मा और बेटे की वासना भारी कहानी

मैं भी किचन में चला गया. देखा तो मम्मी नाश्ता बना रही थी. मैने सोचा आज थोड़ी हिम्मत कर ली जाए, क्यूंकी जिम में तो मम्मी मेरे को कुछ नही बोली थी. फिर मैं मम्मी के पीछे गया, और मम्मी को पकड़ लिया.

मम्मी के चूतड़ मेरे लंड में टच होने लगे. मैने मम्मी का पूरा पेट ज़ोर से पकड़ रखा था. मम्मी एक-दूं चौंक गयी, और मेरे को देखते ही बोली-

मम्मी: क्या बात है. आज कुछ ज़्यादा ही प्यार आ रहा है.

सोनू: प्यार तो रोज़ आता है.

मम्मी हेस्ट हुए: अछा जी, तो रोज़ ऐसे ही प्यार क्यूँ नही करता है अपनी मम्मी को?

सोनू: असल में बिज़्नेस में ज़्यादा बिज़ी हो गया था, तो आप पे ध्यान नही दे पा रहा था. पर अब मेरे पास आपको प्यार करने के लिए टाइम ही टाइम है.

फिर मैं मम्मी की नाभि में उंगली घूमने लगा, जिससे मम्मी को मज़ा आने लगा, और मम्मी की हल्की से सिसकारी भी निकल गयी.

मम्मी: आ उनम्म, मैं भी चाहती हू बेटा की तू मेरे को खूब प्यार करे.

फिर मैं एक हाथ से मम्मी के दूध को दबाने लगता हू.

मम्मी: आ उम्मह.

सोनू: अब मैं आपको रोज़ प्यार करूँगा मम्मी.

फिर मैं मम्मी के गाल पर किस करता हू, और मम्मी भी मज़ा लेती रहती है. हम दोनो मदहोश होते रहते है, तभी अचानक से मेरा फोन बजने लगता है, और दोनो होश में आ जाते मैं फोन उठता हू, और बात करता हू. जब मैं फोन रखता हू और उदास हो जाता हू. मम्मी मेरे से पूछती है-

मम्मी: क्या बेटा, उदास क्यूँ लग रहा है?

सोनू: मम्मी आज एक मीटिंग है. मेरे को जाना पड़ेगा.

मम्मी भी उदास हो जाती है. मेरे मॅन में चलता है, साला इतना अछा मौका मिला था मम्मी को छोड़ने का, वो भी गया.

सोनू: मम्मी मैं आज मीटिंग कॅन्सल कर देता हू.

मम्मी: नही बेटा, ऐसा मत करना. मैं तो तेरे पास ही हू ना. हम दोनो तो कभी भी प्यार कर सकते है.

सोनू: मम्मी पर…

मम्मी: पर वॉर कुछ नही. नाश्ता बस बन गया. तू नाश्ता करके मीटिंग में जेया, जब आ जाएगा तब हम लोग प्यार करेंगे.

मैं उदास मॅन से बोला: ठीक है मम्मी.

मम्मी: जब तू मीटिंग से आएगा, फिर तेरे को बहुत सारा प्यार दूँगी.

फिर मम्मी मेरे होंठो को चूमती है, और मैं भी मम्मी के होंठो को चूम लेता हू. फिर कुछ देर बाद नाश्ता करके मीटिंग के लिए निकल जाता हू. मेरे को मीटिंग से आते-आते शाम हो जाती है, और दोपहर का खाना भी मैं बाहर ही खा लिया रहता हू.

शाम को जब मैं घर आता हू, तो दरवाज़ा लॉक रहता है. मेरे पास हमेशा घर की एक और चाबी रहती है, तो मैं उसी से दरवाज़ा खोलता हू, और अंदर जाता हू. फिर मैं मम्मी के रूम में जाता हू, तो मम्मी सो रही होती है. मैं भी अपने रूम में जाके हाथ मूह धो कर तोड़ा सो जाता हू.

फिर शाम को करीब 7 बजे मम्मी मेरे रूम में आती है, और मेरे को उठती है. मैं उठ जाता हू. फिर मम्मी बोलती है-

मम्मी: कब घर आया तू?

सोनू: शाम को 5 बजे आया मम्मी. तब आप सो रही थी. मैं सोचा आपको परेशन नही करता. फिर आके मैं सो गया.

मम्मी: अर्रे मेरे बच्चे, मेरे को उठा देता. मैं तेरे को खाना दे देती. बिना खाना खाए सो रहा था तू.

सोनू: मीटिंग में और बिज़्नेसमॅन आए थे. मैं उनके साथ बाहर खाना खा लिया था तो मेरे को भूख भी नही थी.

मम्मी: अछा ठीक है तो चल हाथ मूह धो कर नीचे आ. मैं छाई बना रही हू, साथ में छाई पिएँगे.

सोनू: ठीक है मेरी स्वीटहार्ट.

मम्मी शर्मा जाती है. फिर मैं मम्मी के होंठो को चूम लेता हू, और मम्मी मुस्कुराने लगती है. उसके बाद मैं बातरूम में चला जाता हू. हाथ-मूह धो कर मैं नीचे हाल में जाता हू, तो मम्मी मेरे लिए छाई लेकर सोफे में बैठी रहती है. मैं जाता हू और सोफे में बैठ जाता हू. मम्मी मेरे को छाई देती है और बोलती है-

मम्मी: कैसी रही मीटिंग?

सोनू: मम्मी अब तो तिजोरी का साइज़ डबल कर लो.

मम्मी: अछा, ऐसा क्या हुआ है?

सोनू: मम्मी कुछ महीनो बाद हमारी एक और फॅक्टरी हो जाएगी.

मम्मी: क्या बात है मेरे बच्चे, बहुत अची बात है ये.

सोनू: हा मम्मी, मैं तो बहुत खुश हू.

मम्मी: मैं भी बेटा.

सोनू: लेकिन मम्मी आप मेरे को खुश नही लग रही हो.

मम्मी: बेटा मैं बहुत खुश हू. तेरे को ऐसा क्यूँ लग रहा है की मैं खुश नही हू?

सोनू: मम्मी अगर आप खुश होती, तो मेरे को प्यार से किस कर लेती.

मम्मी: ओह हो, मेरे बच्चे को क़िस्सी चाहिए.

सोनू: हा.

मम्मी: अछा ठीक है.

फिर मम्मी मेरे पास आती है, और मेरे गाल को किस करती है. तभी मैं मम्मी को खींच कर अपनी गोदी में बिता लेता हू.

शरमाते हुए मम्मी: ये क्या कर रहा है बेटा?

सोनू: प्यार कर रहा हू स्वीटहार्ट.

फिर मैं मम्मी के होंठो को चूसने लगता हू और मम्मी भी मेरा साथ देती है. उसके बाद मैं मम्मी के पेट को मसालते हुए नाभि में उंगली घूमने लगता हू. मम्मी धीरे-धीरे गरम होने लगती है, और मेरे होंठो को और ज़ोर से चूसने लगती है. फिर मैं एक हाथ से मम्मी के दूध को दबाने लगता हू. तभी मम्मी एक-दूं से मेरे से अलग होके खड़ी हो जाती है, और बोलती है-

मम्मी: बेटा एक बात बता, तू हमेशा मेरा ख़याल रखेगा, और मेरे को खूब प्यार करेगा?

सोनू: हा मम्मी, बिल्कुल करूँगा. मैं तो आपसे शादी भी करूँगा.

मम्मी: तो ठीक है मेरे होने वाले पातिदेव, आज आपको एक कमाल का सर्प्राइज़ मिलेगा.

सोनू: क्या सर्प्राइज़ बताओ ना.

मम्मी: वो तो तेरे को रात में ही पता चलेगा.

सोनू: ठीक है, मैं वेट करूँगा.

फिर मम्मी किचन में चली जाती है, और कुछ देर बाद मेरा दोस्त मेरे घर के बाहर आया और मेरे को फोन करके थोड़ी देर घूमने को बोला. मैं सोचा जब तक मम्मी किचन में काम कर रही थी, मैं तोड़ा बाहर घूम के आता हू. फिर मैं किचन में गया, और मम्मी को बोला-

सोनू: मम्मी मैं तोड़ा बाहर घूम के आता हू.

मम्मी: ठीक है बेटा, पर जल्दी आ जाना. आज तेरा सर्प्राइज़ भी है.

सोनू: हा मम्मी.

फिर मैं अपने दोस्त के साथ तोड़ा घूमने निकल गया. फिर लगभग 2 घंटे बाद मैं घर आया तो दरवाज़ा बंद था, और मेरे पास अभी घर की दूसरी चाबी भी नही थी. मैं घर की डोरबेल बजाया तो मम्मी दरवाज़ा खोली. मैं मम्मी को देखता ही रह गया.

मम्मी एक-दूं तैयार हो कर मेरा इंतेज़ार कर रही थी. मैं तो मम्मी को देखता ही रह गया. खुले बाल, लाल लिपस्टिक, लाल सारी, नाभि के नीचे तक डीप नेक वाला ब्लाउस. मम्मी बहुत सेक्सी लग रही थी. मैं एक दूं भौचक्का रह गया था. तभी वो बोली-

मुस्कुराते हुए मम्मी: बस देखते ही रहोगे, अंदर नही आओगे मेरे होने वाले पातिदेव?

फिर मैं अंदर गया. घर की पूरी लाइट बंद थी. चारो तरफ बस कॅंडल्स जल रही थी. डाइनिंग टेबल पर भी कॅंडल्स जल रही थी. हॉल बहुत अछा लग रहा था, और कॅंडल्स की रोशनी में मम्मी भी बहुत सेक्सी लग रही. मैं बस मम्मी को देख रहा था.

मम्मी शरमाते हुए: सोनू आज हमारी पहली डटे है. मैं चाहती हू तू अपना वाइट वाला शर्ट और ब्लू जीन्स पहन कर नीचे आ.

सोनू: ठीक है, मैं तुरंत तैयार हो कर आता हू.

मम्मी: जल्दी आना, मेरे से और वेट नही हो रही है.

सोनू: बस 2 मिनिट्स.

फिर मैं अपने रूम में जाता हू, और हाथ मूह धो कर वाइट शर्ट और ब्लू जीन्स पहन कर तैयार हो जाता हू. उसके बाद मैं तुरंत नीचे जाता हू. नीचे जाते ही मम्मी मेरे को उपर से नीचे देखती है और मुस्कुराती है. फिर मम्मी मेरे पास आती है और मेरे को ज़ोर से गले लगा लेती है.

इसके आयेज क्या होता है, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा.

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