में मेरी रंडी मा हो.

मा: कैसा कमीना बेटा पैदा किया है मैने. अपनी मा को रंडी मा बना दिया.

मैं: आपका रंडी रूप देखने के बाद नॉर्मली मा कहने में अछा नही लग रहा मुझे.

मा: वैसे भी बेटे लंड छूट में लेने के बाद उसके मूह से रंडी मा सुनने में ही मज़ा आता है.

मैं: अब तो खोल दो मेरा हाथ पैर मा.

मा: नही बेटा, आज की रात मेरी है. भूखी शेरनी को ललकारा है तूने. पूरी रात तेरे जिस्म से अपनी हवस की भूख मिथौँगी मैं. नोच-नोच कर ख़ौँगी तुझे, ख़ास कर तेरे लंड को.

मैं: ये लंड हमेशा खड़ा है आपकी सेवा में मा.

मा: अब आचे से मेरी छूट की सेवा कर. उम्म्म, बहुत बड़ा है तेरा, एक-दूं अंदर तक जेया रहा है. बहुत मज़ा आ रहा है बेटा.

मैं: मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है.

मा: मॅन कर रहा है की तेरे पापा को दिखौ कैसे उनका ही बेटा उनकी रेस्पॉन्सिबिलिटी पूरी कर रहा है.

मैं: उनका बेटा होने के नाते उनकी रेस्पॉन्सिबिलिटीस पूरी करना तो मेरा फ़र्ज़ है. और ये वाली रेस्पॉन्सिबिलिटी तो मैं बहुत ही खुशी से पूरा करूँगा.

पुर कमरे में मा की आहें गूँज रही थी, और साथ में मा की बड़ी-बड़ी गांद मेरी जाँघ पर धक्के मार कर ठप ठप की आवाज़े कर रही थी. मेरे सामने मा के दो बड़े-बड़े रसीले स्टअंन उछाल कूद कर रहे थी. ये सारी घटनाएँ एक रिदम में हो रही थी, की कोई भी देख कर मंत्रमुग्ध हो जाता.

धीरे-धीरे मा अपनी उछालने की गति तेज़ कर रही थी. मा का कामुक चेहरा देख कर मेरा लंड और भी सख़्त हो गया. हमने मा बेटे की रिश्ते की सारी हादे पर कर दी थी. बंद कमरे के बिस्तर पर मा बेटे के प्यार की एक नयी गाथा लिखी जेया रही थी, जिसमे कलाम की भूमिका में था बेटे का लंड, और काग़ज़ था मा की छूट, और स्याही की भूमिका में था काम-रस्स.

इस गाथा की भाषा थी इंसानो की, प्यार आदिम भाषा हवस की भाषा. इस भाषा को प्रयोग करने में ज़ुबान नही पूरा जिस्म लगता हा. ये भाषा कभी झूठ नही बोलती. अचानक ताल टूटी, और मा की छूट टाइट होने लगी. उनकी आहें चीखों में बदलने लगी और देखते ही देखते उनकी छूट से काम-रस्स की नदी बहने लगी.

मा: ले कर दिया तेरी लंड का छूट अभिषेक अपने छूट की रस्स से. आज से इस जिस्म पर बस तेरे लंड का राज होगा. आज तू इस जिस्म का, सिर्फ़ तू ही भोग करेगा.

उनके गरम रस्स के स्पर्श से मेरा भी रस्स निकालने वाला था. उपर से उनकी बातें मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी.

मैं: मा मेरा निकालने वाला है.

मा: डाल दे बेटा, अपने गरम रस्स से भर दे मेरी छूट.

ये सुनते ही मैने नीचे से एक ज़ोर का धक्का दिया, और अपना सारा रस्स निकाल दिया मा की छूट में. मा मेरे उपर लेट गयी, और वो ज़ोर-ज़ोर से साँस लेने लगी.

मा: कहना ही पड़ेगा सच में मोतेरचोड़ कहलाने के काबिल है तू! सच में बहुत मज़ा आया. सालों बाद मेरी छूट की गर्मी शांत हुई है.

मैं: आज रात मेरे साथ ही रहो ना. आपके नंगे जिस्म को लिपट कर सोने का मॅन कर रहा है.

मा: अब बेटे ने इतना सुख दिया है, बदले में उसकी एक विश तो पूरी कर ही सकती हू.

ये बोल कर मा ने मुझे पॅशनेट्ली एक डीप स्मूच किया. फिर मा ने मेरे हाथ पैर खोल दिए, और मैने मा के नंगी जिस्म को टाइट हग किया. दिन भर की थकान की वजह से हम बहुत गहरी नींद सो गये.

तो कैसी लगी आप लोगों को मेरे मोतेरचोड़ बनने की कहानी, कॉमेंट्स में ज़रूर बताईएएगा और रोहनरॉय7423@गमाल.कॉम, इस एमाइल ईद पर अपने रिव्यूज़ ज़रूर दीजिएगा.

और हा, मा बेटे की सेक्षुयल जर्नी में आयेज का सफ़र करने के लिए अपनी कुर्सी की पेटी बाँध लीजिए, क्यूंकी सफ़र बड़ा ही रोमांचक होने वाला है. कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद.

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