मा बनी अंकल की रंडी

अंकल का लंड मे लगा कॉंडम उनके वीर्या से पूरा भर चुका था. मम्मी की छूट मे गोल्ल होल्ल हो चुका था जिसमे से पानी निकल रहा था. मम्मी लंबी साँसे लेती हुई अपनी छूट के दाने को सहलाने लगी.

फिर कपड़े से छूट को साफ करने लगी. फिर अंकल के लंड से कॉंडम निकली. कॉंडम अंकल के जड़े पानी से भरा हुआ था. मम्मी अंकल के लंड को अची तरह से सॉफ की. और फिर उठाकर बातरूम चली गयी. और वापस आकर अंकल की बाहों मे सो गयी नंगी ही.

सुबह मम्मी मुझे उठा रही थी. आँखे खोला तो सामने मम्मी का हाशमुख चेहरा देखा.

मम्मी – चल उठ जेया फ्रेश हो आ मई नास्टा लगती हूँ. और फिर स्माइल करती हुई जाने लगी.

मुझे तो रात का सीन ही दिखाई दे रहा था. मम्मी को चलने मे सयद परेशानी हो रही थी इसीलिए मम्मी थोड़ी लंगड़ाती हुई चली. लेकिन फेस देख कोई भी नही बोल सकता है की उनकी रात मे बहुत जबारजस्ट ठुकाई हुई है. मम्मी बिल्कुल नॉर्मल रिक्ट कर रही थी जैसे की कुछ हुआ ही ना हो.

मुझे भी थोड़ी शरम महसूस हो रही थी क्यूँ की पड़ोसी मर्द मेरी मम्मी को हुमारे ही घर मे पेल कर चला गया. मम्मी को तो ज़रा सी भी शर्मिंदगी महसूस नही हो रही थी. बिल्कुल किसी रांड़ की तरह कर रही थी. रात मे ठुकाई और दिन मे सराफ़ात.

मम्मी आज पलंग की चदडार को भी धहो दी. क्यूंकी आज पापा घर आने वेल थे ना इसीलिए कही कुछ दाग हो गया हो चदडार मे.

शाम को पापा भी घर आ गये. मम्मी बिल्कुल नॉर्मल हो चुकी थी पापा के सामने. ऐसे ही थोड़े दिन निकल गये. अंकल का आना जाना भी बंद हो गया था क्यूंकी पापा का कोई टाइम फिक्स्ड नही होता था कभी भी घर आ सकते है. मम्मी को देख ऐसा लग रहा था जैसे की मम्मी कुछ अजीब सी उलझन मे फाँसी हो. सयद मम्मी का मान नही लग रहा था.

फिर एक दिन रफ़ीक अंकल हुमारे घर आए और पापा से बात करने लगे. मम्मी जल्दी से छाई बनाकर ले आई. अंकल को देखते ही मम्मी का चेहरा फिर से ख्हिल गया और मम्मी अंकल को देखती हुई स्माइल की.

अंकल भी मम्मी को देख मान ही मान स्माइल किया. फिर मम्मी अंकल को छाई देने लगी. अंकल छाई लेने के बहाने मम्मी के हाथ को च्छू लिया. मम्मी हल्की सी स्माइल की….

अंकल – भाई साहब बात ये है की ज़ोया बेटी का फोन आया था. उसकी तबीयत कुछ खराब है.

पापा- क्यूँ क्या हो गया?

अंकल – दरअसल ज़ोया बेटी अब मा बनाने वाली है इसीलिए उसकी इश्स हालत मे देख रेख भाभी जी के सिवा और कोई नही कर सकता. बार बार भाभी जी का ही नाम लेकर रो रही है. मई 2-4 दिन के लिए उससे मिलने जेया रहा हूँ तो क्या आप और भाभी जी चलोगे मेरे साथ. मम्मी पापा को देखने लगी.

मम्मी – तो उसको आप यहाँ बुला लीजिए ना…

पापा – रूको मई बात करता हूँ ज़ोया बेटी से…

अंकल – नही नही वो इश्स हॉल मे केसे आ सकती है.

पापा- तो फिर तुम चली जाओ 2-4 दिन के लिए…

पापा मम्मी से बोले-

मम्मी – मई अकेली कैसे जेया सकती हूँ.

पापा – अकेली क्यूँ रोहन को साथ ले जाओ.

मम्मी – लेकिन आप खाना…

पापा- तुम फिकर मत करो मई खा लूँगा.

मम्मी अंकल की तरफ देखी. अंकल मम्मी को देख ऐसा कुछ किया जैसे की मम्मी को कुछ इशारा कर रहा हो..

दूसरे दिन डोपेहर मे मम्मी मुझे और सद्दाम को टायर होने बोली. और फिर खुद टायर होने लगी. तभी अंकल अपना बाग लेकर हुमारे घर आ गये और पापा से बाते करने लगे.

उसके बाद मम्मी बाहर आई. मम्मी को देख अंकल की आँखे फटत गयी. फिर मम्मी हल्की स्माइल की, मम्मी को देख ऐसा लग रहा था जैसे की मम्मी की शादी या पार्टी मे जेया रही हो. उन्होने ब्लू कलर की सारी पहनी थी और मॅचिंग स्लीव्ले ब्लाउस और मॅचिंग पेटीकोत था.

मम्मी की सारी का पल्लू उनके सिर पर था और माथे पर बिंदी, गले मे मंगलसूत्रा, हाथो मे चूड़िया,, बॅलो मे घजरा. मम्मी के तेवर ही अलग हो गये थे. फिर मई सद्दाम और अंकल मम्मी हम नुकड से बस पकड़ लिए. बस 2×3 कोच था. इसीलिए एक ही सीट पर अंकल और मम्मी और मई बेत गये. मम्मी विंडो की साइड बेत रही थी. तभी अंकल बोले..

अंकल- बेटा रोहन तुम बेत जाओ विंडो की साइड. फिर मम्मी मुझे विंडो की साइड कर दी और खुद बीच मे बेत गयी. बेत्ते वक्त मम्मी की सारी का पल्लू नीचे गिर गया. मम्मी की नंगी पीठ और कमर साफ दिखने लगी. मम्मी के बगल मे अंकल बेत गया. अंकल भी मदारचोड़ बड़ा हरामी है.

पूरे 4 घंटे का सफ़र था. इसीलिए मुझे नींद आने लगी थी. मम्मी और अंकल को लगा मई गहरी नींद मे सो चुका हूँ इसीलिए वो धीरे धीरे बाते करने लगे. मैने समझने की कोसिस की अंकल मम्मी का हाथ अपने हाथ मे ले लिया. मम्मी सद्दाम को चूमती हुई उसको प्यार कर रही थी.

तभी एक बूढ़ी औरत अंकल की दूसरी साइड की सीट पर आकर बेत्ने लगी. उनके पास भारी बाग था जिसको औरत उठा नही पा रही थी. इसीलिए अंकल उनकी मदात करते हुए उनका बाग उठाकर उपर रख दिया.

औरत- उपर वाला तुम दोनो की जोड़ी हुमेशा खुश रखे.

ये सुनते ही अंकल के फेस पर ख़ुसी आ गयी और अंकल हंसते हुए मम्मी की तरफ देखा, मम्मी भी खुश हो गयी.

मम्मी – ( बूढ़ी औरत से) सुखरिया माजी आपका… मम्मी सद्दाम को अपनी गोद मे सुलने लगी.

अंकल मम्मी की कमर मे हाथ दल दिया. और दूसरे हाथ से हाथ से मम्मी का हाथ पकड़ा हुआ था.

मम्मी – बहुत प्यारा बचा है..

अंकल – हाँ,…

मम्मी – ज़ोया से बात किए केसी है उसकी तबीयत.

अंकल- उसकी तबीयत एकद्ूम अची.

मम्मी – लेकिन आप तो बोल रहे थे….

अंकल मम्मी का हाथ दबाते हुए.

अंकल – झुत बोला था….

मम्मी – झुत बोले… क्यून्न

अंकल – ( हंसता हुआ) क्यूँ की हम काफ़ी दीनो से मिल नही पा रहे थे इसीलिए ये प्लान बनाया.

मम्मी – आप भी ना पागल हो गये हू. उनको पता चल गया टू.

अंकल- कोई नही बताएगा.

मम्मी – तो हम जेया कहा रहे है.

अंकल – ज़ोया के घर ही….

मम्मी – तो क्या 4-5 दिन तक बही रहेंगे.

अंकल – हॅन. क्यूँ की यहाँ भैसाहब के रहते तुमसे मिल नही पा रा हूँ. ज़ोया के घर 4-5 दिन तक हर रात तुम्हारे साथ मस्ती उम्म्म्म…

मम्मी कातिल गुस्से से अंकल के पेट पर अपने हाथ की कोहनी मारी.

अंकल – बहन ह्यूम कोई डिस्टर्ब नही करेगा.

मम्मी – ज़ोया बेटी को पता है ये बात की हम आ रहे है.

अंकल – हाँ मैने बता दिया था.

ऐसे ही बात करते हुए सफ़र काट गया. और रात मे हम ज़ोया दीदी के घर पहुँचे. उनके घर मे सिर्फ़ वो और उनके हज़्बेंड ही थे. ज़ोया दीदी बहुत खुश हो चुकी थी मम्मी और अंकल को देखकर. उनका हज़्बेंड अंकल और मम्मी की आचे से खातिरदारी करने लगा.

रात को खाने के बाद सब सोने के लिए टायर हो गये. और अंकल पहले ही उपर कमरे मे चला गया.

ज़ोया दीदी – आंटी उपर पहले वेल कमरे मे आपका, रोहन का और सद्दाम का बिस्तर लगा दी हूँ. और दूसरे कमरे मे पापा सो जाएँगे.

फिर मम्मी मुझे और सद्दाम को उपर वेल कमरे मे चलने बोली. मम्मी सद्दाम को लेकर उपर चली गयी. और मई बातरूम चला गया.

मुझे ज़ोया दीदी और उनके हज़्बेंड की आवाज़ आई.

उनका हज़्बेंड – वा यार तुम्हारे बाप ने दूसरी शादी भी कर ली बताया भी नही ह्यूम.

ज़ोया- ( हँसती हुई) क्या बोल रहे हो, बाजू वाली आंटी है वो.

उनका हज़्बेंड – ओहो मतलब बाजू वाली के साथ..

ज़ोया – हाँ और इसमे बुरा क्या है. पापा अम्मी के जाने के बाद एकएले हो चुके है तो उनको भी सपोर्ट मिल गया.

उनका हज़्बेंड – बुरा तो नही है पर उनके हज़्बेंड और लोगो को पता है ये सब.

ज़ोया – उनको केसे पता होगा.. और वैसे भी आंटी भी बहुत अची है. उनके घर के साथ वो अब्बू और सद्दाम का ख़याल वो ही रख रही है..

फिर मई उपर चला गया. फर्स्ट वेल कमरे मे सद्दाम के साथ सो रही थी. मई समझ गया था की मम्मी मेरे सोने का वेट कर रही है.

मई चुछप सो गया.

तो बे कंटिन्यूड…

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