मा-बाप ने चुदाई दिखा कर बच्चो को सिखाया

मा-बाप ने चुदाई दिखा कर बच्चो को सिखायाहेलो मेरे प्यारे दोस्तों, स्वागत है आपका मेरी इस कहानी के 6त पार्ट में. तो जैसा की अपने पढ़ा होगा की हम सभी बिना कपड़ो के थे एक ही कमरे में, अपने मम्मी-पापा चाचा-चाची के साथ. मैं और सोनू थे सोफा पर, और बाकी सब बेड पे.

मोना: यार अब नही रहा जेया रहा मुझसे तो.

इतना कहते ही चाची ने अपने हाथ में चाचू की काली लुल्ली को लिया, और अपने हाथ उपर-नीचे करने लगी. फिर वैसे ही बैठे-बैठे उन्होने तोड़ा थूक चाचू की लुल्ली पर निकाला, और उसी वक़्त वो उनकी थूक को अपने हाथो से चाचू की लुल्ली पे लगती गयी.

दूसरी तरफ मम्मी के हाथ में भी पापा की काली मोटी लुल्ली थी, और वो भी उसे हिला रही थी, और साथ-साथ मम्मी पापा दोनो किस भी कर रहे थे.

विकास: अछा एक काम करते है. बच्चो के सामने हम सेक्स करते है, और उन्हे ठीक से देखने को कहते है.

विवेक: हा इनका फर्स्ट टाइम है, तो मेरे ख़याल से हम अपने-अपने बच्चो को अपनी तरह से सीखा देते है. फिर इन्हे एक-दूसरे के साथ करते है.

मोना: हा बिल्कुल जान. तो तुम लोग यहा शुरू करो. हम सोफा पर चले जाते है.

निराल: हा ये सही रहेगा. तुम सोनू को उसका पार्ट सीखा दो. हम राहुल को उसका काम सीखते है

फिर इस हिसाब से मुझे बेड पे बुलाया गया मम्मी-पापा के साथ. चाचू सोफे पर बैठ गये और चाची अपने घुटनो पे नीचे बैठ गयी. सोनू चाचा के पास ही बैठी हुई थी.

निराल: अछा आप बैठे क्या है? चलिए जल्दी से मेरे प्यारे-प्यारे बचे के सामने मेरी छूट छातिए.

विकास: हा बिल्कुल जान.

फिर पापा मम्मी के टाँगो के बीच आ गये.

विकास: सी राहुल, ये जो छूट होती है ना, ये फीमेल की सबसे सेन्सिटिव पार्ट होती है. जैसे हम लड़कों में पेनिस होता है, ठीक वैसे ही. इससे बड़े प्यार से और मज़े से खेला जाता है. सब ए पहले इस छूट को और उसके आस-पास के हिस्से को हम किस करते है, और लीक करते है.

फिर पापा ने मम्मी की मोटी-मोटी थाइस पे किस करना शुरू किया. कभी रिघ्त तो कभी लेफ्ट. फिर वो कभी छूट पे किस करते, कभी उपर ब्लॅडर पे किस करते, तो कभी बिल्कुल नीचे की तरफ. फिर मम्मी ने अपनी 2 उंगलियाँ अपनी छूट के उपर के हिस्से की तरफ रखी और मुझसे कहने लगी-

निराल: राहुल ये क्लिट होता है. ये विमन का सबसे वीक आंड प्लेष्रबल पॉइंट होता है. इसे तुम जितना अपनी जीभ के साथ या उंगली के साथ खेलोगे, इतना लड़की को ज़्यादा मज़ा आता है.

तो ठीक इसी तरफ पापा ने मम्मी की छूट को किस करना और लीक करना शुरू रखा. दूसरी तरफ सोनू भी मेरी तरह ट्रेन हो रही थी.

मोना: देख सोनू, तीस इस आ माले’स वेरी सेन्सिटिव ऑर्गन विच इस उसेड तो रिप्रोड्यूस. आंड ये एग्ज़ाइट होने पे बड़ा होता है. (लुल्ली को हाथ में पकड़ते हुए) सी उसपे स्किन होती है. जो ऐसे धीरे से पीछे करने पे ये ऐसे होता है. (स्किन पीछे करते हुए).

आंड बेटा, ये होता है डिक हेड, जो आयेज का बड़ा सा हिस्सा होता है. आंड इसके आयेज होता है एक छ्होतू सा होल.

सोनू: इसमे होल किसलिए मम्मी?

विवेक: ये होल इस फॉर पेयिंग आंड कम बेटा. कॅन योउ सी तीस होल क्लियर्ली?

चाचू ने सोनू को बहुत करीब से ये दिखाया. उसके बाद चाची ने चाचू की लुल्ली को हाथ में लिया और हिला के सोनू को दिखाने लगी. सोनू वाहा हॅंजब सीख रही थी, और यहा मुझे पुसी लिकिंग दिखाया जेया रहा था. खैर उसके बाद शुरू होता है असली खेल, जहा चाचा चाची मों आंड दाद सभी बेड पे आ गये और उनके आयेज हम बैठे हुए थे.

मोना: सी बच्चो, ये जो लुल्ली होती है, उसे लॅडीस की वेजाइना यानी पुसी में डालते है. आंड उसके बाद बोत कॅन एंजाय थे प्लेषर ऑफ सेक्स.

उसके बाद चाचू के उपर चाची बैठी, और उन्होने हाथ पीछे करके उनका लंड पकड़ कर अपनी टाँगो के बीच सेट किया. फिर चाचू ने अपने हाथ चाची की मस्त गोल-गोल गांद पे रखा, और चाची उपर-नीचे होने लगी. ठीक बाजू में मों आंड दाद भी सेम पोज़िशन में थे. लेकिन मों की गांद ज़्यादा बड़ी थी.

कुछ देर इसी तरह हमारे सामने हमारे पेरेंट्स सेक्स करते रहे, और साथ-साथ में चाचू और पापा अपनी वाइफ की आस पे स्पॅंक भी कर रहे थे. बीच-बीच में एक-दूसरे के होंठो पे चुम्मियाँ ले रहे थे और ये सब हमारे सामने.

विवेक: निराल भाभी, आपके टिटीस तो काफ़ी मस्त है. मोना को कुछ टिप्स दो ना ताकि इसके भी आपकी तरह हो जाए.

मोना: साइज़ से फराक पड़ता होता ना, तो सारे देसी लड़के आज कुवारे होते.

विवेक: अर्रे मैं साइज़ की नही शेप की बात कर रहा हू मोना. देखो ना कितने हेवी है. और जान, मुझे तो तुम्हारे भी उतने ही सेक्सी लगते है. बस शेप अलग देखने मिला ना भाभी का, तो एग्ज़ाइट हो गया.

निराल: हा देवर जी, कोई नही. तोड़ा सबर करो, फिर खेल लेना इनसे भी.

विकास: गाइस मिशनरी सिखाए?

निराल: इसमे सीखना क्या? सिर्फ़ बताना ही तो है. पोज़िशन तो अब बच्चे खुद फिगर आउट कर सकते है ना. क्यूँ बच्चो? बस सेक्स मतलब यही है की माले और फीमेल के रिप्रोडक्टिव पार्ट्स एक-दूसरे से मिलते है. अब वो चाहे खड़े-खड़े करो, लेते-लेते, या बैठे बैठे. जिसमे जिसे ज़्यादा मज़ा आए.

सोनू: ओके, समझ गयी.

राहुल: हा मुम्मा, मैं भी.

फिर दोनो जेंट्स ने अपनी-अपनी बीवियों को नीचे लिटाया, और खुद उनकी टाँगो के बीच लेट हाए. फिर हमने देखा की कैसे पापा और चाचू ने मों और चाची की पुसी में अपना लंड डाल दिया, और फिर अपनी गांद कभी उपर करते तो कभी नीचे. कभी स्क्वीज़ करते, तो कभी रिलॅक्स. वैसे मुझे तो लगता है सेक्स करने से ज़्यादा हमसे बड़े लोगों को सेक्स करते हुए देखने में ज़्यादा मज़ा है.

वो भी ख़ास करके अगर वो लोग ऐसे हो जिन्हे आप जानते हो पहचानते हो, तो मज़ा दुगना हो जाता है. खैर ये सिलसिला काफ़ी देर चला. कभी कों किसके उपर, कभी कों नीचे. कभी मिशनरी, तो कभी स्पूनिंग पोज़िशन. लेकिन पापा और चाचू तो रुकने का नाम ही नही ले रहे थे, और ना ही मम्मी और चाची उन्हे कुछ कह रही थी. यहा मेरी भी लुल्ली थोड़ी हार्ड हो चुकी थी ये देखते हुए.

जब मैने सोनू की तरफ देखा, तो उसके हाथ उसकी टॅंगो के बीच थे, और वो भी बड़े ध्यान से उसके पापा को देख रही थी. और फाइनली कुछ अवर्स के बाद जब सभी लोगों के पसीने निकालने लगे, तब जेया कर वो रुके और मानो ऐसे बेड पे रिलॅक्स करने लगे, जैसे 20 केयेम की मॅरतॉन भाग कर आए है. उसके बाद चारो बेड पे नंगे ही लेते रहे, और खुद की ब्रेत को नॉर्मल करने लगे.

मोना: तो बच्चो ऐसे होता है सेक्स. कैसा लगा?

राहुल: चाची ये तो देखने में काफ़ी मज़ेदार था. और सच बतौ, तो आप सब को ऐसे देखने में बहुत मज़ा आ रहा है.

सोनू: एस मुम्मा, ई लव्ड तो वॉच योउ ऑल टुगेदर.

तो दोस्तों आपको यहा तक की कहानी कैसी लगी, कॉमेंट्स करके और मुझे मैल करके ज़रूर बताए. आपके मेसेज और कॉमेंट्स से ही मुझे नयी-नयी स्टोरीस लिखने की प्रेरणा मिलती है. थॅंक योउ

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