मा बेटे का हनिमून प्लान

मैं: सुषमा मैं ज़िंदगी भर तेरे साथ रहना चाहता हू. मेरे से ये दूरी बर्दाश्त नही हो रही. शादी करके ग़लती कर दी मैने.

फिर मैने उसको इस सेक्स कहानी के बारे में बताया. जो मैने लिखी. वो भौचक्की रह गयी.

मों: क्या! आपने हमारी कहानी लिखी? ये सही नही किया आपने. आपने मेरी इज़्ज़त खराब कर दी.

मैं: इसमे क्या इज़्ज़त खराब? अब गुस्सा मत होना. किसी को पता थोड़ी है की हम कों है. मेरा मॅन खराब हो रहा था, इसलिए लिख दी. तू बात नही कर रही थी.

मों: फिर भी ऐसे नही लिखनी चाहिए थी.

फिर मैने स्टोरी दिखाई उसको. उसका मिक्स सा रेस्पॉन्स था. 7 भाज चुके थे. टाइम निकले जेया रहा था. 1 दिन और था हमारे पास. पता नही फिर कभी ये टाइम आएगा की नही. बिना किसी टेन्षन के हम न्यूड लेते हो.

मैं: टाइम बहुत जल्दी निकल रहा है. पूरा दिन भी चला गया. 1 दिन और, परसो तो पापा आ जाएँगे. मुझे ऐसे ही रहना है तेरे साथ. उनके सामने मा बेटे की आक्टिंग नही कर सकता.

मों: मेरा मॅन भी यही करता है आपके साथ ऐसे ही लेती राहु. क्या कर सकते है? आप तो फिर भी रूबी से कुछ ना कुछ कर लोगे. मेरा मॅन आपके अलावा किसी के साथ नही.

मैने ज़ोर से हग किया और किस करने लगा. उसकी किस में अलग ही खुश्बू होती है. फिर वो बोली-

मों: बहुत ज़ोर से भूख लगी है. खाना बना लेती हू, जल्दी से साथ में मिल के खाएँगे.

मैं: भूख लगी है तो लंड चूस लो.

मों: हर बार सेक्स की बात. इसको रात को चूस लूँगी.

मैं: कोई कपड़े नही पहनने है.

मों: ठीक है. पहन भी लिए तो उतार ही दोगे आप.

मैं: वो तो है ही. तू कपड़ों में अची नही लगती मुझको.

मों: मगर खाना बनाते हुए गांद मत खाना मेरी.

मैं: वो तो मेरा अधिकार है. इस गांद का तो दीवाना हू.

मों: तंग करते हो आप खाना बनाते वक़्त.

मैं: ज़्यादा तंग नही करूँगा पक्का.

फिर वो खाना बनाने चली जाती है. मैं उसके पीछे-पीछे किचन में. सॅकी हिलती हुई गांद उसकी मस्त लगती है. मैने उसको ज़्यादा तंग नही किया. फिर हमने खाना खाया. इतने में 9 बाज चुके थे. तभी पापा का फोन आता है.

सुषमा फोन उठती है. वो बताते है की वो कल ही आ जाएँगे रात तक. मेरा मॅन और खराब हो जाता है. सुषमा देख लेती है मैं उदास हो गया था. वो फोन रख कर मेरे पास आती है, और मुझे हग कर लेती है.

मैं: इतने दीनो बाद तो प्यार करने का मौका मिला था तेरे से.

मों: कोई नही. अभी भी 24 घंटे है हमारे पास. जी भर कर प्यार करूँगी अपनी जान को.

फिर हम दोनो बेडरूम में चले जाते है. वो मुझे बेड पर लिटा देती है. फिर मूह में लंड ले लेती है. मैं बॅक बेड पर लगा लेता हू. उसको लंड चूस्टे हुए उसकी गांद देखता हू.

मों: आपको ऐसे चुसवाने में मज़ा आता है ना मेरे से?

मैं: हा, बचपन में मैं 1 रुपय लेता था तेरे से लॉलिपोप के लिए. अब तू मेरा लॉलिपोप चूस रही है.

मों: मगर ये लॉलिपोप ज़्यादा टेस्टी है.

मैं: इसकी क्रीम टेस्टी नही है क्या?

मों: वो भी टेस्टी है, सुबा टेस्ट की थी. आप नुकसान में हो. मुझे तो फ्री में लॉलिपोप मिल रहा है टेस्टी वाला. आपको कभी-कभी मिलता था बेकार सा.

कुछ देर बाद मैने उसको लिटा दिया, और उसके उपर लेट गया.

मैं: ये ज़िंदगी भर गम रहेगा तुझे प्रेग्नेंट नही कर पाया. तुझे छोड़ने देना था पीरियड बंद होने से पहले.

मों: मैं भी यही सोचती हू काई बार. हो ही जाती प्रेग्नेंट, देखी जाती.

मैं: सॅकी बहुत गुस्सा आता है तेरे पर.

मों: गुस्सा तो मुझे भी आता है आप पर. 1.5 साल तक आपने ही तो लाते किया. मैं डॅल्लूसियी के बाद तो बिल्कुल तैयार थी आपकी होने के लिए. क्या पता मैं मान जाती प्रेग्नेंट होने के लिए.

मैं: मैं भी बेवकूफ़ था. ग़लत सोचता था की मा बेटे में रिश्ता नही हो सकता. बाद में समझ आया कोई ग़लत नही. प्यार किसी से भी हो सकता है. इस पर किसी का कंट्रोल नही.

मों: शिमला में थोड़ी सी फीलिंग स्टार्ट तो हुई थी जब आप हाथ पकड़ कर मेरे साथ घूम रहे थे माल रोड पर. उस दिन ही दिल की बात बता देती आपको. इतना वक़्त नही लगता हमे.

मैं: हा 2008 में गये थे, और हमने पहला सेक्स 2013 में किया. 5 साल बाद. सोचने का मौका मिल जाता प्रेग्नेंट करू की नही तेरे को.

फिर मैं नीचे गया, और उसकी छूट को खाना स्टार्ट कर दिया. छूट को जीभ से छोड़ा. उसको फिर उल्टा किया. गांद को हाथ से हिलाया. बादशाह का गाना बूम तेरा गोते खाए. वही उसकी गांद पर सही बैठता है. उसको उसको जीभ से छाता. थोड़ी देर खाने के बूब्स को चूसा.

बूब्स अब लटक चुके थे. फिर भी मेरी जान के बूब्स थे, तो खाने का मज़ा ही था. फिर उसके होंठो को चूसा. उसके बाद सुषमा की तरफ देखा.

मैं: डाल डू अंदर?

मों: आपकी मर्ज़ी.

मैने लंड उसकी छूट में डाल दिया. फिर प्यार से उसे छोड़ने लगा. उसको छोड़ने के बाद उसकी साइड में लेट गया. उसको अपनी तरफ खींचा. गांद पर हाथ रख कर सहलाने लगा. थोड़ी देर बाद.

मों: अब पधाओ स्टोरी मुझे अपने वाली.

उसने 1 घंटे तक स्टोरी पढ़ी. इतने में उसकी गांद से खेलता रहा. 6त पार्ट पढ़ने के बाद उसने छ्चोढ़ दी. बोली बाद में पढ़ेगी.

मैं: कैसी लगी हमारी स्टोरी?

मों: पढ़ने में फील आ रही थी उन दीनो की. पहली बार जब गुरगाओं आई थी तब फुल एग्ज़ाइटेड थी. बढ़िया लिखी है आपने. जब आप नही होगे तब पढ़ा करूँगी.

फिर एक-दूसरे को बहुत ज़ोर से जाकड़ कर चिपक गये.

मैं: सुषमा ये बताओ मुझे कितना प्यार करती हो?

मों: ये क्या सवाल है? आपको पता ही है. आपके अलावा इतना प्यार किसी से नही किया.

मैं: हनिमून पर चले फिर? इस नयी शादी का हनिमून तो होना चाहिए.

मों: होना तो छाईए. इसका मेरे प्यार से क्या मतलब?

मैं: आप पापा को मनाओ कुछ दिन घूम के आना है मेरे साथ. हमे कुछ दिन ऐसे मिल जाएगे पब्लिक के सामने हज़्बेंड-वाइफ की तरह घूम पाएँगे.

मों: मैं नही माना पौँगी. आप बोलो.

मैं: तू प्यार नही करती? मैं बात करूँगा कैसा लगेगा?

मों: मैं अची लगूंगी? क्या बोलू, हनिमून पर जाना है?

मैं: बोल दो ना, बाकी मैं संभाल लूँगा.

मों: नही मुझे नही पता, आप बोलो. मेरे पति की तरह बात करके हक माँगो अपना.

मैं: ठीक है जी.

थोड़ी देर और बात करते-करते पता नही मैं कब सो गया. वो भी सो गयी. सूभ 5 बजे आँखें खुली. सुषमा को उठाया.

सुषमा बोली: सो जाते है. हनिमून पर कर लेना प्यार.

वैसे मुझे भी नींद आ रही थी. फिर 9 बजे उठे.

मैं: अब तो उठ जाओ.

मों: काफ़ी दीनो बाद नंगी सोई, वो भी आपके साथ. मज़ा आ गया सोने में.

फिर वो उठने लगी, और मैने हाथ पकड़ा.

मैं: कहाँ जेया रही हो?

मों: नहाने.

मैं: साथ में नहाए?

मों: इसमे भी पूछने की बात है? हम साथ में ही तो नहाते है.

बातरूम में मैने साबुन लगाया उसको. फिर शवर में नहाए. साथ में लंड चुस्वाया उसको. नहाने के बाद वो किचन में गयी खाना बनाने, और उसके बाद खाना खाया. थोड़ी देर बाद किसी ने बेल बजाई. सुषमा ने कपड़े पहने. बाहर कंवली थी. मुझे गुस्सा आ रहा था.

मम्मी ये जानती थी तो उसने उसको जल्दी भेज दिया. वो मेरे रूम में आई. मैं शॉर्ट्स आंड त-शर्ट में था. आते ही उसने मेरे कपड़े उतारे, और लंड चूसने लगी. मैने उसका सर ज़ोर से पकड़ लिया, लंड पूरा मूह में दे दिया. वो मुझे देख रही थी.

मैं: 30 मिनिट खराब किए तूने,!इसकी सज़ा है ये.

थोड़ी देर बाद उसको छ्चोढ़ दिया.

मों: अछा, इसमे मेरी क्या ग़लती? फिर भी आपके गुस्से को संत करने खुद लंड मूह में ले लिया. आप अपने गुस्से को कम रखो.

मैं: ऐसे ही बोल रहा हू. मॅन कर रहा था ऐसे करने का.

मों: मॅन ज़्यादा कर रहा है तो अपने पापा को मनाओ शिमला के लिए. वाहा दिखना अपना मॅन.

मैं: कोई नही माना लूँगा.

फिर मैने उसके कपड़े उतार दिए.

मों: सॅकी में आपके साथ रहती तो मैं तो शॉपिंग पर ही ना जाती. कपड़े तो पहनने देते ही नही आप तो.

मैं: फिर क्या दिक्कत है? तू न्यूड ही अची लगती है.

मों: शिमला जाने के नाम से गुदगुदी हो जाती है सोचते ही. मेरा बेस्ट तौर था वो, मेरी ज़िंदगी चेंज कर दी.

मैं: सॅकी उस वक़्त पापा ने माना कर दिया होता ना जाने के लिए, तो तू मेरी ना हो पाती.

मों: वो तो है. पता नही उस तौर में अलग से लगे आप. मनाली के बाद तो मैं आपकी होती गयी. डॅल्लूसियी के बाद जब आपने बात करना बंद कर दिया था, तब बहुत कोस्ती थी अपने आप को, की मैं ये कैसे कर सकती थी. मैने तो पूरा रीलेशन खराब कर दिया.

मैं: शुरू में तो मैं ऐसे सोचता ग़लत है. भाई की सगाई के बाद तेरे बारे में सोचने लगा. पता है सगाई पर बॅकलेस ब्लाउस ने मेरा लंड खड़ा कर दिया था. पहली बार उस दिन तेरे नाम की मूठ मारी थी.

मों: अछा. बताया नही कभी आपने. आपका मॅन कब हुआ मेरी तरफ.

मैं: शादी के बाद जब हम बात करने लग गये थे, तब लगा की इस बार तूने इनिशियेटिव लिया तो पीछे नही हटूँगा. और बर्तडे पर तूने ई लोवे योउ बोल ही दिया था.

मों: सॅकी बहुत सही दिन थे वो. 13 साल होने को आ गये उन बातों को भी.

मैं: ह्म. पहली बार कपड़े के उपर तेरी गांद को च्छुआ था. तभी भैया भाभी आ गये थे, तब गुस्सा आ रहा था उन पर.

मों: हहा. कोई नही, उसके बाद तो गांद क्या सब कुछ चू लिया. अब तो कपड़े भी नही पहनने देते हो.

फिर उसको बेड पर लिटाया और उसको छोड़ने लगा.

मैं: तुझे छोड़ता राहु बस. जब लंड तेरे ग-पॉइंट पर लगता है, तेरी शकल देखने की होती है. उसके बाद तेरा चेहरा एक-दूं शांत हो जाता है.

मों (हल्का सा मुक्का चेस्ट पर मार्टी हुई): क्या है!

फिर लंड उसके ग-पॉइंट पर लगता है. वो तोड़ा मूह खोलती हुई फुल सॅटिस्फाइड चेहरे से मुझे देखती है.

मों: आप ऐसे ना देखो. आपसे ये मज़े नही लूँगी किससे लूँगी? 5 साल से ज़्यादा हो गया है ऐसे मज़े के लिए.

मैं: मैं तो खुश हो रहा हू ये खुशी देकर.

फिर लंड छूट से निकाल कर उसकी छूट से निकल रहे स्पर्म को देखने लगा, और उसकी फोटो ली.

मों: अब इसकी फोटो किस लिए?

मैं: अछा, लगता है तेरी छूट से मेरा स्पर्म निकलता है. ये भी अचीव्मेंट है. मुस्किल से लाखों में से एक कर पाता होगा अपनी मों की छूट में स्पर्म.

मों: अछा. बुत अब मैं तेरी मम्मी नही वाइफ हू. ये आपकी वाइफ की छूट से निकल रहा है. जब शादी नही की थी, तब लेनी थी.

आयेज की कहानी नेक्स्ट पार्ट में.

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