मा की चुदाई कहानी सुनने के बाद बेटी ने चूसा लंड

ही, मेरा नाम दीपा है. पिछली स्टोरी में मैने आपको बताया की कैसे काका ने मुझे ज़ोरदार छोड़ा और अपना सारा माल मेरे अंदर ही छ्चोढ़ दिया, और सुबा उठ के फार्म पे चले गये.

अब आयेज…

आज मेरा बदन एक-दूं टूट चुका था. मुझे चलने में भी बहुत दर्द हो रहा था. फिर मैने डॉवा ली और सो गयी. 2 अवर के बाद मुझे भाई का फोन आया.

भाई: हेलो, दीपा मैं और मम्मी आज नही आ पाएँगे. तो तुम वाहा मॅनेज कर लेना. आज रात को शायद मुर्गा लोडिंग होगा, तो फार्म पे चली जाना. और तुम अपने लिए और काका के लिए खाना बना लेना.

मैं: ओक भैया.

फिर मैने काका को फोन किया, तो पता चला की वो घर गये हुए थे, और वो वाहा से खा के आएँगे. तो मैने अपने लिए बनाया और खा के आराम करने चली गयी.

शाम को काका का फोन आया की मुर्गी उठाने वाली गाड़ी आने वाला थी रात को. उन्होने मुर्गी उठाने में हेल्प करने के लिए 2 और लोगों को बुला लिया था, एक करीब 40 साल का, और एक करीब 25 साल का था.

रात हुई, खाना बना के और खाना खा के, काका के लिए खाना लेके मैं फार्म पे चली गयी. एक गाड़ी आ चुकी थी, और लोड हो रहा था. करीब 45 मिनिट के बाद गाड़ी चली गयी और दोनो हेलपर भी चले गये. वो बोले गाड़ी आएगी तो फोन करना काका को.

मैं: काका खाना लाई हू, हाथ-मूह धो के खाना खा लो.

काका मेरे पास आके बोले: क्या है?

मैं: खीर, रोटी, और सब्ज़ी.

काका: खीर! दूध तुम्हारा ही है क्या?

मैं शर्मा के बोली: फालतू बात नही.

फिर काका ने खाना खा लिया. हम दोनो को ठंड लग रही थी, तो काका ने आग लगाई सेकने के लिए.

मैं: ये अछा किया आपने.

फिर हम बात करने लगे. बात करते-करते पता चला की काका ने मेरी मम्मी को भी छोड़ा था. ये सुन के तो मैं एक-दूं चौंक गयी और बोली-

मैं: मैं नही मानती. आप झूठ बोल रहे है.

काका: सही बोल रहा हू.

मैं: कुछ भी मत बोलो.

काका: मेरी बेटी की कसम.

ये सुनते ही मैं तो शॉक हो गयी, और बोली: कैसे हुआ प्लीज़ बताओ ना.

काका ने बताना स्टार्ट ही किया की दोनो हेलपर भी आ गये, तो मैने काका को इशारा किया चुप रहने को.

बुत काका ने बोला: ये दोनो सब जानते है.

और फिर वो कहानी बताना स्टार्ट किए.

काका: ये बात लॉक्कडोवन् की है, जब तुम्हारा भाई बाहर रहता था, और तुम्हारी मम्मी यहा अकेले फार्म देखती थी. वो बहुत दिन से तुम्हारे पापा से नही मिली थी. फिर एक दिन मैं रात को खाना खाने तुम्हारे घर गया.

काका: तुम्हारी मम्मी ने खाना दिया, और अंदर चली गयी. मुझे रोटी चाहिए थी, पर वो अंदर थी. मैं चुपके से अंदर गया, तो दरवाज़ा तोड़ा खुला था, और वो अपनी छूट में उंगली कर रही थी. मैं समझ गया की इसकी छूट की प्यास बुझानी पड़ेगी. फिर मैं जाके वापस बैठ गया और आवाज़ लगाई, और रोटी वो आके हाथ धो के 1 रोटी दी और बोली-

मम्मी: और कुछ?

काका: नही. फिर मैं खा के हाथ धोया और हिम्मत करके तुम्हारी मम्मी को पीछे से जाके पकड़ लिया.

मम्मी: ये क्या कर रहे है आप?

काका: मुझे पता है तुमको चूड़ना है.

मम्मी: पर ये ग़लत है. किसी को पता चलेगा तो?

काका: किसी को पता चलेगा तब जब तुम बताॉगी. फिर मैं तुम्हारी मम्मी के आयेज के उनको लिप्स पे किस करने लगा. वो तो मुझे अपने से डोर कर रही थी. पर मैं ज़ोर से पकड़ के रखा था. थोड़ी देर बाद वो भी साथ देने लगी. मैं समझ गया की वो मान गयी.

काका: फिर मैं उसको उठा के बेड पे ले गया, और उसके उपर जाके किस करने लगा कभी लिप्स पे, तो कभी गाल पे, कभी कान पे. फिर मैने उसको पूरा नंगा कर दिया, और मैं सिर्फ़ अंडरवेर में था.

मैं उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा, तो वो आहह आ आ आ की आवाज़े निकाल रही थी.

काका: करीब 10 मिनिट के बाद मैं उसकी चोट चाटने लगा. वो सिसकारियाँ लेने लगी. फिर करीब 5 मिनिट के बाद वो झाड़ चुकी थी.

मैने फिर अपना अंडरवेर नीचे किया. मेरा लंड देख के वो दर्र गयी और बोली-

मम्मी: इतना बड़ा जाएगा?

काका: कोशिश तो करो.

फिर मैने अपना उसको लंड चूसने को बोला और वो चूसने लगी. करीब 10 मिनिट के बाद मैने अपना सारा माल उसके मूह में छ्चोढा, तो वो आराम से पी गयी. फिर मैने अपना लंड को उसकी छूट पे सेट किया, और ज़ोर से धक्का दिया. वो चिल्ला उठी, और बोली-

मम्मी: धीरे.

काका: मैने एक नही सुनी, और दूसरे झटके में मेरा पूरा लंड अंदर. वो आहह आहह आ आ कर रही थी, और उसकी आँखों में आँसू थे. मैं थोड़ी देर रुका, और फिर आयेज-पीछे करने लगा. वो धीरे-धीरे सिसकारियाँ लेने लगी आ आ आहह.

काका: फिर 5 मिनिट बाद मैने स्पीड बढ़ा दी, और ज़ोर-ज़ोर से धक्का देने लगा. वो सिसकारियाँ लेने लगी. करीब 10 मिनिट बाद मैने अपना माल उसके फेस पे गिरा दिया, और वही साइड में लेट गया. फिर उसने अपना कपड़ा पहन लिया, और मैने भी, और फार्म पे जाने लगा.

काका (मम्मी से): कैसी लगी मेरी सर्विस?

मम्मी: बहुत अची.

काका: कभी और भी मौका देना.

मम्मी: ज़रूर.

काका: फिर मैने तुम्हारी मम्मी को काई बार छोड़ा, कभी फार्म पे, तो कभी घर पे.

कहानी ख़तम…..

मैं तो एक-दूं शॉक में थी.

कहानी सुनने के बाद हेलपर ने बोला-

हेलपर: ये क्या काका? कहानी सुना के लंड खड़ा कर दिया. अब इसे शांत कों करेगा?

तो दूसरा हेलपर बोला: ये लड़की है ना, यही शांत करेगी.

और बोलते ही वो खड़ा हो गया, और उसने अपना लंड मेरे मूह से सामने कर दिया और बोला चूसने को. मैं तो माना कर रही थी, पर काका ने बोला-

काका: लंड चूस लो.

मैं फिर उनका लंड चूसने लगी. करीब दोनो को 10 मिनिट ब्लोवजोब देने के बाद दोनो ने अपना माल मेरे मूह में डाल दिया, और मूह बंद कर दिया. मुझे माल पीना पद गया.

ये थी मेरी एक और सॅकी स्टोरी. अगर कहानी पसंद आए तो अपने थॉट मैल करे

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