हेलो गाइस, मेरा नाम आकाश है, और मेरी उमर 20 साल है. ये मेरी पहली कहानी होने वाली है, और ऐसी कहानी के अपडेट्स के लिए कॉंटॅक्ट करे आकशकालाकार99@गमाल.कॉम पर. चलिए बढ़ते है कहानी की तरफ.
मैं आमेडबॅड में रहता हू अपनी फॅमिली के साथ, और मेरी फॅमिली में मेरी मा, पापा, और एक छ्होटी बेहन है, जो मेरे से 1 साल छ्होटी है. उमर में भले ही छोटी हो, पर उसका फिगर बवाल है, जो किसी भी मर्द का लंड खड़ा कर दे.
मेरी बेहन का नाम अंजलि है. उसकी उमर 19 साल है, और उसके 32″ के मीडियम लेकिन मस्त बूब्स है, और 38″ की गोल चिकनी गांद है. एक दिन मा और पापा कुछ काम से 2 दिन के लिए बाहर जाते है कुछ काम से, और हम दोनो को घर का ख़याल रखना है ये बोल कर जाते है.
जल्दी जाने की वजह से मेरी नींद पूरी होती नही है, इसलिए मैं वापस सो जाता हू और मेरी बेहन घर के काम करने लग जाती है.
करीब 2 घंटे बाद मैं नींद से उठ जाता हू, और फ्रेश होके नहाने चला जाता हू. लेकिन मैं बातरूम का डोर बंद करना भूल जाता हू. नहाते वक़्त मेरा लंड खड़ा हो जाता है, तो मैं कुछ और ना सोचते हुए हिलना शुरू कर देता हू.
5 मिनिट बाद अंजलि आती है बातरूम में नहाने के लिए. लेकिन डोर खुला होता है, तो सोचती है की अंदर कोई है तो नही. फिर वो हल्का सा डोर ओपन करके देखती है, तो मैं अपना लंड हिला रहा होता हू.
मेरी बेहन मेरा बड़ा लंड देख के चौंक जाती है, और वो अपने बूब्स दबाने लगती है. वो धीरे-धीरे हॉर्नी होने लगती है. थोड़ी देर बाद मेरा मूठ निकल जाता है, और ये देख के वो वाहा से चली जाती है.
फिर हम साथ में दोपहर को खाना खाते है, और खाने के बाद मैं अपने रूम में आराम करने चला जाता हू. मैं बेड पे लेट जाता हू, लेकिन पता नही क्यूँ मेरा लंड फिरसे खड़ा हो जाता है. मैं उससे सुलने का ट्राइ करता हू, की तभी मेरी बेहन मेरे रूम में आ जाती है.
वो आके मुझसे पूछती है, की मैने उसका फोन देखा क्या, क्यूंकी उसे मिल नही रहा था, और उसे बाहर जाना था अपनी फ्रेंड के घर बुक्स लाने. मैने कहा मैने नही देखा.
फिर उसने बोला: ठीक है, कोई बात नही. मैं कपड़े बदलने जा रही हू, मिल जाए तो बता देना.
मैं उसका फोन ढूँढने लगता हू, और उसका फोन मिल जाता है सोफा के तकिये के नीचे से. तो मैं उसका फोन लेके उसके रूम में जाने लगता हू. उसके रूम का डोर हल्का सा खुला होता है, और देखता हू की अंजलि ने पिंक ब्रा पहनी थी, और अपनी जीन्स नीचे करते ही मुझे उसकी हार्ट शेप वाली पनटी दिख जाती है. ये देख के मेरा सोया हुआ लंड जाग जाता है.
लेकिन अंजलि को पता चल जाता है मिरर में से, की मैं उसे देख रहा था. तो वो अपनी पनटी निकाल देती है, और नंगी हो जाती है. मुझसे रहा नही जाता, और मैं अपना लंड निकाल के हिलने लगता हू. वो एक हाथ से छूट में उंगली कर रही होती है, और दूसरे हाथ से अपने बूब्स को दबा रही होती है.
मेरा मूठ बस निकालने ही वाला होता है, की वो अचानक पीछे मूड जाती है, और मैं दर्र के मारे उसका फोन बाहर टेबल पे रख के अपने रूम में आ जाता हू. 10 मिनिट बाद मेरी बेहन मेरे रूम में आके बोलती है की वो अभी जेया रही थी और शाम तक आ जाएगी. और फिर वो चली जाती है.
उसकी बड़ी चिकनी गांद मेरी आँखों के सामने से हॅट ही नही रही होती है, और वही सोच-सोच के मैं हिलने लगता हू. लेकिन अंजलि की गांद के बारे में जितना सोच रहा होता था, उतना ही उसको छोड़ने का मॅन करता है. इसलिए मैं सोच लेता हू कैसे भी करके अंजलि को छोड़ना था.
लेकिन मुझे क्या पता की मेरे साथ उल्टा ही हो जाएगा. कुछ टाइम बाद शाम हो जाती है, और अंजलि घर आ जाती है, और उसके फ्रेश होने के बाद हम दोनो खाना खा लेते है, और अपने अपने रूम में सोने चले जाते है. मैं लेट जाता हू, और आँख बंद करके अंजलि को कैसे छोड़ना है, इसके बारे में सोचने लगता हू. कुछ देर बाद मेरे रूम का डोर खुलता है, और अंजलि अंदर आती है.
फिर अंजलि मेरी बाजू में आके बैठती है. तब मुझे पता चलता है की मेरे बाजू में अंजलि थी. वो मेरे करीब आ मुझे हल्के से किस करती है, और फिर मेरी पंत नीचे करने लगती है. फिर मेरा लंड पकड़ कर उसे आचे से मसालने लगती है, और फिर धीरे से अपने मूह में लेके चूसने लगती है.
मुझे बड़ा मज़ा आने लगता है. फिर मेरा लंड कड़क हो जाता है, जिसकी वजह से उसके मूह में नही आता. तो वो अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाती है, और फिर अपनी गांद में मेरा लंड लेने लगती है. मुझसे रहा नही जाता, और मैं उठ जाता हू.
ये देख अंजलि बोलती है: भैया आप सोए नही.
और फिर मैं बोलता हू: जैसे तुझे मेरे लंड से छुड़वाने का मॅन हो रहा था, वैसे ही मुझे भी तेरी चुदाई करने का मॅन हो रहा था.
वो हस्स के मुझे किस करने लगती है. 5 मिनिट तक किस करने के बाद मेरा लंड जो 5 मिनिट से उसकी गांद में खड़ा था, उसपे वो उछालना शुरू करती है. उसकी गांद मेरे लंड को अंदर से मसल ने लगती है. फिर उसको घोड़ी बना के मैं आचे से उसकी गांद मारने लगता हू, और ज़ोर-ज़ोर से ठोकने लगता हू.
थोड़ी देर बाद अंजलि बोलती है: भैया मेरी छूट भी मारो उसमे से पानी निकल रहा है.
फिर मैं अपना लंड निकाल के उसकी छूट में डालता हू. छूट में लंड जाते ही वो चिल्लाने लगती है-
अंजलि: आअहह आहह भैया, और अंदर डालो, ज़ोर से भैया.
तो मैं अपना पूरा लंड डाल देता हू, और वो ज़ोर से चिल्लती है-
अंजलि: उउईइ मा, मेरी छूट.
ये बोलने के बाद उससे जल्दी से किस करने लगता हू, और उसकी छूट मारना शुरू करता हू. उसकी छूट में धक्के मार-मार के मुझे मज़ा आने लगता है. दोपहर को अंजलि की चुदाई करने के बारे में सोचा था, और आज रात को उसकी चुदाई कर रहा था.
थोड़ी देर बाद अंजलि बोलती है: भैया अपना पानी मेरी छूट में मत छ्चोढना, मेरी गांद में छ्चोढो, प्लीज़ भैया जल्दी.
मैं अपना लंड उसकी गांद में डाल के ज़ोर-ज़ोर छोड़ने लगता हू, और फिर मेरा मूठ छूट जाता है. मैं मेरा सारा पानी उसकी गांद में छ्चोढ़ देता हू. हम दोनो तक जाते है, और वैसे ही सो जाते है.
हम दोनो एक ही बेड में नंगे और एक-दूसरे से चिपक के सो रहे होते है. फिर अगली सुबा मुझे नींद में ऐसा लगता है की कोई मेरा लंड चूस रहा था, और मेरी आँख खुल जाती है. मैं देखता हू की अंजलि मेरा खड़ा लंड चूस रही होती है.
सुबा-सुबा जब मेरी चिकनी मोटी गांद वाली छ्होटी बेहन अंजलि मेरा खड़ा लंड चूस रही होती है, तो मेरी खुशी अलग ही सीमा पे होती है. उसके चूस्टे समय मैं उसके मूह को भी छोड़ना शुरू करता हू, और मेरा सारा मूठ उसके मूह में छ्चोढ़ देता हू. मेरा सारा पानी वो पी जाती है.
बस इस स्टोरी में इतना ही. थॅंक योउ इस स्टोरी को पढ़ने के लिए, और मुझसे बात करने के लिए. उपर दी गयी मैल ईद पर मैल करे. और हा, अगली स्टोरी थोड़ी अलग होगी. तो जल्द मिलते है अगली स्टोरी में. तब तक के लिए हिलाते जाओ.