मा बेटे की प्यार भारी आखरी चुदाई की कहानी

इन्सेस्ट रीलेशन बहुत हार्ड होता है. इस रीलेशन का सबसे बड़ा नुकसान ये है, की आप इस रीलेशन को पर्मनेंट नही रख सकते. जब आप इस रीलेशन में आते हो, तो इसका मज़ा फुल लेते हो. सेक्स में बहुत मज़ा आता है. ऐसा सेक्स आप को और कही नही मिल सकता. इस रीलेशन में थ्रिल रहता है.

मुझे मा बेटे वाले का एक्सपीरियेन्स है. इसमे थ्रिल बहुत ज़्यादा है. जब आपकी मा सनडर हो तो और मज़ा आ जाता है. मेरे वाले में सनडर के साथ स्लिम पर्फेक्ट फिगर था. तो मुझे इस रीलेशन में सब मिला. गफ़ वाला भी, वाइफ वाला भी, और मा वाला तो था ही सेक्स. मगर मेरे रीलेशन में एक दिक्कत ये थी की मुझे सुषमा के अलावा कोई अछा नही लगा. बाकी लोगों का एक्सपीरियेन्स मैं कुछ कह नही सकता.

मेरे और सुषमा के रीलेशन की वजह से मैं रूबी को सुषमा से कंपेर करता रहा ब्यूटी में भी, और बाकी चीज़ों में भी. सुषमा के साथ सेक्स के बाद मुझे कभी रूबी के साथ सेक्स का मज़ा आया ही नही. इसकी वजह से मैं रूबी से अटॅच हो ही नही पाया. आज मेरा सुषमा के साथ सेक्स तो डोर की बात है, मिलना भी नही हो पा रहा. तो मुझे डिप्रेशन सा होने लगा था.

मैं समझ नही पा रहा हू मैं रूबी के साथ अटॅचमेंट कैसे लाउ. सुषमा ना मिलने से एक-दूं से लाइफ रुक चुकी है. हर वक़्त यही सोचता रहता हू शादी ना करता तो सुषमा के साथ रह पाता. यही सोचता हू इस रीलेशन में ना आता तो लाइफ कुछ और ही होती. ये सबसे साद पार्ट है इस रीलेशन का. शायद हर इन्सेस्ट रीलेशन का यही हाल होता है. चलो आयेज का पार्ट स्टार्ट करता हू.

ये लास्ट पार्ट है. फिर हम नही मिलेंगे. मेरा स्टोरी लिखने का पर्पस यही बताना था, की इन्सेस्ट रीलेशन में मज़े के साथ-साथ सॅडनेस भी है.

जब रूबी और मैं कॅनडा पहुँचे, तो सुषमा से बात होना भी कम हो गया था. टाइमिंग की वजह से बात भी नही कर पाते थे.

पहली बार हो रहा था हमने 1 दिन स्किप किया हो बिना बात किए. लगभग 6 साल से हर रोज़ बात करते थे हम कम से कम एक टाइम तो. अब मेरा मॅन नही लग रहा था नयी जगह पर. जब भी अकेला होता, रोता रहता था. सुषमा भी समझ चुकी थी ये रीलेशन ख़तम हो चुका था. वो भी अवाय्ड करती थी बात करना.

शायद ये सोचती थी वो की हम बात ना करेंगे तो मैं रूबी से दिल लगा पौ. मगर मेरा दिल नही लग पा रहा था. सुषमा भी नही रह पाती थी मेरे से बिना बात किए.

कभी-कभी 2 से 3 दिन वो बात नही करती थी, तो अगले दिन खुद कॉल कर लेती थी. मगर अब वो बस रवि ही बुलाती थी. पहले कॉल में जान या पातिदेव बुलाती थी. मेरा मॅन जान, पातिदेव सुनने के बेचैन रहता था.

कभी-कभी उसका मॅन करता तो जान बोल देती थी. उस दिन पूरा दिन खुश रहता मैं. मैं सुषमा के लिए पागल सा हो चुका था. उसके एक बार जान या पातिदेव बोलने से पूरा दिन खुश रहता था. कभी वो बोल देती अब हम अलग हो जाते है, तब मेरा मॅन उदास हो जाता.

एक दिन मेरा मॅन बहुत उदास था. तंग आ चुका था सुषमा की इन हरकतों से की कभी प्यार करने लग जाती, कभी बोल देती हम अलग हो जाते है. मैने कॉल लगाई. उस वक़्त मैं अकेला था घर.

मैं: सुषमा ये क्या मज़ाक लगा रखा है? कभी बोल देती हो प्यार करती हो. कभी माना कर देती हो की अलग हो जाते है. तू मेरी है. अब कही नही जेया सकती. मैं जैसा काहु वैसा ही करना पड़ेगा तुझे. तुझे बोलू वीडियो कॉल पर सेक्स कर करना पड़ेगा.

मैं सब तेज़ आवाज़ में बोल रहा था उसे.

मम्मी: पागल हो गये हो क्या आप? ऐसे कैसे बात कर रहे हो मेरे से? मेरी भी कोई ज़िंदगी है. मेरी भी कोई मर्ज़ी है. हर वक़्त आपकी बात सुनती राहु. मेरा जैसे मॅन करेगा वैसे करूँगी.

मैं ( पुर गुस्से में): पागल तूने बना दिया है मुझे. मैं कैसे भी बोलू तुझे सुनना पड़ेगा. बहनचोड़ तुझे फुल मज़े दिए है. पहले तो मज़े से चुड्ती थी मेरे से. अब क्या हो गया, जब मेरा मॅन है तेरे से सेक्स की बातें करने का? बोलती हो मुझे नही करनी. अब डोर हो जाते है. अब लंड नही मिल पा रहा मेरा. मैं कों.

मम्मी: साची में पागल हो चुके हो. ऐसे बात करते है? अपनी बीवी समझते तो ऐसे बात करते? कभी इज़्ज़त दी है मुझे? आज देख लिया बस सेक्स ही चाहिए था आपको. मैं ब्लॉक कर रही हू, आज के बाद बात नही करूँगी. आज लग रहा है ग़लत रीलेशन बनाया आपसे.

उन्होने फोन कट कर दिया, और मुझे सब जगह से ब्लॉक कर दिया. मैं अब बात नही कर पा रहा था उससे. उस वक़्त मुझे रियलाइज़ हुआ मैं हर वक़्त ग़लत था. मैने बस उसको सेक्स टॉय ही समझ रखा था. आज भी सेक्स की वजह से ही लड़ रहा था. बात तो कर ही रही थी वो.

मैं उनका नही सोच रहा था की उन पर उस वक़्त क्या गुज़र रही थी. वो भी तो प्यार करती थी मेरे से. मैं ही तो कॅनडा आया था. वो तो वही ही थी. वो तो मेरी शादी के बाद सेक्स कर ही रही थी. मेरी उनसे 2 महीने बात नही हुई. एक दिन सुषमा की रूबी से बात हो रही थी. उसने रूबी से पूछा मेरे बारे में. रूबी ने फोन ही पकड़ा दिया मुझे. 2 महीने बाद उनसे बात हो रही थी. हाल चल पूछा बस उन्होने.

2 वीक बाद उनका खुद व्हत्साप्प पर मेसेज आया. उसके बाद हम 2 से 3 दिन में 5 से 10 मिनिट बात कर लेते. धीरे-धीरे फिरसे हम बात करने लगे. इस बार सेक्स की कोई बात नही करते थे. बस नॉर्मल. कभी-कभी मैं ई लोवे योउ बोल देता उसे. वो भी जवाब दे देती थी.

रूबी और मैने इंडिया जाने का प्लान बनाया. 20 दिन की छुट्टी ली. सुषमा को बताया तो वो बहुत खुश हुई. हमारा प्लान डेक 18 को इंडिया जाने का था. हमारी फ्लाइट रात को लॅंड की. प्लान ये था की रूबी अपने घर जाएगी पहले फिर 23 डेक को मेरे टाउन आएगी.

भाई बोला वो 25 डेक की छुट्टियों में आएगा घर. पापा 7 दिन के तौर पर थे उनके फ्रेंड्स के साथ थे. वो 24 को वापस आने वाले थे. मेरी ज़्यादा आशा नही थी मम्मी से इसलिए 18 डेक की रात को फ्रेंड के घर चला गया, और वाहा रुका.

पहले ये प्लान था मैं सुबा 6 बजे ही चल पड़ूँगा घर जाने के लिए. मगर मम्मी से ज़्यादा उमीद ना होने की वजह से सोचा 8 बजे ही जौंगा. मुझे पहुँचते-पहुँचते 1 बाज गया. सुषमा ने फोन की लाइन लगा दी कहा हो पूच-पूच के. गुस्सा हो रही थी मुझ पर की लाते क्यूँ चला.

मैं जैसे घर पहुँचा, उसने मेरा हाथ पकड़ा और अंदर ले गयी. पूछा कैसी लग रही हू. उसने रेड सारी पहनी हुई थी. मैने बोला बहुत अची लग रही हो. थोड़ी देर बाद बोली नाराज़ हो मेरे से.

मैं: नही तो?

मम्मी: फिर डोर क्यूँ बैठे हो?

मैं: बस ऐसे ही.

वो उठी और मेरी गोद में बैठ के किस करने लगी. फिर क्या था मैने उसको उठाया. अब उसके उपर और मेरे उपर कपड़े नही थे. फिर बहुत प्यार किया उसे. मैने अपना गुस्सा निकाला उस पर. उसकी गांद को बहुत थप्पड़ मारे.

मैं: तू मेरी है, किसी और की नही.

फिर उसको फुल प्यार किया. वो 4 दिन मेरे लिए बहुत मेमोरबल है. मैने हर तरीके का सेक्स किया. पहली बार 69 किया हमने. उसने लंड मूह में लिया, और मैने छूट छाती. 4 दिन पता नही चला कैसे निकल गये. फिर घर पर सभी आने लगे. उसके बाद किस के अलावा कुछ नही कर पाए. वो हमारा लास्ट सेक्स था. आज उन दीनो को याद करता हू. 4 दिन एक-एक पल प्यार किया सुषमा को.

मैं और वो घर से बाहर नही निकले. 4 दिन ऑलमोस्ट पूरा दिन नंगे रहे. पहली बार किया था हमने ये 4 दिन पुर नंगे. वैसे थोड़ी मोटी हो गयी थी 1.5 साल में. बुद्धि भी हो गयी मगर ज़्यादा नही.

मगर इस बार वो मुझे छ्चोढने आई थी एरपोर्ट. वो बहुत एमोशनल थी मेरे लिए. फिरसे हम कॅनडा आ गये. फिर अचानक कुछ दीनो बाद सुषमा ने सेक्स की बातें करनी बंद कर दी.

फिर से वो बोलने लगी ये हमारा लास्ट था. ये पल उसके लिए भी हमेशा याद रहेंगे. फिरसे मेरी खुशी चली गयी. अब वो ज़िद पर थी सेक्स की बातें नही करेगी. उसने सोचा वो ये बातें बंद कर देगी, तो मेरा रूबी से अटॅचमेंट हो जाएगा.

मगर मेरा आज तक अटॅचमेंट नही हुआ. मगर वो ज़िद्द पर रही. करोना आने की वजह से हम इंडिया वापिस नही आ पाए छुट्टियों पर. जन्वरी 2023 में आए वापस तो सोचा इस बार क्या पता आमने-सामने देखने पर फिरसे मॅन बदल जाए.

जब भी अकेले होते घर में किस करने की कोशिश करता. मगर उसने करने नही दिया. उसकी गांद को टच किया तो हाथ हटा देती. इस बार वो थोड़ी बुद्धि भी हो चुकी थी. अब वैसे वो 60 क्रॉस कर चुकी थी वो. मगर वो 45 से 50 के बीच की लग रही थी तब भी. तोड़ा सी स्किन लूस होने लगी थी. जब उसको पकड़ने की कोशिश कर रहा था तब ये लगा. एक दिन जब अकेले थे बात कर रहे थे तो-

मम्मी: अब तो बुद्धि हो गयी हू ना?

मैं: नही, सबसे खूबसूरत आप ही हो मेरे लिए.

मम्मी: मुझे पता है. अब पहले जैसे नही लगती.

मैं: ऐसा कुछ नही है. 60 के बाद भी आज 45 से ज़्यादा नही लगती आप.

मम्मी: अब तो नही बोलेगा कोई मुझे आपकी बीवी?

मैं: बाकियों से क्या? मेरी बीवी ही है तू. और ज़्यादा पता करना है तो जाके देख लो मेरे साथ डॅल्लूसियी. बीवी ही बोलेगा. मेरे लिए तू ही सब कुछ है.

वो अब भी काला धागा पहनती थी. जो मैने पहनाया था उससे शादी के वक़्त.

मैं: मुझसे प्यार नही करती हो, तो ये काला धागा क्यूँ नही उतार देती?

मम्मी: मैं रूबी नही हू. मेरे लिए ये बहुत कुछ है.

रूबी मंगलसूत्रा नही पहनती थी.

मैं: फिर अब भी मुझे तेरा पति समझती हो?

मम्मी: पता नही मुझे. ऐसी बातें ना पूछा करो.

मैं: शायद मुझे पता होता तेरे बिना मेरी हालत ऐसी होगी, तो मैं शादी ना करता. कॅनडा जॉब ले लेता. तेरे को किसी बहाने से बुला लेता पापा से बोल के. साथ में रहते पति-पत्नी की तरह.

मम्मी: जो हो गया सो हो गया. अब सोच के क्या फ़ायदा? पता नही ये सब हो पाता. मैं जेया भी पाती की नही.

मुझे पता है वो मुझे प्यार करती थी. बस बताना नही चाहती थी. उनकी इन बातों से ऐसा लगता था मुझे. मुझे शायद आज भी पति ही समझती थी. हम अब बस नॉर्मल बातें करते है वीक में एक से दो बार. मैं बस यही सोच के खुश हो जाता हू शायद प्यार करती है, नही तो धागा क्यूँ पहने रखती. फिर हम वापस कॅनडा आ जाते है. हमारे बीच कुछ नही हुआ तब से.

आज जन्वरी 2024 है. हम बस बातें करते है. आज वो 62 से 63 साल की है. 2008 से स्टार्ट हुआ सफ़र लगभग डेक 2018 तक रहा. वैसे आज भी प्यार करता हू उसे. सुषमा कभी नही बोलती मगर उसकी बातों से लगता है वो अब भी प्यार करती है. 23 डेक 2018 को लास्ट सेक्स किया. वो आज भी हमारी शादी की निशानी पहन के रखती है.

आप लोग कुछ भी समझो, हमारा रीलेशन आज भी है या नही. मगर मैं आज भी दिल से प्यार करता हू उसे. पता नही आयेज वाले टाइम में कुछ कर पाएँगे या नही. चाहे वो 70 साल की हो जाए, तब भी मेरा प्यार उससे ही रहेगा. 2008 से स्टार्ट हुआ था सफ़र हमारा. जब मैं 19 का था. आज 35 का हो चुका हू. वो 46 की थी और 62 की हो गयी है.

चलो बाइ. कॉमेंट में ज़रूर बताना मेरे प्यार के बारे में. किसी और का एक्सपीरियेन्स है इस रीलेशन में तो कॉमेंट में बताना.

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