मा बेटे में शुरू हुई चूसाम-चुसाई

हेलो फ्रेंड्स, मैं राज आप सभी का फिरसे स्वागत करता हू पार्ट 8 में. अगर अभी तक आपने स्टोरी के पिछले पार्ट्स को नही पढ़ा है, तो पहले उनको पढ़े. तभी आपको रेड करने में मज़ा आएगा.

मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लंबा, और मोटा 3 इंच है जो किसी भी औरत को संतुष्ट कर सकता है. मैने मा को घग्रा निकालने के लिए बोला, तो उन्होने कहा-

मा: सब कुछ तेरा ही तो है, निकाल ले.

फिर जैसे ही मैने घग्रे को हाथ लगाया तो डोरबेल बाज पड़ी. अब हम दोनो का चेहरा देखने लायक था. हमारे अरमानो पे पानी फिरने वाला था. लेकिन किस्मत ने हमारा साथ दिया. जब मैने च्चत के उपर से देखा तो वो कोई माँगने वाला था. उसको आता देके भेज दिया और मैं सीधा बड़ी मा के पास चला गया.

फिर उनसे कहा: आप तैयार हो अपनी छूट की प्यास बुझवाने के लिए?

मा: अर्रे बेटा, मैं तो 3 महीने से इस आग को बुझवाने के लिए तैयार थी. पर मैं चाहती थी की तू खुद पहल करे, नही तो पता नही मेरे बारे में क्या सोचता तू.

मैं: अर्रे मा छ्चोढो पिछली बातें. अब आप अपने सुख के बारे में सोचो.

और मैं अपने लंड पर हाथ रख कर उसे मसालने लगा. जिसको देख कर मा की आँखों में वासना अलग ही दिख रही थी. तभी उन्होने शरम के मारे नज़र नीचे कर ली. मैने मा से कहा-

मैं: मा ऐसे शरम करने से क्या फ़ायदा?

और उनका एक हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया. उन्होने भी कमाल कर दिया, और उसे अपनी मुट्ठी में पकड़ के टाइट दबा दिया. मुझे उनके छूने में भी जन्नत जैसा स्वाद आया. ऐसे मज़े को शब्दों में बयान कर ही नही सकते. उधर मा को भी मेरा लंड पकड़ के कुछ सुकून मिला.

मैने मा से पूछा: कैसा लगा मा, लंड पसंद आया अपने बेटे का?

मा ने कहा: बेटे काफ़ी मस्त लंड है तेरा.

ये बोल के फिरसे मा ने अपना चेहरा अपने हाथो से च्छूपा लिया. इसमे मुझे भी काफ़ी अछा लग रहा था. आपको एक बात और बता डू दोस्तों, औरत की अदाए ही उसे हसीन, और सुंदर के साथ-साथ कामुक बनती है, तभी तो वो मर्द को आसानी से उत्तेजित कर सकती है.

मैने मा को कहा: मा एक बार आप मेरे भी बाहों में आ जाओ.

फिर वो बेड पर से उठ कर खड़ी हो गयी, और अपने दोनो हाथ खोल दिए. मैने भी आयेज बढ़ कर मा को अपने सीने से लगा लिया. एक मा अपने बेटे को गले लगती थी, तब कुछ नही होता था. लेकिन जब आज एक लंड की प्यासी मा ने अपने बेटे को कामुक तरीके से गले लगाया, और मेरा इरादा भी उनको बहुत देर तक रग़ाद-रग़ाद कर छोड़ने का था. तो गले लगते ही मा की चुचियों की आग से मैं बेकाबू हो गया.

कितने मुलायम और कड़क बूब्स थे बड़ी मा के. इस एहसास को बस फील किया जेया सकता था. अब लिखते समय भी उस पल को याद करके पुर शरीर में करेंट बह रहा है. क्या पल था वो, जब पहली बार मा को वासना के हिसाब से गले लगाया था. जब आप मा को छोड़ते है, इससे बड़ी अचीव्मेंट और सुख दुनिया में कुछ भी नही है.

इससे बड़ी कोई वासना नही, इससे बड़ा कोई प्यार नही है. मैं खुश-नसीब हू की मैं अपनी बड़ी मा को खुशी दे पाया. उनके सुंदर शरीर के एक-एक पार्ट का मज़ा लूट पाया. उनकी छूट का रस्स-पॅयन कर पाया. इससे बड़ा सौभाग्या और क्या होगा?

अब मैने ज़्यादा देर करना सही नही समझा, और अब अपने हाथो के बीच मैने बड़ी मा को कस्स के दबोच लिया. क्यूंकी आग दोनो तरफ लगी हुई थी, तो मा ने भी यही रिक्षन दिया. उन्होने भी मुझे कस्स कर मज़बूती से अपने मोटे और सख़्त चुचों का एहसास करा दिया.

उन्होने ये संकेत भी दे दिया, की वो किसी भी तरह पीछे हटने वाली नही थी. क्यूंकी छूट की आग को शांत करना भी ज़रूरी था. और मैने आपको पहले भी बताया है की दोस्तों जब कोई लॅडीस सेक्स में खुल के आती है, तो सेक्स का मज़ा ही दो गुना हो जाता है.

दोस्तों ज़िंदा लाश की तरह सेक्स करने में और किसी औरत को छोड़ने में फराक क्या है, जब तक आपको सेक्स करते टाइम और सेक्स से पहले औरत की कामुक और सेक्सी अदयें ही ना अपनी और आकरसीत कर सके. जब हम दोनो की पकड़ ढीली हुई, तो अब मैने अपना हाथ मा की पीठ पर हल्के-हल्के से घूमना शुरू किया.

मा अपने होंठो को मेरी गर्दन पर रख के प्यार से किस करने लगी. इस हमले के लिए मैं बिल्कुल भी तैयार नही था. मेरे मुख से भी आ की आवाज़ निकली, और मैं तुरंत ही अपने हाथो को मा की गांद पे रख के उनकी गांद को दबोचने लगा. इसका असर अब मा पर भी गहरा होने लगा, और वो मुझे ज़ोरो से कभी आराम से गर्दन और गाल पर किस करने लगी.

पुर कमरे में सिसकियों की आवाज़ गूँज रही थी, और हम खुल कर मज़े लेने में कामयाब इसलिए थे, क्यूंकी घर पर हम दोनो मा बेटा अकेले ही थे, और घर के सभी लोग खेत में थे. अब हम कुछ के लिए रुके और एक-दूजे को देखा. फिर आँखों ही आँखों में इशारा किया की क्या हम दोनो तैयार थे. इसका जवाब हम दोनो ने हल्की सी स्माइल के साथ दिया.

फिर मैं बोला: मा मैं अब आपके होंठो के अमृत का रस्स-पॅयन करना चाहता हू.

तो मा ने भी बोल दिया: ये अमृत तो मैं कब से तुझे पिलाने की लिए तड़प रही हू. आजा मेरे बेटे.

फिर मैने अपने होंठ मा के होंठो पे रख दिए. क्या मुलायम और मस्त होंठ थे, और क्या मज़ा आ रहा था. करीब 10 मिनिट तक एक-दूसरे के होंठो को चूस के कट कर दिया था. किस करने के बाद स्वर्ग का मज़ा आ गया दोस्तों. उससे बड़ा सुख क्या हो सकता था, की मेरी बड़ी मा सुमन इतनी हॉट और ब्यूटिफुल, और मैं उनका अकेले में रस्स-पॅयन कर रहा था.

इसके कारण मेरा लंड अब फटने को हो चुका था, और लंड बार-बार जेया कर मा की जांघों में लग रहा था. इससे मा का पूरा बदन काँप जाता मज़े में और वो मस्त होती जेया रही रही. हम दोनो में से कोई डोर होने को तैयार नही था.

अब मैं अपने हाथो को मा के बूब्स पर लेके गया, जिससे मैं अलग ही आसमान में पहुँच गया. क्यूंकी उनका किस करना और आँखों के इशारे और भी कामुक हो रहे थे. मा की छूट अब पानी-पानी हो रही थी. अब उनका घग्रा पूरा का पूरा गीला हो चुका था नीचे से. ये मुझे तब पता चला जब मैने हाथ उनकी प्यारी सी छूट पर रखा.

फिर उन्होने मेरी शर्ट के बटन खोले, और मेरे शरीर पर किस करने लगी. मुझे फिरसे झटका लगा मा का ये रूप देख कर. आज वो आपे से बाहर थी और पूरा खुल के मेरे साथ टाइम एंजाय कर रही थी. ये तब तक तो रहेगा ही जब तक उनकी छूट की प्यास नही बुझ जाती. और इस बात को मैं भी समझ चुका था.

5 मिनिट मेरी चेस्ट पर किस करने के बाद बड़ी मा बोली: राज मैने इतना अछा और इतनी उत्तेजना अपने अंदर कभी महसूस नही की, और ना ही कभी तेरे टॉ जी के साथ कभी इतना लंबा किस किया है. मैने उनकी बॉडी पे भी किस नही किया. और बुरा ना माने तो तुझे एक बात बोलू बेटा?

मैं: हा मा, बोलो क्या कहना चाहती हो?

मा: मुझे आज ऐसा लगता है की तू मेरा बाय्फ्रेंड है, जिससे मेरी आज ही शादी हुई है. और हम दोनो बरसों से तड़प रहे है एक-दूजे के लिए. और आज हम दोनो का सपना पूरा होने वाला है. अब और देर ना कर, और बुझा दे अपनी इस मा की छूट की प्यास, और बना ले मुझे अपना.

आयेज की स्टोरी अगले पार्ट में. फीडबॅक मैल ज़रूर करे.

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