हेलो दोस्तों, मैं सोनू. जैसा की मैने पिछले पार्ट में बताया था की संगीत का कार्यक्रम चल रहा था. मैं वही उपर खड़े हो कर देख रहा था. फिर लगभग 1 घंटे बाद मम्मी चुप-छाप से सभी औरतों के बीच से निकल गयी, और उपर आने लगी. मम्मी को नही पता था की मैं उनको देख रहा था.
फिर मम्मी उपर आई और हमारे रूम से तोड़ा डोर एक और रूम था, वाहा गयी, और अंदर जाके रूम का दरवाज़ा बंद कर दी. मेरे को ये लग रहा था की मम्मी मेरे पास आ रही थी. लेकिन मम्मी दूसरे रूम में चली गयी. अब आयेज-
मैं सोच में पद गया की मम्मी उस रूम में क्यूँ गयी थी. उनको तो मेरे रूम में आना चाहिए था. फिर मैं भी उस रूम के पास गया और दरवाज़े को हल्का सा धक्का दिया. लेकिन दरवाज़ा अंदर से बंद था.
फिर मैं उस रूम के आस-पास देखने लगा. मेरे को उस रूम की एक खिड़की दिख गयी. मैने खिड़की को हल्का सा धक्का दिया, तो खिड़की खुल गयी. फिर मैने रूम के अंदर देखा. मैं रूम के अंदर देखा तो मम्मी और बड़े पापा दोनो नंगे हो कर एक-दूसरे से लिप्त रहे थे, और एक-दूसरे को चूम रहे थे.
मम्मी बोली: जल्दी करो जेठ जी. मेरे को नीचे संगीत में भी जाना है.
सुरेश: हा कर रहा हू.
फिर मम्मी सीधा लेट गयी, और बड़े पापा मम्मी के उपर चढ़ गये, और अपना लंड मम्मी की छूट में घुसा के ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगे.
मम्मी: अयाया अयाया जेठ जी ऑश.
बड़े पापा मज़े से मम्मी को छोड़ते रहते है.
मम्मी: अया जेठ जी, मज़ा आ रहा है. लेकिन जल्दी करो.
सुरेश: हा कर रा हम
फिर बड़े पापा अपनी रफ़्तार और तेज़ कर देते है, और मम्मी भी नीचे से अपने छूतदों को उछाल-उछाल कर धक्के मार्टी रहती है.
मम्मी: अया जेठ जी अयाया मज़ा आ रहा है.
फिर कुछ देर में बड़े पापा अपना लंड बाहर निकालते है, और मुट्ठी मारते है. फिर अपना सारा माल मम्मी के पेट में गिरा देते है.
सुरेश: मज़ा आ गया.
मम्मी: अब आप जल्दी से कपड़े पहन के रूम से निकल जाओ. फिर मैं थोड़ी देर में निकल जौंगी.
सुरेश: हा जेया रहा हू.
फिर बड़े पापा जल्दी से कपड़े पहन के निकल जाते है, और मम्मी भी अपनी सारी पहनती है, और आस-पास देख कर बाहर निकल जाती है. मैं च्छूप कर देखता रहता हू.
मम्मी रूम से निकल के तोड़ा आयेज जाती है, तभी दादा जी मिल जाते है और मम्मी को बोलते है-
दादा जी: अर्रे बाबू, तू यहा पर क्या कर रही है? संगीत तो नीचे चल रहा है.
मम्मी: ससुर जी मैं सोनू को देखने आई थी सोया है या नही. क्यूंकी कार चलते हुए वो बहुत ज़्यादा तक गया था.
दादा जी: अछा ठीक है बहू. अर्रे सुन बहू, मेरा एक काम कर दे.
मम्मी: हा ससुर जी.
दादा जी: उस रूम में मेरा कुछ समान रखा है. तोड़ा निकालने में मेरी मदद कर दे.
मम्मी: ठीक है ससुर जी.
दादा जी मम्मी को उसी रूम में ले आते है जहा मम्मी और बड़े पापा चुदाई कर रहे थे. रूम के अंदर आते ही दादा जी रूम का दरवाज़ा बंद कर दिए. मैं तुरंत खिड़की के पास गया और रूम के अंदर देखने लगा.
मम्मी बोली: बताओ ससुर जी क्या समान निकालना है.
दादा जी: हा अभी बताता हू.
फिर दादा जी मम्मी के पास जाते है, और मम्मी को ज़ोर से जाकड़ लेते है, और मम्मी के होंठो को चूमने लगते है. मम्मी दादा जी को रोकने की कोशिश करती रहती है, और बोलती है-
मम्मी: ससुर जी ये आप क्या कर रहे हो? छ्चोढो मेरे को.
दादा जी: अर्रे ऐसे कैसे छ्चोढ़ डू. जब मेरा बेटा संजय तेरे से शादी किया था, तब से मैं तेरे को छोड़ना चाहता था. पर उस टाइम मेरे को मौका नही मिला. लेकिन आज मौका मिला है. आज मैं तेरे को छोड़ के रहूँगा
मम्मी: ससुर जी ऐसा मत करो. ये सब ग़लत है. मैं आपकी बहू हू.
दादा जी: कुछ ग़लत नही है. ऐसे भी तू विधवा है, और साथ ही जवान खूबसूरत और मादक भी है. तेरे को भी लंड की ज़रूरत है.
मम्मी: ऐसा मत करो ससुर जी.
फिर दादा जी मम्मी की सारी को खींच के उतार दैया. उसके बाद मम्मी के ब्लाउस को खोलते है. फिर ब्रा खोलते है, और सीधा मम्मी के चुचे को मूह में लेकर चूसने लगते है.
मम्मी दादा जी को रोकने की कोशिश करती रहती है. कुछ देर चुचे को चूसने के बाद दादा जी अपना धोती-कुर्ता उतार देते है, और नंगे हो जाते है. दादा जी का लंबा और बहुत मोटा कला लंड मम्मी के सामने आ जाता है (मैं तो दादा जी का लंड देख कर हैरान रह गया. उनकी उमर 78 साल थी, और इस उमर में दादा जी का इतना बड़ा और तगड़ा लंड था.).
दादा जी का लंड एक-दूं काला रहता है, और डंडे के जैसा कड़क रहता है. उसका लंड देखते ही मम्मी की आँखों में चमक आ जाती है, और मम्मी तुरंत दादा जी के सामने जाके घुटनो के बाल बैठ जाती है. वो फिर दादा जी का लंड पकड़ के मुट्ठी मार्टी है.
(मम्मी अभी थोड़ी देर पहले दादा जी से नही चूड़ना चाहती थी. वो अब दादा जी का इतना बड़ा और तगड़ा लंड देख कर खुद से चूड़ने के लिए तैयार हो गयी.)
दादा जी: क्या बात है बहू, अभी तो तू मेरे से चूड़ना नही चाहती थी. अब तू आके मेरा लंड पकड़ ली.
मम्मी: आपका इतना बड़ा और तगड़ा लंड देख कर मेरे को जोश आ गया. ससुर जी अब आप अपने लंड से मेरी छूट का प्यास बुझा दो.
दादा जी: हा बिल्कुल मेरी बहू रानी.
फिर मम्मी दादा जी के लंड को मूह में लेकर चूसने लग जाती है. दादा जी का लंड बहुत बड़ा रहता है, और मम्मी के मूह में भी सही से नही जेया पा रहा था. लेकिन फिर भी मम्मी दादा जी के लंड को चूस रही थी. मम्मी एक-दूं किसी रंडी की तरह दादा जी का लंड चूस रही थी.
दादा जी: आ चूस बहू.
मम्मी दादा जी के टॅटन को भी बीच-बीच में चूस रही थी. दादा जी मम्मी के बाल को खोल दिए, और मम्मी के बालों को पकड़ के मम्मी के मूह में लंड को आयेज-पीछे करने लगे. मम्मी एक-दूं झटपटाने लगी.
फिर कुछ देर और लंड चूसने के बाद दादा जी मम्मी को खड़ी किए, और मम्मी का पेटिकोट और चड्डी निकाल दिए. फिर वो मम्मी के छूतदों को ज़ोर-ज़ोर से मसालने लगे.
दादा जी: क्या ज़बरदस्त चूतड़ है तेरा मेरी रानी.
फिर दादा जी मम्मी को ज़मीन पर लिटा दिए और मम्मी की छूट को देख के बोले-
दादा जी: वाह वाह गुलाबी छूट, आज तो मज़ा ही आ गया.
मम्मी: जल्दी से छोड़ो ना मेरे को ससुर जी.
दादा जी: अर्रे पहले तेरे इस जिस्म का मज़ा तो लेलू.
फिर दादा जी मम्मी के पेट को चूमने-चाटने लगे, और मम्मी दादा जी के सर को सहलाने लगी. दादा जी मम्मी की छूट को चाटने लगे, और मम्मी दादा जी के सर को अपने हाथ से अपनी छूट पर दबाने लगी.
मम्मी: अयाया अयाया और छातो ससुर जी, अया मज़ा आ रहा है अया.
दादा जी मज़े से मम्मी की छूट को चाट-ते रहते है. कुछ देर में मम्मी दादा जी के मूह में ही झाड़ जाती है, और दादा जी मम्मी के छूट का सारा पानी पी जाते है.
दादा जी: तेरी छूट के रस्स का स्वाद कमाल का है.
मम्मी: अब जल्दी से मेरे को छोड़ो ससुर जी.
दादा जी: ले मेरी रानी.
फिर दादा जी मम्मी की छूट में अपना तगड़ा और मोटा लंड घुसा देते है. दादा जी का लंड बहुत बड़ा होने की वजह से मम्मी को बहुत तेज़ दर्द होता है, और मम्मी ज़ोर से चिल्लती है. दादा जी तुरंत अपना हाथ मम्मी के मूह पर रख देते है.
मम्मी एक-दूं झटपटती रहती है. दादा जी धक्के मारना शुरू कर देते है. मम्मी और ज़्यादा झटपटती है. वो चिल्ला भी नही पाती है.
फिर दादा जी बहुत तेज़ी से बिना रुके ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लग जाते है. कुछ ही देर में मम्मी को मज़ा आने लग जाता है.
मम्मी: अयाया अया मज़ा आ रहा है ससुर जी आ आ आ आ.
दादा जी: पूरा मज़ा ले मेरी रानी.
मम्मी: आ श आप तो अभी भी अया बहुत जवान हो ससुर जी. अया ज़बरदस्त चुदाई कर रहे हो अया.
दादा जी: बहू घोड़ा और मर्द कभी बुद्धा नही होते.
मम्मी: अया, और छोड़ो आ अया आ.
फिर दादा जी मम्मी को कुटिया बना देते है, और पीछे से मम्मी की छूट में लंड घुसा के ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लग जाते है.
मम्मी: अयाया आआहा आआआः अया ससुर जी मज़ा आ गया अयाया.
दादा जी अपनी रफ़्तार और तेज़ कर देते है.
मम्मी: अया अया आ अया अया आ.
और कुछ ही देर में दादा जी और मम्मी दोनो साथ में झाड़ जाते है. दादा जी मम्मी की छूट में ही झाड़ जाते है. फिर मम्मी और सदा जी दोनो तक के वही लेट जाते है. मैं दादा जी का चुदाई देख के हैरान था. दादा जी 78 साल की उमर में इतनो ज़बरदस्त चुदाई किए थे. मम्मी फिर दादा जी से बोली-
मम्मी: मज़ा आ गया ससुर जी, ज़बरदस्त चुदाई करते हो आप.
दादा जी: हा ये तो है, लेकिन तू भी कमाल की माल है.
मम्मी: अछा सुसुर जी, जब सासू मा ज़िंदा थी. तब तो आप रोज़ उनकी ज़बरदस्त चुदाई करते रहे होंगे?
दादा जी: हा तेरी सासू मा को मैं बहुत छोड़ा हू, और वो भी खूब मज़े ले-ले कर चुड्ती थी.
मम्मी: तब तो आपको सासू मा का कमी महसूस होती होगी.
दादा जी: हा होती है. लेकिन मेरा जब चुदाई करने का मॅन होता है, मेरे को छूट मिल जाती है.
मम्मी: वो कैसे?
दादा जी: अर्रे मैं इस गाओं की बहुत सारी औरतों को छोड़ चुका हू, और जब मेरा मॅन करता है किसी भी औरत के घर जाके उसको छोड़ लेता हू.
मम्मी: हा और ऐसे भी आपका लंड देख कर कोई भी औरत आपसे चूड़ने के लिए माना नही करती होगी.
दादा जी: हा बिल्कुल.
मम्मी: ससुर जी अब मैं नीचे संगीत में जाती हू. बहुत देर हो गया है. और देर करूँगी तो सब को शक हो जाएगा.
दादा जी: हा बहू ठीक है.
फिर दादा जी अपने कपड़े पहन के रूम से निकल जाते है. मम्मी भी अपनी सारी पहन के रूम से निकल जाती है. मेरे को लगता है की मम्मी मेरे रूम में जाएगी, लेकिन मम्मी सीधा नीचे संगीत में जाके औरतों के साथ बैठ जाती है.
मेरे को तो पहले से ही गुस्सा आते रहता है. लेकिन अब मेरा गुस्सा और बढ़ जाता है. क्यूंकी मम्मी को मैं बोला था मेरे पास आके चूड़ने के लिए. लेकिन मम्मी सीधा बड़े पापा के पास गयी उनसे चूड़ने के लिए, और फिर दादा जी से चूड़ी. मेरे पास आई ही नही
मैं मॅन में सोच लिया अब मम्मी को सबक सीखना है.
आयेज क्या हुआ वो मैं अगले पार्ट में बतौँगा. कहानी पढ़ कर फीडबॅक ज़रूर दे.