मा और बेटे की प्यार भारी चुदाई

मई – आक़्सु अभी रहने दे मैने कुछ फीना नही है.

आक़्सु – मों ढाकी तो हुई है अपने बॉडी और थेरपिस्ट बोल के गयी है की थोड़ी देर मई जूस देना इसलिया लाया हू और वैसे भी बेटा हू आपका मों.

मई – ओक ओक.

फिर मई चादर लपेटे बेड पे बेत जाती हू और आक़्सु मेरे पास बेत जाता है और हम जूस एंजाय करते है.

आक़्सु – कैसा लगा मों गिफ्ट आपको?

मई – बहोट अछा और रिलॅक्सिंग. ई आम फीलिंग सो लाइट आंड गुड.

आक़्सु – ओह थ्ट्स ग्रेट.

मई – ऑल थॅंक्स तो योउ तो मेक मी दे..

आक़्सु – ओह मों नो नीड तो थॅंक मे

मई – सब तुमने करा तो थॅंक्स भी तो तुझे ही दूँगी ना.

अक्शु – एनितिंग फॉर मी ब्यूटिफुल मों, अगर आप अभी ऐसे नही होती तो मई आपको एक टाइट हग देता मों.

मों – अववव मी बेबी योउ अरे सो स्वीट.

अक्शु का लंड पूरी मसाज से और अब मुझे ऐसे मसाज के बाद नंगी एक चादर मई देख कर फुल खड़ा था और पंत मई दिख रहा था. पर अब मेरा बेटा एक मर्द है इस चीज़ पे मई उसको कुछ बोल नही सकती थे.

अक्शु – मों वैसे वो थेरपिस्ट आप की फिगर की काफ़ी तारीफ कर रही थे मेरे सामने.

मई – ओह अछा क्या बोल रही थे..

अक्शु – यही की लगता नही की साची तुम्हारी मों है, और कहती शुरू मई तो मुझे लगा की यॅ आप की सिस्टर है और मों अभी आएगी.

मई – ओह अछा फिर?

अक्शु – फिर क्या मैने बोल दिया की हॉट और ब्यूटिफुल मों रखी हुई है मैने.

मई – पागल है तू भी.

अक्शु – वैसे मों आप स्ची बहोट ब्यूटिफुल और सेक्सी हो आंड आपकी फिगर भी कमाल की है.

मई – धात ऐसे मों की तारीफ कों करता है..

अक्शु – अब हर किसी की मों आप जैसी भी तो नही होती.

मई – थॅंक्स बेटा आज तूने मेरे लिए बहुत कुछ किया ई आम सो हॅपी.

अक्शु – मों आप जो इतने दिन से मेरे लिए कर रही हो उसके आयेज यॅ कुछ भी नही, मई तो पागल सा ही हो गया था अगर आप मुझे चीरूप करने के लिए सब चीज़े नही करती.

मई – अवव बेटा मई अपने अक्शु को उदास केसे रहने दे सकती हू.

अक्शु – मों उ अरे थे बेस्ट.

मई – चल अब माहूल को इतना एमोशनल मॅट कर इधर आजा मेरे पास.

अक्शु पास आता उन सब बातो मई एक बार मैं भूल ही जाती हू की चादर के नीचे मई नंगी पड़ी हू और अक्शु को पास बुला लिया. फिर अक्शु को मई एक साइड हग देती हू और वो मेरे शोल्डर के पास सिर रख के मेरे पास बैठा हुआ होता है.. और उसका हाथ मेरे पेट के पास होता है लिपटा हुआ मुझसे.

वो मुझसे तोड़ा प्यार कर रहा होता है जेसे नॉर्मल होता है तोड़ा हाथ फेरना और हल्का फूलका. जेसे नॉर्मली मों सोन के बीच होता है. पर मेरा बेटा अब मर्द था उसका लंड पूरा खड़ा था और मेरी नज़र उसपे जाती है और वो देख लेता है.

अक्शु – सॉरी मों वो पता नही केसे..

मई – कोई बात नही बेटा ई कॅन अंडरस्टॅंड ज़्यादा मत सोच.

अक्शु – ओक मों वो बस आप को तोड़ा ऐसे पहली बार देखा तो सयद इसलिया.

मई – कोई बात नही बेटा बोला तो तू इतना मत सोच अब आख़िर कार तू है तो एक पूरा मर्द ही और एसा होना लाजमी है तो ज़्यादा मत सोच. मई हू तो एक औरत ही तो जो नॅचुरल चीज़े है वो तो होंगी ही.

अक्शु – हन मों अपने शी खा, पर एक बात शेर कर सकता हू?

मई – हन बोल ना?

अक्शु – जब स्वाती ( मेरी एक्स-वाइफ ) थी ना तो हम एंजाय किया करते थे. मई स्काही उसको बहोट मिस करता कभी कभी.

मई – अक्शु देख अब जो चला गया वो चला गया उसको सोच के क्या फायेदा.

अक्शु – पर मों… ( वो तोड़ा एमोशनल होके रोने लगता है )

मई अक्शु को कस्स के अपनी चेस्ट से हग देती हू उसका मूह मेरी बूब्स को दबा रहा होता है.

मई – अक्शु आज तू मान हल्का कर ले तेर्को इसी की ज़रूरत थे जो तू बहुत दिन से दिल मई दबाए बेता है उसको निकल दे आज.

अक्शु – ( रोते हुए) मों मई उसका बुरा नही चाहा वो जहाँ रहे जिसके साथ रहे खुश रहे. पर अब और मई ऐसे नही जीना चाहता की अपने मुझे इतना सपोर्ट किया ई आम सो थॅंकफुल.

मई भी एमोशनल होके तोड़ा रोने लगती हू.

मई – बेटा तेरे साथ हार टाइम मुझे अछा ही लगा तूने भी दुख मई होके भी मुझे पूरा सपोर्ट दिया और तुझे एक साची बात बतौ बहोट दीनो के बाद ऐसे किसी के साथ अछा कनेक्ट हुआ मुझे. तेरे पापा तो भर ही रहते है और साची बताओ तो मुझपे ज़्यादा ध्यान नही देते तेरी इतना इंपॉर्टेंट मुझे दी मुझे बहोट अछा लगा.

और हम लिपट लिपट के तोड़ा रोने लगते है. अब उसमे कब चादर नीचे आ जाती है पता ही नही चलता और मेरे नंगी बूब्स मेरे बेटे के सामने होते है. मेरी पैरो से उपेर पूरी बॉडी वो महसोस कर रहा होता है.

अब जब तक मई कुछ समजती मेरे बूब्स अक्शु के हाथ मे होते है. वो उसके साथ खेल रहा होता है और चूस रहा होता है और मेरी नेवेल मई उंगली कर रहा होता है और मई थोड़ी मदहोश हो रही होती हू.

मई – अक्शु यह क्या कर रहा है रुक जा ऐसे मत कर प्लेआसीए…

अक्शु – मों प्लीज़ अब मॅट रोको कुछ ग़लत नही हो रहा अपने ही तो खा था आख़िर है तो हम दोनो मर्द और औरत ही.

और यॅ कह कर वो मेरी चादर हटा देता है और मेरी गीली छूट उसके सामने आ जाती है और वो उसे चुने लगता है.

मई – आआआ आ एम्म्म आह अक्शुउऊउ…

फिर अक्शु मेरे पूरे बदन को चुने को चूमने लगता है और मई मदहोश हो रही होती हू. एक जवान मर्द मेरे जिस्म को गरम कर रहा है. मुझे बहोट अची फीलिंग हो रही थे और मेरी छूट पानी पानी हो रही थे.

मेरा पूरा जिस्म मेरे बेटे के काबू मई था. अब वो अपने 7 इंच के लंड को आज़ाद करता है और मेरे सामने लता है. मई उसको हाथ मई लेके हिला रही हू और वो मेरे जिस्म को चूसे जा रहा है.

मेरी हिलने की स्पीड बहुत तेज़ हो जाती है. मुझे खुद पे काबू नही होता इसलिया और अक्शु के एक धार मेरे उपेर आती है और वो गरम कम मुझे बहुत जयदा गरम कर देता है.

फिर अक्शु भी मेरी छूट को चाटने लग जाता है और बहुत ज़ोर ज़ोर से छत के मेरी एक कम के धार उसके मूह मई जाती है. हम दोनो एक बार झाड़ जाते है. फिर वो मेरे उपेर आता है और अपने बचे हुए कपड़े उतार देता है.

मुझे यकीन नही हो रहा होता है की मई और मेरा बेटा यॅ सब कर रहे है.

फिर वो मुझे किस करना स्टार्ट करता है मई पूरा साथ दे रही होती हू और उसे बीते भी कर रही होती हू. मेरे बदन पे मसाज का टेल पहले से लगे होने से मज़ा और भाड़ रहा था. अक्शु अपने बदन को मेरे बदन से खूब रग़ाद रहा होता है. फिर मई उसका लंड पकड़ लेती हू और अपनी छूट की और इशारा करती हू.

अक्शु सीधा लंड लेके मेरी छूट के पास मई जाता है और ढाका देता है और एक झटके मई लंड अंदर घुस जाता है.

आआहह इतने दीनो बाद एक असली लंड मेरी छूट मई होता है और मुझे पागल कर रहा होता है.

जिस छूट से मेरा बेटा निकला आज उसी छूट मई उसका जवान लंड झटके दे रहा होता है.

मई उछाल उछाल के उसका साथ दे रही होती हू मेरी गर्मी के कारण मई जल्दी ही झड़ने लगती हू और अक्शु का लंड मेरे कम से भर जाता है और पूरे रूम मई पूछ पूछ की आवाज़ गूंजने लगती है.

थोड़ी देर और छोड़ने के बाद वो भी झड़ने वाला होता है. तो वो लंड निकल के मेरी नेवेल के पास लता है और मेरी नेवेल को कम से भर देता है और बाकी कम के मुझपे बारिश कर देता है.

फिर हम थोड़ी देर यू ही पड़े रहते है पर मान किसी का नही भरा होता. तो थोड़ी देर मई ही अक्शु मुझे घोड़ी बना कर मेरी गांद मारने लगता है. मई दर्द से छिला रही होती हू पर मज़ा भी उतना ही आ रहा होता है.

उसके बाद ऐसे ही हमारे मज़े चलते है और हम यू ही नंगे सो जाते है. फिर हुमारी चुदाई का सिलसिला यू ही चलता है और भी बहोट चीज़े होती है हुमारे बीच जो फिर कभी बतौँगी.

आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी मुझे ज़रूर बताए. आप ऐसा करने के लिए स्टोरी पे कॉमेंट कर सकते है या गनानसिंघ1@गमाल.कॉम पर मुझे मैल कर सकते है. मुझे और मेरे बेटे को आपके मेल्स और मेसेजस का इंतेज़ार रहेगा.

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