दीदी की चूत पर लंड ने ठोकर मारी

didi ki chudai sex kahaniहैल्लो दोस्तों, में आज अपनी एक सच्ची चुदाई की कहानी सुनाने के लिए आया हूँ। में इस कहानी में आप सभी को बताने वाला हूँ कि किस तरह मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली एक हॉट सेक्सी लड़की को अपनी बातों में फंसाकर उसकी चुदाई के मज़े लिए और मुझे चुदाई करने के बाद पता चला कि उसको भी मेरे लंड की बहुत जरूरत थी जिसको मैंने पूरा किया। में उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।

दोस्तों यह बात आज से एक साल पहले की है, जब मेरे पड़ोस में एक किराए से लड़की रहती थी और वो अपनी पढ़ाई की वजह से अपने घर से दूर एक कमरा किराए पर लेकर रहती थी। दोस्तों उसको में हमेशा दीदी कहकर बुलाता था और वो भी मुझे हमेशा प्यार से छोटा भाई कहकर ही बुलाती थी, उसका नाम कुमारी था और उसका हमारे घर में हर कभी आना जाना लगा रहता था, इसलिए मेरे सभी घरवालों के साथ साथ वो मुझसे भी बहुत अच्छी तरह से परिचित थी इसलिए हमारे बीच में हंसी मजाक और बातें हुआ करती थी और उसका व्यहवार घर में हम सभी से साथ बहुत अच्छा था। दोस्तों वैसे तो हमारी यहाँ पर हमेशा ही बहुत चहल पहल रहती है, लेकिन एक दिन हमारे यहाँ के सभी लोग किसी शादी में बाहर गए हुए थे, तो इसलिए मेरे घर पर में और मेरे पड़ोस वाले घर में रहने वाली वो दीदी अकेली थी, वो बारिश का मौसम था और मैंने जब दीदी को देखा तो उनसे मैंने कहा कि क्या आप हमारे लिए चाय बना सकती हो? तो वो मेरी यह बात सुनकर मुझसे हाँ कहते हुए तुरंत हमारी रसोई में आ गयी और वो अब हम दोनों के लिए चाय बनाने लगी। अब में कुछ देर बाद दीदी के पीछे जाकर खड़ा हो गया और तब मैंने उनको पीछे से छू लिया, लेकिन दीदी को कुछ भी महसूस नहीं हुआ कि में क्या करना चाहता हूँ?

यह कहानी भी पड़े  रसीली सालियां की चुदाई कहानिया - 2

फिर कुछ देर बाद जब चाय बनकर तैयार हो गई, तो उसके बाद दीदी और मैंने साथ में बैठकर चाय पीकर उसके मज़े लिए और उस समय हम दोनों इधर उधर की बातें हंसी मजाक भी कर रहे थे और तभी कुछ देर बाद अचानक से बहुत ज़ोर से बारिश शुरू हो गयी। तभी दीदी को याद आया कि उन्होंने अभी कुछ देर पहले उनके कुछ कपड़े सूखने के लिए बाहर डाले हुए थे, इसलिए दीदी अपनी चाय को अधूरा छोड़कर उनको उठाने के लिए तुरंत उठकर बाहर चली गयी, लेकिन उस तेज गति की बारिश की वज़ह से उनके वो सूखे कपड़े अब गीले हो गए और उसकी वजह से दीदी भी पूरी भीग गयी। फिर मैंने दीदी के हाथ से उनके कपड़े ले लिए और उनको अपने पास से एक टावल लाकर दे दिया और कहा कि आप इससे अपना गीला बदन साफ कर लो, दीदी मेरे कमरे में आ गयी और अपना बदन साफ करने लगी। भीगे हुए कपड़े में दीदी का बदन बहुत अच्छा लग रहा था, क्योंकि वो गीले कपड़े उनके गोरे बदन से एकदम चिपककर अंदर का सब कुछ मुझे साफ साफ दिखा रहे थे, जिसको में अपनी चकित नजरों से घूर घूरकर देखता जा रहा था। अब मैंने दीदी से कहा कि अब आप जल्दी से आपके यह गीले कपड़े बदल ही लो वरना, इसकी वजह से आपकी तबियत खराब हो सकती है। फिर दीदी ने मुझसे कहा कि हाँ मेरे यह कपड़े तो पूरे पानी से भीग चुके है और अब तुम ही जाकर मेरे कमरे से मेरे दूसरे कपड़े ले आओ और साथ ही उन्होंने मुझसे यह भी कहा कि में उनकी ब्रा पेंटी को भी उनके कपड़ो के साथ ले आऊँ, तो उनके मुहं से यह बात सुनते ही मेरे अंदर एक ख़ुशी की लहर दौड़ गई और में खुश होता हुआ जाकर दीदी के कपड़े लेकर आ गया और उसके साथ दीदी की ब्रा और पेंटी भी में ले आया। फिर मैंने उनके पास आकर जानबूझ कर बिल्कुल नादान बनकर उसी समय दीदी से पूछ लिया कि क्यों दीदी यह ब्रा किस कम आती है? दीदी ने मेरे गाल पर अपना एक हाथ फेरा और कहा कि तू पहले अंदर आजा उसके बाद में तुझे अभी सब बताती हूँ कि वो क्या और कैसे काम में ली जाती है? और दीदी ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए उसी समय दरवाजे को बंद कर दिया और अब वो मेरे सामने एक एक करके अपने बचे हुए कपड़े उतारने लगी। फिर उसके बाद दीदी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए, जिसके बाद अब दीदी मेरे सामने उनकी काले रंग की ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी और वो बहुत ही सेक्सी कामुक नजर आ रही थी, जिसको देखकर में बड़ा ही चकित था, क्योंकि मुझसे भी अब रहा नहीं गया और मैंने दीदी की ब्रा और पेंटी को एक झटका देकर खींचकर फाड़ दिया, लेकिन दीदी ने मुझसे कुछ भी नहीं कहा और उस बात का फायदा उठाकर मैंने मेरे भी कपड़े उतार दिए और उस वक़्त दीदी और में एक दूसरे के सामने एकदम नंगे खड़े थे। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

यह कहानी भी पड़े  ऑफिस में अपनी सीनियर की गांड मारी

Pages: 1 2 3



error: Content is protected !!