मा के साथ थ्रीसम चुदाई

पापा बिस्तर पर लेट गये और मम्मी को अपने उपर ले लिया और उनकी छूट मे लंड पेल दिया और चुदाई करने लगे. मैं मम्मी के पिच्चे गया और उनके चूतादो की चुम्मि ली आंड उनके चूटरो को दबाते हुए चाटने लगा.

2-3 मिनिट तक मम्मी की गांद से खेलता रहा. इतनी बड़ी गांद और उसपे 2 बड़े बड़े गोरे गोरे चूटर और दोनो चूटरो क बीच की लाइन मा की गांद को देखने लायक बना रही थी.

मेरी मा की गांद को तो एक टूरिस्ट पॉइंट होना चाहिए और टिकेट लेके मा की गांद के दीदार करने चाहिए. मे मा की गांद के दोनो चूटरो को ढोल की तरह थप्पड़ मार मार के बजाने लगा.

अब मे मम्मी की गांद के च्छेद को चाटने लगा और अपनी नाक से उनकी गांद को सूंघने लगा. उनकी गांद की महक ने मुझे उत्तेजित कर दिया. लंबी लंबी साँसे लेकर मे मा की गांद की महेक को मे अंदर ले रहा था. फिर जमके मा की गांद के च्छेद को चटा और पूरा नमकीन टेस्ट लेने लगा.

उधर पापा मम्मी की छूट पेले जा रहे थे. मम्मी बोली बेटा कितना खेलेगा गांद से. तूने मुझे बहुत हॉर्नी कर दिया है, अब अपना लंड पेल मेरी गांद मे.

थोड़ी देर चाटने और सूंघने के बाद मैने अपना लंड मम्मी की गांद में डाल दिया. मेरा लंड मम्मी की गांद में आराम से जाने लगा.

इसका मतलब मम्मी ने पहले से ही अपनी गांद मरवा रखी थी और लाग्ग रहा था की रोज़ ही मा की गांद मारी जाती है, जिससे इतनी ढीली पद्ड़ गयी ह.

मैने मम्मी की गांद मारना चालू कर दिया. अब मम्मी की दोनो च्छेदो में धमा धाम चुदाई हो रही थी. मम्मी के मूह से सिसकारी निकल रही थी, मम्मी आ आ उई उई उई कर रही थी. मम्मी की गांद उनकी छूट से थोड़ी टाइट थी और मम्मी ने अपनी गांद से मेरे लंड को जाकड़ लिया.

पापा मम्मी के होंठ चूसने लगे और मैं भी मम्मी के उपर झुक कर उनके गले और पीठ को चाटने लगा. इसी पोज़िशन में हम मम्मी की चुदाई करते रहे.

ये मेरा और पापा का दूसरा रौंद था ओर हुमारा माल निकालने में तोड़ा टाइम लग रहा था.

15-20 मिनिट तक ऐसे ही मम्मी को पेलने से मेरा और पापा का माल निकालने वाला था. हमने मम्मी को बिस्तर के नीचे घुटनो के बाल बिताया और उसके मूह मे अपना वीरये छ्चोड़ने लगे.

वो हम दोनो का पूरा मूठ पीने लगी. मम्मी को ऐसे बेत कर हम दोनो का मूठ पीते देख मुझे मम्मी किसी कोठे की सस्ती रंडी से कम नही लग रही थी. मम्मी पूरी छिनाल ही थी जो पूरा माल पिई गयी.

मुझे हल्का सा पेशाब भी आ रहा था और मैने मम्मी के मूह पर ही मूट दिया. मा के होंठ, आँख, नाक, गाल हर जगह मूठ पड़ा था. इससे वो खुश हुई और मेरा और पापा का मूठ पूरा पी गयी और इधर उधर लगा कर मूठ छत कर सॉफ कर दी. फिर हम दोनो का लंड चाट कर सॉफ करने लगी.

मैने मम्मी को बिस्तर पर लेटया और अपनी बाहों मे भर लिया और हम बात करने लगे-

मैं– मम्मी मज़ा आ गया आपकी गांद बजके, सच मच आप सेक्स की अप्सरा हो. आपके गांद और छूट की महेक आंड स्वाद गजब का था. आपको छोड़ के मज़ा आ गया. आपके जैसी सेक्स डॉल तो मार्केट मे भी आनी चाहिए ताकि सबको असी गांद और छूट का मज़ा मिले. आज से मूठ मारना बंद, अब डेली आपकी छूट और गांद मारा करूँगा, मम्मी केसा लगा मुझसे छुड़वा कर?

मम्मी – बड़ा मज़ा आया बेटा. तेरा पहली बार था और तू कैसे कोई नादान बाकछे की तरह छत रहा थे मेरे च्छेद. लेकिन चुदाई तूने पूरे एक्षपिरेणसेद मर्द की तरह किया. आयेज पीछे दोनो तरफ से बजवके मज़ा आ गया. इतने दीनो बाद मज़ेदार चुदाई मिली. अब जब चाहे तब छोड़ लिया करना और डेली एक रौंद तू आंड तेरे पापा मिलके मेरी गांद छूट मारना. दो दो लंड लेने का मज़ा ही अलग है. वैसे बेटा तेरी कोई गफ़ नही है क्या?

मैं – है एक लड़की जो मुझे लाइन देती है और मैं भी उसे पसंद करता हूँ. लेकिन हम दोनो बोलने से डरते है.

मम्मी – तू गन्दू मत बन और हिम्मत करके बोल दे वो भी तैयार तो है ही तुरंत मान जाएगी. इश्स उमर मे छूट को लंड की ज़रूरत पड़ती ही ह और बिना चुड़े नही रहा जाता. उसकी भी छूट गीली होगी. तू जल्दी ई लोवे योउ बोल्डे आंड बजा डाल उसकी छूट. नही तो छूट की गर्मी ऐसी है जो उसे ई लोवे योउ बोलेगा वो उसी के सामने टाँगे खोल देगी.

पापा – हन और वो तेरी मा जैसी लंड खोर हो तो मेरे पास भी लाना. दोनो मिलके छोड़ा करेंगे आंड तेरी मा और उसके साथ फोरसम किया करेंगे. वैसे तू विंद्रा को छोड़ने के बारे में काब्से सोच रहा था?

मैं – 4 साल पहले जब एक दिन गर्मियों मे मैने सुबह मम्मी को नंगी नहाते और कपड़े बदलते देखा था. मा बातरूम का गाते खोल कर न्हा रही थी. और उसी दुपहर में चवक मे रखी चारपाई पर मा को आपसे चुड़ते देखा था. उस दिन मुझे ये सब बहुत अछा लगा.

पहले तो तोड़ा सहमा की मेरी मा ह आंड ये सब ग़लत है लेकिन मॅन नही माना और फिर मेरा लंड भी टाइट हो ही गया था मा को नहाता आंड फिर आपसे चूड़ते देख. उस दिन मैने पहली बार मूठ मारी थी और उसी दिन से मैं मम्मी को सोचके मूठ मारता हू.

काई बार मैने मा को नंगी आंड आपसे चूड़ते देखा ह. रात को छोड़ते टाइम जब आप दोनो की गंदी बाते आंड गलिया सुनके मुझे लगा की मा बहुत चुड़क्कड़ रंडी टाइप है. आंड तबसे ही मे मा को छोड़ने की सोच रहा हू.

मम्मी – अच्छा बेटा तुझे मुझे चूड़ते देखना इतना पसंद है?? और मे तुझे रंडी लगती हू?

मैं – हन मम्मी आपकी बड़ी बड़ी गोरी गांद देख कर मेरा लंड हमेशा खड़ा हो जाता है. मम्मी आप मेरे से चूड़ने के लिए एक ही बार में केसे तैयार हो गयी? क्या आप पापा के अलावा भी और किसी से चुड़वाती हो?

मम्मी ने पापा की तरफ देखा और पापा ने मम्मी को स्माइल दी. मम्मी बोली अच्छा तो अब मेरा बेटा ये जानना चाहता है की कही उसकी मा सच मे रंडी तो नही? तुझे क्या लगता है मे लोगो से चुड्ती फिरती हू?

पापा – तेरी मा बहुत बड़ी चुड़क्कड़ है और रंडी भी. इसकी छूट मे बहुत आग ह, ये हर किसी से चुड जाती है, और काई बार तो मैने अपने काम के लिए ओर पैसो के लिए भी चुडवाया है.

मैं ये सब सुनके शॉक्ड था, मुझे पहले डाउट भी होते थे लेकिन आज यकीन भी हो गया. मैने मम्मी से पूछा की कितनो से आंड किस किस से चूड़ी हो?

मम्मी – हन बेटा मेरी शादी से 3 साल पहले मेरी पहली चुदाई तेरे अकरम नानाजी (मम्मी के पड़ोसी) ने सबसे पहले की थी. और अकरम नानाजी तेरे नानाजी श्रीलाल के आचे दोस्त थे. तो उन्होने आपस मे सेट्टिंग करके मुझे मेरे बाप यानी तेरे नानाजी (श्रीलाल) से भी चुडवाया.

उसके बाद अकरम के बेटे ने भी मुझे छोड़ा था. उन 3नो ने मिलके मुझे 3 साल तक जमके छोड़ा. फिर शादी के बाद 6 साल तक ओन्ली तेरे पापा चूड़ी. सिर्फ़ एक लंड से काम चलाया. तुम 3नो भाई बहेनॉ को पैदा किया.

कभी कभी मयके जाके उन्न लोगो से चुड लेती थी तो छूट शांत रहती थी. लेकिन यहा सिर्फ़ 1 ही लंड था और तेरे पापा को इश्स बात का अहसास हो गया की मई लंड की कितनी भूकी हू और 1 लंड से काम नही चले. फिर तेरे पापा भी मुझे लोगो से छुड़वाने लगे. और…

मा की बात को काट कर पापा बोले – बेटा तू मेरे दोस्त मानेंद्रा और बसीं को तो जनता ही होगा. विंद्रा को मैने मेरे बाद उन दोनो से चुडवाया था. मानेंद्रा और मई दोनो बसीं की बेगम (वाइफ/बीवी) ज़हरा को छोड़ते थे.

शादी से पहले 2 साल तक मैने बसीं की बेगम ज़हरा को खूब छोड़ता था. मेरी शादी के 1 साल बाद मानेंद्रा की भी शादी हुई फिर बसीं आंड मैने मानेंद्रा की बीवी बरखा को भी खूब छोड़ा है.

बरखा शादी के 2 साल बाद ही मुझसे आंड बसीं से चूड़ने लगी. वो तो तेरी मा को ही टाइम लग गया औरो से चूड़ने मे. पर अब हम 3नो दोस्त मिलके एक दूसरे की बीवी छोड़ते है.

मैं – अच्छा तो मम्मी परसो आप मानेंद्रा अंकल के घर गयी थी तो क्या आप???

मम्मी – हन बेटा उस रात मानेंद्रा की पत्नी बरखा नही थी, तो उसने मुझे चूड़ने के लिए बुला लिया था.

आयेज की कहानी अगले पार्ट मे पढ़े जल्दी ही..

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