मा की चूत मे बेटे का लंड

ये स्टोरी वसबत (व्हातसपप से बेडरूम तक) की इस सीज़न का फाइनॅली (लास्ट पार्ट) हैं. अगर आप देसीकाहानी पे नये हैं तो इसे फर्स्ट पार्ट से पढ़िएगा, बहुत मज़ा आएगा. सीज़न 1 के सभी एपिसोड्स को बहुत सारा लीके करने के लिए सभी रीडर्स को थॅंक्स.

तो फिर देर ना करते हुए हम अपनी कहानी को आयेज बढ़ते हैं और बेटे के लंड को उसकी असली मंज़िल (मा की छूट), जहा से वो निकला था वाहा तक पहुँचते हैं…

मे: एक बार, अपनी छूट से लंड मिलवा दो, फिर ज़िंदगी भर तुम प्यरभारी निगाहो से देखोगी. और हुमारे रिश्ते के साथ साथ तुम्हारी सेक्स लाइफ भी चेंज हो जाएगी.

मों: नही बेटा. तुम सेक्स के अलावा कुछ भी कार्लो, मैने तुम्हे कल बोला भी था ये.

तो मैने भी नीचे झुककर अपना मूह मोंकि चूत मे डाल दिया, और अपनी ज़ुबान से मों की छूट को चाटने लगा. मों आ…आ करने लगी और मेरे सिर के बालो को सहलाने लगी.

अब आयेज…

मों की छूट मस्त दौबलेरोटी सी फूली हुई थी, और क्लीन शेव्ड थी. मों ने भी अपनी छूट छुड़वाने का अछा बंदोबस्त किया हुआ था. मुझे मों को छोड़ना और उसको मुझसे छोड़ना ये तो पहले से ही तय था, बस हम दोनो को अपना अपना रोल पूरा करना था. इसलिए ये सब चल रहा था.

छूट का क्या हैं, वो तो किसी भी रनदिखाने मे मिल जाएगी. या फिर आपके सर्कल मे भी आपको किसी भी जुगाड़ से मिल सकती हैं. पर जो रोमॅन्स का मज़ा छूट को हासिल करने के दौरान मिलता हैं, उसकी तो बात ही कुछ और हैं.

मैं चाहता, तो मों को अनिल के ज़रिए पहले दिन ही चोद सकता था, पर मुझे सिर्फ़ मों का पोप (पीस ऑफ पुसी) ही मिलता, मतलब मों की सिर्फ़ बॉडी ही मिलती.

पर इस प्रोसेस से गुजर कर मुझे मों की बॉडी के साथ साथ उसके एमोशन्स, उसकी केर, एक नया रिलेशन्षिप मुझे मिला हैं. और उसी रिलेशन्षिप को एक नयी उँचाइयो तक पहुचने का वक़्त आज आ गया था. आ न्यू माइलस्टोन.

वैसे देखा जाए तो ज़िंदगी मे हर कोई उँचाइया हाँसिल करना चाहता हैं, पर ये वो चीज़ हैं जहा पे घेहराइयाँ हाँसिल करनी पड़ती हैं. मों की छूट की गहराइयाँ.

“मों को मुझे हर हाल मे टालना था, और मों के अंदर मुझे हर हाल मे डालना था.”

और इसी के चलते मों की छूट का दाना (क्लाइटॉरिस) मेरे मूह मे था, जिसे मे चूस रहा था, दबा रहा था, काट रहा था, और मों उसे एंजाय करती हुई मूज़े एग्ज़ाइट कर रही थी,

मों: आ..आ..और चूसो डार्लिंग. बहुत सालो बाद इसकी चूसा हो रही हैं. आ..आ.

मों: तेरे पापा को तो सिर्फ़ छोड़ना ही होता हैं…आ…उन्हे क्या पता..की एक औरत की ..आ..और भी कुछ ख्वाहिशे होती हैं…आ बेटा..

मे: “डॉन’त वरी मों, मे आज तुम्हारी सारी ख्वाहिश पूरी करूँगा.” और वापस मों की छूट को डबल स्पीड से चूसने लगा. लंड की तरहा अपनी जिबन को तेज़ी से छूट के अंदर बाहर करने लगा. और मों ज़ोर ज़ोर से मौन करने लगी.

मों: आ बेटा…अब मेरा निकालने वाला हैं.

मैने मों के हाथो को अपने सिर के उपर रखा, और अपने ही मूह को छूट के अंदर दबाया. मों मेरा इशारा समझ गयी, और उसने ज़ोर से मेरे मूह को अपनी दो टॅंगो के बीच अंदर दबाया और दो टॅंगो को पूछे क्रॉस करके मेरे सिर को जैसे जाकड़ लिया.

कुछ देर मैं मों ने अपना पानी निकल दिया, और मैं उसे पूरा पी गया, हल्का सा गरम और तोड़ा नमकीन सा. मों की छूट को मरने के लिए इतना करना तो बनता ही हैं.

पानी निकालने के बाद मों ने अपनी बॉडी को ढीला किया, और मुझे अपनी टॅंगो की पकड़ से आज़ाद किया.

मैं खड़ा हुआ, तो मों के चेहरे पे एक ग़ज़ब सी खुशी देखने को मिली.

मे: लो मों, उस दिन मैने तुम्हे अपने लंड का पानी पिलाया था, और आज तुमने मुझे पिलाया, हिसाब बराबर.

मों: ह्म.. .पर अभी हिसाब पूरा नही हुआ.

और मों ने मुझे अपनी तरफ खिच के
मुझे स्मूच करने लगी, और मेरे एक हाथ से अपना बूब डबवाने लगी. मैने दूसरे हाथ से अपने लंड को मों की छूट के उपर रगड़ने लगा, अब तो मों भी इसे अंदर लेने को प्यासी थी. पर मैं अभी एक आखरी दाव चलना चाहता था, जिससे मों की सारी जिचाक दूर हो जाए.

मे: (अपने लंड को मों की छूट के उपर रगड़ते हुए) अंदर डाल रहा हू मैं, प्लीज़ मों, माना माता करना आज.

मों: नही बेटा, प्ल्ज़ मत डालो. मैने तुमसे पहले ही कहा था, की इसमे लंड डालने का हक़ तेरे पापा को ही हैं.(और मों ने मेरा लंड हटाकर अपने पैरो को दबाकर अपनी छूट को छुपा लिया)

मे: ऐसा हैं क्या, रूको एक मिनिट.

और मैने अपने मोबाइल से पापा को कॉल लगाई, और मों को चुप रहने का इशारा करते हुए कॉल स्पीकर पर डाला.

पापा: हेलो, हॅपी बर्तडे बेटा. सॉरी मैं सुबह तोड़ा जल्दी निकल आया.

मे: तांकष दाद, कोई बात नही, काम सबसे पहले. पर एक बात बताओ दाद, क्या इस घर मे किसी चीज़ पर मेरा हक़ नही ?

पापा: मतलब ?

मे: मैं कोई भी चीज़ को लेता हूँ तो मों माना कर देती हैं की इस चीज़ कृपा की हैं, ये तेरे पापा की हैं. आज तो मेरा बर्तडे हैं, फिर भी?

पापा: नही बेटा. सभी चीज़े तुम्हारी ही हैं. सभी पे तुम्हारा मेरे जितना ही हक़ हैं. अरे जो चीज़ कृपा या तेरी बड़ी बेहन की हैं, उस पर भी तेरा पूरा हक़ हैं, यहा तक की भाई होने के नाते उन दोनो बहनो पर तेरा हक़ सबसे पहले हैं.

मे: और मों पर.. .?

पापा: उस पर भी. मेरे से ज़्यादा वो तेरे साथ वक़्त गुज़रती हैं, तो उसके उपर तो तेरा सबसे ज़्यादा हक़ हैं. तुम उसके साथ टाइम स्पेंड करो आज.

मे: तो क्या मैं आज मों को तंग करू?

पापा: हा बेटा, वैसे भी तेरी मों मुझे बहुत तंग करती हैं आजकल, तो तू उसे आचे से तंग करिया.

मे: ओक दाद. थॅंक्स. (और कॉल कट कर दिया, मैने मों की और देखा तो उस्कुसने मूह नीचे किया हुआ था. )

मे: (उसके मूह को उपर उठाते हुए) देखो डार्लिंग, अब तो तुम्हारे हब्बी ने भी पर्मिशन दे दी. पर मेरे लिए सबसे इंपॉर्टेंट तुम्हारी पर्मिशन और खुशी हैं.

अगर तुम अपनी मर्ज़ी से, प्यार से अपनी छूट डोगी, तो मे वाडा करता हूँ, की तुम्हे दुबारा कभी पापा को तंग नही करना पड़ेगा, और अगर तुम माना करती हो तो, आज हुमारा प्ले का आखरी दिन हैं, और हम इन लम्हो को अची यादें समजकर कल से वापस मा बेटा बन जाएँगे, अब फ़ैसला तुम्हारा हैं.

मैं मों के रिप्लाइ के लिए उनके फेस को देखने लगा, पर मों ने अपना रिप्लाइ मूह से नही, अपनी बाँध की हुई टॅंगो को खोल के दिया. उसने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी छूट पे रगड़ने लगी. और मुझे करीब खींच कर वापस किस्सिंग करने लगी, और मेरे लंड को भी हिला कर टाइट करने लगी.

मों: फक मे डार्लिंग. आज आख़िरकार छोड़ दो अपनी मा को बेटा. हर एक औरत को अपनी छूट आचे से छुड़वाने का हक़ होता हैं और सॅटिस्फाइड सेक्स करने का भी, जो मैं भूल चुकी थी. थॅंक्स, वो आज याद दिलाने को.

और मेरे टाइट खड़े लंड को अपनी छूट के अंदर तोड़ा दबाते हुए : बेटा, मैने चाबी को इग्निशन पे रख दिया हैं, अब तुम्हे पता ही हैं के ड्राइव कैसा करना हैं. सो ड्राइव युवर मों.

मों अब पूरी कन्विन्स्ड लग रही थी, उसने अपनी टाइट बॉडी को ढीला किया. मैं उसका मान समझ गया, और देर ना करते हुए, मैने मों को किचन के प्लॅटफॉर्म पे तोड़ा झुकाया, और अपने लंड के टोपे को मों की छूट पे सेट किया. मों ने आँखे बाँध कर ली थी. धीरे से मैने अंदर दबाया तो आधा लंड उसकी छूट मे समा गया, मों तोड़ा मौन कर रही थी.

मों: आ बेटा..आ.

और फिर एक ही झटके मे अपना पूरा लंड उसकी छूट मे पेल दिया. मों छटपटाने लगी.

मों: अरे मार गयी, निकल इसे बाहर…अपनी मा की छूट फाड़ देगा क्या?

मे: मों, इरादा तो यही हैं.

और मैं अंदर बाहर ढके मरता रहा,
मों प्लॅटफॉर्म पर लेती हुई लॅंड के धक्को को एंजाय कर रही थी.

मों: एस, बेटा…आ..बहुत टाइम बाद इतना तगड़ा लंड फिरसे अंदर लेने को मिला हैं. मैने तो इसकी आशा ही छ्चोड़ दी थी. आ..तांकष बेटा..आ.

मे: डॉन’त वरी, डार्लिंग. तेरी जितनी भी आशए या अधूरी इचाए हैं, उसे तो ज़िंदा कर दे, मैं उसे पूरा करनूंगा…आ…क्या मस्त माल हैं तू..आ.

मों: तुम और आप से सीधा तू पे आगेया…ऐसे बात करते हैं अपनी मों से..? आ..

मे: वैसे तो अपनी मों को छोड़ता भी कौन हैं? मैने तुम्हे छोड़ा उसका इनाम तो मिलना चाहिए ना. अब से सबके सामने तुम और अकेले मे तू, और तेरी छूट.

मों: ओक. बेटा…आ..आ…

कुछ देर बाद मों झाड़ गयी, पर मेरा फक्किंग चालू ही था. पानी निकालने के बाद औरत की चुदाई जैसे, बिना पानी का नरियल. लेकिन अगर आपको मलाई खानी हैं, तो इस वक़्त पे उससे सेक्सी बाते करो, उसको सहगल, बूब्स चूसो, किस करो तो औरत को मज़ा आता हैं. और वो अपने नेक्स्ट सेक्स का वेट करती हैं.

मे: मों, मेरा होनेवाला हैं. मैने कॉंडम नही पहना हैं तो बाहर निकल डू क्या?

मों: नही बेटा, अंदर ही डाल दे. मैने कृपा के होने के बाद ऑपरेशन करवा लिया था.

और मैने मों को टाइट्ली हग करते हुए अपना सारा पानी उसकी छूट मे डाल दिया. वाह क्या सुकून मिला. जैसे किसी की बरसों की तपस्या आज पूरी हुई हो.

मा बेटा हम दोनो के चेहरे पे पूर्ण संतुष्टि के भाव थे. मुझे मालूम था की वियाग्रा के असर से फिरसे थोड़ी ही देर मैं मेरे लंड मे रक्त संचार बढ़ जाएगा, और मेरा लंड वापस अपनी मों की सेवा के लिए रेडी होगा. तो उतना टाइम मुझे पास करना था.

इसलिए मैं मों को कडलिंग करने लगा, उसे किस करते हुए उसके बूब्स को मसालने लगा. और फिर उसे चूसने लगा.

मों: एक बात बता, तूने ये क्यू पूछा की पानी अंदर निकालु, या बाहर? जब टुजे बिना कॉंडम के छोड़ने दे सकती हूँ, तो अंदर पानी भी निकालने ही दूँगी ना.

मे: अरे वो तुम अक्सर पापा से कॉंडम मे ही चुड़वति हो ना, इसलिए.

मों: (मुझे तिरछी निगाहो से देखते हुए) वो तेरे पापा का बिना कॉंडम के जल्दी पानी निकल जाता था, इसलिए मैं उन्हे कॉंडम पहनती हू. और वैसे तूने कब देखा तेरे पापा और मेरे सेक्स को?

मे: बहुत बार देखा, तुम्हारे बेडरूम की एक खिड़की थोड़ी खुली सी रहती हैं, उससे.

मों: ह्म…और क्या क्या देखा..?’

मे: तुम्हारी अधूरी चुदाई. पापा का जल्दी निकलता और तुम प्यासी सो जाती. तुम्हारी लंड को अपने मूह मे और गांद मे लेने की इचा को पापा का माना कर देना. ये सबकुछ देखा.

मों: ऐसे कोई अपने पेरेंट्स की चुदाई देखता हैं भला.

मे: नही देखता. और जो नही देखता वो सोता रहता हैं. और जो देखकर मों की नीड को आइडेंटिफाइ कर लेता हैं वो सोने के बजे मों को छोड़ता हैं.

मों: ह्म्‍म्म्म

मे: जब पापा तुम्हे अधूरी छोड़ के सो जाते और तुम बगल मे प्यासी लेती रहता, तब बहुतबर मान किया की तेरे बेडरूम मे घुस कर तेरी अधूरी प्यास को बुजा डू. पर अपने पे कंट्रोल किया.

मों: तो आ जाता ना अंदर, मे भी देखती की कैसे तू मुझे छोड़ता जब तेरे पापा बगल मे सो रहे हो. इतनी हिम्मत हैं तेरे मैं?

मैने हल्की सी स्माइल दी: पहले नयी थी डार्लिंग, पर अब हैं. अब तो तू जहा कहे, जिस हाल मे कहे मे तुम्हे छोड़ने की हिम्मत रखता हूँ. (और मैने मों को गोदी मे उठाकर उनके बेडरूम मे लेजकर उसके बेड के उपर पटक दिया.)

मों: अब क्या इरादा हैं…? फिरसे मेरी चूत मरोगे क्या. अभी नही बेटा, तोड़ा दर्द कर रहा हैं, बहुत टाइम बाद इतना बड़ा और मोटा लंड पूरा अंदर लिया हैं.

मे: डॉन’त वरी डार्लिंग. मैं तेरे बेड पे छूट नही, तेरी गंद मरने के लिए लाया हूँ.

मों: नही बेटा..रहने दे.

मे: प्लीज़ मों, आज मेरा बर्तडे हैं, और मैं चाहती हूँ की तेरे तीनो छेड़ की आज चुदाई करू.

और मैने अपना लंड मों के मूह मे डाल दिया, और उसके मूह को छोड़ने लगा. कुछ देर बाद जब लंड फिरसे पूरा टाइट हुआ तो मैने मों को घोड़ी बनाने को कहा. मों ने भी ज़्यादा विरोध ना करते हुए, बगल के टेबल से वॅसलीन की डिब्बी निकल कर रख दी, और घोड़ी बन गई.

मों का इशारा समझते हुए मैने मों के गांद के छेड़ पर और अपने लंड के टोपे पर वॅसलीन लगाकर लंड को अंदर दबाया. शुरुआत के 4 से 5 ट्राइ मे तो वो फिसलने लगा, पर नेक्स्ट ट्राइ मे मेरा लंड मों की गांद के छेड़ को बड़ा करता हुआ अंदर जाने लगा.

आधे लंड को अंदर डालने के बाद,मैं लंड को अंदर बाहर करने लगा. मों जो पहले टेन्स्ड थी, अब रिलॅक्स लग रही थी, और मों ने अपनी गंद को भी रिलॅक्स कर दिया था.

मों: बेटा, कितना ईज़ी से हो गया, मे बेवजह डरती थी पीछे लेने से. अब मज़ा आ रहा हैं.

मे: मों, आक्च्युयली मैने अभी तक आधा लंड ही अंदर डाला हैं.

मों: “क्या?” और मों कुछ समझे उससे पहले मैने मों के कुल्हो को जकड़ते हुए बाकी का आधा लंड एक ही झटके मे अंदर डाल दिया. अब मों जो घोड़ी बनी हुई थी, वो सिर के बाल अपने बेड पे फीसक गयी.

मों: आ.. बहुत कमीना हैं तू…निकल बेटा..बहुत दर्द हो रहा हैं.

मैने लंड को तोड़ा बाहर किया, और जैसे ही मों रिलॅक्स हुई, फिरसे पूरा लंड मों की गांद मे अंदर तक डाल दिया.

कुछ देर बाद मों थोड़ी रिलॅक्स हुई, और ग्रांड की चुदाई को एंजाय करने लगी. छूट तो नॅचुरली लंड का रास्ता हैं, पर गांद नही. और बीवी/गफ़ हमारे समाज ध्वारा नियुक्त की हुई औरत हैं लंड डालने के लिए, मों नही.

और उसी नेचर और समाज दोनो के विपरीत मे अपनी मों की गांद मार रहा था. कोई कुछ भी कहे, साला मज़ा बहुत आ रहा था. छूट की कोमल दीवालो के बाद गांद की टाइट दिवाले मेरे लंड को जैसे निचोड़ सी रही थी.

मों भी अब गांद मरवाई का मज़ा ले रही थी. मैं उसके कुल्हो को थप्पड़ लगता हुआ, उसके बूब्स को मसलता हुआ उसकी गांद का बाजा बजा रहा था. कुछ देर बाद मेरे लंड से पानी की एक तेज़ धार निकली और मों की गांद को अंदर से बाहर पूरा लूब्रिकेट कर दिया.

मे मों के उपर ही घिर पड़ा. और हम दोनो ऐसे ही घिरते ही सो गये. कुछ घंटो बाद मों ने मुझे उठाया, और मेरे रूम मे भेजकर उसने अपना रूम क्लीन कर दिया.

मैं भी अपने रूम मे जाकर फ्रेश हो गया, और कुछ देर बाद मों मेरे रूम मे आई.

मों: देख बेटा, आज जो हुआ वो मेरे लिए एक अची यादें रहेगी. और तुझे अपने बर्तडे पे जो चाहिए था, वो गिफ्ट मिल गया.

कल को तेरी छोटी बेहन जब हॉस्टिल से आएगी, और उसने ये सब देख लिया तो? उसकी और तेरी शादी भी बाकी हैं. तो मे ये रिस्क नही ले सकती. आज हमारे हब्बी वाइफ वेल प्ले का लास्ट दे हैं तो इसे यही ख़तम करते हैं.

और मों बाहर चली गई. मुझे कतो तो खून नही. मैने अनिल वाला व्हातसपप ओपन किया तो मों के कुछ मेसेज थे. मों ने एक छोटी सी क्लिप भेजी थी, जिसमे मों किचन मे मुझसे चुड्ती हुई दिख रही थी, और नीचे मेसेज भी था.

मों: ये लो, तुमने दिया हुआ काम पूरा हुआ. आज के बाद मुझे कॉंटॅक्ट मत करना, वरना पोलीस के लोक्कूप मे अपना हिलाएगा. और मों ने मेरे नंबर को ब्लॉक कर दिया था.

मेरे तो जैसे टटटे मूह मे आ गये. मैं तो मों को जगह जगह छोड़ने के सपना देख रहा था, पर मों ने तो मेरा कलपद कर दिया.

“पर मैं भी अपनी ज़िद्दी मों का ज़िद्दी बेटा हूँ, कुछ तो जुगाड़ लगा के ही रहूँगा, पुष्पा भले नही झुकता, पर मैं फिरसे अपनी मों को अपने आयेज झुका के ही रहूँगा.”

तो फ्रेंड्स, कैसी लगी ये 1स्ट्रीट सीज़न, कॉमेंट्स मे ज़रूर बताईएएगा.

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