मा बनी असलम अंकल की कुत्तिया

स्टार्ट थे स्टोरी..

अंकल (पापा): असलम

मे : राहुल

मा: सुमन

दादी

बड़ी बुआ:

छोटी बुआ:नेक्स्ट मॉर्निंग हनिमून के लिए हयद्राबाद निकल जाते हैं. हम सबने किया किया फीना हुवा ज़रा बता देता हू/

राहुल : ब्लू शर्ट ब्लॅक पंत.

असलम: रेड कुर्ता पाजामा.

मा: ट्रॅन्स्परेंट टाइट ग्रीन सूट आंड डीप क्लीवेज जिसमे 80% बूब्स धिक रहे थे निपल्स पर से सूट काफ़ी जीयादा ट्रॅन्स्परेंट उनके दोनो निपल्स ईज़िली धीकरे थे.

और नीचे टाइट क्रीम कलर फुल ट्रॅन्स्परेंट सलवार. मा का सलवार चुतताड और सामने से इतना जीयादा ट्रॅन्स्परेंट था के उनके काले झट के बाल आंड पीछे से उनकी मोटी गांद सॉफ सॉफ चंक रही थे.

फिर फेले हम हयड्रेबाद मैं काफ़ी सारे पल्से पर घूमे. और असलम के साथ काफ़ी सारी जगहे पर गये. वाहा पर उसने मा की साथ मस्ती करता रहा कभी भी कही पर भी मा के गांद पर चटा मार देता था. पुर दिन मैं 50-60 बार उसने मा के गांद की पिटाई कर डी वो भी पब्लिक मैं. जहा पर लोग कम होते वही पर मार देता था.

हमने सारा सफ़र पैदल चल के बिताया और उस टाइम हयदेराबाद का टेंपरेचर 45° के पार था दिन मे. शाम को मैं और मा काफ़ी तक चुके थे मा के ट्रॅन्स्परेंट कडपे पसीने मैं इतने भीग चुके थे की कपड़ो से उनका जिस्म काफ़ी धिक रहा था.

तोड़ा सा धीयाँ से देखने पर उनके काले काले निपल भी आराम से धिक रहे थे और झाँत के बाल भी. फिर शाम के 7:30 बजे हम एक मार्केट मे एंटर किए.

फिर हम वाहा पर एक दुकान पर कहना खाने गये, ढाबे का मलिक असलम का दोस्त था. खाने के बाद बिल टाइम पर असलम ने बोला सुमन यॅ बिल तुम अपना सरीर बेच कर दूगी. और सुमन को खालिद के साथ बेझ दिया.

यॅ असलम और खालिद का फेले से प्लान था. कुछ टाइम बाद असलम बोला चल देखते हैं किया चलरा हैं. हमने खालिद के रूम मैं देखा-

मा सामने नंगी खड़ी थे अपने दाटो से अपनी ब्लॅक पनटी दबाए और उनके हाथ रस्सी से बँधे हुवे थे और पॅव भी. फिर तभी खालिद धिकता हैं उसके हाथ मैं एक हंटर होता है.

खालिद: हा तो कुट्टिया टुमारा बिल होता हैं 830 रुपीज़ का मतलब कम से कम 100 हंटर!

अब वो मा के पनटी अपने हाथ मैं लेलेटा हैं और बोलता हैं.

खालिद: हर हंटर पर तेरे को बोलना हैं कर तू ‘बाज़ारू रंडी हैं’.

और फिर हंटर मरने लग जाता हैं 10 हंटर के बाद मा गिर जाती हैं.

खालिद: साली कुट्टिया तू बोली क्यों नही!

मा: मेरे को मत मारो मेरे से कुछ कम करा के वो रुपीज़ उतरवालो पर, मत मारो.

कहलीद गुस्से मे हंटर मारने लग जाता हैं. मा हार बार सरकने के कोशिश करती पर खालिद लगातार हंटर मरता ज़रा था. तभी असलम आंदार चले जाता हैं और खालिद को रुपेस्स दे देता हैं.

असलम: मेरे को यकीन हो गया की तू मेरे से कितना पियर करती हैं.

खालिद: भाभी जी माफ़ करना वो ज़रा ज़्यादा गुस्से मैं आ गया था.

यॅ बोलते हुवे वो मा के हाथ पाव खोल देता हैं.

मा: कोई बात नही देवर जी.

असलम: यार तू मेरा सॅचा दोस्त हैं कहलीद माँग किया चाहिए तुझे?

खालिद: भाभी जी के गांद मारनी हैं हमको.

असलम: ठीक तो अब से 2 घंटे के लिए इसकी गांद तेरी.

मा कुछ बोल नही पाती बस कुट्टिया बनके अपनी गांद उठा देती हैं. उसके बाद कहलीद अपने 10 इंच के लोड से जबरदस्त तरीके से मा के गांद मरता हैं.

मा के बस कमरे मैं से बाज़ आ हूओ आआआआ ओउू ओइईई माआअ मार गाइिईई.. की आवाज़े आ रही और छोड़ते हुए कहलीद थप्पड़ भी मार रहा था मा के गांद पर. चटक च्चतक छपत बस यआःई आवाज़े आ रही थी.

2 घंटे बाद कहलीद हट गया और नीचे ढाबे मैं चला गया. पर जाते जाते वो मेरे हाथ पर 100 रुपीज़ तक दिया और बोला-

कहलीद: मैं कोई भी रंडी फ्री मैं नही छोड़ता ले तेरी मा के कमाई

मा: वाहा फर्श पर ही लेती हुई थी और तक कर सो गयी

आपको बताना भूल गया चुदाई से पहले असलम मेरे को रूम के बाहर खड़ा कर के बाहर चला गया था.

फिर 1 अवर बाद असलम आया-

आसलाम: आते हे मा के चूतड़ पर एक लात मरता हैं ओर मा जाग जाती हैं

असलम: कुटिया तूने दिल कुश कर दिया

मा: पति के हर आगिया का पालन करना मेरा धरम हैं.

असलम: सही बोला यॅ बोलते हुवे एक कुत्ते का पता उनके गाले मैं डाल देते हैं.

मा भी असलम को एक कुटिया के जेसे चाटने लगती हैं और अब मा असलम के कुटिया बन गयी थी. और उसके बाद असलम ने उठाया बेड पर साइड मे जो बेड था उसपे ले गया और उसके बाद पूरी रात मा उसके लंड पर कूड़ती रही. उसके इशारो पर नाचती रही, कभी मा असलम से भोक्ते भोक्ते चुड्ती और अगर अल्सम माना कर देता तो हाथ जोड़ने लग जाती और बोलती-

मा: असलम प्लीज़ छोड़ते रहो मैं टुमरी कुट्टिया हूँ मलिक आप जू बोलॉगे वो करूँगी.

आइसे देखते देखते रात के 12:00 बाज गये. मैं नीचे आया तो देखा ढाबा बंद हैं अंदर से और कहलीद गाड़े पर लेता हुआ हैं.

कहलीद: भर गया मॅन मा के चुदाई देखते देखते लगता हैं गोली का आसार अब तक हैं दोनो पर.

मे: गोली केसी?

खालिद: तेरी मा और तेरे नये बाप को मेने एक-एक गोली दे दिया था. गोली से आदमी का सेक्स हाइ लेवेल पर पूच जाता हैं.

मे: अब समझा मा माना करने पर भी बार बार हाथ जोड़के छोड़ने के मिन्नटे क्यो कर रही थी.

अब मैं भी एक गाड़ा लेकर वही सू गया. मेरी आखे फिर सुबे 5 आम को खुलती हैं तो मेरे को मा की छीके सुनाई दे रही थी. मैं भाग के उपर जाता हू देखता हू. असलम और खालिद दो लगे पड़े हैं मा के लेने मे.

खालिद गांद मार रहा हैं आंड असलम छूट.

मा: और कितना बजा बजॉगे तुम दोनो!

तभी खालिद उनके छूताड़ पर चटा देता.. चाआतक के आवाज़ आती हैं.

खालिद: भूकना बांड कर कुटिया!

असलम हट जाता हैं और फिर खालिद और 20 मीं तक मा के गांद मरता हैं और साथ मे 10-12 स्लॅप भी लगा देता हैं, फिर हट जाता हैं.

मा: के गांद माइन से उनकी तोड़ी येल्लो पूट्ी और काफ़ी सारा खालिद का वरिया निकल रहा होता हैं.

खालिद मा के सलवार से सॉफ कर लेता हैं अपना लंड. फिर मा और असलम सोने लगते हैं आंड खालिद भर आ जाता हैं और मेरे को देखता हैं और हस्ता हैं.

मे: भी मुस्कुरा देता हू

खालिद: यॅ 50 रुपीज़ अब यही अओकात हैं तेरी मा की.

फिर हम दोनो नीचे आजाते हैं और सो जाते हैं, फिर मेरी आख 12 आम को खुलती हैं.

मम्मी आंड असलम जाने के लिए रेडी हो गये होते हैं.

असलम: सफेद कुर्ता पाजामा.

मा: काली सारी सफेद पेटिकोट सफेद ब्लाउस पहने होती हैं.

फिर हम वाहा से जाने वाले होते हैं तभी असलम बोलता हैं भाभी जी एक बार और इस ड्यूवर को मौका दे डेजिए.

मा : असलम के तरफ और असलम हा बोल देता हैं.

फिर किया था खालिद मा को अंदर ले जाता हैं और 40 मीं बाद आते हैं दोनो. और आते हुए मा के चूतड़ पर स्लॅप लगा के बोलता हैं असलम इसकी गांद मस्त हैं.

फिर हम वाहा से चल देते हैं. तभी असलम को कॉल आती हैं दादी की फिर हुमको अर्जेंट जाना पड़ता हैं डूबरा घर. फिर दादी और असलम 7 डेज़ के लिए एक रिलेटिव के घर के लिए ईव्निंग मैं निकल जाते हैं.

आबे आयेज किया होता हैं कैसे बड़ी बुआ आंड छोटी बुआ मा को अपनी स्लेव बनती आंड मा के साथ किया किया करती हैं वो आपको पता चलेगा. मा बनी आसलाम की बीवी पार्ट 3 मे.

कॉमेंट मे बताना क्या क्या हो सकता. आइडिया अछा लगा तो आड कर लेंगे नेक्स्ट पार्ट मे.

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