पति के सामने लक्ष्मी की चुदाई पराए मर्द से

पिछली कहानी मे अपने पढ़ा की कैसे जब सुनीता ने रहीं और लक्ष्मी को चुदाई करते हुए देखा. तो रहीं और लक्ष्मी ने सुनीता को सारी बाते बताई. फिर कैसे दोनो अपने चुदाई के क़िस्सो की बाते करते है. अब आयेज…

रहीं – अरे यार उस दिन की याद मत दिलाओ. उस दिन मुझे भावर लाल की भी गांद मारनी पड़ी.

लक्ष्मी ज़ोर ज़ोर से हासणे लगी.

लक्ष्मी – बेचारा तुम्हारा लंड और गोते चूस के देता था. उसके बीवी की गांद पहलके देता था. उसका इतना भी काम नही कर सकते??

रहीं – साली छिनाल तेरे पति के सामने चूड़ने का वो नज़ारा याद करके मेरा लंड पानी छोड़ता है.

लक्ष्मी – सेयेल वो नज़ारा याद करके कितनी बार झाड़ गयी.

दोनो उस मंज़र को याद करते है.

हुआ यू की एक दिन लक्ष्मी और रहीं लक्ष्मी के घर पे किस कर रहे थे, अचानक भावरलाल आया. लक्ष्मी दर के रहीं से दूर जाने लगी. रहीं ने लक्ष्मी की कमर पकड़ के उसको अपनी और खिछा तो वो उसके पास आई.

फिर रहीं बोला – भावरलाल तू अपनी पत्नी को ठीक से छोड़ नही सकता इसलिए मेरे से वो षधि करना चाहती है.

रहीं लक्ष्मी को देखे बोला – बोल इसे तू मेरी बेगुआम बनेगी.

लक्ष्मी सर झुकाके बोली – पर…

रहीं उसकी गांद दबके बोला – क्या??

भावरलाल रोते हुए – ठीक है लक्ष्मी तेरी क्या मर्ज़ी है?

लक्ष्मी – जी मई आपकी इज़्ज़त करती हू (रहीं का लंड पकड़ते हुए) लेकिन इसको भी मई चाहती हू.

रहीं पयज़ामे का नडा ढीला करते हुए – क्या सुना नही?

लक्ष्मी बेशरम होके – आबे बहनचोड़ तेरे लंड को भी चाहती हू.

रहीं का पैइजमा नीचे गिरा 9’ का लंड दोल रहा था. भावरलाल की आँखे फटी हुई थी. रहीं के गोते भी बड़े थे. भावरलाल को देखते हुए रहीं ने अपना कुर्ता निकाला और अब रहीं पूरा नंगा हुआ. उसकी बॉडी देख के भावरलाल ने आँखे जुकाई.

लक्ष्मी भावरलाल के पास जाती है और पैर पकड़ती है और बोलती है – ये ऐसा कुछ नही है.

फिर लक्ष्मी रहीं को बोलती है – कामीने नंगा क्यू हुआ?!

रहीं हेस्ट हुए बोला – गर्मी हो रही है.

लक्ष्मी – सेयेल तेरा लंड देख के इनको शरम आ रही है. इनका लंड तो तेरे गोते जितना भी नही है.

रहीं हेस्ट हुए – साची?

भावरलाल – ठीक है लक्ष्मी.

रहीं भावरलाल के कंधे पे हाथ रखते हुए – एक साल से ये लंड ऐसे ही लटक रहा है. तेरी बीवी को देख के इस लंड को छूट का सहारा मिला है. देख भाई बुरा मत मान.

भावरलाल ने रहीं का हाथ पकड़ते हुए – लक्ष्मी तुम रहीं को चाहती हो?

लक्ष्मी – लेकिन.. लेकिन…

भावरलाल – लेकिन वेकीन कुछ नही, सच बताओ.

लक्ष्मी – हन.

रहीं और लक्ष्मी के हाट मिलते हुए भावरलाल बोला – आज से लक्ष्मी आपकी पत्नी है, लेकिन दुनिया के नज़र मे मई पति रहूँगा नाम का.

रहहीं – थॅंक्स भावर (भावर का हाथ अपने लंड पे रखते हुए) क्या करू यार ये सुनता ही नही.

लक्ष्मी शरमाते हुए – चुप बैठो.

भावरलाल – जाने दो लक्ष्मी अब वो तुम्हारे पति है.

रहीं – कल ही मई काज़ी को बुलके हम निकाह करेंगे लक्ष्मी.

अब रहीं का लंड भावरलाल हाथ घुमा रहा था. अचानक रहीं को अलग सा फील होने लगा, लंड भी उसका कड़क होने लगा. रहीं भावरलाल के कंधे पे हाथ रखते हुए बेड के पास आया. और बोला – चल भावर तेरी नूनी दिखा.

भावरलाल सारे कपड़े उतारता है और रहीं के पास जाता है और रहीं का लंड हिलना शुरू करता है. रहीं भावर की मंडी नीचे कर के लंड के पास ले जाता है और अपना लंड उसके मूह मे देता है. सामने लक्ष्मी बूब्स दबाते खड़ी रहती है.

5 मिन्स लंड चूस के भावर लाल नीचे झुक के गोते पे हाथ फिरता है. रहीं उठ के भावर का मूह गोटू के पास लेके चूसने को बोलता है. अची तरह से भावर रहीं के गोते और लंड चूस्ता है.

लक्ष्मी बोलती है – आज मेरी सुहगरत है या इसकी?

रहीं हेस्ट हुए बोलता है – जान कल से तू मेरी बेगम बनेगी, आज तेरा पति मेरे से चुधेगा.

फिर रहीं भावर को घोड़ी बनता है फिर अपना लंड उसकी गांद मे धकेलने की कोशिश करता है पर जाता नही. फिर लक्ष्मी भावर की गांद फेलटी है. तो रहीं का लंड आराम से लक्ष्मी के पति की गांद मे घुस गया.

भावरलाल चिल्ला रहा था ह अहह.. मार गया.

लक्ष्मी उसे तसली दे रही थी – कुछ नही होगा, रहीं आराम से तुम्हारी गांद मरेगा और कल मेरी.

लक्ष्मी अपने कपड़े उतार कर अपनी गांद भावरलाल के मूह के सामने लाती है और बोलती है इसे छातो. बहवरलाल माना करता है. तो रहीं को गुस्सा आता है और वो गुर्राटे हुए ज़ोर से झटके मारना शुरू करता है.

भावरलाल को बहोट दर्द होता है और वो लक्ष्मी की गांद चाटना शुरू कर देता है. 10 मिन्स बाद रहीं उसकी गांद मे ही सारा वीर्या छोड़ देता है.

फिर रहीं वापस मूह मे लंड देके सॉफ करता है. रहीं लक्ष्मी को पास लेके गोदी मे बीतता है.

रहीं – कल के कल निखा कर लेंगे.

लक्ष्मी रहीं से लिपट जाती है.

यादों से बाहर आते हुए रहीं कपड़े पहनने लगता है.

लक्ष्मी बोलती है – ये सुनीता सभी जगह रायता फेला देगी.

रहीं लक्ष्मी की तरफ देखता है और सोच के बोलता है – शाम को टायर रहना.

शाम को रहीं लक्ष्मी को लेके घर आता है और शबाना और सुनीता के सामने बोलता है – बेटी तेरी मा के गुजरने के बाद लक्ष्मी ने सहारा दिया, मैने इससे निख़ाः किया. मेरी इच्छा है लक्ष्मी और तुम एक दूसरे को अपनाओ.

शबाना सोचने लगती है. सुनीता उसके कंधे पे हाथ रख के स्माइल करती है. तो शबाना बोलती है – ठीक है अब्बू.

फिर शबाना लक्ष्मी के गले मिलके उसे अपनाती है.

(अब कहानी मे नये लोग और उनके भी जिससे जुड़ते जाएँगे. जिसमे एक है गीता और जावेद, और उनकी मोहबत.)

बस्ती मे एक दिन नोटीस आता है की ये ज़मीन सरकारी है तो इसे खाली करो. सारे लोग निकालने लगते है. लेकिन सुनीता रोने लगती है.

शबाना उसके पास आके बोलती है – दर्र मत कुछ ना कुछ रास्ता निकल आएगा.

फिर रहीं आके बोलता है – सुनो अपने रहने का इंतज़ाम हो गया है. जावेद चाचा ने दुर्गादास चाव्ल मे रहने का इंतज़ाम कर दिया है.

जावेद चाचा रहीं के बचपन के दोस्त थे, उनकी उमरा भी 52 यियर्ज़ थी. उन्होने फॅमिली की मजबूरी के कारण शादी नही की थी. एक साइकल की दुकान चलते थे और दुकान के उपर ही रहते थे.

चाव्ल बहोट आक्ची थी, हमने 4 रूम ले लिए. 1 रूम मे मई और शबाना रहते थे और दूसरे मे लक्ष्मी और रहीं. हम सब मिल जुलकर रहते थे. चाव्ल की मालकिन थी सविता रानी, वो बहोट अच्छी औरत थी.

उस चाव्ल मे गीता देवी नाम की औरत आती थी, वो सोशियल वर्क का काम करती थी. उमर करीब 42 यियर्ज़ थी, सुडोल बदन, 36 – 36 – 36 का शेप होगा, कमर मटका के चलती थी. लेकिन हमेशा परेशन रहती थी. वजह थी उसका पति, बहोट शराब पिता था और उसे मारता था. उसके 2 बच्चे भी थे. चाव्ल मे वो सबकी मदात करती थी.

एक दिन सुनीता और शबाना काम पे गये थे. गीता हमारे घर के पास आई और उसको अजीब आवाज़े सुनाई देनी लगी.. उम्म्म्मम.. अहह… क्या मस्त हाई.. छोड़ो.. ह..

गीता ने खिड़की से देखा लक्ष्मी और रहीं नंगे बिस्तर पर थे. लक्ष्मी रहीं 10’ का लंड चूस रही थी. लक्ष्मी के मूह के लार से रहीं का लंड चमक रहा था.

ये देख के गीता को शरम आ रही थी लेकिन जाने का मॅन नही कर रहा था.

5 मिन्स लंड चूसने के बाद रहीं ने लक्ष्मी को अपने लंड पे बिताया और धक्के मारने लगा. लक्ष्मी भी बीच बीच मे उठक बैठक लगा रही थी. बीच मे रहीं लक्ष्मी के बूब्स चूस्ता था.

गीता को सॉफ दिख रहा था रहीं का लंड लक्ष्मी की छूट मे जाते हुए. आधे घंटे बाद रहीं लक्ष्मी को घोड़ी बनके छोड़ रहा था. वाहा गीता की हालत बोहट खराब हो रही थी.

पाचक पाचक… अहह… उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़… आवाज़े गूँज रही थी.

लक्ष्मी बड़बड़ा रही थी – कामीने क्या लंड है तेरा.. आह आहह… पहले क्यू नही मिला, मार अपनी बेगम की छूट.

थोड़ी देर मे रहीं लक्ष्मी की छूट मे ही वीर्या चोर्ता है. फिर डोना नंगे ही बातरूम की और जाते है.

गीता वाहा से चली जाती है और रास्ते मे उसकी हालत खराब होने लगती है. सामने उसे सब्ज़ीवला दिखता है और उसकी नज़र खीरे पे जाती है.

पति तो उसे छोड़ता नही था. तो खीरा देख के उसकी प्यास और बड़ाती है. एक लंबा खीरा उठती है और घर की तरफ निकलती है. घर जाके गीता अपने सारे कपड़े निकाल कर नंगी होती है और खीरे से छूट चुड़ती है और ठंडी होती है.

ये अब गीता का रोज का प्रोग्राम बन गया था.

एक दिन गीता जावेद की दुकान पर बाकछे की साइकल ठीक करने जाती है. दुकान पर कोई नही देख के गीता उपर घर पे जाती है. जावेद उस वक्त नहा रहा होता है. गीता की आवाज़ सुनके जावेद टवल लपेट के बाहर आता है.

बाहर आके बोला – जी दीदी?

गीता उसकी बॉडी देख रही थी, 6 फ्ट लंबा, चौड़ी छाती, छाती पे बाल, मसल ताने हुए.

जावेद वापस बोलता है – गीता दीदी..?

गीता हड़बड़ते हुए – हन.. मई ये बोल रही थी की मेरी बेटे की साइकल ठीक करवानी है.

जावेद – हो जाएगी.

गीता बोलती है – मई शाम को आती हू.

जावेद – बहोट आछा.

फिर गीता वाहा से निकल जाती है.

शाम को गीता साइकल लेने आई. जावेद ने सिर उठा के देखा भी नही और गीता साइकल लेके चली गयी. जावेद गीता को भाव नही देता था.

एक दिन ज़ोर की बारिश आ रही थी और बिजली भी चमक रही थी. सब जगह शांति थी. गीता भागते हुए घर जाने लगती है भीगते हुए. तो वो चाव्ल के कोने मे आती है.

आयेज की कहानी अगले पार्ट मे.

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