मा और मामा का चुदाई अफेर

बेटे ने देखा मों और मामू का प्यार – पिछला पार्ट ज़रूर पढ़े.

मों – झुक जा मेरे राजा.

(मामू सुनते ही झुक गये और वॉल का सपोर्ट लेकर झुक के खड़े हो गये. मों ने तुरंत नीचे बैठ कर मामू की गांद को खोला और बिना टाइम वेस्ट किए, तोड़ा थूक मामू की गांद पे लगाया.

और फिर अपने कोमल हाथो से होल के उपर थूक स्पर्ेआद करती हुई जीभ निकल के चाटने लगी. मों के दोनो हाथ, मामू के दोनो गांद को पकड़े हुए ज़ोर से और दबाते हुए मों गांद चाटने लगी थी)

मामू – दीदी बोहोट अछा लग रहा है.

मों – (अपना फेस दूर करते हुए) फ्री में नही कर रही हू. तुम्हारे बाद मेरी चटनी पड़ेगी. मैं भी देखु गांद चटवा के कैसा लगता है. इन्होने तो कभी नही किया.

मामू – लेकिन मुझे तोड़ा अजीब लगेगा दीदी गांद चाटने में. कभी मुझे मान नही हुआ चाटने का.

मों – ( दो ज़ोर का स्पॅंक किया और कहा) नई चतोगे? बोलो चतोगे या नही? (और कंटिन्यू स्पॅंक करती गयी जब तक मामू ने है नही कह दिया)

मों – तट’स लीके मी गुड बॉय. चलो तुम्हारी बरी.

मामू – दीदी, मैं तुम्हारी हर चीज़ छत सकता हू. बस गांद नही. मुझे अजीब लगता है.

मों – तब क्या फयडा. तुम भी फिर मुझे छोड़ के चले जाओ. कोई मेरी इचा पूरी नही करेगा.

मामू – दीदी, ई आम सॉरी लेकिन मैं छूट चाटूँगा तुम्हारी. जो बचपन में हम नही कर पाए, वो अब करेंगे.

मों – वो छोड़ो, अपना लंड तो दिखाओ. बचपन में तो ऐसे छोटू सा था और लटकता रहता था.

(मामू घूम गये और उनका कला मोटा लंड हार्ड हो चुका था. लेकिन लटक रहा था खड़ा होने के बाद भी)

मों. – वाउ, ये तो काफ़ी सेक्सी है. मेरे स्पॅंक करने से तुम्हे एरेक्षन हुआ?

मामू – एस दीदी. मुझे बोहोट अछा लगता है ऐसे. लेकिन मेरी बीवी के साथ ऐसा सुख कभी नही मिला.

मों – अवव. (मों और मामू हग करने लगे और मामू तो नीचे से नंगे थे ही. उन्होने मों की कमर को पकड़ा और दोनो एक दूसरे के शोल्डर्स को किस करने लगे.

मों ने मामू का शर्ट उतार दिया और उन्हे पूरा नंगा कर दिया. फिर मों ने मामू के लटकते हुए लंड को चटा मारा)

मों – मुझे छोड़ोगे ना इस काले लंड से? या फिर (लंड पे स्पॅंक करते हुए) सो जाओगे. बताओ

मामू – बिल्कुल छोड़ेगा दीदी.

मों – पहली बार किसी मर्द को मैं डॉमिनेट करूँगी छोड़ते हुए. मज़ा आएगा बोहोट.

(फिर मों ने मामू को बेड पे ढाका दिया, और खुद उनके सामने कपड़े उतरने लगी. पहले पल्लू हटा दिया और फिर ब्लाउस खोलने लगी. अंदर मों ने ब्लू ब्रा पहनी थी जिसपे वाइट डॉट्स थे.

और फिर मों ने अपना हाथ पीछे ले जाके ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा भी उतार दी. फिर अपने कमर से सारी लूस करके, पेटिकोट और सारी उतार दी. अपने बलों को पीछे से बँधे और अपनी ब्लू कलर की मॅचिंग पनटी उतार दी.)

(फिर मों नीचे लेट गयी और मामू को कहा उनके उपर आने के लिए. मामू भी अपना लंड पकड़ के उनके टॅंगो के बीच सेट करने लगे)

मों – रूको, वो बाहर वेल अलमारी में कॉंडम पड़ा है वो लगा लो पहले

मामू – हूमें कॉंडम की क्या ज़रूरत है दीदी?

मों – मैं रिस्क नही ले सकती. जाओ ना और संभाल कर जाना, कहीं राहुल उठ ना जाए.

(मामू ऐसे ही नंगे उठे और बाहर के अलमारी की तरफ आके कॉंडम निकाला और जैसे ही पलते, एक छोटा सा फ्लवर पोत को टेबल पर पड़ा था, वो गिर गया ग़लती से. उन्होने जल्दी से उठाया और मों के कमरे की तरफ भाग गये.

इतने में मों भी चॉक गयी थी की आवाज़ क्यू हुई. फिर मामू ने मों को शांत किया और उनके टॅंगो के बीच बैठ कर कॉंडम लगाने लगे. फिर जैसे ही मामू छूट में लंड डालने वेल थे की मों ने रोक दिया)

मों – थूक लगाओ छूट पे.

(मामू ने फिर ठीक लगाया छूट और लंड दोनो पे और फिर सेट कर के सीधे मों के छूट में घुसा दिया. अफ मों और मामू ने एक दूसरे को कस के गले लगा लिया, और मों ने मामू की गांद पे हाथ रखा था.)

(दूसरी तरफ मेरी अख खुल चुकी थी आवाज़ के कारण, जैसी ही मैने बाहर जाकर देखा तो सभी लाइट्स ऑफ थी और कोई नही था. तब मैं पानी पीने किचन की तरफ जाने लगा तो मैने हल्की हल्की आवाज़ सुनी मों के कमरे से.

सिर्फ़ नाइट लॅंप ओं था और पास जाके देखने लगा. तो दरवाज़ा खुला ही था. मैने अंदर देखने की कोशिश की तो आवाज़ वहीं से आ रही थी पच पच कर के.)

(मुझे ठीक से तो नही दिखाई दे रहा था, लेकिन परछाई से इतना दिख रहा था की की मों और मामू एक दूसरे के उपर है, और जो उपर है वो उछाल रहा था.)

(वहाँ मों ने एक हाथ मामू के शोल्डर पे रखा था और दूसरा उनकी गांद पे, जो बार बार दबा रही. और बीच बीच में स्पॅंक भू कर रही थी)

मों – ज़ोर से करो ना.

मामू – दीदी, स्पॅंक करती जाओ ना. मज़ा आता है इससे

मों – एस मेरे जान. जैसा तुम कहो.

(फिर मों ने अब दोनो हाथो से मामू को स्पॅंक करना शुरू किया और मामा ने भी चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी. )

मामू – अया दीदी.एस कम ओं. स्पॅंक मे दीदी

मों – आवाज़ मत करो राहुल उठ जाएगा. उफ़फ्फ़ अया. ऐसे ही. बस रुकना मत

(दूसरी तरफ मुझे साफ कुछ दिखाई नही दे रहा था और मैं दरवाज़े से चुप चुप के देख ही रहा था. जैसे ही मैने सोचा की तोड़ा गौर से देखु, मैने दरवाज़ा और ओपन किया, और मैं भूल गया की दरवाज़ा ओपन करने से आवाज़ आता है.)

(आवाज़ की वजह से मैं दर चुका था की उन्हे शायद पता चल गया है की मैं देख रहा हू. और वाहा वो रुक चुके थे की कोई उन्हे देख रहा है.

इतने में मों ने बेड पे पास वाला लॅंप जला दिया जिससे रोशनी हो गयी कमरे में और उन्होने मुझे देख लिया.)

मों – राहुल बेटा तुम?

तो दोस्तो ये कहानी आपको कैसी लगी मुझे नीचे दिए मैल द्वारा ज़रूर बताए. इसका तीसरा पार्ट जल्द ही आएगा. तब तक आपका प्यार बरसते रहिए, कॉमेंट्स द्वारा.

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