मा-बेटा सेक्स स्टोरी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कैसे मैने मम्मी को दूसरी बार छोड़ा था. अब आयेज-
बहुत दीनो से मैं सही मौके का इंतेज़ार कर रहा था. पर मौका नही मिल रहा था. फिर कुछ ऐसा हुआ जिससे मुझे लगा काम बन जाएगा. मैने आप लोगों को पहली कहानी में बताया था की मेरी एक छ्होटी बेहन है, जो हॉस्टिल में पढ़ती थी.
उसकी 12त पास हो गयी थी, और वो घर पर आ गयी थी. उसका नाम अदिति है. अदिति 19 साल की एक गोरी सुंदर कन्या थी, बिल्कुल मम्मी पे गयी थी. पर कुछ मामलो में उनसे भी सुंदर थी. शाम को चार बजे वो हॉस्टिल से घर आई. मैं उसका सामान उठा कर लाया. घर आ कर वो पहले भाग कर मम्मी के पास गयी. दोनो गले मिले.
फिर मम्मी बोली: कैसी है मेरी प्यारी बेटी?
वो बोली: मम्मी हॉस्टिल का गंदा खाना खा कर सारा मूड खराब हो जाता है. आप पहले खाना दो.
मम्मी ने कहा: ठीक है, जाके भैया को बुला लाओ. दोनो साथ में खा लेना. फिर पापा के आने के बाद मैं भी खा लूँगी.
उसने कहा: ठीक है.
फिर उसने मुझे बुलाया: अमन भैया आ जाओ, खाना खा लो.
हम दोनो खाना खाने लगे. पास में ही मम्मी बैठी थी.
अदिति बोली: मम्मी आज तो मुझे आपके साथ सोना है.
मम्मी ने कहा: ठीक है, सो जाना. तेरे पापा बाहर सो जाएँगे. वैसे भी लाते आते है बहुत.
फिर मैं अपने कमरे में चला गया, और सोचने लगा कैसे मम्मी को छोड़ू. बहुत दिन हो गये थे. दोनो बार मम्मी को छोड़ा था, तो उन्होने पापा ही समझा था, वो भी कुछ बोले बिना.
अब मैने एक प्लान बनाया. मैने सोचा आज मम्मी के पास अदिति सो रही थी. अगर आज मैं उनको छोड़ूँगा तो वो वैसे ही नही बोलने वाली. ऐसे ही टाइम 10 बजे तक हो गया, और पापा आ गये. उन्होने देखा अदिति और मम्मी साथ में सो रहे थे, तो वो बाहर ही सो गये.
मैं सही टाइम का इंतेज़ार कर रहा था. करीब 11 बाज गये मैं रज़ाई से बाहर निकल कर खड़ा हुआ, और चुप-छाप जाके मैं स्विच नीचे कर दिया, और इनवरटर भी बंद कर दिया. बिल्कुल अंधेरा हो गया. अब मैं मम्मी के कमरे में गया, और जाके मम्मी वाली रज़ाई में घुस गया.
फिर मैं उनके पेट पर हाथ फेरने लगा. उनके पेट से हाथ फेरते हुए उनका ब्लाउस खोलने लगा. पर उसमे एक भी बटन नही था. मैने उसके अंदर से ही दोनो हाथ डाल दिए बूब्स पकड़ने के लिए. दोनो हाथ उसमे आराम से चले गये. मुझे लगा ढीला ब्लाउस होगा. फिर मैने बूब्स पकड़ लिए. दोनो बूब्स मेरे पुर हाथ में आ गये.
मैने सोचा मम्मी ने आज ब्रा नही पहनी थी, और बूब्स भी मुझे थोड़े बड़े और सॉफ्ट लगे. फिर मैने तुरंत अपने हाथ निकाले और फोन से तोड़ा लाइट ओं करके देखा तो मुझे पता लगा मैने ग़लती से अदिति की त-शर्ट में हाथ डाल दिए थे. मैं तुरंत वहाँ से उठा, और बाहर किचन में गया. वहाँ एक ग्लास पानी पिया, और एक लंबी साँस ली.
फिर मैने सोचा चलो कोई बात नही, अदिति तो सो रही थी. मेरा लोड्ा अभी खड़ा हो गया था. मैं फिरसे मम्मी के रूम में गया, और मम्मी के पास लेट गया. मैने मम्मी के ब्लाउस के हुक आयेज से खोल दिए, और फिर ब्रा का हुक भी खोल दिया.
उसके बाद मैने मम्मी के बूब्स पकड़ लिए, और उन्हे दबाने लगा. मम्मी के बूब्स मेरे हाथो में आराम से समा रहे थे, पर अदिति के बूब्स मम्मी से बड़े थे, और सॉफ्ट भी. मेरा मॅन बार-बार कंपेर कर रहा था. फिर मैने मम्मी के निपल्स पर उंगलियाँ फिरना शुरू कर दिया.
मम्मी की आँखें खुल गयी, और वो धीरे से बोली: अदिति सो रही है पास में. आपसे ज़रा भी इंतेज़ार नही होता? आज रहने देते.
मैं एक बूब को जीभ से चाटने लगा, और दूसरे पर उंगलियाँ चला रहा था. मम्मी की साँसे तेज़ होने लगी, और वो बोली-
मम्मी: ठीक है आराम से करना.
मैं ज़ोर-ज़ोर से मम्मी के बूब्स बारी-बारी से चूस रहा था, और मम्मी हल्की-हल्की सिसकारियाँ ले रही थी. मम्मी के बूब्स उपर-नीचे हो थे सांसो की वजह से. बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैने मम्मी की धोती खोली, और पेटिकोट को लूस किया और निकाल दिया.
अब मम्मी पूरी नंगी हो गयी थी. मैने मम्मी के पेट से चाटना शुरू किया, फिर और उपर छाता. उसके बाद और उपर दोनो बूब्स छाते, और फिर होंठो पर ज़ोरदार किस किया. मम्मी को मैं 2 मिंटो तक किस करता रहा.
फिर मैने अपनी पंत खोली, और अपना 6.5 इंच का लोड्ा निकाला, और बिना कुछ ज़्यादा सोचे मम्मी की छूट में घुसा दिया. अब मैने धीरे-धीरे झटके देने शुरू किए. मम्मी को मैने आज बहुत गरम कर दिया था. उन्हे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैने झटके देना जारी रखा, और मम्मी के मूह पर हाथ रख दिया, क्यूंकी वो भूल गयी थी की पास में अदिति सो रही थी, और वो आवाज़े कर रही थी. फिर मैं मम्मी को उठा कर डॉगी पोज़ में ले आया, और कुछ और झटके मारे. मेरा होने वाला था, इसलिए मैने कुछ झटके मार कर सारा माल मम्मी की पीठ पर गिरा दिया.
कुछ मिंटो तक मैं वही बेड पर पड़ा रहा. फिर मम्मी को किस करके लिप्स में उनके बूब्स दबाने लगा. मुझे बार-बार अदिति के बूब्स की फीलिंग आ रही थी. मॅन कर रहा था बगल में अदिति भी लेती थी, उसके भी बूब्स एक बार पकड़ लू, और उनको भी चूस लू. पर इतनी हिम्मत नही हुई.
फिरसे मैं मम्मी के बूब्स को चूसने लगा. उसके बाद वहाँ से उठा, और मैं स्विच और इनवरटर ओं करके अपने कमरे में जाके सो गया. कमरे में मुझे नींद नही आ रही थी बार-बार अदिति मेरे सपनो में आ रही थी बिना कपड़ों को.
पहले मुझे लगता था मम्मी से सुंदर कोई औरत कैसे हो सकती थी. पर अदिति तो मम्मी से भी ज़्यादा सुंदर थी. ऐसे ही सोचते-सोचते मैं सो गया. क्यूंकी मैं रात को लाते सोया था, सुबह 10 बजे उठा. अदिति मुझे जगाने आई कमरे में ब्लॅक त-शर्ट पहन कर.
वो बोली: भैया उठो, सुबह हो गयी. चलो तुम्हे सब्ज़ी लेके आनी है आज.
मैं अंगड़ाई लेकर खड़ा हुआ और उठ कर देखा अदिति बैठी थी मेरे पास. त-शर्ट में बहुत सुंदर लग रही थी. फिर मैं सब्ज़ी लेने चला गया.
आयेज की कहानी बाद में. अगर आपको कहानी अची लगी हो, और आयेज के पार्ट्स चाहिए हो, तो इस एमाइल ईद पर मेसेज करे, और रिव्यू दे. रेस्पॉन्स अछा मिला तभी इस मा-बेटा सेक्स स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट आएगा.