मों-सोन सेक्स कहानी का अगला पार्ट-
नेक्स्ट दे मैं जिम से घर आया. तब मुझे पता चला की भाभी की प्रेग्नेन्सी के आखरी महीने चल रहे थे. तो वो अपने माइके थोड़े दिन रहना चाहती थी. मम्मी और पापा दोनो ने भाई से कहा की बहू को उनके घर छ्चोढ़ कर आओ. भाई भी वहाँ 2-3 दिन छुट्टी मानने वाला था.
मैने देखा तो मम्मी बहुत खुश लग रही थी. और मैने जब उसकी तरफ देखा तो वो शर्मा गयी. उस दिन मम्मी ने पिंक सारी पहनी थी. उसने सारी बहुत टाइट बाँधी थी. उसकी गांद और बूब्स देख कर मैं पागल हो रहा था.
सब के जाने के बाद मम्मी कोई ना कोई बहाना बना कर मेरे बेडरूम में आने लगी. उस दिन मुझे मम्मी का बिहेवियर बहुत चेंज लगा. वो जब भी आती, तब मुझे उसका जिस्म दिखा कर जाने लगी. मुझे पता चल गया, की मैने थोड़ी हिम्मत की तो ये पक्का चुड जाएगी. हमने साथ में खाना खाया. वो मेरी और ही देखा करती थी.
मैं: मम्मी ऐसे क्या देख रहे हो? मुझे शरम आती है.
मम्मी: श, अब तुम मेरे से शर्मा रहे हो.
मैं: हा आपको भी तो मेरे से शरम लगती है.
मम्मी (धीरे से): हा आज सारी शरम डोर कर दूँगी.
मैं: क्या कहा?
मम्मी: कुछ नही. तुम चुप-छाप खाना खाओ, और 2 बजे मेरे बेडरूम में आ जाना. आज मैं जिम नही जाने वाली, और मेरे रूम में ही तुम रेस्ट करना.
मैं (खुश हो कर): ओक मम्मी.
मैं जब मम्मी के रूम में गया तो उन्होने पिंक कलर का सॅटिन रोब पहना हुआ था, और वो बेड पर बैठ कर उनका मोबाइल चला रही थी. क्या सेक्सी बॉम्ब लग रही थी. मुझे देख कर मम्मी ने मोबाइल साइड पर रखा और मेरे पास आई.
मम्मी: आ गया बेटा. कब से तेरा वेट कर रही थी.
मैं: हा आ गया. और आज आप बेहद खूबसूरत लग रही हो. आज तो पिंक ही पिंक पहना है. क्या बात है?
मम्मी (मेरे एक-दूं पास आ कर): आज तो सब कुछ पिंक पहना है. एक बात कहना चाहती हू तुमसे. लेकिन तुम मुझे ग़लत मत समझना बेटा.
मैं: मम्मी मैं आपको कभी ग़लत नही समझ सकता. आप जो कहेंगी, करेंगी, मेरे आचे के लिए होगा.
मम्मी: तुम मेरे बहुत आचे बेटे हो. तुम मेरा बहुत ख़याल रखते हो. मैं तुमसे बहुत प्यार करती हू बेटा.
मैं: मैं भी आपसे बहुत प्यार करता हू मम्मी. आपकी खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हू.
मम्मी: लेकिन बेटा हमारे बीच जो ये चल रहा है, उसके बारे में किसी को बताया नही है ना?
मैं: मम्मी ये हमारे दोनो के बीच का सीक्रेट है. ये बात हमारे बीच ही रहेगी. मैं तो आपसे दोस्ती करना चाहता हू.
मम्मी (स्माइल के साथ): ठीक है, आज से मुझे अपनी दोस्त समझ. अभी मैं आज तुझे कुछ दिखना चाहती हू. ये सिर्फ़ तेरे लिए है.
अब मम्मी 2 कदम पीछे गयी, और उन्होने अपना रोब खोल दिया. मम्मी ने अंदर सेक्सी पिंक कलर का ट्रॅन्स्परेंट ब्रा-पनटी का सेट पहना था. जहाँ ट्रॅन्स्परेंट ब्रा के कप बने हुए थे, वहाँ फ्लवर बने हुए थे, और पनटी जहाँ छूट छुपाटी है, वो आयेज का हिस्सा भी सेम था. अफ क्या लग रही थी मम्मी.
मम्मी का फिगर 34ड्ड-30-38 है. और उसका वेट 57 क्ग. मम्मी के आधे बूब्स बाहर की और थे, और वो 34ड्ड साइज़ पर्फेक्ट रौंद शेप में दिख रहे थे. उनका स्लिम पेट और उसके हल्के एबेस, और उसकी पनटी भी छ्होटी सी थी. मम्मी रौंद घूमी, तब मुझे उसकी सेक्सी बॅक और उसपे पिंक स्ट्रॅप और ट्रॅन्स्परेंट कपड़े से बना स्ट्रॅप क्या ग़ज़ब लग था था. और पीछे से पनटी सिर्फ़ गांद का च्छेद ही च्छूपा रही थी. उसके रौंद चूतड़ बाहर निकले हुए थे.
मम्मी: बेटा मेरा सर्प्राइज़ कैसा लगा?
मैं: ओह मी गोद. मम्मी आज आप तो एक-दूं मस्त लग रही हो.
मम्मी: थॅंक योउ बेटा. ये मैने सिर्फ़ तुझे दिखाने के लिए लिया है.
मैं: थॅंक योउ सो मच. तुम दुनिया की सबसे बेस्ट मम्मी हो.
मम्मी: तुम भी मेरे प्यारे बेटे हो. आज तुम भी अपने कपड़े निकाल दो. कल तुझे कपड़ों में बहुत दिक्कत हो रही थी. कपड़े नही होगे तो वो खराब होने की टेन्षन नही रहेगी तुझे. और मुझे भी आचे से मसाज दे पाएगा.
मैने सोचा मम्मी सामने से इतना कुछ कह रही थी, तो क्यूँ मैं पीछे हटु. लेकिन सच काहु दोस्तों मैने उस दिन मम्मी की चुदाई के बारे में नही सोच रहा था. क्यूंकी मुझे जो चाहिए था उठा मुझे मिल गया था. मुझे लगा इससे ज़्यादा मम्मी मेरे से करेगी भी नही. क्यूंकी ये मेरे एक्सपेक्टेशन्स से बहुत उपर की बात हो गयी थी. मैने अपने कपड़े निकाल दिए, और बॉक्सर में आ गया. मम्मी मेरी बॉडी देख रही थी.
मैं: क्या देख रही हो मम्मी?
मम्मी: तेरी बॉडी बहुत मस्त है.
मैं मम्मी को मिरर के सामने ले गया, और उनके कंधे पर हाथ रख दिया.
मैं: देखो मम्मी. कोई ये नज़ारा देख कर बोल सकता है की ये दोनो मा बेटे है?
मम्मी (शरमाते हुए): चल अब मसाज कर, और हा, अब कंप्लेन नही करना की मैं आचे से मेसेज नही करवाती.
अब मैने मम्मी को बेड पर लिटा दिया. फिर मैं गुटनो पर बैठ गया. मैने मम्मी के पैरों के उपर बहुत सारा आयिल डाला, और उसकी आचे से मालिश कर रहा था. मैने उनके पैरों की और थाइस की बहुत प्यार से मसाज की. मम्मी की भारी हुई मुलायम थाइ छूटे ही मेरे अंदर करेंट दौड़ गया. मैं मम्मी की और देखता तो वो मुझे स्माइल करती.
मैं थाइ की मसाज करते हुए छूट तक उंगलियाँ घुमा देता. उनकी पनटी छ्होटी होने से मुझे कोई परेशानी भी नही हो रही थी. अब मैने मम्मी का एक पैर कंदबे पर लिया, और उसकी बॅक थाइ को मसाज देने लगा. मैने ऐसे ही दूसरे पैर के साथ भी किया.
अब मैने मम्मी को उल्टा घुमा दिया, और उनके पैरों के साथ गांद की भी मसाज किया. मैने ज़्यादा आयिल डाला, और मम्मी की गांद को दोनो हाथो से खोल रहा था. पनटी साइड हो जाने की वजह से मुझे गांद का च्छेद दिख रहा था, और मैने आयिल को गांद के च्छेद तक पहुँचा दिया.
मॅन कर रहा था गांद में उंगली डाल डू. पर मैं अपने आप को रोक रहा था. अब मम्मी से इतना आयेज चल कर सब कुछ करवा रही है तो रिस्क लेना सही नही लगा. क्यूंकी मुझे अभी भी दर्र था की मम्मी का सेक्स तक का इंटेन्षन ना हो तो गड़बड़ हो सकती थी. अब मैने मम्मी की बॅक पर मसाज करने वाला था, पर मम्मी ने ब्रा पहनी हुई थी.
मैं: मम्मी ये ब्रा का क्या करू?
मम्मी: निकाल दे उसको. कल भी तो नही पहना था. पूच क्यूँ रहा है?
मैं तो खुश हो गया. पहली बार मा का कुछ निकालने का मौका मिल रहा है. खुशनसीब होते है वो लड़के जिसको अपनी मा के कपड़े निकालने का मौका मिलता है. और खुशनसीब होती है वो मा, जो अपने जवान बेटे से ये सब सुख प्राप्त करती है.
मैने मों की बॅक पर बहुत सारा आयिल डाल कर उसका बदन चिकना कर दिया. आज मैं मम्मी के उपर बैठ कर बॅक मसाज कर रहा था, और उस दिन भी मैं मम्मी के बूब्स छ्छू देता. मेरा तो लंड तंन कर खड़ा हो गया था.
मम्मी: अभी तुम सच कह रहे थे. आज मसाज करवाने में बड़ा मज़ा आ रहा है. कहाँ से सीखे हो?
मैं: मम्मी आज कल इंटरनेट पर हर कुछ चीज़ सीखने को मिल जाती है.
मम्मी: बात तो तेरी सही है. ये इंटरनेट ने सब को बिगाड़ कर रखा है (वो हासणे लगी).
मैने उनकी बॅक की मसाज देने के बाद उठ कर बेड के उप साइड जो पटिया बना हुआ होता है वहाँ मेरी बॅक के सपोर्ट से बैठ गया.
मैं: मम्मी आज मैं तोड़ा तक गया हू. तुम मेरे आयेज बैठ जाओ. मैं पीछे से तेरे पेट के उपर मसाज कर देता हू.
मम्मी: अर्रे ऐसे-कैसे तेरे आयेज बैठ जौ. मैने कुछ पहना तो नही है.
मैं: हा तो अब मेरे से क्या च्छुपाना? मैने उस दिन फोटो में तो देख लिया है.
मम्मी (शर्मा कर): तू ना बड़ा नॉटी हो गया है.
अब मम्मी अपने हाथो से बूब्स छुपाते हुए मेरे आयेज बैठ गयी. जब उसकी नंगी पीठ मेरे नंगे सरीर को टच हुई, तो मुझे क्या सुकून मिला दोस्तों. अब मैं आयिल से मम्मी के पेट को मसाज देने लगा. धीरे-धीरे मैं उनकी नाभि के नीचे का जो पार्ट होता है, वो उल्टे हटो से सहलाने लगा. वो बहुत ही सेन्सिटिव जगह होती है. मेरे ऐसा करने से मम्मी की आहें निकल रही थी.
मम्मी: क्या कर रहा है बेटा?
मैं: मम्मी तुम बस मज़े करो.
मम्मी: मसाज करना बेटा. ये क्या कर रहा है?
मैं मम्मी की बातें इग्नोर करके उनके पेट को सहलाने लगा. नीचे मेरा लंड फटने जैसा हो गया था. मैं गरम साँसे मम्मी के फेस के उपर छ्चोढ़ रहा था. अब मैने इंडेक्स फिंगर को मम्मी के नाभि में डाल कर घूमने लगा. मम्मी भी कराह रही थी.
मैं अब आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था. मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था. मैने मम्मी के हाथो को पकड़ लिया, और उनके बूब्स से हटा दिए. फिर मैने तुरंत ही दोनो बूब्स को पकड़ लिया.
मम्मी: क्या कर रहे हो बेटा? ये ग़लत है. हम ऐसा नही कर सकते.
मैं: कुछ ग़लत नही है मम्मी. इससे आपके बूब्स और भी मस्त हो जाएँगे.
मम्मी: ये क्या बोल रहा है? ऐसा नही हो सकता.
मैं मम्मी की सब बातों को इग्नोर करके उनके बूब्स को मसल रहा था. अब वो भी मेरे कंट्रोल में आने लगी थी. मैने सही मौका देख कर मेरा रिघ्त हॅंड बूब्स से हटा कर उनकी पनटी के पास रख दिया. फिर धीरे-धीरे पनटी के उपर से छूट को सहलाने लगा. मैने सोच लिया आज कुछ भी हो जाए अब मैं इसकी चुदाई किए बिना नही रहूँगा. मम्मी उठने की कोशिश कर रही थी, पर मैने पीछे से उसको पकड़ लिया था.
मम्मी: बेटा तू ये ग़लत कर रहा है. तुम मेरे बेटे हो. हमारे बीच ये रिश्ता नही बन सकता.
मैने उसकी कोई परवाह किए बिना उनकी पनटी में हाथ डाला. मुझे उसकी छूट वेट लगी, और वो झाड़ रही थी. मम्मी ने उसका सर घुमा कर मेरी और देखा. मैं समझ गया था की उसको भी मेरे साथ मज़ा आ रहा था. पर रिश्तों की मर्यादा उसको रोक रही थी.
अब मैने उसकी छूट में उंगली डाल दी. मैं और मम्मी एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे. मैने अपने होंठ मम्मी के होंठो पर रख दिए, और मैं उसको लिप्स किस करने लगा. 1 मिनिट तक किस किया, पर वो कुछ रेस्पॉन्स नही कर रही थी.
अब कैसे मैने अपनी मम्मी को मनाया, जानने के लिए अगले पार्ट का वेट करे. आपको अब तक मेरी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, वो प्लीज़ कॉमेंट करे और आपका फीडबॅक मूडछंगेरबोय@गमाल.कॉम पर मैल करे.