हेलो एवेरिवन, ई’म सेखार फ्रॉम वडिषा, आगे 25, हाइट 5’7″, नॉर्मल टाइप का लड़का हू. इस साइट पे एक साल से उपर हो गया है डेली स्टोरीस पढ़ता हू. ये एक किस्सा है जो मेरे साथ हुआ है. तो मैने सोचा की कहानी के ज़रिए आप लोगों को बता डू.
इस कहानी की नायिका है मेरी बुआ की लड़की पूजा (नामे चेंज). वो गुरगाओं में रहती है अपने पेरेंट्स के साथ. उसकी आगे 20, हाइट 5 फीट, दिखने में बिल्कुल गुड़िया जैसी है. जो कोई भी देखेगा उसको वही लंड को मसालने लगेगा.
उसकी साइज़ 34-28-36 होगी. तो दोस्तों लंड को आयेज-पीछे और छूट में एक से ज़्यादा उंगली डालने का टाइम आ गया है. देर ना करते हुए कहानी पे चलते है.
अब कहानी पे आता हू. बात 2 साल पुरानी है. तब मैं गुरगाओं में असिस्टेंट अकाउंटेंट पोस्ट में जॉब कर रहा था. जॉब को शुरू हुए एक महीना हुआ था, और मैं देल्ही से गुरगाओं रोज़ ट्रॅवेल करता था. कुछ दिन बाद देल्ही में बहुत ठंड हो गयी थी. इतनी ठंड में मुझे सर्दी और ज़ुकाम हो गया तो मुझे रूम तक आने में प्राब्लम होने लगी.
मैने सोचा की क्यूँ ना आज बुआ जी के पास चला जौ. कंपनी से बुआ जी का घर कुछ ही दूरी में था, तो मैं फोन करके उनके घर पे चला गया. उस वक़्त टाइम 7 बाज चुके थे, और मेरा तबीयत और भी बिगड़ने लगी थी. फूफा जी मेरे लिए मेडिसिन लेके आए करीब रात के 9 बजे.
उनकी एक बड़ी बेटी है, जो मेरी उमर की है. उसने मुझे तेल मालिश किया, और हम सब ने साथ मिल के खाना खाया. फिर हम सोने की तैयारी करने लगे. उनके रूम में एक ही डबल बेड था, तो बुआ जी ने कहा की हम तीनो उपर बेड पे सोएंगे, और बुआ जी और फूफा नीचे सो जाएँगे. दोनो बहनो का एक कंबल और मेरा एक.
रात में ठंड ज़्यादा होने लगी, और मुझ पर मेडिसिन का असर भी था, तो मैं गहरी नींद में सो गया. करीब रात के 1 बजे जब मेरी नींद खुली, तो मुझे महसूस हुआ की कोई मेरे कंबल के अंदर मुझे पीछे से हग करके सोया हुआ था. मैने देखा तो वो बुआ की बेटी पूजा थी.
मैने उसको कभी उस नज़र से नही देखा था. मुझे लगा की शायद वो नींद में मेरे कंबल में आ गयी थी. तो मैं धीरे से करवट बदलने लगा, और सीधा हो गया. फिर वो मेरे से अलग हो गयी. उस वक़्त मुझे पसीना बहुत था, तो मैने टवल और अंडरवेर में सोने लगा.
5 मिनिट के बाद फिर पूजा ने एक पैर मेरे उपर रखा, और अपने घुटनो से मेरे अंडरवेर के उपर से मेरे लंड को सहलाने लगी. तब मुझे पता चला की वो सोई नही थी. बुत मैं सोने की आक्टिंग करने लगा. कुछ देर बाद मेरे लंड का आकार बढ़ने लगा और 7″ का तंबू बन गया अंडरवेर में.
उसको भी पता चल गया की मैं भी जागा हुआ था. उसने अपना पैर हटा दिया और सोने की कोशिश करने लगी. फिर मेरे दिमाग़ में खिचड़ी पकने लगी. मैने सोचा क्यूँ ना आज पहली बार सेक्स का मज़ा इस लड़की के साथ लिया जाए. कुछ देर बाद मैं भी उसके उपर एक हाथ रख के सोने लगा.
उसने सोचा की मैं भी नींद में था, बुत मेरे अंदर का शैतान जाग चुका था. मुझे कैसे भी करके लंड को उसकी छूट के अंदर घुसा के अपना पानी निकालना था. फिर उसने धीरे से अपनी टॉप को उपर करके उसके बूब्स पर मेरा हाथ रख दिया, और खुद धीरे-धीरे दबाने लगी.
दोस्तों क्या बतौ, कितने मुलायम और सॉफ्ट उसके बूब्स थे. मुझे ये सब बहुत अछा लग रहा था. मैं एग्ज़ाइटेड होके ज़ोर से दबा दिया उसके बूब्स को. इससे उसको पता चल गया की मैं भी जागा हुआ था. वो धीरे से मेरे कान में बोली-
वो: आवाज़ मत निकालना, दीदी है साथ में.
इतना बोलते ही मैने उसके लिप्स को लॉक कर दिया, और वो भी साथ दे रही थी. 10 मिनिट किस्सिंग के बाद मैं एक हाथ से उसके एक बूब को दबा रहा था, और दूसरे हाथ उसकी पनटी के उपर से उसकी छूट सहलाने लगा. उसकी छूट पर छ्होटे-छ्होटे बाल थे, और छूट पूरी गीली हो चुकी थी.
मैं उसकी छूट के अंदर एक उंगली धीरे-धीरे डालने लगा, और वो बिलबिला उठी और कहा-
वो: धीरे से करो.
5 मिनिट बाद उसने अपना सारा रस्स छ्चोढ़ दिया, और मेरा अंडरवेर निकालने लगी. जब वो मेरे लंड को सहलाने लगी, मैने उससे पूछा-
मैं: ये सब कहा से सीखा?
उसने बोला: पॉर्न वीडियोस देख के.
मुझे पता चल गया की पॉर्न वीडियोस देख के ये लंड की प्यासी थी.
तो मैने कहा: लंड को एक बार चूसो.
उसने माना किया. फिर कुछ देर बाद वो मेरे लंड को मूह में लेके चूसने लगी, और काटने लगी. मेरा तो बुरा हाल हो रहा था. तोड़ा-तोड़ा पानी निकालने के बाद मैने उसकी छूट में फिरसे एक उंगली डाली. फिर अंदर-बाहर करते-करते मैने दो और उंगलियाँ भी डाल दी उसकी छूट में. मैने उसके बूब्स मूह में लिए, और चूज़ जेया रहा था.
उसने अपने मूह को दबा के रखा था, ताकि बाहर आवाज़ ना निकले. 10 मिनिट बाद उसने मुझे अपने उपर खींच लिया, और मेरे कान में बोली-
वो: भैया आपका लंड डाल दो और मत तड़पाव.
मैं तो उस वक़्त हैवान बन चुका था. देर ना करते हुए मैने उसकी गीली छूट में अपना 7″ का लंड दबा के एक शॉट मारा, और उसको किस करने लगा. 5 मिनिट बाद जब मैने उसे देखा, तो उसकी आँखों में आँसू थे, और वो मेरे होंठो को काटने लगी.
वो मेरे कान में बोलने लगी: धीरे-धीरे डालने में क्या दिक्कत थी? इतनी ज़ोर से क्यूँ शॉट मारा? मैं कही भाग थोड़ी रही थी.
फिर मैं ऐसे ही धीरे-धीरे उसकी छूट में लंड को आयेज-पीछे करता रहा, और वो भी मेरे साथ उपर-नीचे होने लगी. इतना मज़ा आ रहा था हम दोनो को उस वक़्त की क्या बतौ. दोस्तों उसकी बेहन को पता ना चले, इसलिए मैं उसे धीरे-धीरे मिशनरी पोज़िशन में छोड़ता रहा कंबल के अंदर.
30 मिनिट हो गये थे, और वो दो बार झाड़ चुकी थी. उसने मुझे हटने के लिए बोला, और मेरा तो अभी तक कुछ हुआ नही था. मैं उसको फिर किस करने लगा, और धीरे-धीरे छोड़ने लगा. कुछ देर बाद जब मैं झड़ने वाला था, तो मैने उससे पूछा की कहा निकालु. उसने बोला की बाहर निकालो. बुत मैं उस टाइम इतना एग्ज़ाइटेड हो गया था, की मैं बाहर नही निकाल पाया.
जब मेरा वीर्या छ्छूता, मैने लंड को और अंदर तक पेल दिया. उसकी बच्चे-दानी मुझे महसूस हो रही थी, और मेरा इतना वीर्या निकला की क्या बतौ. उसकी छूट से वीर्या बाहर आने लगा. हम दोनो अब हाँफ रहे थे, और कुछ देर बाद बातरूम में क्लीन होके हम सोने लगे.
अगले दिन मैने कंपनी से एक छुट्टी ले ली, और नेक्स्ट दे सनडे भी था तो मैं उनके रूम पे रुक गया. नेक्स्ट दे जब बुआ जी और उनकी दूसरी बेटी मार्केट घूमने गये, तब हमने 2 अवर डोर लॉक करके दो बार और चुदाई की. मैने सारा माल उसके अंदर छ्चोढा. जब मैने उससे पूछा की कुछ होगा तो नही, तो उसने कहा की वो हॅंडल कर लेगी.
दोस्तों कुछ दिन के बाद मैं फिरसे वडिषा वापस आ गया, और यहा पे जॉब करने लगा. लेकिन एक बार और मौका मिला उसके साथ सेक्स करने को.
तो दोस्तों अगर आपको ये स्टोरी अछा लगे तो ये मेरी एमाइल ई’द: सेखरक्म92@गमाल.कॉम पर कॉमेंट करके ज़रूर बताए. ताकि मैं अगली स्टोरी भी आपको बता साकु.