माँ और बेटियों की रसीली जवानी

फिर मैंने उसके मुँह पर पानी डाला, तो वो अब होश में थी। अब उसको मज़ा आने लगा था और अब वो पूरे मज़े के साथ कहने लगी थी कि अब मज़ा आ रहा है, राघव ज़ोर से और ज़ोर से चोदो मेरी चूत को, फाड़ डालो इसको, बड़ी प्यासी है मेरे राजा, अब जमकर चोदो, अब में खूब ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा था और फिर मैंने करीब 30-35 मिनट तक उसकी चुदाई की। तभी ही उसका पानी निकल गया और उसके करीब 5 मिनट के बाद मेरा भी पानी उसकी चूत में ही निकल गया था। फिर जैसे ही मेरा पानी निकला तो मैंने देखा कि मकान मालकिन मेरे पीछे खड़ी है और हम दोनों को देख रही थी। अब मेरे तो होश ही उड़ गये थे कि आज तो शामत आ गयी, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और घूर-घूरकर देखने लगी और फिर उसने कहा कि राघव आप तो बहुत ही छुपे रुस्तम हो, आप इसी को चोदते रहोगे या हमारी भी इच्छा पूर्ति करोगे। फिर मैंने कहा कि आंटी ठीक है आप भी आ जाओ, कोई बात नहीं। फिर तभी किरण ने कपड़े पहने और फिर वो दूसरे रूम में चली गयी।

फिर आंटी आई और उसने मेरे 8 इंच के लंड को सहलाना शुरू कर दिया। अब मैंने भी उनके बूब्स को पकड़ लिया था। अब तो मुझे मज़ा आ गया था उसके बूब्स बड़े-बड़े बहुत सुडोल थे और आंटी अपनी बेटियों से भी सुंदर थी। अब में तो जन्नत में ही पहुँच गया था, अब मुझे अपनी आँखों पर भरोसा नहीं हो रहा था। फिर उसने मेरा लंड खड़ा कर दिया और उसे सहलाकर और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी। अब मैंने अपने मुँह में उसकी चूचीयों को ले लिया था और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा था। अब आंटी गर्म हो चुकी थी और आहह की आवाजे निकाल रही थी। अब हम 69 की पोज़िशन में आ गये थे और फिर मैंने उनकी चूत में अपनी जीभ डाल दी और चाटने लगा। अब वो मेरा खड़ा हुआ लंड ज़ोर-ज़ोर से चूस रही थी। अब आंटी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और बोली कि राघव अब सीधे हो जाओ और मेरे ऊपर आ जाओ। फिर में आंटी के ऊपर आ गया और आंटी की दोनों टाँगे फैलाकर अपना 8 इंच का लंड घुसा दिया, तो तभी आंटी तड़पी और बोली कि आआह में मर गयी रे, फाड़ डालेगा क्या? तो मैंने फिर से एक और ज़ोर का धक्का लगा दिया तो आंटी और ज़ोर से चिल्लाई आह मार दिया रे, क्या कर रहा है?

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अब आंटी की चूत में मेरा पूरा का पूरा लंड समा चुका था। अब आंटी को मज़ा आने लगा था और अब वो पूरा साथ दे रही थी और उठ-उठकर ऊपर नीचे कर रही थी हाईईईईइ राघव, चोद ज़ोर-ज़ोर से अपनी आंटी को, फाड़ डाल इस अपनी आंटी की चूत को, बड़े दिनों से प्यासी है मेरी ये चूत, तेरे अंकल तो अपना पानी झाड़ लेते है और मुझे प्यासी छोड़ देते है। अब में आंटी को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा था और अब आंटी कुछ देर के बाद झड़ चुकी थी और शांत हो गयी थी और फिर करीब 5 मिनट के बाद में भी झड़ गया था। फिर उसके बाद हम दोनों बाथरूम में गये और आंटी ने मेरा लंड साफ किया और फिर अपनी चूत को साफ़ किया। अब तब से अब तक में आंटी और उसकी बेटी को साथ-साथ चोदता हूँ और वो मेरा लंड एक दूसरे की चूत में लेती है। फिर कुछ दिनों के बाद आंटी की बड़ी बेटी अपनी ससुराल से आई तो तब आंटी ने कहा कि राघव इसके बच्चा नहीं होता है, तो तू ही कोशिश करके देख ले शायद इससे कुछ फ़र्क पड़ जाए। फिर तब मैंने आंटी की बड़ी बेटी प्रिया को शाम को जमकर चोदा और अब में उन तीनों को जमकर चोदता हूँ। अब मुझसे उसकी बड़ी बेटी को दो लड़के हो चुके है और आंटी के भी मुझसे एक लड़का पैदा हुआ है, जो मेरी ही शक्ल पर गया है। अब वो तीनों माँ बेटी बहुत खुश है, अब मुझे उन्हें चोदने की कभी भी जरूरत होती तो में उन्हें खूब चोदता हूँ और खूब मजा करता हूँ ।।

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धन्यवाद …

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